सुहाग रात पर आंटी की तगड़ी ठुकाई की कहानी

निशा को मैने कहा: रेडी हो जाओ जन्नत की सैर के लिए.

फिर मैने पहले आयिल लेके अपने लंड पे लगाया. उसके बाद सेट किया.

निशा ने कहा: प्लीज़ आराम से करना आप.

मैने कहा: डॉन’त वरी, तुमको कुछ नही होगा.

फिर मैने एक धक्का दिया और आधा लंड अंदर गया. पर निशा दर्द से चिल्ला उठी-

निशा: ह.

इतने सालों बाद लंड जो गया था. मैने तोड़ा वेट किया. फिर जब उसने तोड़ा साँस लिया, तो एक और शॉट लगाया. इस बार पूरा लंड अंदर गया. बुत मैने किस करके उसकी आवाज़ को दबा लिया. फिर जब उसे आराम मिलना शुरू हुआ, तो मैने लंड निकाला, और एक साथ में पूरा डाला.

निशा चिल्ला उठी: आह अफ मॅर गयी.

मैने कहा: अब क्या बेबी? अब तो जो होना था हो गया.

फिर मैने धीरे-धीरे करके शॉट लेना शुरू किया, और निशा को पेलना स्टार्ट किया. वो भी सिसकारियाँ ले रही थी आअहह उहह आहह उउफ़फ्फ़ करके. साथ में मैं उसे किस भी कर रहा था. हम दोनो चुदाई के घोड़े पे सवार थे.

फिर मैने पोज़िशन बदली, और उसे अपनी लंड पे बिता के पेलना शुरू किया. हम दोनो इस चुदाई के आनंद में खोए थे, और निशा की सिसकारियाँ मुझे और पागल बना रही थी. इस बीच निशा झाड़ गयी. उसने मुझे रुकने को कहा. मैं 2 मिनिट के लिए रुका. फिर मैने उसे दीवार से खड़ा किया और लंड अंदर डाला और चुदाई शुरू की.

निशा: आ उफ़फ्फ़, क्या स्टॅमिना है आपका. पुर 20 मिनिट हो गये, बुत अभी भी लगे हो.

मे: मेरी जान आज देख तुझे कितना मज़ा आएगा.

फिर मैने उस पोज़िशन में उसे 15 मिनिट छोड़ा. उसने फिरसे पानी छ्चोढ़ दिया. उसके बाद मैने उसे बेड पे लिटाया, और लगा रहा. पुर 10 मिनिट के बाद जाके मेरा होने वाला था. मैने स्पीड बढ़ा दी, और नों-स्टॉप करने लगा. फिर मैं अचानक से रुका.

निशा ने कहा: क्या हुआ?

मैने कहा: अंदर ही निकाल डू क्या?

उसने कहा: नही.

फिर मैने कहा: तुम्हारे मूह में?

वो माना करने लगी. मैने इस बार उसे गुस्से में कहा तो वो मान गयी. फिर मैने 5 मिनिट छूट में पेला. तब निशा तीसरी बार झाड़ गयी थी. फिर मैने उसके मूह में डाला, और 2 मिनिट बाद वाहा निकाला. निशा पूरा माल पी गयी. उसके चेहरे पे संतुष्टि दिख रही थी. मेरी मेहनत सफल हुई. उसने मुझे प्यार से एक किस दी, और मेरे उपर लेट गयी.

मे: बेबी मज़ा आया ना?

निशा: हा बहुत आया. इतना ज़्यादा सॅटिस्फॅक्षन आज तक नही मिला था. उपर से आपने एक ही रौंद में मेरा 3 बार पानी निकाल दिया. 1स्ट्रीट टाइम ऐसा हुआ है मेरे साथ.

मे: हा आज पूरी वर्जिनिटी जो लूस की है. तुम खुश हो ये देख के मज़ा आया.

निशा: थॅंक्स मुझे अपना बनाने के लिए.

मे: एक थप्पड़ मारूँगा, आज के ऐसा बोला तो. तुम और रोहन मेरी फॅमिली हो. तुम दोनो को खुश करना मेरी ड्यूटी है.

फिर हमने किस्सिंग स्टार्ट कर दी, और बात कर रहे थे. तभी निशा ने कहा-

निशा: चलो अब सो जाते है, बहुत नाइट हो गयी है.

मे: इतनी जल्दी कहा. तुमने 3 बार पानी निकाला है, और मैने सिर्फ़ एक बार.

निशा: तो क्या आप अभी फिरसे करोगे?

मे: हा करूँगा, कम से कम 1 बार और.

निशा: नही जी, अब और नही, मुझसे नही होगा.

मे: चिंता मत करो, छूट नही मारूँगा इस बार.

निशा: क्या इस बार आप वो करोगे ( गांद की तरफ इशारा करते हुए)?

मे: हा, और देखो तुमको करना पड़ेगा. इतनी मस्त गांद की मालकिन हो तुम. मेरा हक़ बनता है उसे प्यार करने का.

निशा (उदास फेस बनाते हुए): नही जी, प्लीज़ वाहा नही. वाहा आज तक नही किया.

मे: बेबी हर चीज़ एक बार ट्राइ करनी चाहिए.

निशा बार-बार मुझे माना करने लगी, तो मुझे फिरसे गुस्सा आया. मेरे गुस्से को देखते हुए उसने कहा-

निशा: ये आप हनिमून में कर लेना.

मैने भी सोचा ये अछा आइडिया था.

फिर मैने कहा: ठीक है, पर छूट तो तुमको देनी होगी.

निशा ने उदास फेस बनाते हुए ओक कहा.

मे: ओक घोड़ी बनो.

