पति-पत्नी की चुदाई में नौकर घुस आया

मेरा नाम विकास है. अभी मैं एक बड़ी कंपनी में इंजिनियर हू. मेरे साथ मेरी दूसरी पत्नी, शाहिना बेगम रहती है. ये कहानी मेरी पहली पत्नी हेमा की है, जिसने मुझे हमारी शादी के 4 महीने बाद ही छ्चोढ़ दिया.

उसने इसलिए मुझे नही छ्चोढा की मैं उसको छोड़ कर खुश नही करता था. वो हर रात मुझसे खूब मस्ती से चुड़वति थी.

जब मैं 24 साल का हुआ, तो मुझसे 2 साल छ्होटी बेहन रत्ना शादी करने की ज़िद करने लगी. एक दिन मेरी बेहन से मिलने उसकी एक सहेली हमारे घर आई. मैने उसको पहली बार ही देखा था. पहली झलक में वो मुझे बहुत पसंद आ गयी. मैने इशारे से रत्ना को बुलाया और कहा-

मैं: रत्ना, तू चाहती है ना की मैं शादी कर लू? मेरी शादी अपनी इस सहेली से करवा दो.

रत्ना: भाई, तुझे तो मालूम है की तेरी ये बेहन रंडी है, और रंडी की सब सहेलिया भी रंडी ही होती है. इसके मासूम और खूबसूरत चेहरे पर मत जेया. एक साथ 55 मर्दों को संभालती है.

मैं: 5 को संभाले या 50 को, मुझे तेरी इसी रंडी सहेली से शादी करनी है. आज जितना बोलेगी बर चूस दूँगा, छोड़ूँगा. जेया बोल मा को की मुझे अपनी बेहन के साथ तेरी इसी सहेली को छोड़ना है.

रत्ना: कैसा बहनचोड़ भाई है!

मैने देखा की रत्ना ने अपनी सहेली से कुछ कहा और हेमा ने मेरी तरफ मुस्कुराते हुए देखा और आँखें झुका की.

21 दिन बाद हमारी शादी हो गयी. शादी की चौथी रात हेमा को छोड़ने में मेरी गांद फटत गयी. बिल्कुल ही कोरी माल थी. उसने कहा की मुझसे पहले उसको किसी ने च्छुआ भी नही था. पहली रात हमने टीन बार चुदाई की, लेकिन उसके ही शर्तो पर.

मैं कभी उसके कपड़े नही उतरूँगा, ना कभी लोड्‍ा चुसवाने की कोशिश करूँगा, और ना कभी उसकी छूट में अपना मूह ही लगौँगा. ना ही कभी उसको झांट सॉफ करने के लिए कहूँगा. इसके अलावा मैं जितनी बार चाहु उसको छोड़ सकता था.

थॅंक गोद उसने ये कंडीशन नही लगाया की हमेशा अंधेरे में ही चुदाई होगी.

मैं जिस तरह से चाहता था, उसको पूरा नंगा करके, और ओरल मस्ती के साथ चुदाई नही कर सकता था. मैं इससे ही बहुत खुश था, की जब चाहु चूची दबा सकता था, चूचियों को चूस सकता था, और जितना चाहु उसकी बर में लोड्‍ा पेल सकता था.

इस तरह ढाई-टीन महीने गुज़र गये. मैने अपनी ख़ास कोलीग को अपनी समस्या बताई. उसने मुझे कुछ कॅप्सुल्स दिए, और बोली की अगर हेमा को विस्की या रूम के साथ एक कॅप्सुल खिला डू, तो फिर वो किसी तरह का अपोज़ करने की कंडीशन में नही रहेगी, और किसी घटिया रंडी से भी घटिया तरीके से चुदाई करेगी.

हम दोनो के अलावा घर में एक लड़का था भीमा, जो उसके ही गाओं का था. एक शनिवार की रात मैने उसको बहुत रिक्वेस्ट की, तो वो विस्की पीने को रेडी हो गयी.

उसने कहा: शादी की एक रात पहले सब सहेलियो ने पार्टी की थी, जिसमे सब ने और आपकी बेहन रत्ना ने भी विस्की पी थी.

मैने विस्की में सोडा मिलाया, और उसको आइस क्यूब्स लाने को कहा. जब तक वो आइस क्यूब्स लाती, मैने एक ग्लास में वो कॅप्सुल डाल दिया. हमने 2 ग्लास बनाए था.

