बेटी की चूत और गांद फाड़ने की सेक्सी कहानी

बेटी की चूत और गांद फाड़ने की सेक्सी कहानीही रीडर्स, मैं हू मनोज कुमार. मैं अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके आया हू. पिछले पार्ट में आप सब ने पढ़ा, की कैसे मैं सोनम के कमरे में गया, और उसको प्यार करना शुरू कर दिया. अब आगे चलते है.

मैं सोनम की शॉर्ट्स साइड करके उसकी छूट चाट रहा था. मेरी थूक से उसकी छूट गीली हो चुकी थी. कुछ पानी उसकी छूट से भी निकल रहा था. चाहे वो सो रही थी, लेकिन गर्मी तो उसको भी चढ़ रही होगी.

फिर मैने उसकी शॉर्ट्स को कमर से पकड़ा, और धीरे-धीरे बड़ी ही सावधानी से उसकी शॉर्ट्स को नीचे उतारने लगा. मुझे 5 मिनिट लग गये उसकी शॉर्ट्स उतारने में. लेकिन मैने उसको बिना जगाए ये काम कर दिया.

अब मेरी बेटी मेरे सामने आधी नंगी थी. उसकी कुवारि छूट अब मेरे सामने थी. फिर मैने जल्दी से अपने कपड़े उतारे, और उसके उपर आ गया. मेरा बड़ा मोटा लंड अब उसके जिस्म से टच हो रहा था.

मैने उसकी टांगे धीरे से खोली, और लंड उसकी छूट पर रगड़ने लग गया. जैसे ही लंड उसकी छूट के च्छेद पर अटका, वो जाग गयी. मैने उसी वक़्त एक ज़ोर का धक्का मारा, और लंड का टोपा उसकी छूट में घुसा दिया.

उसकी चीख निकालने लगी, और मैने अपने होंठो से उसके मूह को बंद कर दिया. मैं नीचे से ज़ोर लगता गया, जिससे धीरे-धीरे पूरा लंड मेरी बेटी की चुड में समा गया.

वो दर्द से तड़प रही थी, और काँप रही थी. लेकिन मैने ना तो उसके होंठ छ्चोढे, और ना हो लंड पर ज़ोर देना. वो मुझे धक्के मार कर पीछे हटाने की कोशिश कर रही थी. लेकिन मेरा वेट ज़्यादा था, और वो नीचे डब्बी हुई थी.

उसकी छूट से खून बहने लगा था, लेकिन मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था. फिर 3-4 मिनिट में वो तोड़ा शांत हुई. अब मेरा लंड उसकी छूट फाड़ कर जगह बना चुका था.

फिर मैने अपने होंठ उसके होंठो से अलग किए, और लंड से हल्के-हल्के धक्के लगाने लगा. जैसे ही उसके होंठ आज़ाद हुए वो बोली-

सोनम: पापा ये क्या है! मैं आपकी बेटी हू. बाहर निकालिए पापा, दर्द हो रहा है!

मैं: बेटी मुझे तुझे छोड़ना है. तुझे देख-देख कर मैं पागल हो जौंगा. पापा को छोड़ने दो ना.

सोनम: नही आहह शरम करो पापा आहह.

मैं: जब तुझे बाप-बेटी सेक्स की वीडियोस देखने में शरम नही आई, तो मैं शरम क्यूँ करू? वैसे भी तो तू उंगली करती है. आ मेरी बड़ी उंगली से तेरी छूट की प्यास बुझा डू.

जब सोनम को पता चला की मुझे उसके वीडियो देखने का पाता था, तो वो चुप हो गयी. अब मैने अपने धक्को की स्पीड बढ़ा दी, और 3-4 ज़ोर के धक्के लगा कर पूरा लंड उसकी छूट में डाल दिया. सोनम कुछ रिक्ट नही कर रही थी, और दर्द की वजह से उसकी आँखों में से आँसू निकल रहे थे.

मुझे इस सब से क्या लेना था, मुझे तो बस अपने लंड की प्यास बुझानी थी. फिर मैने उसकी टांगे मोड़ ली, और ज़ोर-ज़ोर से उसकी छूट में धक्के मारने लगा. उसकी छूट में से काफ़ी पानी निकल रहा था, जिससे लंड आराम से अंदर-बाहर हो रहा था.

