पत्नी ने पति से कामवाली चुडवाई

ही फ्रेंड्स, मेरा नाम अंकुश है. मैं गोआ में रहता हू. मेरी उमर 34 साल है, और मैं एक शादी-शुदा और बच्चे वाला आदमी हू. मेरी बीवी का नाम प्रीति है, और हम एक-दूसरे को बहुत प्यार करते है. मेरा लंड 8 इंच का है, जिससे मैं अपनी बीवी की छूट और गांद को बहुत छोड़ता हू.

कुछ महीने पहले मेरी बीवी प्रेग्नेंट हो गयी थी. जब उसकी प्रेग्नेन्सी के 6 महीने हो गये तो मैने उसको घर का काम करने से माना कर दिया. फिर हमने घर के काम के लिए एक मैड अपायंट की जिसका नाम प्रिया था.

प्रिया एक 26 साल की डाइवोर्स लड़की थी. उसका हज़्बेंड उसको दारू पीक मारता था, तो उसने उससे डाइवोर्स ले लिया. अब वो अपनी मा के साथ ही रहती थी. दिखने में प्रिया काफ़ी सेक्सी थी. उसका रंग ठीक-ताक गोरा, और फिगर सेक्सी था. उसका साइज़ तकरीबन 34-30-36 था. वो ज़्यादातर लूस पाजामा और त-शर्ट ही पहनती थी.

अब मैं ऑफीस चला जाता था, और पीछे प्रीति प्रिया से सारा काम करवा लेती थी. कुछ दिन ऐसे ही चलता रहा. फिर एक दिन सनडे को जब मैं घर पर था, तो कुछ अलग हुआ.

मैं सुबा नहा-धो कर हॉल में आया, तो प्रीति छाई पी रही थी. मुझे आता देख उसने एक कप छाई मेरे लिए भी बना दी. फिर मैं भी उसके साथ सोफा पर बैठ कर छाई पीने लगा. हम छाई पीते-पीते बातें करने लग गये. तभी प्रिया सफाई करने के लिए हॉल में आई.

उसके हाथ में वॅक्यूम क्लीनर था, जिससे वो सफाई कर रही थी. जब वो सफाई कर रही थी, तभी मेरा ध्यान अचानक से उस पर पड़ा. जैसे की मैने बताया की वो हमेशा पाजामा और त-शर्ट पहनती थी, तो उस दिन भी उसने ब्लॅक पाजामा और रेड त-शर्ट पहनी थी. उसकी त-शर्ट लूस थी, और गला भी डीप था.

जब वो टेबल के नीचे से क्लीन करने के लिए झुकी, तो उसकी त-शर्ट का गला खुल गया, और उसके सेक्सी बूब्स की डीप क्लीवेज नज़र आने लगी. जब से प्रीति प्रेग्नेंट हुई थी, तब से हमने सेक्स नही किया था. मैने ज़्यादा मास्टरबेट भी नही किया था. जब मेरी नज़र प्रिया के बूब्स पर पड़ी, तो मेरे शरीर में करेंट सा लगा.

मेरा लंड खड़ा हो गया, और उसके सॉफ्ट बूब्स को देख कर मेरे मूह में पानी आने लगा. मेरी नज़र उसके बूब्स से हॅट ही नही रही थी, और मैं टकटकी लगाए हुए उधर ही देखता रहा.

तभी प्रीति की नज़र मेरी नज़र पर पड़ी, और उसने मुझे प्रिया के बूब्स को घूरते हुए देख लिया. लेकिन उसने उसी वक़्त मुझसे कुछ नही किया. 10 मिनिट बाद जब प्रिया सफाई करके चली गयी, तो प्रीति बोली-

प्रीति: बहुत दिल कर रहा है ना?

मैं: क्या मतलब?

प्रीति: सेक्स करने का बहुत दिल कर रहा है ना?

मैं: हा, क्यूँ?

प्रीति: तभी तो उसके बूब्स को आँखों ही आँखों में पी रहे थे.

उसकी बात सुन कर मैं समझ गया की उसने मुझे प्रिया के बूब्स घूरते देख लिया था. फिर मैने मुस्कुराते हुए कहा-

मैं: बहुत देर हो गयी ना कुछ किया नही, तो बस ध्यान चला गया. डॉन’त वरी बात सिर्फ़ देखने तक ही रहेगी. मैं चीट नही करूँगा तुम्हे.

प्रीति: अगर मैं तुमको उसको छोड़ने की पर्मिशन डू, तो छोड़ोगे उसको?

मैं: ये क्या बात कर रही हो. मैं ऐसा कुछ नही करने वाला.

प्रीति: अंकुश तुम बहुत लायल हो. इसको अपनी लायल्टी का इनाम समझ लो.

