एक भाभी से चुसाई, दूसरी की चुदाई

फिर मैं भी मिन्नी के साथ ही बेड पे लेट गया, और प्रिया बस लंड चूस्टी ही जेया रही थी. और सुहाना मिन्नी की गांद पे लगाने के लिए आइस ले आई थी, और उसकी गांद पे लगा दी.

मिन्नी की गांद इतनी ज़्यादा खुल गयी थी, की उसका च्छेद बंद ही नही हो रहा था. उसमे सूजन भी आ गयी थी. प्रिया लंड पकड़े हुए बैठी थी, और धीरे-धीरे हिला रही थी. फिर उसने लंड चूसना भी शुरू कर दिया. मैं बस प्रिया को देख रहा था, और वो मेरे ढीले पड़े लंड को चूस रही.

यश: क्या बात है मेरी रांड़ भाभी. मस्त चुसाई कर रही हो. लेकिन इसको खड़ा तो हो जाने दो मेरी रांड़.

प्रिया (हेस्ट हुए): अर्रे क्या ज़रूरत है इंतेज़ार की यश. ये तो अभी भी इतना टाइट है की मेरी छूट अभी भी छोड़ सकता है.

यश: ऑश भाभी जी, आपने मुझे दोबारा मौका क्यूँ नही दिया आपकी चुदाई करने का, जब मेरे लंड से इतना प्यार है आपको?

प्रिया: अर्रे मेरे छोड़ू राजा, ये जो लंड है बहुत बड़ा शैतान है. मेरी छूट और गांद पिछली बार की चुदाई में इतनी सूज गयी थी, की मैं 1 वीक तक चल भी नही पाई थी, और दोबारा मुझे टाइम भी नही मिला. मेरे पति रोज़ाना ही मेरी चुदाई करते है, इसलिए मुझे ज़्यादा आग भी नही लगी थी. सुहाना की वजह से आज मैं यहा हू. वो तुमको ना बुलाती, और ना ही मैं तुम्हे ये मौका देती.

यश: ऑश ये बात है. मुझे लगा आप खुश नही थी.

और वो बस फिरसे लंड चूसने लगी. उसके छ्होटे-छ्होटे हाथ मेरे लंड को उपर-नीचे करके मूठ मार रहे थे. लंड फिरसे लंड खड़ा हो गया था, और वो मज़े से चूस्टी जेया रही थी. फिर सुहाना भी अब मेरे पास ही बैठ गयी, और मिन्नी ने अपनी आँखें बंद कर ली, और आराम करने लगी.

मेरे हाथ सुहाना के बूब्स पे थे, और सुहाना मेरे बालों को सहला रही थी. मैने भी उसके बूब्स को मूह में भर के चूसना शुरू कर दिया था. फिर कुछ ही देर में प्रिया ने लंड चूसना बंद किया, और अलग हॅट गयी.

प्रिया: सुहाना आओ लंड की सवारी करो. तुम्हारी छूट तो झरना बन गयी है. कब से पानी बहा रही है देखो.

और उसने सुहाना की छूट को चाट ली. इतना सुन के सुहाना ने भी जल्दी से लंड पे छूट रख दी, और लंड सरकता हुआ उसकी छूट में अंदर जाने लगा.

सुहाना: आहह यश, प्रिया भाभी थॅंक्स पहले मुझे चूड़ने देने के लिए. मेरी छूट तो सच में जल रही थी. सच में इस लंड की मुझे बहुत ज़रूरत थी. अफ यश, तुमने तो मेरी छूट को अब तक सही से नही छोड़ा, और मिन्नी की छूट और गांद देखो दोनो ही सूजा दी.

यश: ओह रांड़ साली, उम्म, इस रंडी मिन्नी को आराम करने दो. अब तुम्हारी बारी है, लेलो फुल मज़ा श सुहाना भाभी.

उम्म तेरी छूट ही इतनी टाइट और गरम है की लंड में आग लगे होने जैसा लगा रहा है.

सुहाना: हा मेरे छोड़ू सैयाँ जी, कर दो मेरी छूट को ढीला.

