पार्क वाली आंटी की टाइट चूत को ठोका

तो चलिए शुरू करते है. मैं आज आपके लिए एक और सेक्सी स्टोरी लाया हू. जैसा की आपने मेरी पिछली स्टोरी में पढ़ा ही है, की मैं कॉल बॉय भी हू, और मुझे आंटीस और जवान लड़कियाँ दोनो सॅटिस्फाइ करनी आती है. तो मैं आपको अपनी इस स्टोरी में बताता हू की कैसे मुझे एक रिच आंटी ने बुलाया, और मैने उसको उसकी ज़िंदगी की बेस्ट चुदाई दी.

जैसा की आप लोग जानते है मेरा नाम देविल है, और मैं एक नॉर्मल बॉडी वाला लड़का हू. लेकिन मेरा लंड नॉर्मल नही है. मेरे डिक का साइज़ 8 इंच है, और 3 इंच मोटा है. मैं एक दिन पार्क में जॉगिंग कर रहा था, की मेरी नज़र एक आंटी पर गयी. वो मुझे ही देख रही थी.

पहले तो मैने इग्नोर किया, लेकिन जब भी मैं आंटी को देखता था, तो वो मुझे ही घूर रही होती थी. मैने सोचा जेया कर पूछो अगर उनको कोई काम हो. फिर ऐसे ही मैं उनके पास चला गया.

मैने आंटी से पूछा: आप मुझे क्यूँ घूर रही हो इतनी देर से?

आंटी: मैं तो नही घूर रही हू.

मैं: मैने आपको खुद देखा है. आप मुझे ही देख रही है इतनी देर से.

आंटी: वो मैं, वो.

मैं: कोई काम है आपको तो बताओ.

आंटी: वो मुझे पूछना था की इंडिगो होटेल कहा है यहा पर?

मैं: यहा पास ही है. आप गूगले माप चेक कर ले.

आंटी: वो मेरे पास इंटरनेट नही है.

मैं: यहा पार्क से बाहर निकल कर 1 केयेम सीधा जाओ. फिर आपके लेफ्ट पर आएगा.

आंटी: ओक.

फिर मैने वाहा से अपनी जॉगिंग दोबारा कंटिन्यू कर दी. मैं आपको आंटी के बारे में तो बताना ही भूल गया. आंटी की आगे कोई 40-45 के करीब होगी, और वो देखने में बहुत खूबसूरत थी. अब मैं पार्क से निकल गया. मुझे आंटी कही नज़र नही आ रही थी.

मैने सोचा चली गयी होंगी. मेरी आदत है मैं जॉगिंग के बाद किसी भी होटेल से नाश्ता करके ही घर जाता हू. तो मैं वॉक करके ही निकल पड़ा. इतनी देर में पीछे से एक ब्लॅक ब्मो म5 गाड़ी में से किसी ने मुझे हॉर्न दिया. मैने रुक कर देखा तो उस गाड़ी में वही आंटी थी, जो मुझसे पार्क में मिली थी. आंटी ने मुझसे पूछा: आप कहा जेया रहे हो?

तो मैने कह दिया: हॉस्टिल में लंच करने.

फिर आंटी कहती: आ जाओ मैं भी उधर ही जेया रही हू. ई विल ड्रॉप योउ.

पहले तो मैने इनकार कर दिया की मैं चला जौंगा. लेकिन आंटी के इन्सिस्ट करने पर मैं बैठ गया. आंटी से बात करके पता चला की आंटी काफ़ी खुले मिज़ाज की औरत थी. उन्होने मुझसे पूछा-

आंटी: तुम क्या करते हो?

तो मैने मज़ाक में कह दिया: मैं कॉल बॉय हू.

तो आंटी सीरीयस हो गयी, और मुझे देखने लगी. इससे पहले मैं कुछ बोलता, आंटी बोल पड़ी-

आंटी: तुम पेर दे क्या चार्ज करते हो?

मैने आयेज से कहा: मैं पेर दे नही पेर-अवर चार्ज करता हू.

आयेज से आंटी बोली: क्या चार्ज करते हो?

मैं: 10क पेर अवर.

आंटी: ई’ल्ल पे 50क फॉर आ दे. अगर तुम्हे मंज़ूर है तो बताओ.

मैने इनकार कर दिया: नही मैं नही कर सकता इतने में, आप कोई और देख लो.

आंटी: 60क + तुम्हारी मर्ज़ी की शॉपिंग, जो भी तुम लेना चाहो ले लेना अपने लिए.

पहले तो मैने सोचा, फिर मैं मान गया. आंटी ने गाड़ी अपने घर की तरफ मोड़ ली, और आंटी का घर तोड़ा ही डोर था. हम घर के अंदर एंटर हो गये. आंटी के मूह पर एक अजीब सी स्माइल थी.

मैने आंटी से पूछा: आपके घर पर कोई नही रहता क्या?

