नौकरानी की गांद फाड़ दी उसकी शादी से पहले

किस तरह मैने अपनी नौकरानी को छोड़ना शुरू करा, जानने के लिए पिछला पार्ट पढ़िए. अब आयेज-

तो दोस्तों मैने आपको पहले पार्ट में बताया ही था की किस तरह मैं अपनी नौकरानी कंचन की चुदाई करता था. कुछ दिन से वो अपनी छ्होटी बेहन को काम पर लाने लग गयी थी. वो उससे नीचे का काम करती थी. खुद उपर का करती थी. मैने सोचा की शायद वैसी ही लाती थी. लेकिन एक दिन उसने मुझे बहुत बड़ा झटका दिया.

उसने बताया की उसकी शादी होने वाली थी, और अब उसे गाओं जाना पड़ेगा.

मैने पूछा: शादी करके वापस कब आओगी?

उसने कहा: अब वापस नही अवँगी.

मैं तोड़ा दुखी हो गया.

मैने पूछा: कब तक और काम करोगी?

उसने बोला: बस एक हफ़्ता और.

मैने कहा: फिर तो ये कुछ दिन में तुम्हे तुम्हारी सुहग्रात के लिए तैयार करना पड़ेगा.

ये बोल कर मैने अपने लंड उसके मूह में डाला और पोर्नस्तर की तरह छोड़ने लगा. आज तो मैने उसे जानवरो की तरह छोड़ा. हर आंगल से उसकी छूट की खुदाई करी. इतना छोड़ा की वो ढंग से चल भी नही पा रही थी.

जब वो जेया रही थी, तब मैने बाल्कनी से सुना की उसकी छ्होटी बेहन उससे पूच रही थी क्या हुआ दीदी ऐसे लंगड़ा कर क्यूँ चल रहे हो.

तो उसने बोला: कुछ नही छ्होटी, ज़रा सीडी पर से पैर लचक गया.

2-3 दिन ऐसे ही ज़ोरदार चुदाई चली. छोड़ते हुए मुझे पता पड़ा की उसकी बेहन अब हमारे यहा काम करेगी.

मैने उससे पूछा: क्या तुम्हारी बेहन को पता है हमारे इस अरेंज्मेंट के बारे में?

उसने कहा: नही, उसको नही पता कुछ. वो छ्होटी है अभी.

मैने पूछा: उसकी उमर कितनी है?

उसने कहा: वो 18 की है, कुछ महीनो में 19 की हो जाएगी.

मैने कहा: छ्होटी कहा है फिर वो.

ये बोल कर मैं उसे छोड़ता रहा. वो भी समझ गयी की उसके बाद मैं उसकी बेहन को अपनी रॅंड बनौँगा. क्यूंकी अब कुछ ही दिन बचे थे, तो हमारी चुदाई थोड़ी लंबी चल रही थी. फिर एक दिन उसकी छ्होटी बेहन अपना काम निपटा कर उपर आ गयी. मुझे वो खिड़की से आते हुए दिख गयी थी. पर मैने कंचन को नही बताया.

कंचन तो मेरा लंड चूसने में बिज़ी थी. जैसे ही वो मेरे कमरे तक आई, उसने कहा-

वो: दीदी ये क्या कर रहे हो?

कंचन हक्की-बक्की रह गयी. मैं उसकी तरफ गया. वो तोड़ा घबरा गयी. पर मैने उसका हाथ पकड़ कर उसे पलंग पर बिता दिया.

मैने उससे कहा: ये तुम्हारी दीदी और मेरा अरेंज्मेंट है. तुम्हारी दीदी तुम्हे यहा का काम भी सीखने वाली थी.

उसका ध्यान सिर्फ़ मेरे लंड की तरफ था, मेरा इतना बड़ा गोरा लंड उसके मूह के सामने रिघ्त लेफ्ट जो हिल रहा था. कंचन भी मुझे देखने लग गयी. मैने उसका मूह पकड़ कर अपनी तरफ किया, और पूछा-

मैं: क्या नाम है तुम्हारा?

उसने बताया यमुना. मैने फिर पूछा-

मैं: कंचन ने बताया की तुम 18 की हो, और कॉलेज जाना चाहती हो.

उसने कहा: हा मैं 1स्ट्रीट एअर में होने वाली हू.

मैने कहा: बहुत अछा है. तुम्हे कभी पढ़ाई में कुछ पूछना हो तो मुझसे पूच सकती हो. आज तुम बस बैठ कर देखो और सीखो.

ये बोल कर मैने अपना लंड कंचन के मूह में डाल दिया. यमुना ये सब आँखें फाड़ कर देख रही थी. कुछ देर बाद मैने कंचन को पलताया, और उसकी छूट में लंड डाल दिया, और ज़ोरो से छोड़ने लगा.

यमुना ने कंचन से पूछा: दीदी आपने इतना बड़ा लंड अपने अंदर कैसे ले लिया?

कंचन तो बस सिसक रही थी.

मैने यमुना से पूछा: तुमने अब तक कितना बड़ा लंड लिया है?

उसने कहा: मैने आज तक कभी लंड नही देखा था.

मैने कहा: फिर तो तुम्हारा बहुत ही ध्यान रखना पड़ेगा.

कंचन की चुदाई करने के बाद मैने यमुना से कहा: आज का तुम्हारा पहला प्रॅक्टिकल ये है की मेरा लंड पकड़ कर हिलाओ.

