सुहाना तो मस्ती से लंड चूस्टी ही जेया रही थी. और मैं उसके मूह की छोड़ रहा था.
यश: मेरी जान मिन्नी ड्रिंक बनाओ ना.
और वो हमारे लिए ड्रिंक्स बनाने लगी, और फिरसे हम सब ने ड्रिंक्स ली. फिर मैने सुहाना को बालों से पकड़ के उठाया, और उसके चुचो को पकड़ कर मसालने और चूसने लगा. मेरा लंड सुहाना की छूट पे और टाँगो के बीच में फ़ससा हुआ था. मिन्नी भी सुहाना के पीछे गयी और उसकी गांद पे थप्पड़ मारने लगी.
उसकी गांद लाल हो गयी थी, और मिन्नी अपने घुटनो पे बैठ गयी, और उसने सुहाना की गांद का च्छेद और मेरे लंड का टोपा चाटना शुरू कर दिया. सुहाना अब सातवे आसमान में पहुँच गयी थी. उसकी सिसकियाँ कमरे में गूंजने लगी, और उसने अपना एक पैर उठा कर बेड के उपर रख दिया.
इससे उसकी गांद खुल गयी, और मिन्नी अची तरह उसकी गांद चाटने लगी. मिन्नी ने लंड पकड़ के अब सुहाना की छूट में घुसा दिया. लंड का टोपा अब सुहाना की छूट में था, और मैने और ज़ोर का झटका मारा और सुहाना की सिसकी अब चीख में बदल गयी. फिर जैसे ही लंड उसकी छूट में पूरा अंदर घुसा, सुहाना के पैर ज़मीन से उपर आ गये.
सुहाना: हाए अल्लाह मेरी छूट फटत गयी! श भोंसड़ी के, निकाल इसे बाहर. मॅर जौंगी मैं. श मेरे मलिक आ आ मेरी छूट, श अल्लाह मॅर गयी मैं भोंसड़ी के.
मिन्नी: क्या हुआ मेरी जान, बड़ा हस्स रही थी ना जब मेरी फटी थी हाहहाहा. अब आया मज़ा.
और मैने खड़े-खड़े ही उसकी गांद को उपर उठाया, और दोनो टाँगो को अपने हाथो में लेकर उसे उपर उठा लिया. अब उसकी बाहें मेरे गले में और टांगे मेरी कमर पे क़ास्सी हुई थी. उसके चुचे मेरी छ्चाटी से चिपक गये थे, और लंड सुहाना की छूट की गर्मी को भड़का रहा था.
उसकी छूट टाइट थी की लंड पे क़ास्सी हुई थी. जैसे लंड को निचोढ़ के रख देगी. शायद वो पहली बार इतना मोटा लंड ले रही थी जब की मिन्नी की छूट इतनी ज़्यादा टाइट नही थी. उसने पहले भी मोटे लंड से चुदाई करवाई थी.
अब मैने झटके लगाने चालू किए, और वो मेरे लंड पे उपर-नीचे होने लगी. उसके चुचे मेरी छ्चाटी पे रग़ाद रहे थे. उसके टाइट निपल मुझे अलग सा एहसास करा रहे थे.
थोड़ी देर में ही छूट खुल गयी, और अब लंड उसकी छूट में आराम से अंदर-बाहर हो रहा था, और सुहाना भी अब नॉर्मल हो गयी और मज़े लेने लगी. अब फिरसे उसकी चीख सिसकियों में बदल गयी थी.
सुहाना: आ यश, छोड़ो मेरी छूट को आ. भर दो इसमे अपना लंड रस्स ऊओह मेरे मलिक आह.
और मिन्नी अब साइड में बैठ कर अपनी छूट सहला रही थी, और चुचो को मसल रही थी. वो भी अब तक दोबारा गरम हो गयी थी. मैने भी अब सुहाना को बेड के उपर घोड़ी बना दिया, और उसके पीछे आ गया, और लंड उसकी छूट में पेल दिया. फिर मिन्नी उसके मूह के पास गयी, और अपनी छूट उसके मूह का पास ले गयी.
सुहाना भी अब उसकी छूट चाट रही थी, और मिमनी अपने चुचो को मसल रही थी. अब हम सभी की आवाज़े कमरे में गूँज रही थी, और ठप ठप और पूछ पूछ की आवाज़े भी आ रही थी.
मेरा लंड तेज़ी से सुहाना की छूट में अंदर-बाहर हो रहा था. उसकी बड़ी गांद मेरे हर झटके पर लहरा रही थी, और मैं भी उसकी गांद पे थपकीया मार रहा था. उसकी गांद का रंग अब तक लाल हो गया था.
वो अब अकड़ने लगी थी. मिन्नी का भी माल अब निकालने वाला था. मेरा लंड भी अब फूल कर और मोटा होने लगा था. मैं भी अब माल निकालना चाहता था.
