हवस भरे बेटे के दोस्तो द्वारा उसकी सेक्सी मा चुदी

हे दोस्तों, मेरा नाम सम है. मैं मुंबई का रहने वाला हू. मेरी उमर 20 साल है, और मुझे बड़ी गांद वाली लड़कियाँ बहुत पसंद है. जब मैं 18 साल का था, तब ही से मैं अपनी मम्मी को छोड़ना चाहता हू.

मेरी मम्मी का नाम प्रीति है. उनका फिगर 38-34-48 है. उनकी गांद इतनी बड़ी है, की मेरी कॉलोनी के कितने लोगों ने उनके नाम की मुट्ठी मारी होगी, ये पता नही लगा सकते.

मेरी बहुत इक्चा थी की मैं अपनी मम्मी की इतनी गांद मारु, की उसका साइज़ डबल कर डू. लेकिन ज़िंदगी ने ऐसा मोड़ लिया की मैं एक ना-मर्द बन के रह गया. चलिए दोस्तों अब मैं स्टोरी पर आता हू.

अभी तो मैं कॉलेज में हू, सेकेंड एअर में हू, और ब्बा कर रहा हू. बात 2 साल पुरानी है. मैं 18 साल का था, और 12त में था. मेरे स्कूल के दोस्त जिनका नाम राज, पंकज और राहुल था, ये तीनो मेरे बहुत आचे दोस्त थे. हम हर काम साथ में करते थे, स्कूल में कांड वग़ैरा. फिर एक दिन राहुल बोला-

राहुल: यार तुम लोगों को पता है कल मैं जनवी के साथ ओयो गया था, और मैने उसकी इतनी ली की वो आज स्कूल भी नही आई?

पंकज: शायद चल नही पा रही होगी.

जनवी मेरी क्रश थी, जिसे मैं बहुत समय से पटना चाहता था. पर राहुल ने उसको अपनी बंदी बना लिया, और उसको छोड़ दिया. राहुल बहुत ही पैसे वाला लड़का था. उसके बाप का ट्रांसपोर्ट का बिज़्नेस था. ये सुन के मेरी बहुत गांद जाली. पर मैं क्या कर सकता था. एक-दूं से राज वाहा आया और बोला-

राज: अछा वीडियो वग़ैरा बनाई हो तो ज़रा हमे भी दिखा.

फिर राहुल अपना फोन निकालता है, और हुमको वीडियो दिखता है जिसमे जनवी घोड़ी बनी होती है, और राहुल उसकी गांद पे छानते मार-मार के उसको छोड़ रहा होता है. वीडियो में आवाज़ भी आ रही होती है.

जनवी: आहह राहुल आअहह! फक मे राहुल, मैं तुम्हारी कुटिया हू.

हम तीनो का लंड ये देख के तंन जाता है.

पंकज: हा, ये सब तो ठीक है यार, पर जो भाभी को छोड़ने में मज़ा है, वो इन लड़कियों को कहा.

राज: सही कहा भाई. तुम्हे पता है मैने भी ऐसे ही मेरी पड़ोसन को छोड़ा था. उसको मेरे लंड की ऐसी आदत लग चुकी है, की वो रोज़ कॉल करती है, और मैं जाता भी नही अब उसको छोड़ने. एक बार तो वो मेरे घर आ गयी मेरी मम्मी से बात करने के बहाने, और मेरे गले पद गयी चूड़ने के लिए.

राहुल: वाह यार! मज़े है तेरे भी.

पंकज: मैने तो आज तक अपनी बंदी के अलावा किसी को नही छोड़ा.

उतने में राहुल मुझसे कहता है.

राहुल: हा भाई सम, तूने कभी किसी को नही छोड़ा क्या?

राज: छोड़ने के लिए लंड चाहिए रहता है भाई. चल अगर ये लड़की ले भी आया तो इसका शायद खड़ा नही होता है.

तीनो हेस्ट है, और मैं वाहा से बुरा मान के चला जाता हू. स्कूल के बाद वो मुझे मानने मेरे घर आते है. और फिर मैं मान जाता हू. मेरी मम्मी ब्लॅक सारी में आती है उनको छाई वग़ैरा देने.

वो तीनो मेरी मम्मी को भूखो की तरह देखते है, जैसे अभी ही छोड़ के फेंक देंगे. मम्मी जाने लगती है, तो राहुल मेरी मम्मी की गांद बहुत देर तक देखता है, और लंड मसलता है. मैं ये देख के बहुत चिढ़ जाता हू, और उन्हे बोलता हू-

मैं: तुम मेरी मम्मी के बारे में ये सब सोचते हो? चले जाओ यहा से.

राज: अर्रे सम, वैसी बात नही है. चल अंदर आ, बात करते है.

अंदर वाले रूम में जेया कर वो तीनो मुझे सॉरी बोलते है, और मैं मान जाता हू.

मैं: यार मुझे तुम लोगों से एक बार शेर करनी थी.

राज: हा बोल.

मैं: यार मैं बहुत टाइम से अपनी मम्मी को छोड़ना चाहता हू.

