आंटी के साथ एक्सर्साइज़ और घूमने का प्लान

डिन्नर के बाद वेटर बिल लेके आया. मैने निशा को रोका, और खुद कार्ड से पेमेंट की. फिर हम दोनो बाहर आ गये. बाहर आके निशा ने मुझसे पूछा की आइस-क्रीम खाओगे. मैने हा बोल दिया. फिर हम दोनो आइस-क्रीम खाने लगे.

बुत हल्की सी आइस-क्रीम निशा के बूब्स पे गिर गयी. ये उसके लिए ऑक्वर्ड सिचुयेशन थी. मैने फेस तुर्न किया, तब चुपके से देखा तो निशा ने रुमाल से बूब्स पे लगी आइस-क्रीम सॉफ की. मॅन किया मैं खुद अपने मूह से चाट के सॉफ कर डू.

फिर बिके पे बैठ के हम घर आ गये. इस बार मैने जान के 1-2 बार हेवी ब्रेक मारा जिससे उसके बूब्स मुझसे टच हो. 11 बजे हम घर पे आए. निशा सीधे आपने रूम में जाके सो गयी, और मैं भी सो गया.

नेक्स्ट दे मैं 6 बजे उठा. फिर जल्दी से गया निशा को उठाने. अंदर से कोई रेस्पॉन्स नही आया, तो डोर नॉक किया. बुत गाते खुला था तो डाइरेक्ट अंदर चला गया. निशा रेड कलर की निघट्य में सो रही थी. उसकी पनटी साइड में रखी थी. देख के पता चल रहा था की उसने नाइट में फिंगरिंग की थी. फिर मैं डोर के पास गया. वाहा से निशा को आवाज़ दी, तो उसने भी रेस्पॉन्स दिया.

निशा: हा अभी आई (फिर 10 मिनिट बाद वो आई).

मे: अर्रे आंटी आपने आज भी सूट पहना है.

निशा: हा मुझे वो आउटफिट नही जमेगा.

मे: अर्रे उसमे आपको कंफर्ट मिलेगा.

फिर मेरे ज़्यादा फोर्स करने पर उसने पहना.

मे: वाउ आंटी, वेरी हॉट.

निशा: क्या तुम भी.

मे: नही सच में आंटी अगर आप अपना वेट हल्का कम कर लो, और तोड़ा मेकप आचे से कर लो, तो आप किसी फिल्म आक्ट्रेस से कम नही लगोगी.

निशा: बस रहने दो, अभी चले?

मे: ज़रूर, पहले ये लो एनर्जी ड्रिंक.

अब हम दोनो च्चत पे आ गये, जहा मैने पहले निशा से वॉर्म-उप कराया. फिर दुम्ब्बेल्ल से मैं खुद की एक्सर्साइज़ करने लगा, तो निशा ने बोला की उसे भी सेम करना था. फिर मैने उसे 3क्ग वाले दुम्ब्बेल्लस दे दिए. पहले उससे हुआ नही. फिर मैने उसे डेमो दिया, बुत उससे सही से नही हो रहा था.

उसके बाद मैं उसका हाथ पकड़ के उसे सीखा रहा था. इस बहाने से मैं उसके और करीब आ रहा था. पंत में मेरा तंबू बन गया था, बुत मैने कंट्रोल किया था. फिर 30 मिनिट तक मैने निशा से वेट लॉस की एक्सर्साइज़स कराई. उसके बाद हम अंदर आ गये. फिर फ्रेश होके ब्रेकफास्ट किया.

उसके बाद निशा किसी काम से बाहर गयी, और शाम को आई. तभी मुझे अमित अंकल का फोन आया की कल मुझे नॉइदा आना होगा बिज़्नेस के काम से. फिर टाइम ऐसे ही निकलता गया. रोहन भी आ गया अपने स्टडी तौर से, और हमारा 2न्ड सेमेस्टर स्टार्ट हुआ. इस बीच ज़्यादा कुछ चान्स नही मिला मुझे. बुत निशा के साथ फ्रॅंक हो गया था.

