ही दोस्तों, मेरा नाम अमित सिंग है, और ये मेरी कहानी का दूसरा पार्ट है. पिछले पार्ट में आप सब ने पढ़ा था, की कैसे मैं वॉक पर नही जेया पाया, और अपने घर जल्दी आ गया.
फिर घर आके मैने अपनी बहू रोमा को किसी गैर मर्द से चूड़ते देखा. वैसे तो मैने रोमा को हमेशा अपनी बेटी माना था. लेकिन उस दिन उसको उस हालत में देख कर मैने भी मूठ मार ली. अब आयेज चलते है-
चुदाई करने के बाद वो दोनो वही लेट गये, और हाँफ रहे थे. फिर 10 मिनिट बाद दोनो उठे, और कपड़े पहनने लग गये. मैं जल्दी से घर से बाहर आ गया. अगले 5 मिनिट में वो बंदा घर से निकल गया.
मैं उसी टाइम पर घर के अंदर गया जीतने टाइम पर हर रोज़ जाता था. अंदर जाते ही मेरी नज़र रोमा पर पड़ी. वो कपड़े बदल चुकी थी, लेकिन मुझे तो वो अभी भी नंगी ही दिखाई दे रही थी.
चलते हुए उसकी मटकती गांद, उसके मोटे बूब्स, और उसका गोरा रंग देख कर मेरा लंड काबू से बाहर हो रहा था. मैं समझ नही पा रहा था, की वो ऐसा क्यूँ कर रही थी. क्यूंकी वो मेरे दोस्त की बेटी थी, और शरीफ घर से थी.
फिर मैने पता लगाने का फैंसला किया. इसके लिए सबसे पहले मुझे उसकी सेक्स लाइफ की जानकारी चाहिए थी. फिर मेरा बेटा वापस आ गया, और हम सब ने साथ बैठ कर डिन्नर किया. डिन्नर के दौरान भी मेरी नज़र बार-बार उसकी मस्त गांद और क्लीवेज पर जेया रही थी.
अब रात हो चुकी थी, और सोने का टाइम हो चुका था. लेकिन मैं आज सोने नही वाला था, क्यूंकी मुझे अपने बेटे और बहू की सेक्स लाइफ का मुआएना करना था. मैने सब के सामने सोने जाने का नाटक किया.
फिर रजनीश और रोमा भी रूम में चले गये. कुछ देर बाद मैं नीचे आके उनके रूम में झाँकने लग गया. उन दोनो ने अपने कपड़े उतार दिए थे, और सेक्स शुरू करने वाले थे.
तभी रजनीश दरवाज़े की घूमा तो मैने देखा की उसका लंड सिर्फ़ 4 इंच का था, और वो भी खड़ा होने के बाद. बस यही पर मैं समझ गया, की मेरी बहू की इसमे कोई ग़लती नही थी. ग़लती बस मेरे बेटे की थी.
फिर उन दोनो ने सेक्स किया, और मेरा बेटा 5 मिनिट में ही झाड़ गया. लंड बड़ा ना हो फिर भी चल जाता है. लेकिन 5 मिनिट में झड़ना सही नही है. फिर रजनीश सो गया, और रोमा फिंगरिंग करने लग गयी.
उसको देख कर मेरा लंड भी खड़ा हो गया, और मैने फिरसे मूठ मार ली. अब मैने फैंसला कर लिया था, की मेरी बहू जो कर रही थी, मैं उसको करने दूँगा. क्यूंकी हर किसी को लाइफ में सेक्षुयली संतुष्ट होने का पूरा हक है. लेकिन वो संतुष्टि उसको बाहर वाला मर्द नही, बल्कि मैं देने वाला था. हा, अब मैं अपनी बहू को छोड़ने वाला था.
फिर अगले दिन रजनीश के ऑफीस से जाने के बाद मैं रेडी था. मैने देखा रोमा किचन में काम कर रही थी. उसने पॅरोट कलर का शर्ट और ग्रीन कलर की लेगैंग्स पहनी थी. पीछे से वो तबाही लग रही थी. मैने उसको देखते ही उस पर धावा बोल दिया.
मैं सीधा उसके पीछे गया, और उसको हग करके उसकी गांद पर अपना लंड रगड़ने लग गया. एक-दूं हुए हमले से वो दर्र गयी, और पीछे की तरफ देखने लगी. जब उसने देखा की पीछे मैं था, तो वो हैरान होके बोली-
रोमा: पापा! छ्चोढिए मुझे. ये आप क्या कर रहे है. छ्चोढिए मुझे पापा.
फिर जब मैं डोर हो गया तो वो बोली-
रोमा: आपको शरम आनी चाहिए. मैं आपके बेटे की वाइफ हू. मैने कभी सोचा नही था, की आप ऐसा भी कर सकते हो.
फिर मैने बोलना शुरू किया: देखो रोमा, मैं सब जानता हू. मैं जानता हू की रजनीश तुम्हे वो सुख नही दे पा रहा, जो तुम डिज़र्व करती हो. कल मैं यही पर था जब तुम किसी आदमी के साथ सेक्स कर रही थी.