ये सुन के तीनो की गांद फटत जाती है, और वो बोलते है: सेयेल मदारचोड़! तू अपनी मा को ही छोड़ना चाहता है क्या?

उतने में राहुल बोलता है.

राहुल: यार वैसे देखा जाए तो इसमे कोई प्राब्लम नही है. चल सम सुन. हम मदद करेंगे तेरी मा को लंड के नीचे लाने में (धीरे-धीरे उनकी बातें सुन के मेरा लंड खड़ा हो रहा था, और मैं उनकी बातों से उत्तेजित हो रहा था )

मैं (बहुत नखरे करने के बाद): हा, चल बता प्लान क्या है? क्या करना होगा मुझे?

राहुल: तुझे कुछ नही करना होगा. बस वेट करना होगा. पहले हम तेरी मा को छोड़ेंगे. फिर उन्हे माना लेंगे की वो तुझसे भी चुड जाए.

मुझे अंदर ही अंदर बहुत बुरा लग रहा था, की ये लोग मेरी मम्मी के बारे में इतनी ग़लत बातें कर रहे थे. पर मुझमे अपनी मा को छोड़ने की हवस इतनी थी, की मुझे कुछ दिखाई नही दिया.

राहुल ने मुझसे कहा: हम तीनो सब प्लान बना लेंगे. बस तू कल घर से बाहर रहना स्कूल के बाद भी.

मैने उनकी हा में हा मिला दी, और जैसा उन्होने कहा था, मैने बिल्कुल वैसा ही किया. मैं अगले दिन स्कूल गया तो वो तीनो नही आए थे.

मेरे घर पे:-

बेल बजती है, और मम्मी दरवाज़ा खोलती है. मम्मी ने रेड सारी पहनी थी, और माल लग रही थी.

मम्मी: बेटा सम घर पर नही है, स्कूल गया है. तुम लोग नही गये?

राज: नही आंटी, हमारा कही और जाने का प्लान था. हमने सम को भी माना किया था. क्या हम उसके आने तक घर में वेट कर सकते है?

मम्मी: हा-हा ज़रूर, तुम अंदर तो आओ.

राज: हा आंटी आएँगे. आज बहुत अंदर तक आएँगे.

मम्मी: मतलब?

राहुल: कुछ नही आंटी. ये तो कुछ भी पागल जैसी बातें करता है.

फिर सब अंदर बैठते है, और मम्मी खाने के लिए स्नॅक्स लाती है और छाई. फिर वो किचन में चली जाती है, और राहुल भी उनके पीछे जाता है किचन में. मम्मी राहुल से कहती है उपर से समान उतारने के लिए, और चेर ला कर रख देती है. राहुल उसपे चढ़ता है और मम्मी चेर पकड़ लेती है.

मम्मी का मूह बार-बार राहुल के लंड पे लग रहा था, और राहुल भी बार-बार आयेज हो रहा था. राहुल का लंड खड़ा हो जाता है 11 इंच का. मम्मी को भी उसके लंड पे होंठ लगाने में मज़े आ रहे थे. उन्हे समझ नही आ रहा था की वो क्या कर रही थी. वो गरम हो रही थी.

फिर एक-दूं से राहुल अपनी पंत उतार देता है, और उसका खड़ा लंड सीधा मम्मी के मूह पर पड़ता है, और मम्मी के होश उडद जाते है, और आँखें बड़ी हो जाती है.

मेरी मम्मी इतनी गरम हो गयी थी, उसका रसीला 11 इंच का लंड देख के, की उन्होने उसको जीभ से छाता और चूसने लगी. राहुल को नही पता था ये सब इतनी जल्दी हो जाएगा. पुर किचन में गल्प गल्प गल्प की आवाज़ आ रही थी.

राहुल: चूस प्रीति, और चूस. उस सम छूतिए का तो मैं सब ले जौंगा. उसकी क्रश भी ले गया, और अब उसकी मा भी मेरा लंड चूस रही है.

मम्मी को होश नही था. वो बस उसके लंड का स्वाद ले रही थी, और राज और पंकज कोने पर खड़े हो कर हिला रहे थे. 15 मिनिट चूसने के बाद राहुल ने मम्मी का मूह माल से भर दिया, और मम्मी पूरा पी गयी.

मम्मी: ये मैने क्या कर दिया. और हल्का सा रोने लगी. और कहने लगी-

मम्मी: तुम जाओ यहा से.

राहुल: मेरे लंड का पूरा पानी पीने के बाद जाने का बोल रही है. पागल है क्या? अब तो तू भी तेरी छूट का पानी मुझे पीला.

मम्मी: चुप-छाप घर जाओ, और सम को इस बारे में कुछ मत बताना.

राज पीछे से आ कर मम्मी की गांद पे लंड चुबा देता है.

मम्मी: आहह आअहह.

राज: अभी नही बाद में चिल्लाना, जब हम तेरी गांद मार-मार के फाड़ देंगे.

मम्मी: तुम सब कितने गिरे हुए हो. चले जाओ यहा से.

