बेटी को चोदने बाप पहुँचा उसके बेडरूम में

ही रीडर्स, मैं हू मनोज कुमार. मैं अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके आया हू. पिछले पार्ट में आप सब ने पढ़ा था, की कैसे मेरे मॅन में अपनी बेटी सोनम के लिए हवस जाग गयी.

फिर मैने टीना को अपनी बेटी समझ कर छोड़ा, और ये फैंसला किया, की अब मुझे कैसे भी करके अपनी बेटी को छोड़ना था. अब बढ़ते है आयेज-

अगले दिन जब मैं सुबा उठ कर बातरूम गया, तो कोई पहले से बातरूम में गया. घर में सबसे पहले मैं ही उठता हू, तो मुझे समझ नही आया की आज कों था, जो मुझसे पहले उठ कर बातरूम में घुसा हुआ था.

फिर मैं सामने हॉल में जाके चेर पर बैठ गया, और अंदर वाले के बाहर आने का इंतेज़ार करने लग गया. 5 मिनिट बाद बातरूम का दरवाज़ा खुला, और जो मैने देखा, उससे मेरा लंड टाइट हो गया. सोनम अंदर से टवल लपेट के बाहर आ रही थी.

मैं उसको देखता ही रह गया. ब्राउन टवल में उसका गोरा शरीर क्या कमाल का लग रहा था. उसकी स्किन पर बहती पानी की बूंदे पीने को दिल कर रहा था. उसके बाल भी भीगे हुए थे, और दिल कर रहा था उनको पकड़ कर खींचने का.

उसकी क्लेवगे में मूह, और होंठो में लंड घुसने का दिल कर रहा था. उसकी गोरी और सेक्सी जांघों को हवा में उठा कर उसकी छूट में लंड घुसने का दिल कर रहा था. अगर आप सब मेरी जगह होते, तो आप क्या करते दोस्तों, मुझे कॉमेंट करके बताइएगा.

फिर मैं बातरूम गया, और सबसे पहले मैने उसके बारे में सोच कर मूठ मारी. उसी दिन रात के टाइम जब सब डिन्नर कर रहे थे, तब मैने सोनम को उपर से नीचे तक देखा.

ब्लॅक शॉर्ट्स पहने हुए मेरी बेटी की जांघें कमाल की लग रही थी. ब्लू त-शर्ट में उसके मस्त बूब्स खड़े हुए मुझे अपने पास बुला रहे थे. अब मुझसे रुका नही जेया रहा था, और मुझे अपनी बेटी की गरम छूट से अपने लंड की प्यास बुझानी थी.

फिर आख़िरकार मुझे वो मौका मिल ही गया. मैं एक रात 2 बजे उठा, और सस्यू करने वॉशरूम गया. सस्यू करने के बाद मैने सोचा क्यूँ ना सोनम को देख लिया जाए. ये सोच कर मैं उसके रूम के बाहर गया, और अंदर झाँकने लग गया.

उसके रूम का दरवाज़ा तो नही खुला था, तो मैने कीहोल में से अंदर देखना शुरू किया. मैने देखा की सोनम जाग रही थी, और मोबाइल चला रही थी. वो बेड की बॅक पीठ टीका कर बैठी थी, और उसका फोन उसने टाँगो के बीच करके पकड़ा हुआ था.

मुझे सोनम सामने दे दिख रही थी, लेकिन उसका मोबाइल नही दिख रहा था. तभी मैने देखा, की सोनम अपना एक हाथ अपनी छूट पर लाई, और पाजामा (उसने वाइट लूस पाजामा, और कुर्ता पहना था गर्ल्स वाला) के उपर से ही अपनी छूट रग़ाद रही रही थी.

मैं ये देख कर समझ गया, की वो मोबाइल पर ही कुछ देख कर अपनी छूट रग़ाद रही थी. लेकिन वो क्या देख रही थी, ये मुझे पता नही चल रहा था. फिर मैं घर के बाहर गया, और बाहर वाली खिड़की, जो उसके रूम में खुलती थी, वाहा से झाँकने लगा.

अब मुझे उसका मोबाइल दिखने लगा. और उसके मोबाइल पर जो चल रहा था, उसको देख कर मेरी खुशी का ठिकाना नही रहा. उसके मोबाइल पर पॉर्न वीडियो चल रही थी, और वो भी दाद आंड डॉटर वाली. अब मुझे अपना रास्ता आसान लगने लग गया था.