मैने उसे अपने बारे में बहुत कुछ बताया था, जैसे मैं स्मोक करता हू, बुत कभी-कभी, वाइन पीटा हू, आंड बियर. मैने उसे रोहन के भी कुछ सीक्रेट्स बताए. बुत रोहन एक शरीफ और छॉमू था, तो उसके कुछ ख़ास सीक्रेट्स नही थे. उसे तो ये भी पता नही चला की कब उसकी मा मेरी आंटी से एक फ्रेंड बन गयी थी.

अब निशा का फिगर एक्सर्साइज़ करके काफ़ी मस्त हो गया था. उसका वेट भी कम हो गया था. फिर हमारे 2न्ड सेमेस्टर की एग्ज़ॅम डटे भी आ गयी. तब मैने सोचा की कही घूमने का प्लान बनता हू, और इस बहाने से निशा के और करीब आ जौंगा.

मैने प्लान किया की एग्ज़ॅम के बाद मेरा बर्तडे था, तो इस इवेंट पर कही जाते है. बुत मैं रोहन को अवाय्ड करना चाहता था. मगर ये पासिबल नही था. फिर मैने सोचा एक बार जाते है, फिर जो होगा वही होगा. वैसे भी अब निशा और रोहन के करीब एक साल होने वाला था मुझे, तो मैं दोनो के क्लोज़ हो गया था.

बुत निशा अब मेरी फ्रेंड की तरह तो हो गयी थी. मैं ये चाहता था की वो मेरी गफ़ बने. वैसे मैं निशा के काफ़ी फ्रॅंक हो गया था, एस्पेशली मेरे पेरेंट्स नही थे, इस चक्कर में उसने मुझे सपोर्ट भी दिया. बुत अभी भी हम सेक्स के उपर बात करे इतना क्लोज़ नही थे.

हालाकी अपने और रोहन के बारे में भी उसे बहुत सी बातें बताई थी, जिसके चलते उसका मुझपे बिलीव बढ़ गया. फिर मैं कोई अची सी लोकेशन सोचने लगा तो मैने रोहन से हेल्प माँगी. उसे बताया की मेरा बर्तडे एग्ज़ॅम के 5 दे के बाद है तो उसे कही बाहर जाके सेलेब्रेट करते है.

उसने मुझे सजेस्ट किया की कही पहाड़ों वाली जगह पे चलते है क्यूंकी अभी सम्मर का टाइम था. मुझे भी उसका आइडिया अछा लगा. मैने बोला डार्जीलिंग चलते है. मगर उस बेवकूफ़ ने ये बात निशा को बता दी. डिन्नर के बाद निशा मेरे रूम में आई.

निशा: आर्यन.

मे: हा आंटी बोलो.

निशा: रोहन क्या बोल रहा है, तुम घूमने जाने का प्लान बना रहे हो?

मे: हा आंटी, आपको उसने सब बता दिया होगा?

निशा: हा, देखो तुम्हारा बर्तडे है, तुम कही भी जाओ, बुत तुमने हम दोनो को भी बोला.

मे: देखो आंटी, मैं जानता हू की आप एक-दूं अकेली हो. आपको लाइफ में मज़े की ज़रूरत है. इसलिए मैने बोला. वैसे भी आपने प्रॉमिस किया था आज से कोई टेन्षन नही लॉगी, ओन्ली एंजाय.

निशा: हा मैने वो बोला था, बुत इतनी डोर घूमने जाना.

मे: आपको आना ही होगा. मैं अकेले नही जाने वाला. आप ये समझो की आप आओगी, वही मेरा गिफ्ट होगा. वरना मैं नाराज़ हो जौंगा.

निशा: ठीक है बाबा आएँगे मैं और रोहन, ओक?

मे: थॅंक्स मी डियर आंटी (नॉटी अंदाज़ में बोला).

निशा: ये क्या था?

मे: आपने उस दिन बोला था ना की हम दोस्त हो गये. तो ये सब नॉर्मल होना चाहिए.

निशा: पागल हो? मैं तुमसे आगे में काफ़ी बड़ी हू. तुम्हारे दोस्त की मा हू, उसे पता चलेगा तो?

मे: उसे पता चलना होता तो अब तक चल गया होता. आपको भी पता है वो बहुत भोला है. वैसे भी जब आपको सारे सीक्रेट्स पता करने थे, तब दोस्त बनाया. अब माना कर रही हो.

