हवस भरे बेटे की एक मस्त सेक्सी कहानी

तो मैं आपको मेरे बारे में बता डू. मेरा नाम आकाश है, आगे 25 है, हाइट 6 फीट है, और वेट 70 क्ग है. मेरी वेल मस्क्युलर बॉडी है, और मैं रेग्युलर जिम करता हू. अभी एक कंपनी में मॅनेजर की पोस्ट पे हू.

मेरी मा, या काहु की मेरी पत्नी उसका नाम रंजीता है. प्यार से मैं उसको रंजू बोलता हू. उसकी आगे 45, हाइट 5.5 फीट, वेट 65क्ग, बूब्स 36″, कमर 32″, गांद 38″ है. अफ एक बार कोई उसको देख ले, तो सोया लंड भी खड़ा हो जाए.

मस्त गड्राया बदन है उसका. जब चलती है तो गांद मटकती है. उसको देख के कोई नही कहता की वो 45 साल की है. उसने खुद को मेनटेन किया है. मेरे पापा की डेत जब मैं 3 यियर्ज़ का था तब ही हो गयी थी. उसके बाद मा ने मेरे लिए दूसरी शादी नही की.

तब से वो अकेली है. फॅमिली रिलेटिव्स में कोई भी हमारे साथ नही, क्यूंकी पापा की डेत के बाद सब मा का फ़ायदा उठना चाहते थे. इसलिए मा सबसे डोर आ गयी.

उसकी शादी छ्होटी आगे में हो गयी थी, बुत वो ग्रॅजुयेट थी. तो उसने पापा की डेत के बाद एग्ज़ॅम क्रॅक करके गूव्ट टीचर की जॉब ली थी. अब आपको ज़्यादा बोर ना करते हुए सीधे स्टोरी पे आता हू.

तो बात तब की है, जब मैं 12त में था, और 18 क्रॉस कर चुका था. तब मैं स्टडी में अछा था, बुत फ्रेंड्स के साथ मज़ाक में एक-दूसरे को कभी-कभी गाली भी देते थे. क्यूंकी तब मेरी क्लास में एक ऐसा स्टूडेंट आया था, जो उस टाइम ही बहुत ज़्यादा बिगड़ा था.

उसने हमे आदत लगा दी थी. उसने हमे पॉर्न भी दिखना शुरू कर दिया था. तब मैने 1स्ट्रीट टाइम पॉर्न देखा था. मुझे बहुत गंदा लगा देख के. मुझे तब पता चला की सेक्स कैसे होता है. और क्या-क्या होता है सेक्स में. बुत देख के मुझे उल्टी आई.

फिर मैने कुछ दीनो तक पॉर्न नही देखा. फिर एक दिन देखा की मेरे कुछ फ्रेंड्स बातें कर रहे थे की मूठ मारने में कितना मज़ा आता है. तो मैने सोचा क्यूँ ना मैं भी ट्राइ करू.

फिर मैने लॅपटॉप पे एक पॉर्न वीडियो देखी, जिसमे डर्टी सेक्स ज़्यादा नही था. वो देखते हुए मेरा खड़ा हुआ. फिर मैने हिलाया, और कुछ देर बाद मेरा निकला तो मुझे बहुत मज़ा आया. उसके बाद मैं वीक में 1 बार हमेशा करता था ये. पर तब मेरे मॅन में मा के लिए ऐसे कुछ विचार नही आए थे.

टाइम ऐसे नि निकलता गया. अब 12त का एंड आ गया था. अब मैं वीडियोस के साथ स्टोरीस भी पढ़ता था. तब मैने मा बेटे की स्टोरी पढ़ी. मैं हिल गया की ऐसा भी होता है. फिर मैने बहुत सारी स्टोरीस भी पढ़ी, और मुझे बहुत अछा लग रहा था. अब मेरी फंट्सी बढ़ गयी थी.

मुझे लग रहा था की जल्दी किसी के साथ सेक्स करके अपनी प्यास बुझा लू. फिर एक दिन मैं मा के साथ मार्केट गया था तो हम एक शॉप पे गये. वाहा एक बदमाश खड़ा था. उसने मा को देख के कहा, “क्या मस्त माल है यार, एक बार मिल जाए तो मज़ा आ जाए”. तब मुझे बहुत गुस्सा आया.

मैने उसको बोला: आबे हरांज़ड़े, वो मेरी मा है. निकल जेया यहा से, वरना तुझे बहुत मारूँगा.

फिर वो वाहा से चला गया. फिर जब मा बाहर आई, तो मैं उन्हे ही घूर रहा था. उनका फिगर देख के मेरा लंड खड़ा हो गया था. मैं एक-दूं भूल गया की वो मेरी मा थी. फिर जब हम घर आ रहे थे, तो मैं ब्रेक ज़्यादा दबा रहा था, ताकि मों के बूब्स मेरे पीछे टच हो. बहुत मज़ा आ रहा था, और मेरा खड़ा भी हुआ. फिर हम घर आ गये.

