सेक्सी आंटी की गांद को माल से भरा

कल्पना के बूब्स भी काफ़ी बड़े थे. उसकी गांद इतनी बड़ी थी की उसके सामने बूब्स पर ध्यान कम जाता था. मैने झट से कल्पना को पलताया, और उसके बूब्स में अपना मूह रगड़ने लगा. उसकी दोनो चुचियो को बारी-बारी से चूसने लगा.

चुचियो को चूस्टे-चूस्टे मैने उसकी जीन्स भी खोल दी. अब वो बस अपनी पनटी में थी, और मैं अपनी त-शर्ट में. मैं उसकी गांद पकड़ कर फिरसे उसके होंठो को चूमने लगा. टंग पूरी उसके मूह में डाल-डाल कर किस कर रहा था मैं.

फिर मैने उसे सोफा पर धक्का देकर लिटा दिया, और चूमते-चूमते नीचे उसकी छूट तक आ गया. नीचे आते हुए मैने उसकी पनटी उतरी, और छूट को चाटने लग गया.

मेरे कल्पना की छूट पर अपनी ज़ुबान लगते ही कल्पना की चीखें निकालने लगी. शायद उसे ऐसा मज़ा काफ़ी टाइम बाद मिला था. जवानी में तो उसने बहुत कांड किए होंगे.

इतनी सेक्सी लड़की को बिना छोड़े कहा छ्चोढा होगा उसके दोस्तों ने. आज 40+ होकर भी 24-25 साल के लंड को कड़क करने का दूं रखती है.

काफ़ी देर छूट चाटने के बाद मैने अपना लंड उसकी छूट पर रगड़ना शुरू कर दिया, और वो कुछ कह पाती उसके पहले ही एक झटके में पूरा लोड्‍ा उसकी छूट में घुसा दिया.

फिर फुल स्पीड में घपा-घाप करने लग गया. मैं एक-एक झटका बहुत ज़ोर से मार रहा था, ताकि पूरा अंदर तक लंड घुस सके. थोड़ी देर तक सीधे छोड़ने के बाद मैने कल्पना को पलताया और पीछे से उसकी छूट में लंड घुसा कर उसे पेलने लग गया. मेरे हर एक झटके के साथ उसकी गांद पर वेव बन रही थी.

उसकी गांद इतनी बड़ी और नरम मुलायम थी, की उसे पेलने में बहुत ही मज़ा आ रहा था. मेरे हर झटके के साथ उसकी आहह निकल रही थी. मैं उसको लगातार छोड़े जेया रहा था.

कल्पना: आअहह आराम से करो, मेरी छूट फटत जाएगी. तुम्हारा लंड बहुत ही मोटा और लंबा है, आहह ह.

पर मैं रुकने की बजाए और तेज़ी से ठोकने लग गया कल्पना को.

मे: अगर छूट में नही सहन हो रहा तो कोई बात नही. मैं गांद में डाल देता हू.

मैने अपना लंड कल्पना की छूट से निकाल कर उसकी गांद में घुसना शुरू कर दिया. वो दर्द से चिल्लाने लगी. काफ़ी टाइट थी उसकी गांद, पर थोड़ी देर की मेहनत के बाद आख़िर मैने अपना लंड उसकी गांद में घुसा ही दिया.

इसके बाद मैं उसकी गांद को कुत्तों की तरह पेलने लग गया. मैं इतने ज़ोर से झटके मार रहा था, की फॅप फॅप फॅप की आवाज़ आ रही थी, और हर झटके के साथ कल्पना बस आ आ की आवाज़े कर रही थी.

शायद आज तक किसी ने उसकी गांद नही मारी थी, और मैं सांड़ की तरह अपना मोटा लंबा लंड उसकी गांद में अंदर-बाहर करे जेया रहा था. उसे मज़ा भी आ रहा था, और दर्द भी हो रहा था.

कम से कम 10-15 मिनिट तक मैं उसकी गांद को नों-स्टॉप पेलता रहा. झटके मारते-मारते मैं कल्पना को पूरा लिटा चुका था. अब मेरा भी पानी छ्छूटने वाला था.

मैं भी आवाज़े निकालने लगा: ई’म गॉना कम कल्पू, ई’म गॉना कम इन युवर आस आह.

कल्पना: आ नही, आ मेरी गांद में मत निकालो.

मे: अब नही रुक रहा ये लो आ.

और मेरी पिचकारी उसकी गांद में छ्छूटने लगी. इतनी चुदाई के बाद काफ़ी सारा कम निकला मेरा. मैने 6-7 शॉट मारे और उसके बाद भी जब तक मेरा लंड सॉफ्ट नही पड़ा मैं अंदर ही पेलता रहा.