निशा: ठीक है, बुत रोहन का ध्यान रखना.

मे: डॉन’त वरी, अब बस आप जाने की तैयारी करो.

निशा: ठीक है, बुत तुम दोनो के एग्ज़ॅम?

मे: लास्ट सें की तरह इस बार भी रिज़ल्ट अछा होगा.

निशा: ओक, मुझे बता देना. बुत इतनी जल्दी कन्फर्म्ड टिकेट मिलेगी.

मे: उसकी टेन्षन आप मत लो, मैने अमित अंकल को बोल के टीन प्लैइन की टिकेट्स बुक करा दी है. अब मैं उसे कॅन्सल नही करने वाला.

निशा: ओक, जैसे तुम चाहो. गुड नाइट.

मे: गुड नाइट मी डियर आंटी.

निशा: तुम भी ना.

फिर मैं सो गया. अब निशा खुद ही एक्सर्साइज़ करती थी, तो उसकी फिगर मस्त हो गयी थी. मैं अपने एग्ज़ॅम पे फोकस करने लग गया था. फिर एग्ज़ॅम ओवर होने के बाद मैने सोचा की कल निशा के साथ थोड़ी शॉपिंग करने जौ. बुत पासिबल नही हुआ, क्यूंकी अमित अंकल का फोन आया की मुझे कल बिज़्नेस के काम से नॉइदा आना होगा.

इस बार मैने सोचा रोहन को अपने साथ ले जाता हू, उसे तोड़ा उल्लू बना के निशा के साथ ट्रिप पे मस्ती करूँगा. फिर नेक्स्ट दे मैं और रोहन गये काम ख़तम करके. मैं रोहन के साथ एक बेस्ट रेस्टोरेंट में गया.

रोहन: भाई यहा क्यूँ लाया?

मे: बस तोड़ा एंजाय कर यार, एग्ज़ॅम ओवर हुए, अब तोड़ा मस्ती.

रोहन: बुत मेरे पास इतने पैसे नही है.

मे: छूतिए, मेरे होते हुए तू क्यूँ टेन्षन ले रहा है?

रोहन: फिर ठीक है.

मे: एक बात बता, तुझे आंटी की चिंता नही होती?

रोहन: क्या मतलब तेरा?

मे: यही की इतने साल से आंटी अकेली है. तो तू कभी उनके साथ कही घूमने नही जाता. उन्हे कभी बोलता नही की लाइफ को एंजाय करो, पार्लर जाओ.

रोहन: तू बोलना क्या चाहता है?

मे: बस यही की मैने एक दिन देखा था आंटी च्चत पे घूम रही थी नाइट में.

रोहन: तो क्या?

मे: असल में मुझे भी कभी-कभी मों-दाद की याद आती है, तो मैं भी नाइट में च्चत पे जाता हू. एक दिन आंटी को देखा तो उनसे बात करने की हिम्मत नही हुई. तू उनको बोल की लाइफ को एंजाय करे. वैसे भी अब तू भी बड़ा हो गया है. कॉलेज के बाद जॉब हो जाएगी. आंटी ने तेरी फीस भी कॉलेज में जमा कर दी है. तो तुझे टेन्षन लेने की ज़रूरत नही.

रोहन: बात तो तू सही बोल रहा है. वरना मों फिरसे बीमार ना हो जाए टेन्षन से.

मे: हा देख इसलिए मैने घूमने का प्लान बनाया ताकि आंटी को अछा फील हो. मेरा तो कोई नही, बुत तुम दोनो देख के लगता है फॅमिली जैसा. सुन, कल शॉपिंग पे चलते है.

रोहन: तू भूल गया कल मुझे कॉलेज के एक फंक्षन में जाना है.

मे: अकेले कैसे जौ?

रोहन: तू एक काम कर, मों के साथ चला जा.

मे (खुश बहुत हुआ, बुत तोड़ा साद फेस बना के): ठीक है यार.

फिर हमने डिन्नर किया. मैने वाइन पी, बुत रोहन ये सब से डोर रहता था. उसके बाद हम घर आ गये.

सो फ्रेंड्स आज के लिए इतना ही, आयेज क्या हुआ, नेक्स्ट पार्ट में. अगर स्टोरी अची लगी तो फीडबॅक ज़रूर देना.