मैने साथ-साथ उसके निपल्स भी चूसने शुरू कर दिए. बहुत मज़ा आ रहा था. थोड़ी देर में सोनम की आहें तेज़ हो गयी, और वो भी अपनी गांद हिला कर मेरा साथ देने लगी. फिर मैने उसकी आँखों में देखा.

उसकी आँखें मुझे बता रही थी, की अब मेरी बेटी मुझे अपनी छूट के मालिक के रूप में कबूल कर चुकी थी. मैने अपने होंठ उसके होंठो से मिलाए, और धक्के मारता रहा. वो भी ज़ोर-ज़ोर से मेरे होंठ चूसने लग गयी.

अब हम दोनो को चरम सुख मिल रहा था. अपनी बेटी को छोड़ने के मज़े का एहसास वही बाप महसूस कर सकता है, जिसने उसको छोड़ा हो.

मैं कभी उसके होंठ चूस रहा था, कभी गर्दन चूम रहा था, कभी बूब्स दबा कर चूस रहा था, कभी उसकी बगल चाट रहा था. वो 2 बार झाड़ चुकी थी, और उसकी छूट इतनी गीली थी, की छाप-छाप की आवाज़ आ रही थी.

अब मेरा भी पानी निकालने वाला था. मैने अपना लंड जल्दी से उसकी छूट से निकाला, और उसकी छाती पर बैठ कर उसके मूह में डाल दिया. पूरा लंड उसके मूह में जाने से उसकी साँस रुक रही थी.

फिर मैने उसके बालों से उसके सर को आयेज-पीछे करना शुरू किया, जिससे मेरा लंड उसके मूह में अंदर बाहर होने लग गया. बड़ा मज़ा आ रहा था. ऐसा एहसास पहली बार हो रहा था.

जिस लड़की को मैने गोद में खिलाया था, वो आज मेरा लंड चूस रही थी. शायद बाप के प्यार का क़र्ज़ चुका रही थी. फिर 15-20 धक्को में मेरा पानी उसके मूह में निकल गया. पानी उसके गले में जाने से वो खाँसने लगी, जिससे सारा पानी बाहर आ गया, और उसके मूह पर फैल गया.

फिर मैं उसकी साइड में लेट गया. वो उठी, और बातरूम में जाके अपने आप को सॉफ करने लगी. जब वो जेया रही थी, तो मेरी नज़र उसकी गांद की तरफ थी. मुझे उसकी गांद भी फादनी थी, तो मैं आज ही सब करना चाहता था.

जब तक वो वापस आई, मेरा लंड फिरसे खड़ा हो चुका था. फिर वो आके मेरे पास लेट गयी. मैने पास से एक क्रीम पकड़ कर अपने लंड पर लगाई. फिर मैने जल्दी से उसके उपर लेट कर उसको उल्टा किया, और इससे पहले वो कुछ समझ या कर पाती, मैने लंड गांद के च्छेद पर सेट करके ज़बरदस्त धक्का लगाया.

उसकी गांद का च्छेद सूखा था, तो उसकी तो दर्द से जान ही निकल गयी. वो ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने लगी. शूकर है बाकी सब सो रहे थे. मैने कुछ नही सोचा, और धक्के मारता गया. वो चिल्लती गयी, और लंड अंदर घुसता गया. फिर वो बेहोश हो गयी, और उसकी गांद से खून निकालने लगा.

लेकिन मैने अपना काम जारी रखा, और धक्के मारता रहा. फिर जब तक वो होश में आई, उसकी गांद का भोंसड़ा बन चुका था. अब लंड आराम से अंदर-बाहर हो रहा था. उसको गांद में जलन हो रही थी, लेकिन मज़ा भी आ रहा था.

अगले 20 मिनिट उसकी पलंग-तोड़ चुदाई के बाद मैने उसकी गांद को अपने माल से भर दिया. इस चुदाई के बाद वो बहुत तक गयी थी, और वो मेरे पास ही सो गयी. मैं भी वही सो गया.

इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. कहानी का मज़ा आया हो, तो कॉमेंट में ज़रूर बताए.