कुँवारी नौकरानी की पलंग-तोड़ चुदाई की कहानी

ही फ्रेंड्स, मेरा नाम पंकज है. मैं 28 साल का हू, और देल्ही से हू. मेरी हाइट 5’9″ है, और रंग गोरा है. दिखने में मैं अछा हू. लंड मेरा 7 इंच का है. मुझे चुदाई का बहुत चस्का है. इस कहानी में मैं आपको बतौँगा, की कैसे बीवी के माना करने पर मैने कांवली को छोड़ कर अपनी प्यास बुझाई. तो चलिए कहानी शुरू करते है.

मेरी शादी 2 साल पहले हो चुकी है. मेरी बीवी काफ़ी सेक्सी है, और मुझे उसको छोड़ने में बहुत मज़ा आता है. मैं शुरू से ही चुदाई का बहुत शौकीन हू, और इसलिए मैने अपनी बीवी को बहुत छोड़ा. इतनी चुदाई के बाद भी मेरा चुदाई में से इंटेरेस्ट कम होने का नाम ही नही ले रहा था.

मेरी बीवी शुरू-शुरू में तो बिना कुछ कहे मुझसे चुड्ती थी. लेकिन धीरे-धीरे उसका चुदाई में से इंटेरेस्ट कम होने लगा. अब वो चुदाई में आना-कानी करने लगी थी. लेकिन फिर भी मैं उसको मना कर चोद देता था.

ये बात 6 महीने पुरानी है. आज कल मेरी बीवी चुदाई के लिए बिल्कुल माना करने लगी थी. हमारे घर में एक लड़की 5 सालों से काम करती थी. उसका नाम ऋतु था. जब उसने काम शुरू किया था, तब वो 17 साल की थी, लेकिन अब वो 23 साल की हो गयी थी. कोई ज़्यादा खूबसूरत नही थी वो, लेकिन बॉडी उसकी टाइट और सेक्सी थी.

एक दिन ऐसे ही मैं बीवी को छोड़ रहा था, तो अचानक से मेरी नज़र विंडो की तरफ गयी. मैने देखा की ऋतु विंडो पर खड़ी हमारी चुदाई देख रही थी. उसको देख कर मैं और ज़ोर-ज़ोर से अपनी बीवी की चुदाई करने लगा.

चुदाई ख़तम होने पर मैने घर में लगे कॅमरास की रेकॉर्डिंग चेक की. मैं जानना छाता था, की ऋतु पहली बार हमारी चुदाई देख रही थी, या पहले भी देख चुकी थी.

जब मैने रेकॉर्डिंग देखी, तो मुझे पता चला की वो पिछले 2 साल से ये सब कर रही थी. हमारी चुदाई के दौरान वो अपनी छूट को मसालती थी कपड़ों के उपर से और जब ठंडी हो जाती थी, तब वाहा से चली जाती थी. ये सब देख कर मेरे मॅन में उसके लिए गंदे ख़याल आने लगे.

फिर एक दिन रात के वक़्त मैं अपनी बीवी के साथ बेड पर बैठा था. मैं मोबाइल चला रहा था, और वो कोई बुक पढ़ रही थी. फिर मैं अपना एक हाथ उसके बूब्स पर ले गया, और दबाने लगा. उसने मेरा हाथ अपने बूब्स से हटा दिया.

फिर जब मैं उसको किस करने के लिए आयेज बढ़ा, तो उसने मुझे धक्का दे दिया. इससे मुझे गुस्सा आ गया, और हमारा झगड़ा स्टार्ट हो गया. उसको इस बात से प्राब्लम थी की मैं उसको रोज़ छोड़ना चाहता था, जिससे वो तक जाती थी.

मैं झगड़ा करके रूम से बाहर आ गया. उसके बाद मैं च्चत पर जाने लगा हवा खाने. सीडीयान चढ़ते हुए अचानक से मेरी नज़र ऋतु के रूम की तरफ गयी. उसको घर में ही एक छ्होटा रूम दिया हुआ था हमने.

उसके रूम का दरवाज़ा खुला हुआ था, और वो बेड पर दूसरी तरफ मूह करके सोई हुई थी. उसने येल्लो शर्ट और ब्लॅक लेगैंग्स पहनी थी. और जैसा की मैने बताया की उसका फिगर सेक्सी था, तो उसको देख कर मुझे गर्मी चढ़ने लग गयी.