आख़िर मैं भी तक कर कल्पू के उपर लेट गया. उसका दर्द भी धीरे-धीरे कम हो रहा था. वो भी चुप-छाप लेती रही. फिर मैं उसे वापस से किस्सस करने लगा.

मे: कल्पू कितनी सुंदर हो यार तुम.

कल्पना: कल्पना से कल्पू और आप से तुम.

मे: आज से तुम कल्पू ही हो बेबी. अब से ये गांद मेरी है, जब चाहे तब छोड़ूँगा. तुम्हे कोई प्राब्लम?

कल्पू: नही कोई पारोबलें नही. तुम जब चाहे मेरी गांद मार सकते हो.

मे: गुड गर्ल.

फिर हमने बातरूम में जेया कर एक-दूसरे को क्लीन करना चालू करा, और मैं शवर में वापस से कल्पू को किस करने लगा, जिसकी वजह से मेरा लंड फिरसे हार्ड हो गया. वो भी ये देख कर शॉक हो गयी

कल्पू: ये फिरसे खड़ा कैसे हो गया?

मे: अब तुम हो ही इतनी सुंदर यार, समझती क्यूँ नही हो?

मैने उसकी टाँग उठा कर उसकी छूट में लंड डाल दिया, और दीवार से सत्ता कर छोड़ने लग गया.

कल्पू: आअहह बस मुझसे और सहन नही हो रहा. मेरा हो गया है. आहह.

मे: बस थोड़ी देर और, इस बार जल्दी ही आ जाएगा.

कल्पू: आहह आह.

5 मिनिट तक छोड़ने के बाद मैने अपना लंड बाहर निकाला, और बोला-

मे: सक मी डिक.

कल्पू अपने घुटनो पर बैठ गयी, और मेरा लंड चूसने लग गयी. मैने उसके बाल पकड़ लिए, और अपना लंड उसके गले तक घुसने लगा. बहुत तेज़ी से अंदर बाहर करके कल्पू के सुंदर चेहरे को छोड़ रहा था.

थोड़ी देर के बाद मेरी पिचकारी छ्छूटने का टाइम आ गया. मैने कल्पू का सिर पकड़ कर उसको अपनी जांघों के बीच दबा लिया, और मेरा लंड उसके गले तक था

मे: आह आह.

मेरी पिचकारी छ्छूटने लगी. उसके मूह में माल छ्चोढने के बाद मैने अपना लंड बाहर निकाला, और बाकी उसके चेहरे और बूब्स पर निकाल दिया. वो मेरे स्पर्म में पूरी तरह कवर हो गयी थी.

कल्पू: मैं तो भूल ही गयी थी, की जवान लड़के कितना सीमेन निकाल सकते है.

मे: आपके जैसी मिलफ हो तो इतना सारा तो निकलेगा ही.

फिर हम शवर लेकर बाहर आए, और खुद को पूच ही रहे थे. इतने में मैने अपने घर पर कॉल करके बोल दिया, की आज मैं अपने दोस्त के यहा ही रुकुंगा. कल्पू मुझे देखने लगी.

मे: हा कल्पू बेबी, अभी तो और चूड़ना है. आज रात भर मेरे लंड की पूजा करनी है तुम्हे.

कल्पना अपनी पनटी पहन रही थी. मैने कल्पू की गांद पर स्पॅंक करा और कहा-

मे: ये कपड़े क्यूँ पहन रही हो. किसी ने बोला तुम्हे ये पहनने के लिए. आज हम नंगे ही रहेंगे.

फिर वो पूरी रात मैने कल्पू को घर के हर कोने में छोड़ा, बेडरूम में, किचन में, खाना बनाते हुए भी मैने उसे पीछे से पेला.

ज़मीन पर लिटा कर भी छोड़ा, और देर रात जब कोई बाहर नही होता, तब बेडरूम की बाल्कनी में ले-जेया कर छोड़ा. वो घबरा रही थी की कोई देख लेगा. मैने उसके मूह पर हाथ रख कर बोला-

मे: तू आवाज़ मत निकाल, और चुप-छाप चुड्ती रह.

सुबा तक चुड-चुड कर उसकी गांद सूज चुकी थी.

कल्पू लंगड़ा कर चल रही थी. उसे बैठने में भी दर्द हो रहा था. वो बोल रही थी-

कल्पना: मैने आज तक इतना कामुक लड़का नही देखा. तुम तो थकते ही नही हो.

फिर सुबा हम साथ में रेडी हुए. मैने उसे ऑफीस छ्चोढा, और अपने घर कपड़े चेंज करने चला गया.

इसके बाद से जब मर्ज़ी तब मैं कल्पू के घर जेया कर उसे रंडियों की तरह छोड़ देता था. उसकी छूट पूरी तरह घिस चुकी थी रोज़ाना लंड की मार झेल-झेल कर. कल्पू मेरे लंड की प्यासी बन चुकी थी.