लेकिन हेमा ज़िद पर आड गयी की पहले मैं उसके ग्लास से सीप लू, और उसके होंठो को चूस्टे हुए उसके मौत में डालु. मैने सोचा की हेमा की ग्लास की विस्की हेमा के ही मौत में जाएगी. ये सोच कर मैं मान गया.

जिस ग्लास में कॅप्सुल था उस ग्लास से एक बड़ा घूँट विस्की का मैं लेता था, और उसके होंठो को चूमते हुए उसके मौत में डाल देता था. इस तरह मैने हेमा को 2 डबल पेग पिलाया. मैने भी 2 पेग लिए.

जल्दी ही हेमा को नशा चढ़ने लगा. मैं उसको बाहों पर उठा कर मास्टर बेडरूम में ले गया, और पैर से ही डोर को टाइट्ली पुश किया. मैं बेड पर उसके कपड़े खोलने लगा.

हेमा: मुझे मेरी कंडीशन के हिसाब से छोड़ना है तो छोड़ो, नही तो मुझे सॉन दो.

साली ने 2 डबल पेग पिए थे, वो भी कॅप्सुल के साथ, फिर भी उसको आस-पास की पूरी खबर थी. और उस रात भी मुझे ना कपड़ा खोलने दिए, और ना ही लोड्‍ा चूसा. लेकिन उसके उपर नशा चढ़ गया था. मेरे उपर भी नशा था.

रोज की तरह चुदाई होने लगी, और हेमा हर धक्के पर सिसकारी, लाउड सिसकारी मारने लगी. उसकी लाउड सिसकारी की आवाज़ तो मुझे एग्ज़ाइट कर ही थी, बाहर सोए नौकर भीमा की भी नींद खुल गयी.

उसने इधर-उधर देखा, तो उसको मालूम हो गया की औरत की मस्त सिसकारी, आ, अफ, बहुत मज़ा आ रहा है, की आवाज़ कहा से आ रही थी.

भीमा उठा और हिम्मत करके बेडरूम के दरवाज़ा को पुश किया. दरवाज़ा खुल गया. भीमा ने और हिम्मत दिखाई, और धीरे-धीरे दरवाज़ा खोल कर रूम के अंदर आ गया. रूम में लाइट ओं थी. उसने दरवाज़े को फिरसे बंद कर दिया.

भीमा ने देखा की उसके साहब बिल्कुल नंगे थे. हेमा की सारी और पेटिकोट कमर तक उठ गया थे. लाइट में हेमा की गोरी, चिकनी जाँघ चमक रही थी. भीमा को अपनी दीदी हेमा की मांसल जांघें परेशन करने लगी.

वो जवान हो चुका था, गाओं में रहता था, और गाओं में सेक्स की बातें काफ़ी फ्रीली होती है. भीमा पहली बार चुदाई देख रहा था. उसने देखा की साहब हेमा की गोरी और गोल-गोल चूचियों को दबाते हुए अपना लोड्‍ा बर में पेल रहे थे.

भीमा मूह में बड़बड़ाया: अफ, दीदी की जांघें और चूचियाँ कितनी सुंदर है और मोहक है.

चुदाई कर रहे दोनो नशे में थे. उन्हे खबर नही हुई की एक जवान लड़का बहुत ही नज़दीक से उनकी चुदाई को देख रहा था. भीमा अपनी जगह पर खड़ा होकर चुदाई देखता रहा. ना उसने कोई आवाज़ की, और ना ही हेमा को छ्छूने की कोशिश की.

वो तोड़ा और नज़दीक आया. अब वो आराम से विकास के लोड को हेना की बर के अंदर बाहर होता दीख रहा था. भीमा को बहुत गर्मी लगने लगी. हेमा की मस्ती भारी सिसकारियाँ उससे और गरम करने लगी.

चुदाई देखते-देखते उसने अपने कपड़े खोल डाले. भीमा नंगा हो गया. अपने आप उसका हाथ अपने लोड पर गया. उसने लोड को 2-3 बार सहलाया. इससे पहले भीमा ने कभी मूठ नही मारी थी. उस समय भी उसने मूठ नही मारी, और सिर्फ़ हौले-हौले सहलाया.

उसने मूह में कहा: मेरा लोड्‍ा शायद साहब के लोड से लंबा भी है, और मोटा भी. मैं भी अपनी मालकिन हेमा दीदी के साथ ऐसा ही करूँगा, जैसे साहब कर रहे है.