फिर मैं वापस नीचे उतरा, और उसके रूम में चला गया. मैने अंदर जाके दरवाज़ा बंद कर लिया. दरवाज़ा बंद होने की आवाज़ से उसकी आँख खुली, और उसने पीछे मूड कर देखा. मुझे देखते ही वो उठ कर बैठ गयी.

मैने शॉर्ट्स और बनियान पहनी हुई थी. तभी मैने अपनी शॉर्ट्स और अंडरवेर नीचे किया, और मेरा लंड उछाल कर बाहर आ गया. फिर मैने उसको बोला-

मैं: चूस इसको.

वो बोली: भैया, ये आप क्या बोल रहे हो?

मैं: जो तुम हमारी चुदाई देख कर अपनी छूट सहलाती हो, सब पता है मुझे. चल आज तुझे मज़ा देता हू. चूस इसको चल.

उसने बिना कुछ बोले लंड अपने हाथ में लिया, और उसको चाटने लग गयी. फिर उसने लंड मूह में डाल लिया. उसका मूह काफ़ी गरम था. वो धीरे-धीरे लंड को चूसने लग गयी.

मैने फिर अपना हाथ उसके बालों में डाला, और ज़ोर-ज़ोर से उसके मूह को छोड़ने लग गया. एक हाथ से मैने उसके बूब्स दबाने भी शुरू कर दिए. उसकी साँस रुक रही थी, लेकिन मैं फिर भी उसका मूह छोड़े जेया रहा था. अछा हुआ हमारे घर में साउंड प्रूफ दरवाज़े लगे है, वरना आवाज़ बाहर चली जाती.

फिर मैने उसके मूह से लंड बाहर निकाला, और उसका शर्ट उतार दिया. मैने उसको बेड पर लिटाया, और खुद पूरा नंगा होके उस पर लेट गया. फिर मैं उसकी गर्दन चूमने चाटने लगा. उसके बाद मैने उसकी ब्रा खोल कर उसके बूब्स बाहर निकाल लिए और उनको चूसने लगा.

उसके बूब्स के निपल्स बिल्कुल काले-काले थे. लेकिन बूब्स बिल्कुल टाइट थे. फिर मैने उसकी पाजामी और कक़ची उतार दी. अब वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी. उसकी छूट पर थोड़े बाल थे, और छूट सील पॅक्ड थी.

मैने उसकी छूट पर लंड रगड़ा, और वो आहें भरने लगी. फिर मैने लंड छूट के मूह पर लगाया, और ज़ोर का धक्का मारा. इधर मेरा लंड उसकी सील तोड़ कर आधा अंदर घुस गया, और उधर उसकी ज़ोर की चीख निकली.

बड़ी टाइट छूट थी उसकी. मैने उसके मूह को अपने मूह से बंद किया, और उसको ताबाद-तोड़ छोड़ना शुरू किया. उसकी आवाज़ तो बंद कर दी थी मैने. लेकिन उसकी आँखों से निकले आँसू उसका दर्द बयान कर रहे थे.

फिर थोड़ी देर बाद उसका दर्द कम हुआ, और वो गांद उठा-उठा कर मेरा चुदाई में साथ देने लग गयी. मैने अपनी स्पीड और तेज़ कर दी. छाप छाप की आवाज़ आने लग गयी थी रूम में. कुछ देर में वो काँपने लगी, और मुझे अपने लंड पर उसकी छूट का गरम-गरम माल महसूस हुआ.

मैं समझ गया था की वो झाड़ गयी थी. लेकिन मेरा लंड अभी शांत नही हुआ था. फिर मैने उसको घोड़ी बनाया, और पीछे से उसकी छूट में लंड पेल दिया. फिर उसकी कमर पकड़ कर मैने ज़ोर-ज़ोर से उसकी चुदाई की.

बहुत मज़ा आ रहा था. ठप ठप की आवाज़े आ रही थी. कमरे में एसी नही था, तो हमारे पसीने की महक माहौल को और सेक्सी बना रही थी. 30 मिनिट उसको छोड़ने के बाद मैं झड़ने वाला था. मेरा दिल नही माना लंड बाहर निकालने का, तो मैने उसकी छूट को अपने माल दे भर दिया.

फिर मैं कपड़े पहन कर अपने रूम में चला गया. मेरी बीवी सोई हुई थी. उस दिन के बाद से मेरा जब दिल चाहता है, मैं उसको छोड़ लेता हू.

थे एंड.