रात को मुझे नींद नही आ रही थी. मुझे मा के ख़याल आ रहे थे. फिर मैने मा के नाम की मूठ मारी. क्या बतौ बहुत मज़ा आया. नेक्स्ट दे जब मैं उठा, तो मा एक शॉर्ट निघट्य में थी. उसको देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया. लेकिन मैने खुद को संभाला.

फिर मा ने कहा की वो नहाने जेया रही थी, तो मैने सोचा यही चान्स था मा को न्यूड देखने का. फिर मैने बातरूम की खिड़की को हल्का ओपन किया, जिससे बाहर आके सब दिखने लगा. मा आई, उसने निघट्य उतरी. फिर मैने 1स्ट्रीट टाइम उसको ब्रा-पनटी में देखा.

कसम से क्या लग रही थी. मेरा लंड झट से खड़ा हो गया. फिर मा ने ब्रा पनटी भी उतरी. तब देखा उसकी छूट के पास बहुत बड़ा जंगल था. शायद उसने काफ़ी टाइम से क्लीन नही किया था. फिर उसने क्रीम से उसको सॉफ किया, तो उसकी प्यारी गुलाबी छूट नज़र आई. क्या बतौ कितनी सेक्सी छूट थी. एक दूं प्यारी छूट.

उसको देख के लग रहा था किसी वर्जिन की छूट हो. फिर उसने उसमे 2 उंगलिया डाली, और अंदर-बाहर करने लगी. उस टाइम मुझे उसकी तड़प सॉफ दिख रही थी. इतने सालों से मा प्यासी थी. वो उसके चेहरे पे सब आचे से दिख रहा था. फिर उसने 3 उंगलियाँ ट्राइ की तो उसको दर्द हुआ. फिर उसने 2 उंगलियाँ ही की. 10 मिनिट के बाद वो झाड़ गयी, और अपने बूब्स पे साबुन मलने लगी.

क्या नज़ारा था अफ. मुझसे तो कंट्रोल नही हो रहा था. बुत क्या करता, मैं बाहर खड़ा होके सिर्फ़ मूठ मार रहा था. फिर मेरा भी निकल गया. उसके बाद मैं अपने रूम में आ गया, और सोचने लगा की मुझे एक लड़की चाहिए, और मा को भी एक लड़का चाहिए, और हम दोनो को अपनी प्यास बुझानी थी.

फिर एक दिन मैं अपने रूम में सो रहा था जिम से आने के बाद. जब उठा तो मेरी नज़र मा पे पड़ी. उसकी माधमस्त गांद देख के लंड खड़ा हो गया. मैं सोने का नाटक कर रहा था. फिर मा की नज़र मेरे लंड पे पड़ी. उसकी नज़र हॅट नही रही थी मेरे लंड से.

मैं समझ गया की मा बहुत प्यासी थी. उसको मेरे लंड की ज़रूरत थी. फिर वो मेरे पास आई तो उसने मेरे लंड को टच करते हुए मेरे सर पर हाथ फेरा और कहा-

मा: उठ जेया मेरे राजा.

फिर मैं उठा, उसके बाद फ्रेश होके मैने नाश्ता किया. उसके बाद क्लास करने गया. अब मैं आयेज की पॅनिंग के बारे में सोच रहा था. मैं जानता की मों ने नही दांता इसका मतलब उसको भी अपनी प्यास बुझानी थी. मुझे लगा यही मेरे लिए ग्रीन सिग्नल था.

फिर मैने सोचा कुछ भी जल्दी करना सही नही होगा, इससे बात बिगड़ सकती थी. फिर मुझे लगा की अभी सिर्फ़ मों को तोड़ा तड़पाना चाहिए. तब तक मेरे एग्ज़ॅम भी ओवर हो जाएँगे. फिर जब मों पूरी रेडी हो जाएगी, तब मज़े लूँगा आचे से.

ऐसे ही टाइम निकलता गया. मैं रोज़ मा को नहाते हुए देखता, और मूठ मारता मा को अपना खड़ा लंड भी दिखता. एक दिन मेरा फुटबॉल टूर्नमेंट का फाइनल मॅच था. मा भी देखने आई थी. वो उस दिन ग्रीन सूट में आई थी, और एक दूं पटाखा लग रही थी.

फिर जब मॅच ख़तम हुआ, तो मुझे ट्रोफी मिली, क्यूंकी मैं टीम का कॅप्टन था. फिर मा मेरे पास आई, और वो बहुत खुश थी.

मा: कोंग्रथस बेटा, तुम बहुत अछा खेले (मा ने मेरे माथे को चूम लिया).

मे: थॅंक्स मों, तुम्हारे प्यार से ही मैं इतना अछा खेला. तुम इसी तरह अपना सारा प्यार मुझे देना.

मा: हा रे मेरे राजा, मेरा सारा प्यार तेरे लिए है (तभी वाहा कोच आए).

कोच: कोंग्रथस आकाश, ट्रोफी के लिए.

मे: थॅंक्स कोच.

कोच: ये कों है आकाश, तुम्हारी गफ़ या सिस्टर (मों ये सुन के शर्मा गयी)?

मे: कोच ये मेरी मों है.

कोच: मज़ाक मत करो आकाश, इतनी यंग मों?