उसको ये मालूम था की जब मर्द का लोड्‍ा औरत की बर के अंदर घुसता है, और अंदर-बाहर होता है, तो बहुत मज़ा आता है. उसने गाओं में ये भी सुना था की हेमा के बाबू जी गाओं की बहुत सी औरतों और लड़कियों को छोड़ते थे.

भीमा के घर के सभी मर्द और औरत हेमा के बाबू जी के लिए काम करते थे. भीमा को नही मालूम था, लेकिन हेमा बढ़िया से जानती थी, की उसके बाबू जी और दोनो काका भीमा की बहनो और उसकी मा को रेग्युलर्ली छोड़ते थे.

हेमा ने काई बार ऐसी चुदाई देखी भी थी. उसने देखा था की चुदाई के समय ना कोई औरत अपने पुर कपड़े खोलती थी, ना कोई लोड्‍ा चूस्टी थी, और ना ही कोई मर्द औरत की बर चाटने की बात करता था.

हेमा ने जितनी भी औरतों की चुदाई देखी थी, उसने देखा था की सभी औरतों की झाँते थी. और गाओं की औरतों की चुदाई की वही पिक्चर उसके दिमाग़ में बैठ गयी थी.

रत्ना और हेमा दोनो स्कूल से ही सहेलिया थी. लेकिन रत्ना मॉडर्न ख़यालो की थी, जब की हेमा ग़ज़ब की खूबसूरत थी. रत्ना की शादी हो चुकी थी, और वो अपने हज़्बेंड की हर बात मानती थी. पूरी नंगी होकर चुड़वति थी, लोड्‍ा भी चूस्टी थी, और छूट भी हमेशा चिकनी रखती थी.

दोनो सहेलियों में सेक्स की बातें अक्सर होती थी, और हेमा ने रत्ना से कहा था, की उसका भाई बढ़िया चुदाई करता था, और उससे वो बहुत खुश थी. उस समय तक हेमा का कोई एक्सट्रा मॅरिटल अफेर नही था.

लेकिन रत्ना शादी के पहले और बाद में भी दूसरो के साथ भी चुदाई का मज़ा लेती थी. रत्ना को अपने भाई विकास की पर्सनॅलिटी बहुत पसंद थी. विकास को मालूम था की उसकी बेहन एक आदमी के साथ सेक्स पर विश्वास नही करती थी.

विकास ने उसको अश्यूर किया था की बेहन के अफेर्स के बारे में कभी किसी से कुछ नही कहेगा. और ये अश्यूरेन्स पाने के बाद रत्ना अपनी चुदाई की बातें डीटेल में विकास से शेर करती थी. रत्ना चाहती थी की भाई उसकी जवानी में इंटेरेस्ट दिखाए, उसको छोड़ने की बात करे.

लेकिन भाई ने कभी अपनी बेहन को छोड़ने के बारे में सोचा भी नही. पर दोनो भाई बेहन आपस में ही नही अपनी मा रेवती के साथ भी खुल कर सेक्स की, छूट, लंड की बातें करते थे.

और यहा भीमा नंगा होकर अपनी खूबसूरत मालकिन हेमा की चुदाई देख रहा था. हेमा की मस्ती भारी सिसकारी तभी बंद हुई जब विकास ने धक्का मारना बंद किया और बर में रस्स गिराया.

हेमा: ओह विकास, आज तो चुदाई में बहुत ही ज़्यादा मज़ा आया. बीच-बीच में ऐसे ही शराब पीला कर छोड़ो. बहुत बढ़िया लगा. अब थोड़ी देर सो जाओ, मैं फिर लूँगी.

विकास: हा रानी, बहुत ही ज़्यादा मज़ा आया. तुम बहुत ही मस्त माल हो.

शराब या कॅप्सुल का जो असर हुआ हो वो दोनो की आवाज़ से ही मालूम हो रहा था. लेकिन दोनो में से किसी को भी होश नही था की रूम के दरवाज़ा के पास घर का नौकर भीमा खड़ा था. उसका लोड्‍ा अपने मालिक की बेटी की बर में घुसने के लिए तड़प रहा था.

भीमा ने रूम में घुसने के बाद डोर को टाइट्ली पुश कर दिया था. भीमा को इंतेज़ार करने का फल मिला. चुदाई ख़तम होने के कुछ ही देर बाद भीमा को दोनो की सॉफ्ट स्नोरिंग सुनाई पड़ने लगी. विकास का लोड्‍ा बिल्कुल ढीला हो गया था, और हेमा की चूचियाँ रिदम में उपर नीचे होने लगी थी.

आयेज की कहानी अगले पार्ट में.