मैं: अगर मैं हा बोल भी डू, तो वो कों सा मुझसे चूड़ने के लिए तैयार बैठी है.

प्रीति: उसको मैं माना लूँगी, तुम बस हा बोलो.

मैं: ठीक है फिर, ऐसा ही सही.

फिर प्रीति अंदर चली गयी किचन में. प्रिया वाहा पहले से ही थी. अगले 10 मिनिट में दोनो किचन से बाहर आई और दोनो मेरे पास आके खड़ी हो गयी. फिर प्रीति प्रिया से बोली-

प्रीति: आज खुश कर देना अपने मलिक को.

मुझे समझ नही आ रहा था की वो उससे क्या कह रही थी. प्रीति फिर अंदर चली गयी, और प्रिया मुझे देख कर स्माइल करने लगी. मुझे अभी भी समझ नही आ रहा था की क्या हो रहा था. फिर एक-दूं से प्रिया ने अपनी त-शर्ट उतार दी. उसके ऐसा करने से मैं हैरान हो गया. उसने नीचे मरून ब्रा पहनी थी, जिसमे उसके काससे हुए बूब्स बहुत सेक्सी लग रहे थे. फिर वो बोली-

प्रिया: सिर आपको मेरे बूब्स पसंद है ना.

इससे पहले मैं कुछ बोलता, प्रिया ने ब्रा भी उतार दी. अब उसके बूब्स मेरे सामने नंगे लटक रहे थे. फिर वो मेरी गोद में बैठ गयी, और मेरा हाथ पकड़ कर अपने एक बूब पर रख दिया. मैं समझ गया की मैं उसको छोड़ सकता था. मैने तभी उसके निपल को मूह में डाला, और उसको पागलों की तरह चूसने लगा. प्रिया मेरा सर अपने बूब्स में दबाने लगी, और आ आ करने लगी.

मैने उसके दोनो बूब्स को चूस-चूस कर लाल कर दिया, और उसके होंठ भी चूज़. फिर वो खड़ी हो गयी, और मेरे सामने घुटनो पर बैठ गयी. मैने जल्दी से अपनी पंत और अंडरवेर उतार दिए, और अब मेरा खड़ा लंड उसको सलामी दे रहा था.

उसने मेरा लंड हाथ में लेके हिलाया, और फिर उसको मूह में डाल कर चूसने लगी. आह, क्या मज़ा आ रहा था. बहुत देर बाद मेरा लंड किसी के मूह में गया था. कुछ देर उसने ऐसे ही मेरे लंड को चूसा, और पूरी तरह से चिकना कर दिया.

फिर वो खड़ी हुई, और मेरी तरफ पीठ करके उसने अपना पाजामा और पनटी निकाल दी. अब वो पूरी नंगी थी. उसकी गांद मस्त थी. फिर उसने अपने हाथ पर थूक लेके अपनी छूट पर लगाई, और मूह दूसरी तरफ किए हुए ही मेरी गोद में बैठने लगी.

वो झुकी, और अपनी टाँगो के बीचे में से हाथ निकाल कर मेरा लंड पकड़ा. फिर उसने लंड अपनी छूट पर सेट किया, और धीरे-धीरे उस पर बैठ गयी. मेरा पूरा लंड अब उसकी छूट में था, और वो मेरी गोद में बैठी थी. उसका मूह दूसरी तरफ था.

उसकी छूट का गरम एहसास बहुत मज़ा दे रहा था. फिर वो आयेज-पीछे होके मेरा लंड छूट में अंदर-बाहर करने लगी. बहुत मज़ा आ रहा था. फिर मैने उसको बाहों में भरा, और चुदाई की स्पीड बढ़ा दी.

कुछ देर ऐसे ही छोड़ने के बाद मैने उसको सोफा पर ही उल्टा लिया दिया. फिर मैं उसके उपर लेट गया, और पीछे से लंड उसकी छूट में डाल दिया. वो आ आ करती रही, और मैं उसकी छूट में लंड पेलता रहा. आधा घंटा छोड़ने के बाद मैने लंड निकाला, और माल उसकी गांद पर निकाल दिया.

फिर मैं अपनी बीवी के पास गया, और उसका शुक्रिया किया. उसने अपने पर्स से 5000 रुपय निकाले, और प्रिया को देते हुए बोली-

प्रीति: ये लो तुम्हारे पैसे, और कल से काम पर मत आना.

प्रिया प्रीति की इस बात पर हैरान हो गयी. फिर वो चुप-छाप कपड़े पहन कर चली गयी.

दोस्तों कहानी का मज़ा आया हो, तो इसको आयेज भी शेर करे.