प्रिया बस मेरे पास बैठी लंड को छूट के अंदर-बाहर होते देख रही. उसकी उंगलियाँ उसकी छूट को सहला रही थी. मैने भी उसके एक चुचे को पकड़ कर दबाना शुरू कर दिया.

प्रिया: आअहह यश, हाथ हटाओ अपना मेरे उपर से. श तुम्हारे हाथ लगते ही मेरा बदन जैसे पिघल सा जाता है यश. प्लीज़ अभी मत हाथ लगाओ ना. हटाओ ना अपना हाथ.

फिर मैने अपने हाथ हटा लिया, और वो मुझसे डोर सुहाना की गांद की तरफ जेया कर बैठ गयी. वो उसकी गांद को चाटने लगी, और लंड को छूट में अंदर-बाहर होते देखने का मज़ा लेने लगी.

मैं भी झटके दिए जेया रहा था सुहाना के चुचे भी मेरे हर झटके के साथ-साथ उछाल रहे थे, और उसके मोटे चुचे किसी पहाड़ जैसे तनने हुए हवा में झूल रहे थे. उसकी छूट में मेरा लंड अंदर-बाहर हो रहा था.

प्रिया उसकी गांद पे थपकीया मार रही थी, और उसने पीछे से सुहाना के चुचो को जाकड़ लिया. फिर उसके बदन से चिपक कर उसे चूमने लगी. मैं भी तबाद-तोड़ झटके लगता ही जेया रहा था. सुहाना की आनंद से भारी सिसकियाँ कमरे में गूँज रही थी. उसकी आ से प्रिया की भी आँखों में वासना के लाल डोरे नज़र आने लगे थे.

प्रिया भी सुहाना के चुचो को चूस्टे हुए अपनी छूट को उंगलियाँ डाल के मसल रही थी. मैने भी जल्दी ही सुहाना को हटाया और उसका मूह मैने प्रिया की छूट पे टीकाया. फिर उसकी गांद को उपर उठाया, और वो अपने घुटनो पे आ गयी थी. उसकी छूट मेरे लंड के निशाने पे थी, तो मैने भी एक ही झटके में लंड छूट में घुसा दिया.

अब सुहाना भी प्रिया की छूट चाट रही थी. प्रिया भी उसका सर पकड़ कर अपनी छूट पे दबा रही थी. सुहाना की जीभ छूट के उपर से नीचे तक, और फिर अंदर-बाहर हो रही थी. प्रिया की छूट का दाना भी कुछ मोटा सा हो गया था. मैं उसकी छूट को ज़ोर-ज़ोर पेल रहा था. इतने में ही प्रिया और सुहाना की मिली जुली सिसकियाँ निकल रही थी, और मेरे झटकों की स्पीड चरम पे थी.

प्रिया: आह सुहाना, चाट मेरी जान आह मेरी चूत आह. ऐसे ही सुहाना आह.

सुहाना: आ यश, छोड़ो मुझे, और ज़ोर से छोड़ो. मुझे अपनी रखैल बना लो यश.

यश: हा सालो रांड़ भाभी. तुझे तो अपनी रखैल बना के रखूँगा मैं साली. और इस प्रिया की भी तो छूट और गांद भी तो फादनी है ना.

वो दोनो ही एक साथ झड़ने लगी थी, और उनका बदन एक साथ ढीला पद गया. मैने भी दोनो की छूट को चाट के सॉफ किया, और प्रिया के मूह में लंड डाल दिया. वो लंड चूसने लगी थी. सुहाना ने भी मेरे टट्टो को सहलाते हुए मूह में भर लिया और चूसने लगी.

लेकिन मैं अभी भी झाड़ा नही था, तो मैने फिरसे सुहाना को अपने सामने घोड़ी बना कर उसकी गांद पे लंड टीका दिया. इतने में ही सुहाना की आँखें फटत गयी थी, लेकिन उसने विरोध नही किया. फिर मैने झटका लगा दिया और लंड भी सरसरता हुआ गांद की गहराइयों में उतार गया. आधा लंड उसकी गांद में घुस गया.

इसके आयेज क्या हुआ, वो अगले पार्ट में.