निशा घोड़ी बन गयी. पहले मैने लंड उसके मूह में डाल दिया, और उसे चूसने को कहा.

उसने पुर 10 मिनिट ब्लोवजोब दी. अब लंड एक-दूं तंन के खड़ा था. फिर मैने अपना गीला लंड सीधे एक बार में अंदर घुसा दिया. हलकी निशा की छूट खुल गयी थी, फिर भी उसकी चीख पुर घर में गूँजी. मैं भी थोड़ी देर रुक गया, और उसे किस करने लगा, और समझने लगा की बस हो गया.

जब उसका दर्द कम हुआ, तो मैने धक्के पेलने शुरू किए. पहले तो ऐसा लग रहा था की मैं ज़बरदस्ती उसकी छूट पेल रहा हू, पर धीरे-धीरे उसने भी मेरा साथ देना शुरू किया. फिर मैने उसे कहा की मेरे लंड पे आके बैठे. वो बैठ गयी, और खुद उछाल-उछाल के चुड रही थी. मैं उसके बूब्स चूस रहा था, और गांद को प्रेस कर रहा था.

बहुत मज़ा आ रहा था. साथ में निशा की सिसकारियाँ मुझे और ज़्यादा पागल बना रही थी. फिर जब निशा का पानी निकल गया, तो वो रुक गयी. मैने उसे बेड पे पटक दिया, और पेलना शुरू किया. वो बोलने लगी की और नही कर सकती.

पर मैने कहा: तुम मेरी पत्नी हो, मुझे संतुष्ट करो बस.

अब मैं उसके उपर चढ़ के छोड़ रहा था. एसी ओं थी, फिर भी हम दोनो को हल्का पसीना आया था. उपर से निशा के मूह से आअहह उउफ्फ की आवाज़े क्या बतौ. पुर 15 मिनिट बाद मेरा होने वाला था. मैने निशा को कहा मूह खोलो. उसने माना कर दिया. मुझे गुस्सा आया और मैं बोला-

मे: देखो अगर तुमने मूह नही खोला, तो मुझे खुद नही पता मैं क्या करूँगा.

उसने फिर मूह खोला, और मैं उसके मूह में झाड़ गया. उसने इस बार भी सब पी लिया. चुदाई के टाइम आवाज़ बहुत ज़्यादा थी, बुत अछा था की यहा कोई था नही. दीदी और जीजू उपर वाले रूम में थे. वाहा आवाज़ थोड़ी कम जाती है.

उसके बाद हम दोनो सो गये. निशा को मैने अपनी बाहों में भर लिया था. मेरा ऐसा करना उसे बहुत अछा लगा. मॉर्निंग में मेरी नींद 6 बजे खुली. सोचा एक और रौंद कर लू, पर निशा की हालत देख के सोचा रहने देता हू. बातरूम करके मैं फिरसे सो गया.

मैं पुर 11 बजे उठा. देखा निशा पहले से ही उठ चुकी थी. मैं भी नहा के बाहर आया तो सब लोग बैठे थे. मैं निशा को देखने गया, बुत वो कही दिखी नही. फिर मैने अंकल से पूछा तो उन्होने दाँत-ते हुए कहा-

अंकल: तू भूल गया हमारे रिवाज़? आज बहू का घर में पहला दिन है. तो वो हमारे मंदिर गयी है, तेरी आंटी, दीदी, और बाकी सब के साथ.

फिर मैं जीजू से मिला, और उनको थॅंक्स बोला गोली के लिए. उन्होने कहा की रात में तोड़ा आराम से करना चाहिए था.

मैने कहा: क्या हुआ जीजू?

उन्होने कहा: तेरी आवाज़ से मेरा मूड बना, और मैने भी तेरी दीदी को सोने नही दिया.

फिर 30 मिनिट बाद निशा आ गयी. आज उसने रेड सारी पहनी थी. एक-दूं क़यामत लग रही थी सारी, सिंदूर, बिंदी, और चूड़ियों के साथ. उसके बाद उसने पहली रसोई बनाई सब के लिए. फिर नाश्ता करने के बाद हमने सब को बाइ किया. सब चले गये थे. शाम को दीदी और जीजू भी चले गये. उसके बाद अपनी फॅमिली के साथ उनके साथ हमारे स्पेशल गेस्ट्स भी.

आज रात मैं, निशा, और रोहन ही घर पे थे. दीदी जीजू अपनी फॅमिली के साथ चले गये थे, और अंकल आंटी भी अपने घर चले गये. अब बस हम तीनो ही थे. मैं निशा के साथ बैठा था, और रोहन भी यही था दूसरे सोफे पे. बुत निशा मेरे साथ बैठने से अनकंफर्टबल थी, क्यूंकी रोहन भी हम दोनो के साथ बैठा था.

फिर मैने निशा की सिचुयेशन समझी और उसे कहा: जाओ तुम डिन्नर बनाओ.

निशा डिन्नर बनाना चली गयी, और मैं और रोहन बात करने लगे.

रोहन: पापा हम लंडन कब जाएँगे?

मे: बेटा बस एक बार मिस्टर वेर्मा सारे अरेंज्मेंट्स कर ले. सुन तू कल ज़रा मेरे साथ चलना वीसा के काम से.

रोहन: ओक पापा.

हमने थोड़ी देर और बात की और साथ में मोविए देख रहे थे. आधे घंटा बाद निशा ने आवाज़ लगाई डिन्नर रेडी है.

सो फ्रेंड्स आज के लिए इतना ही. नेक्स्ट पार्ट में बतौँगा की कैसे आज रात क्या हुआ, और लंडन जाने के बाद हमने और ज़्यादा प्यार किया.