सुहाना: आहह यश, ज़ोर से, और ज़ोर से मारो. मेरी छूट फाड़ दो. मैं झड़ने वाली हू, प्लीज़ फाड़ डालो मेरी छूट. ओह बेबी यश, कम ओं फक मे आ आ आ यश, ऑश छोड़ो मेरी रंडी छूट को फाड़ दो.
यश: हा भाभी जी, लो मेरा लंड आह रंडी साली पक्की रांड़ है तू. चिल्ला और ज़ोर से आ ले साली.
फिर वो झड़ने लगी और मैं झटके लगता ही जेया रहा था, और वो मिन्नी की छूट में मूह घुसाए उसकी छूट चाटने लगी. मिन्नी ने भी अब अपना छूट रस्स सुहाना के मूह पे ही निकाल दिया.
यश: आह साली रंडियों, मेरा भी होने वाला है. कहा निकालु बोलो जल्दी?
और वो दोनो ही मेरे सामने लंड के पास घुटनो पे बैठ गयी. फिर मैने भी लंड को हाथ से हिलना शुरू किया और पहले सुहाना और फिर मिन्नी के मूह पे लंड रस्स टपका दिया. दोनो ने ही सारा का सारा माल पी लिया, और लंड को चूस-चूस के सॉफ कर दिया. फिर हम बस लेट गये एक-दूसरे की बाहों में. सुहाना मेरी छ्चाटी के पास और मिन्नी मेरे लंड को हाथ में लेकर लेती हुई थी.
मिन्नी: यार मेरे पति अंकित का लंड भी ऐसा होता तो मैं गली-गली रांड़ बन कर ना घूमती. देखो तो कैसी छूट की चुदाई हुई है. मेरी टांगे भी बंद नही हो पा रही है.
सुहाना: हा यार, ये हाल तो मेरा भी है. असलम का भी तो लंड छ्होटा सा है. साला मेरी छूट में कही खो ही जाता है. कोई मज़ा ही नही आता. उपर से झाड़ भी 2 मिनिट में जाता है. तो मैं भी तो गली-गली तगड़े लंड की तलाश करती रहती हू.
यश: अर्रे छ्चोढो ये सब बातें. मैं और मेरा मूसल लंड यही है तुम्हारे पास. जितना छुड़वाना है छुड़वा लो.
मिन्नी: इसका तो बैठा हुआ लंड भी मेरे पति से लंबा और मोटा है.
सुहाना: हा यार सच में यश तुम चाहो तो हमे मुरझाए हुए लंड से भी छोड़ सकते हो. अभी भी कितना लंबा और मोटा है.
यश: हाहहाहा हाहहाहा. अर्रे हट्तो, तुम दोनो खाने के लिए कुछ ले आओ, और ड्रिंक बनाओ. फिर दूसरे रौंद की तैयारी करे.
फिर हम लगे फिरसे महफ़िल सजाने. अभी बस दारू और सिगरेट चल ही रहे थे, की मेरे लंड में तनाव भी आने लगा. दोनो औरतों ने ये देखा, और सुहाना मुस्कुराते हुए बोली-
सुहाना: यश बेबी, ये तो बड़ी जल्दी तैयार हो गया.
मिन्नी की नज़र तो बस लंड में आते तनाव को देख ही रही थी, और मुस्कुराते हुए वो मेरे करीब आई. फिर लंड हाथ में लिया और सहलाते हुए बोली-
मिन्नी: तो लंड राजा, इस बार किस तरह खुश करोगे इस चरित्रहीं छूट को?
सुहाना भी अब मेरे करीब आ गयी. वो अपने एक हाथ में टटटे पकड़ कर उनसे खेलते हुए बोली-
सुहाना: हा लंड राजा, बताओ ना इस बार किस तरह खुश करोगे मेरी रंडी छूट को?
मैं बस मुस्कुरा रहा था, और वो दोनो ही मेरे लंड को पकड़ के मसालने लगी. कोई मेरे टट्टो की तो कोई लंड की मालिश कर रही थी. और मैं बस अपनी किस्मत के मज़े ले रहा था.
मिन्नी झुकी और उसने लंड मूह में ले लिया, और चूसने लगी, और सुहाना भी अब मेरी छ्चाटी को चूमने और निपल्स को चूसने लगी. उसके ऐसा करने से मेरी आअहह ही निकल गयी. एक करेंट सा मेरे बदन में दौड़ गया. फिर मैने भी अब उसके चुचो को कस्स के मसलना शुरू कर दिया.
उसकी एक चुचि मेरे हाथ में, तो दूसरी को मैं चूस रहा था, और कभी-कभी काट भी लेता था. और वो दर्द में आ आ करके रह जाती थी. मैने अब मिन्नी के बाल पकड़े, और उसको उपर बुलाया, और सुहाना को लंड चुसवाने लगा. सुहाना ने भी तुरंत लंड मूह में भर लिया, और चूसने लगी.
फिर मैं बेरेहमी से मिन्नी के चुचो को मसालने और चूसने लगा. मिन्नी भी मुझे जगह-जगह चूम रही थी.
इसके आयेज की कहानी अगले पार्ट में.