तो उन्होने कहा: मेरा कोई बच्चा नही है, और मेरे हज़्बेंड दुबई में बिज़्नेस चलते है. इसलिए मैं घर पर अकेली ही रहती हू.

आंटी ने कहा: चलो पहले शवर लेते है.

मैं भी मान गया. हम वॉशरूम में एंटर हुए, तो आंटी किसी बच्चे की तरह मेरे कपड़े उतारने लगी. पहले उन्होने मेरी शर्ट उतरी, फिर उन्होने मेरी शॉर्ट्स उतार दी. मैं सिर्फ़ अंडरवेर में था, और माहौल एंजाय कर रहा था.

फिर आंटी कहती: तुम भी मेरे कपड़े उतरो.

मैने भी उनकी बात मानी, और उनके सारे कपड़े उतार दिए. फिर आंटी ने मेरा अंडरवेर उतरा, तो मेरा लंड (डिक) देख कर कहती-

आंटी: आज तो बहुत ज़ोरो की लड़ाई होगी.

और फिर मेरा हाथ पकड़ कर मुझे बात टब में बिता दिया. फिर खुद आ कर मेरे उपर लेट गयी. बात टब में हमने कुछ ज़्यादा नही किया. वो बस मुझे किस करती रही, और अपने हाथ से मेरा लंड मसालती रही. फिर वो उठी और मुझे टब से बाहर निकाल कर आचे से सॉफ किया टवल से, और मेरा हाथ पकड़ कर रूम में ले गयी.

आंटी काफ़ी एक्सपीरियेन्स्ड औरत थी. उन्होने मुझे बेड पर धक्का दिया, और मैं भी बेड पर लेट गया. आंटी का फिगर कोई 38-32-34 के करीब-करीब होगा. वो नीचे बैठी, और मेरा लंड मूह में लेकर लॉलिपोप की तरह चूसने लगी.

मैने पहले भी बहुत बार ब्लोवजोब ली थी, बुत आंटी की ब्लोवजोब की बात ही कुछ और थी. आंटी करीब 5 मिनिट तक मेरा लंड चूस्टी रही. फिर आ कर मेरे उपर बैठ गयी. मैं सिर्फ़ मज़ा ले रहा था. आंटी जब मेरे उपर आ कर बैठी, तो वो अपनी छूट को मेरे लंड के साथ मसल रही थी. मुझे तो जैसे जन्नत का मज़ा मिल रहा था.

फिर वो थोड़ी उपर हुई, और मेरा लंड हाथ में पकड़ कर उसे अपनी छूट के मूह पर लगाया, और कहती-

आंटी: जितनी जान से धक्का मार सकते हो मारो. मैं अगर हिलू तो मुझे हिलने मत देना. जब तक लंड पूरा नही खा जाए मेरी छूट.

मैने भी उनकी बात मान ली, और उनकी कमर को ज़ोर से पकड़ लिया, और पूरी जान से धक्का मारा. आंटी शायद काफ़ी टाइम से चूड़ी नही थी, इसलिए उनकी छूट बहुत ज़्यादा टाइट थी. मेरा आधा लंड उनकी छूट में चला गया, और वो मछली ली तरह मचलने लगी, और ज़ोर-ज़ोर से चीखने लगी.

वो कहने लगी: निकालो इसको अभी.

लेकिन मैने उनकी एक नही सुनी, और दूसरा धक्का मारा. मेरा पूरा लंड उनकी छूट में जेया चुका था. लेकिन उनकी छूट इतनी टाइट थी, की मुझे भी दर्द होने लग पड़ा था. आंटी के तो अंदर से जैसे जान ही निकल चुकी थी, और वो मेरे उपर किसी मुर्दा औरत की तरह गिर गयी थी.

मैने भी टाइम ज़ाया नही करते हुए उनको उठा कर बेड पर लिटाया, और उनके उपर आ कर उनकी छूट में लंड डाल दिया और उनको छोड़ने लगा. पहले तो वो ज़ोर-ज़ोर से चीख रही थी. लेकिन करीब 5 मिनिट बाद उनको भी मज़ा आने लग गया, और वो भी अपनी गांद उठा-उठा कर चुदाई करवाने लग गयी.

फिर अगले 5 मिनिट में आंटी झाड़ गयी और लेट गयी. लेकिन मैं नही रुका. पुर रूम में फॅक-फॅक की आवाज़े गूँज रही थी. आधे घंटे बाद मैने भी उनके अंदर ही अपना माल निकल दिया, और उनके उपर ही गिर गया.

अभी के लिए बस इतना ही. आयेज की कहानी अगली स्टोरी में बतौँगा. अगर किसी आंटी या किसी लड़की और लाहोर में अपनी प्यास शांत करनी हो, और ज़िंदगी का असल मज़ा लेना हो. तो वो मुझसे मेरी एमाइल पर कॉंटॅक्ट करे. ये बात हमारे दरमियाँ ही रहेगी