मे: हा कोच, मों भले ही यंग दिखती हो, बुत है तो मेरी मों.

कोच: मेडम आपका बेटा बहुत अछा प्लेयर है.

मे: आपने ही बनाया है सिर.

फिर कोच चले गये. अब हम दोनो भी घर आ गये. मों ने चेंज कर लिया था. वो एक सेक्सी निघट्य में थी. मुझसे कंट्रोल नही हुआ, और मैने मों को पीछे से पकड़ लिया. मों दर्र गयी.

मे: मों दररो मत, मैं हू.

मा: ये क्या कर रहा है. इस तरह डराया मत कर.

मे: तुम दर्र क्यूँ गयी? जब की तुम्हे पता है घर में हम दोनो के अलावा कोई नही है, फिर भी.

मा: इस तरह अचानक से आएगा तो मैं दर्र ही जौंगी.

मे: अछा चलो सॉरी.

फिर मैने मों को पीछे से पकड़ के पूछा-

मे: क्या बना रही हो मों.

मा: तेरे लिए एग बिरयानी.

मे: वाउ! थॅंक्स मेरी गफ़ (फिर मों को किस कर लिया गाल पे. मेरा लंड भी शॉर्ट्स में तंबू बन गया था, और मों की गांद पे टच हो रहा था)

मा: ये क्या बोल रहा है?

मे: मैं कहा बोल रहा हू. ये तो कोच बोल रहे थे.

मा: इसलिए क्यूंकी वो हमे जानते नही थे.

मे: नही मों, तुम आज भी हेरोयिन जैसे दिखती हो. खुद को इतना मेनटेन किया हुआ है, की तुम मेरी रियल गफ़ से भी अची हो.

मा: हॅट बदमाश, क्या कुछ भी बोल रहा है.

मे: सच बोल रहा हू. तुम एक-दूं हॉट हो.

मा: थॅंक्स बेटा, बुत ये बता तेरी गफ़ भी है?

मे: नही मा, पहले एक थी. बुत उसने ब्रेकप कर लिया क्यूंकी मैं उसको टाइम नही देता था. सिर्फ़ स्टडी ओर फुटबॉल में फोकस करता था.

मा: ये अची बात है, की तुम अपने कॅरियर को लेके सोच रहे हो. देखो बेटा पहले कॅरियर बना लो, फिर ये सब करना.

मों मुझसे बातें कर रही थी. बुत मेरे लंड के टच से वो भी गरम हो रही थी. फिर हम अलग हुए, और कुछ देर के बाद डिन्नर करके सो गये.

मुझे पता था की मों शायद आज फिंगरिंग करके सोएगी. मैं उसको देखने उसके रूम में गया, तो वो अपने बूब्स मसल रही थी, और छूट में उंगली कर रही थी. मैं भी उसको देख के मूठ मार रहा था. फिर जाके रूम में सो गया.

टाइम ऐसे ही नकलता गया. अब मेरे बोर्ड एग्ज़ॅम्स आ गये, तो मैने कुछ दिन एग्ज़ॅम में फोकस किया. एग्ज़ॅम ओवर होने के बाद मैं घर में बोर हो रहा था. एक दिन मों ने कहा की उसको न्यू कार लेनी थी. मैं ये सुन के बहुत खुश हुआ. फिर मों ने कहा-

मों: ये तुम्हारा गिफ्ट होगा एग्ज़ॅम्स का.

मे: मा रिज़ल्ट अभी आया नही, कल आएगा. और तुम ऐसी बातें करके मुझे टेन्षन मत दो.

मा: बेटा मुझे पता है की तुम्हारा रिज़ल्ट अछा आएगा. अगर तोड़ा उपर-नीचे भी हुआ तो कोई बात नही. कार हम ज़रूर लेंगे.

मे: थॅंक्स मों, बुत अगर रिज़ल्ट बहुत अछा आया, ई मीन 90 पर्सेंट. तो मुझे कुछ और गिफ्ट चाहिए.

मा: ठीक है बेटा. बुत क्या गिफ्ट चाहिए.

मे: मा हम दोनो इस वाकेशन में कही घूमने जाएँगे, जहा हम दोनो खुल के एंजाय करेंगे. नो रोक-टोक.

मा: ओक बेटा. जो तू बोले.

फिर नेक्स्ट दे मेरा रिज़ल्ट आया. जब रिज़ल्ट देखा तो 91 पर्सेंट थे. हम दोनो बहुत खुश थे. फिर नेक्स्ट दे हम कार खरीदने शोरुम गये, और सब कुछ फाइनल किया. कार हमारी 2 दिन बाद आ गयी. मैने मों से कहा-

मैं: मों हम दोनो कही घूमने जाएँगे.

मों रेडी थी. फिर मैने सब कुछ खुद प्लान किया, और मों को बोला-

मैं: सब अरेंज्मेंट्स हो गये है.

सो गाइस आज की स्टोरी में इतना ही. अब आयेज बतौँगा की हमारे बीच और क्या हुआ जब हम घूमने गये. तब तक वेट कीजिए और अपनी फीडबॅक ज़रूर देना. बाइ फ्रेंड्स.