पंकज: देख प्रीति, तू हमे छोड़ने दे. हमे पता है मज़ा तो तुझे भी आ रहा था लंड चूसने में.

मम्मी: यहा से चले जाओ! ( गुस्से में)

तीनो का लंड फिरसे खड़ा हो जाता है, जिसको देख के मम्मी हैरान हो जाती है.

राहुल: देख कैसे घूर रही है अपने लंड को, जैसे लंड की भूखी हो.

तीनो ने मम्मी की गांद पे हाथ फेरना और धीरे-धीरे गांद पे छानते मारना चालू कर दिया, जिससे मम्मी और गरम हो गयी.

मम्मी: ठीक है, मैं तुम लोगों से चुड जौंगी. लेकिन सिर्फ़ एक बार.

तीनो हेस्ट है, और मॅन में बोलते है की ये कितनी बड़ी रंडी है. तीनो मम्मी की छूट और बूब्स चूस जाते है, और मम्मी की छूट में राहुल अपना लंड डालता है, और पंकज और राज मूह में.

मम्मी कुछ बोल भी नही पा रही थी, लेकिन मम्मी को बहुत मज़ा आ रहा था. पुर किचन में चुदाई की आवाज़ गूँज रही थी ठप ठप ठप ठप.

दोनो मूह में ही झाड़ जाते है. पर राहुल अभी भी लगा हुआ था.

मम्मी: एयेए राहुल. आहह आहह आ छोड़ मुझे बेटे. मार ले मेरी, ज़ोर से मार आहह.

राहुल: सुन रहे हो रंडी की आवाज़? साली बेहन की लोदी, बहुत नखरे कर रही थी.

राज: तू क्या है हमारी?

मम्मी कुछ नही बोलती. राज छाँटा मारता है मम्मी को.

मम्मी: मैं तुम तीनो की पर्सनल रंडी हू. तुम तीनो जब चाहो मुझे छोड़ सकते हो.

राहुल छूट से लंड निकाल के गांद में भर देता है.

मम्मी: आहह! मेरी गांद फाड़ दी तूने गान्डू, सेयेल और मार, फाड़ दे, और च्छेद बड़ा कर दे मेरा.

राज और पंकज भी मम्मी की छूट में डाल देते है.

मम्मी: तुम ह तीनो ने मुझे आहह कुट्टी बना दिया. आहह. घोड़ी हू मैं तुम्हारी. अहह ऊऊ ह छोड़ो ना और. नही रुक जाओ, दर्द हो रहा है. नही-नही रुकना मत आहह आह आह, मुझसे सहन नही हो रहा. मैं मॅर जौंगी.

राहुल: मॅर जाना, पर पहले तुझे आचे से निचोढ़ के तेरी छूट और गांद का भोंसड़ा बना दे. और तेरे शरीर से हमारे लंड की बदबू ही ना जाए इतना छोड़ ले हम तुझे. फिर मॅर जाना.

तीनो हेस्ट है.

मम्मी: ऐसा मत बोलो, मैं तुम्हारे दोस्त की मम्मी हू.

राज: काहे का दोस्त! वो गुलाम है हमारा. तुझे छोड़ना चाहता है तेरा बेटा ही. उसने हमे बोला था की हम तुझे छोड़े, फिर वो छोड़ेगा.

मम्मी: क्या? आहह आह नही. ह तुम झूठ बोल रहे हो. वो नही कर सकता ऐसा ऊऊ ह.

राहुल: अब हम तुझे भी छोड़ लेंगे, और उसको तुझे छोड़ने भी नही देंगे.

मम्मी: वो मेरा बेटा है. तुम ऐसा नही बोल सकते.

राज: चुप बेहन की लौदी. अब तू बताएगी क्या बोलना है क्या नही! और ज़ोर से अंदर डालता है.

मम्मी: आहह, सॉरी आह. धीरे करो आहह. नही-नही ज़ोर से करो. मार डालो अपनी पर्सनल रंडी को.

पंकज: पर्सनल नही, तुझे तो पुर जगत की रंडी बना देंगे हम अब. और तेरे बेटे को सब का गुलाम. उसको तो हम अपना लंड चुस्वायगे. इतने टाइम से तेरे उपर नज़र थी तो उसको दोस्त भी बना लिया था, तेरी गांद के च्छेद में घुसने के लिए.

मम्मी: हा-हा ठीक है ह. भाड़ में जाए वो सम. आह श फक! तुम छोड़ने पे ध्यान दो. एम्म्म आह वो तो चूतिया है. सला अपनी मा को छोड़ने निकला था. ऐसा बेटा किसी को ना दे भगवान. आहह मैं मॅर गयी.

तीनो झाड़ जाते है, और मम्मी की छूट और गांद अपने माल से भर देते है. और फिर वो मम्मी को वही छ्चोढ़ के कपड़े पहन के चले जाते है.

अगला पार्ट मैं जल्दी ही लौंगा. देखते है क्या मैं अपनी मम्मी को छोड़ पौँगा या नही. कहानी अची लगी हो तो इस पर फीडबॅक दे.