ये सुन कर रोमा हैरान हो जाती है. फिर मैने कहा-
मैं: नही, इसमे तुम्हारी कोई ग़लती नही है. लेकिन अगर इसी तरह बाहर के मर्द यहा आएँगे, तो खानदान की बदनामी होगी. और जहा तक सॅटिस्फॅक्षन की बात है, तो मैं तुम्हे आचे से सॅटिस्फाइ कर सकता हू.
ये बोल कर मैने अपना लंड बाहर निकाल लिया. मेरा लंड खड़ा था, और पुर 8 इंच का हो चुका था. लंड डेक्ते ही रोमा की आँखों में आँसू आ गये. वो बोली-
रोमा: पापा ई आम सॉरी. मैं ये नही करना चाहती थी. लेकिन ये छूट मुझे जीने नही दे रही थी.
मैं: मैं समझता हू.
रोमा: वैसे मुझे नही पता था, की मेरे अपने घर में इतना तगड़ा लंड है. नही तो मैं बाहर क्यूँ मूह मार्टी?
ये बोल कर रोमा ने अपना हाथ मेरे लंड पर रख दिया, और मुझे आँख मार दी.
अब मैं समझ गया था, की वो मुझसे चूड़ने को तैयार थी. मैने उसको अपनी तरफ खींचा, और उसके होंठो में अपने होंठ लगा दिए.
वाह! क्या नरम होंठ थे, और क्या स्वाद था उसके होंठो का. किस करते हुए मैने अपनी बॉडी उसकी बॉडी से चिपका दी. अब मैं उसके बूब्स को अपनी छाती पर फील कर पा रहा था, और उसकी जांघों को अपनी जांघों पर.
वो भी मेरे खड़े लंड को अपनी छूट पर फील कर रही थी. फिर मैने उसकी गांद दबानी शुरू की, और वो मेरा लंड हिलाने लगी. फिर मैने उसका शर्ट उतरा, और उसकी ब्रा भी साथ ही निकाल दी. अब उसके खूबसूरत बूब्स मेरे सामने थे.
मैं उसके बूब्स पर झपट पड़ा, और निपल्स को ज़ोर-ज़ोर से चूसने लग गया. वो मेरे सर को अपने बूब्स में दबा रही थी, और मुझे ज़ोर से चूसने को बोल रही थी.
फिर मैने उसके बाकी सब कपड़े भी उतार दिए, और उसको स्लॅब पर बिता लिया. मैने उसकी टांगे खोली, और जन्नत का द्वार मेरे सामने था. मैने उसकी छूट पर अपना मूह लगाया, और उसको चूसना शुरू कर दिया.
रोमा: आहह पापा, ज़ोर से करो पापा. बहुत तंग करती है ये पापा. आपके बेटे ने मुझे हमेशा गरम किया है, लेकिन संतुष्ट नही किया. अब बेटे का काम बाप पूरा कर रहा है.
उसकी बातों से मैं और जोश में आ गया, और उसकी छूट को दांतो से काट-काट कर, और जीभ डाल कर चूसने लग गया.
कुछ देर में वो काँपने लगी, और उसकी छूट से माल का धक्का निकला. मैने उसका सारा माल पी लिया. फिर मैने अपना लंड उसकी छूट में सेट किया, और उसकी जांघों को कस्स के पकड़ लिया. उसके बाद एक ज़ोर का धक्का लगाया, और आधा लंड उसकी छूट में चला गया.
वो चीखे मारने लग गयी, और मुझे धक्का देने लगी. लेकिन मैने अपनी पकड़ मज़बूत की, और धक्के देता गया. जब पूरा लंड उसकी छूट में घुस गया, तब मैं रुका. वो आहह आ कर रही थी, और मैने उसके होंठ चूसने शुरू कर दिए.
जब वो गरम हो गयी, तो गांद हिलने लगी. मैं समझ गया, और ज़ोर-ज़ोर के धक्के मारने लगा. अब हम पागलों की तरह चुदाई कर रहे थे, और मैं फॅक-फॅक उसकी छूट छोड़ रहा था. क्या गर्मी थी मेरी बहू की छूट में. बहुत मज़ा आ रहा था.
मैने उसके निपल्स चूस-चूस कर लाल कर दिए थे. फिर मैने उसको नीचे उतरा, और घुमा कर उसको घोड़ी बना लिया. अब उसके हाथ स्लॅब पर थे, और मैं पीछे से उसकी छूट मार रहा था. उसकी गांद हिल रही थी, और आयेज से बूब्स उछाल रहे थे.
20 मिनिट उस पोज़िशन में छोड़ने के बाद मैने उसको घुटनो के बाल बिताया, और अपना लंड उसके मूह में डाल कर उसका मूह छोड़ने लगा. वो किसी बाज़ारू रंडी की तरह मेरा लंड चूस रही थी.
अगले 5 मिनिट में मैने अपना माल से उसका पूरा मूह भिगो दिया. चुदाई के बाद वो बोली-
रोमा: ई लोवे पापा.
मैं: ई लोवे योउ टू बेटा.
और फिर ऐसे ही हम मेरे बेटे के जाने के बाद रोज़ चुदाई करते. मेरा जो पोटा है, आक्च्युयली वो मेरा ही बेटा है. लेकिन ये सिर्फ़ मैं और मेरी बहू जानते है. और अब आप भी जानते हो.
कहानी पढ़ कर मज़ा आया हो, तो कॉमेंट ज़रूर करे.