ठरकी हुई आंटी की चूत में लंड

मैं: मेरी जान तूने आज चुदाई का पूरा मज़ा भी तो लिया है ना. कैसे तू मज़े ले-ले कर उछाल रही थी. पूरा बेड हिला दिया था आज तूने.

निशा ये सुन के शर्मा के अपना सिर मेरे सीने में च्छुपाने लगी. मेरे निपल को चूमने लगी. उसने अपनी दोनो टांगे मेरे पैरों के दोनो तरफ कर ली, और लंड छूट में दबा के लेती रही.

निशा शरमाते हुए बोली: अब आपको कुछ करना है या मैं सो जौ? बदन की पूरी जान वैसे ही निकल गयी है. अभी आपका झड़ना बाकी है. पता नही कब तक छोड़ोगे.

मैं: मेरी रानी, इसी में तो ज़िंदगी का असली मज़ा है. जब दो बदन एक-दूसरे को प्यार करने में लगे हो. जहा किसी की प्यास ना बुझी हो.

निशा: आपकी प्यास का कुछ पता नही है. आपकी प्यास कम नही होने वाली है.

इतना बोल के वो मेरे गालों को चाटने लगी. उम्म्म करते हुए गाल को चूसने लगी. मैं उसकी कड़क गांद को दबा रहा था. निशा के कड़क निपल मेरी चेस्ट में दबने लगे थे. फिर उसने मोबाइल में टाइम देखा और कहा-

निशा: श बाबा, देखो ना कितना टाइम हो गया है. 4 बजने वाले है. कब सोएंगे और कब क्या करेंगे?

मैं: साली तू क्यूँ इतना टेन्षन ले रही है? तुझे कों सा सुबह उठ के किचन में जाना है. तेरा बेटा घर पर है, यहा तू और मैं एंजाय करने आए है.

निशा: आप सही कहते हो. आपके साथ अछा लगता है. आप सब कुछ कितनी आसानी से समझा देते हो.

मैं: अभी सेक्स करके सो जाएँगे, और आराम से उठ के फिरसे प्यार करेंगे.

निशा: मतलब आप मुझे बेडरूम से बाहर नही जाने दोगे? यही नंगा रखोगे?

मैं: तुझे बाहर कहा जाना है? तू क्या अकेली जाएगी?

निशा: अर्रे वो बात नही है. हम दोनो साथ में घूमने जाते तो मज़ा आता ना.

वो अपनी छूट मेरे लंड पर घूमने लगी थी. मैं उसके निपल को मसल रहा था.

मैं: वो हम जाएँगे ना बाद में. आचे से तुझे प्यार करके फिर घूमने जाएँगे.

निशा: ओक बाबा. जैसा आप बोलो बस. उम्म्म्म आपके लिप्स खा जौंगी.

मैं: खा जेया ना मेरी बुलबुल. उहह कितनी स्वीट है तू मज़ा आ जाता है.

अब मैने उसके लिप्स चूसना शुरू किया. वो भी धीरे से लिप्स चूस रही थी. लंड उसकी छूट के बाहर था. मैने अब लंड को पकड़ा, और छूट में सेट करने लगा. तो उसने अपनी छूट उपर की जिससे लंड सेट हो सके.

निशा की फाटती छूट से लंड लगते ही उसके मूह ष्ह उम्म्म्म निकल गया. वो लिप्स किस किए जेया रही थी. निशा ने दोनो हाथो से मेरे गले को कवर करके पकड़ा हुआ था. उसके लंबे बाल चारों तरफ बिखर गये थे.

अब मैने अपना लंड छूट के अंदर सेट करके एक ज़ोर का धक्का दिया. इससे मेरा लोड्‍ा एक बार में पूरा अंदर घुस गया. इस एक शॉट से उसकी गांद उपर उठ गयी, और मूह से चीख निकल गयी.

निशा: ह आह धीरे माआ. बहुत ज़ोर से करते हो आप. तोड़ा आराम से डालो ना. आपको पता है ना आपका ये सांड़ बहुत हरामी है. दर्द देता है जब भी अंदर जाता है.