कंचन मेरे लंड के सामने अपना मूह खोल कर बैठ गयी, और साइड से यमुना मेरा लंड हिलने लगी. कुछ ही देर में मेरा सारा स्पर्म कंचन के मूह पर निकल गया. यमुना ये देख कर बहुत ही उत्सुक हो गयी. कंचन अपने मूह से मेरा स्पर्म चाट रही थी. इतने में मैने यमुना को अपनी बाहों में लिया, और कहा-

मैं: आज तुमने बहुत अछा पर्फॉर्म करा.

और उसे बहुत ही सॉफ्ट्ली किस करने लगा. नेक्स्ट दे दोनो ही बहने टाइम से मेरे पास आ गयी. मैने आज आते से ही यमुना को किस करना चालू कर दिया, और कहा-

मैं: आज के सेशन के लिए तुम्हे अपने कपड़े उतारने पड़ेंगे.

और ये बोल कर मैने कंचन की रंडियों जैसी चुदाई स्टार्ट कर दी. यमुना कंचन के पास बैठी थी. मैं कंचन को छोड़ते हुए अपनी उंगलियाँ यमुना की छूट पर सहलाने लगा. उसे बहुत ही मज़ा आ रहा था. फिर मैने कंचन को यमुना की छूट चाटने को कहा. यमुना एक-दूं से बोली-

यमुना: ये क्या कर रही हो दीदी? आअहह उऊहह करती रहो दीदी. ये आपने पहले कभी क्यूँ नही किया?

मैने कंचन को पलटा कर अपना लोड्‍ा चूसने लगा दिया, और वापस यमुना की छूट में उंगली करने लगा. फिर मैने धीरे से उसकी छूट में एक उंगली डाली. वो दर्द से करहने लगी. मैने बहुत है धीरे-धीरे उंगली अंदर-बाहर करी, और उसे मज़ा आने लगा. फिर मिड्ल फिंगर से उसकी खूब चुदाई करी, जब तक वो शेक नही होने लगी. फिर मैने उसे भी अपने लंड के पास बिताया और कहा-

मैं: सीखो कंचन से की लंड कैसे चूस्टे है.

फिर दोनो बहनो ने मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया. यमुना को भी मज़ा आ रहा था. दोनो बहने आपस में लड़ रही थी मेरा लंड चूसने के लिए. कों ज़्यादा चूसेगा. फिर दोनो अपने होंठ एक-एक साइड लगा कर ज़ोरो से चूसने लगे. मैने कभी भी ऐसा फील नही करा था.

मेरा स्पर्म निकालने ही वाला था. इस बार मैने दोनो बहनो पर अपनी पिचकारी मारी. फिर दोनो ही एक दूसरे पर से मेरा स्पर्म चाटने लगी. इसके बाद जब तक कंचन काम कर रही थी. मैं बस उसको ही छोड़ता था.

मैने यमुना से कहा: तुम्हारी लंड से चुदाई कंचन के जाने के बाद ही होगी. अभी मैं कंचन को ही छोड़ना चाहता हू.

कंचन के लास्ट दे मेरा अलग ही प्लान था. मैं आज उसके लिए कॉंडम और लूब्रिकॅंट लेकर आया था.

उसने वो देख कर पूछा: आज तक तो बिना इसके ही छोड़ा है.

मैने कहा: आज तक तुम्हारी गांद भी तो नही मारी.

ये सुन कर वो तोड़ा घबरा गयी.

मैने उसे कहा: तुम्हे सुहग्रात के लिए रेडी भी तो करना है.

मैने उसे झट से नंगा करा, उसे पलताया, और अपने लंड पर कॉंडम लगा कर उसपे लूब्रिकॅंट लगाने लगा.

फिर मैने यमुना से कहा: आज तुम्हारा कोई काम नही है. आज तुम सिर्फ़ देखो और सीखो.

कंचन बिस्तर पर उल्टी पड़ी थी पूरी नंगी. मैने उसे डॉगी स्टाइल में उठाया, और अपना लंड उसकी गांद में घुसना चालू कर दिया. बहुत ही टाइट गांद थी. काफ़ी मेहनत करके आयेज-पीछे करके मैं अपना लंड अंदर घुसाए जेया रहा था.

कंचन ने अपने दोनो हाथो से कस्स कर चादर पकड़ रखी थी. फिर एक ज़ोर का झटका लगा, और मेरा पूरा लंड उसकी गांद के अंदर चला गया. मैने उसे रग़ाद-रग़ाद कर पेलना चालू कर दिया. वो बस अपनी चीखें ही रोकने की कोशिश कर रही थी.

मैं एक हाथ से उसके बाल पकड़ कर उसे छोड़े जेया रहा था. छोड़ते-छोड़ते उसे पूरी तरह से बिस्तर पर लिटा दिया, और ज़ोर-ज़ोर से झटके मारने लगा. काफ़ी देर की चुदाई के बाद मेरा स्पर्म निकालने वाला था, पर इस बार स्पर्म निकालने के बाद भी मैं झटके देता रहा.

काफ़ी देर के बाद जब मेरा लंड बुरी तरह से तक गया, तो मैं कंचन के उपर ही लेट गया.

फिर मैने कहा: अब हो गयी है तू अपनी सुहग्रात के लिए रेडी.

उसके बाद जब कंचन ने उठ के अपने कपड़े पहने, तो वो लंगड़ा रही थी. इतने में यमुना बोली-

यमुना: अछा ऐसे पैर लचकता है. शायद अब मेरा भी पैर बहुत लचकेगा.

इसी के साथ मैने कंचन को खूब सारी किस करी, और उससे कहा की मैं तुम्हारी बेहन का आचे से ध्यान रखूँगा.