मैने सोचा हो ना हो, वो मेरे बारे में भी कुछ ना कुछ ऐसा सोचती ही होगी. और अगर ऐसा ना भी हुआ, तो उसका देखना ही काफ़ी था. अब वो रात आने वाली थी, जब मेरा लंड अपनी ही बेटी को छोड़ने वाला था.

अगली रात मैं डिन्नर के बाद किचन में गया. मैं कभी-कभी सबको अपना स्पेशल शेक बना कर पिलाता हू. उस दिन भी मैने वैसे ही किया. मैने सब के लिए शेक बनाया. लेकिन मैने अपनी बीवी और बेटे के शेक में नींद की गोलियाँ मिला दी.

सोनम को मैं उसके जागते हुए छोड़ना चाहता था, इसलिए उसके शेक मैं मैने कुछ नही मिलाया. फिर गोली वाले ग्लास मैने अपनी बीवी और बेटे को दे दिए, और नॉर्मल शेक वाले ग्लासस मैने और सोनम ने लिए. शेक पीक सब सोने चले गये.

आधे घंटे बाद मैने अपनी बीवी को चेक किया, और वो गहरी नींद में थी. फिर मैं बेड से उठा, और बेटे के कमरे में जाके उसको चेक किया. वो भी सो रहा था गहरी नींद में. अब मैं कुछ भी करने के लिए आज़ाद था.

मैं सोनम के रूम के बाहर गया, और अपने वाली चाबी से उसके रूम का दरवाज़ा खोला. फिर मैने अंदर झाँक कर देखा, तो वो भी सो चुकी थी. मैं हल्के-हल्के से अंदर गया, और दरवाज़ा अंदर से लॉक कर दिया. फिर मैं उसके पास गया.

क्या मस्त लग रही थी वो सोई हुई. उसने शॉर्ट और त-शर्ट पहनी हुई थी, और ना उसने ब्रा पहनी थी, और ना ही पनटी. इससे मेरा काम और आसान हो गया. मैं पहले उसकी कोमल जांघों पर हाथ फेरने लगा.

क्या मुलायम जांघे थी मेरी बेटी की. फिर मैने उसकी गांद के उपर शॉर्ट्स के उपर से किस किया. बड़ी सॉफ्ट गांद थी उसकी. फिर मैने अपना मूह शॉर्ट्स के उपर से उसकी छूट पर लगाया, और उसको सूंघने लग गया.

इतनी मदहोश करने वाली खुश्बू आ रही थी, की मैं क्या बतौ. ये वही छूट थी, जो मेरे लंड के माल से ही बनी थी. और आज इसमे ही मेरे लंड का माल जाने वाला था. फिर मैं उपर गया, और उसकी त-शर्ट थोड़ी उपर की.

मैने अपना मूह उसकी कमर पर लगाया, और उसकी नाभि को हल्के से चूमा. उसके निपल्स उसकी त-शर्ट पर अपनी शेप बना रहे थे, और सॉफ दिखाई पद रहे थे.

फिर मैने उसकी त-शर्ट थोड़ी और उठाई, और उसके एक बूब के उपर कर दी. मी गोद! क्या बड़ा निपल था मेरी बेटी का. उसके निपल को देखते ही मेरे मूह में पानी आ गया. शायद आपके मूह में भी पानी आ रहा होगा.

फिर मैने अपनी जीभ निकली, और उसके निपल पर फेरने लगा. वाह! क्या स्वाद था, एक-दूं मस्त. मैं अपनी जीभ उसके पुर बूब पर घूमने लगा, और उसकी अंडरआर्म को भी चाटने लगा. मेरी बेटी में बहुत नमक था.

फिर मैं दोबारा नीचे आया, और उसकी शॉर्ट्स को साइड से उठा कर अपनी जीभ अंदर घुसा दी. अब मेरी जीभ उसकी छूट तक पहुँच चुकी थी. मैने उसकी छूट को चाटना शुरू कर दिया. बहुत स्वादिष्ट थी उसकी छूट. मैं तो उसकी छूट चाट कर ही सातवे आसमान पर पहुँच गया था. पता नही आयेज कितना मज़ा आने वाला था.

लेकिन वो मज़ा लेने के लिए आपको अगले पार्ट की वेट करनी पड़ेगी. ये कहानी कैसी लगी मुझे ज़रूर बताए. मज़ा आया हो तो इसको अपने दोस्तों में भी शेर करे.