मैं: साली तू अब चुप-छाप चुड्ती जेया. तेरी मक्खन जैसी छूट लंड को पकड़ रही है.

निशा की छूट ने लंड को अंदर से पकड़ लिया था. मेरे लोड की गर्मी और छूट के अंदर का गरम रस्स क्या फील दे रहा था. दोस्तों ये फीलिंग कैसे बतौ.

निशा: हा आह बस बस आह. बेबी प्लीज़ धीरे कर लो आप. मैं पहले से तक गयी हू ना. अब स्टॅमिना कहा बचा है.

मैं: थोड़ी देर और से ले बस, फिर आराम से सो जाना.

अब मैने दोनो हाथो से उसकी 34″ की गांद को पकड़ा, और नीचे से कमर उठा के छोड़ने लगा. शुरू में धीरे-धीरे झटके देने लगा. जिससे उसकी हल्की गरम सिसकियाँ निकालने लगी थी. लंड भी छूट में आराम से अंदर तक जेया रहा था.

निशा बस आह उहह हा हुहहुह हा मा याअ उहह करने लगी थी. उसने अपना मूह मेरे गले के साइड में दबा लिया. उसने अपना बदन और छूट मेरे हवाले कर दी.

निशा मेरे हर एक शॉट पर उछाले जेया रही थी. नीचे से में फॅट फॅट फॅट शत शत शत करके शॉट मार रहा था. इससे उसका बदन हिलने लगा था.

दोनो हाथो से उसकी गांद को मसल-मसल कर दबाने लगा था. दोस्तों गांद दबाते हुए छोड़ने का मज़ा ही अलग है. 10 मिनिट तक मैने उसे ऐसे ही धीरे-धीरे छोड़ा था. अब मुझसे रहा नही जेया रहा था. उसकी कड़क छूट फाड़ने के लिए मैने अब स्पीड बढ़ा दी. मैने अब दोनो हाथो से उसकी कमर को पकड़ लिया.

फिर नीचे से ज़ोर-ज़ोर से धक्के देने लगा. मेरे हर झटके पर उसका पूरा बदन आयेज-पीछे हिलने लगता था. अब उसकी सिसकियाँ तेज़ होने लगी थी.

निशा: आ आ आ मॅर गयी मैं उफ़फ्फ़ आह.

निशा की ये मस्त कामुक आवाज़ मुझे जोश दिला रही थी. मैं नीचे से उसकी गांद पकड़ कर छूट का भोंसड़ा बना रहा था. चुदाई का पूरा मज़ा दोनो को आ रहा था.

मैं: आह मेरी जान. कितनी मस्त छूट की मालकिन है. तेरी छूट से निकलता ये काम रस्स मेरे लोड को जोश दिला रहा है. ये ले, और ले साली रंडी.

निशा: रोहित बाबू आह रोहित जी प्लीज़ प्लीज़ धीरे छोड़ो ना. आआहह आअहह. आराम से करो ना. अछा काटो मत मेरे निपल. आआहह हूंम्म मा.

मैं उसके बूब्स को निचोढ़ रहा था मूह में लेके, और नीचे से उसकी छूट दबा-दबा के छोड़े जेया रहा था. निशा को ऐसे छोड़े हुए मुझे 25 मिनिट हो चुके थे.

अब मैने पोज़िशन चेंज करी. मैने उससे अपने नीचे किया, और मैं उसके उपर आ गया. निशा ने दर्द के मारे अपने दोनो पैर मेरी कमर से बांड लिए.

मैने अब ज़ोर-ज़ोर से धक्के देने शुरू किए. निशा मेरे नीचे दबी हुई थी, और ज़ोरदार सिसकियाँ लिए जेया रही थी. उसने अपनी आँखें बंद कर ली थी. दोनो हाथ मेरी बॅक से चिपका लिए.

दोस्तों अब नेक्स्ट पार्ट में बाकी की स्टोरी पढ़िए. मुझे अपनी फीडबॅक गम0288580@गमाल.कॉम पर ज़रूर देना. मुझसे बात करने के लिए मैल ज़रूर करना.

थॅंक्स.