भाभी को शारीरिक सुख देने की सेक्सी कहानी

ही फ्रेंड्स, मेरा नाम गगन है. मैं एंपी से हू. मेरी उमर 24 साल है, और मेरी अपनी हार्डवेर की दुकान है. मैं दिखने में अछा हू, और गोरे रंग का हू. हाइट मेरी 5’8″ है, और लंड मेरा 6 इंच लंबा, और 3 इंच मोटा है.

मेरी फॅमिली में मेरे अलावा मेरी मम्मी, पापा, भाभी, और बेहन है. मेरे बड़े भैया का पिछले साल आक्सिडेंट में देहांत हो गया था. जब उनकी डेत हुई, तो वो सिर्फ़ 31 साल के थे. इस कहानी में मैं आपको बतौँगा, की कैसे भैया की डेत के बाद मैने घर की इज़्ज़त बचाई. तो चलिए शुरू करते है.

जब भैया की डेत हुई, तो हमारी फॅमिली पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. सबसे बड़ा दुख तो भाभी का था. पहले मैं अपनी भाभी के बारे में बता डू.

मेरी भाभी का नाम गुंजन है, और वो 28 साल की है. भाभी का रंग बहुत गोरा नही है, ठीक-ठीक गोरा है. लेकिन फिगर भाभी का ज़बरदस्त है. एक बच्चे की मा होने के बाद भी भाभी ने खुद को खूब मेनटेन किया हुआ है.

अगर भाभी को इमॅजिन करना चाहते है, तो आक्ट्रेस तिस्का चॉप्रा” गूगले पर सर्च करके देख लीजिए. अब स्टोरी पर वापस चलते है.

ऐसा लग रहा था, जैसे सब कुछ ख़तम हो गया. लेकिन सब ने खुद को और एक-दूसरे को खूब सपोर्ट किया. धीरे-धीरे हमारी फॅमिली इस दुख से बाहर आने लगी. लेकिन भाभी अभी भी दुख से बाहर नही आ पा रही थी.

मम्मी-पापा ने भाभी की ऐसी हालत देख कर उसको एक स्कूल में टीचर की जॉब लगवा दिया. उनकी ये तरकीब बहुत काम आई, और भाभी का दुख धीरे-धीरे कम होने लगा. 6 महीने बाद भाभी अपनी नयी ज़िंदगी में पूरी तरह सेट्ल हो चुकी थी. लेकिन अब उनमे कुछ चेंजस आने लगे. भाभी पहले सूट पहन कर स्कूल जया करती थी, लेकिन अब उन्होने मॉडर्न ड्रेसस पहँनी शुरू कर दी थी.

वैसे हमारी फॅमिली में किसी को मॉडर्न ड्रेसस से दिक्कत नही है. लेकिन उनकी ड्रेसस सेक्सी टाइप ड्रेसस थी. अगर कोई शॉर्ट ड्रेस होती थी, तो उसमे से उनकी जांघें और क्लीवेज दिखती थी. और अगर ड्रेस पूरी कवर्ड होती थी, तो वो टाइट होती थी, जिसमे से उनके जिस्म की पूरी शेप दिखे.

ये सब देख कर एक बार मा ने मुझसे कहा: बेटा तेरी भाभी आज कल काफ़ी बदल गयी है. कहना तो नही चाहती, लेकिन मुझे लगता है की उसका किसी के साथ कोई चक्कर है.

मैं: मा आप ये क्या कह रहे हो?

मा: बेटा हमने धूप में बाल सफेद नही किए है.

मैं: तो मुझसे क्या चाहते हो?

मा: मैं चाहती हू, की तू कुछ दिन इसको फॉलो करके पता कर, की क्या हो रहा है.

मैने मा की बात मान ली, और अगले दिन से भाभी को फॉलो करने लगा. मम्मी की बात सही निकली, और भाभी स्कूल के बाद मुझे किसी के साथ घूमती नज़र आई. मैने उन्हे एक रेस्टोरेंट में सारे-आम किस्सिंग करते देखा.

फिर जब मैने उस आदमी के बारे में पता किया, तो वो शादी-शुदा था. ये बात आके मैने मा को बता दी. वैसे हम भाभी के किसी को मिलने के खिलाफ नही थे. हमने तो उनकी दूसरी शादी करवाने का भी सोचा था. लेकिन बिना शादी के किसी के साथ संबंध बनाने से हमे परहेज़ था.

मा ने मेरी बात सुनी और बोला: मैने तेरी भाभी से पूछा था, तो उसने मुझे नही बताया. ये बस शारीरिक सुख के लिए ऐसा कर रही है. जो अची बात नही है. तुझे एक काम करना होगा.

मैं: क्या मा?

मा: तुझे अपनी भाभी को वो शारीरिक सुख देना होगा, जिसको वो बाहर ढूँढ रही है.

ये सुन कर मैं खुश हो गया. लेकिन मा के सामने शरीफ बनते हुए मैने कहा-

मैं: मा मैं कैसे? वो मेरी भाभी है.

मा: बाहर जाके मूह मारेगी, इससे अछा है घर की बात घर में रहे. अब जल्दी से उसको छोड़ दे.

मैं: ठीक है मा, फॅमिली के लिए कुछ भी.

फिर अगली रात मैं रात को भाभी के रूम में गया. उनके रूम की चाबी मा ने मुझे डेडी थी. भाभी सो रही थी. उन्होने सिल्क का कुर्ता पाजामा पहना था, जिसमे वो रूप की रानी लग रही थी. मैने शॉर्ट्स पहनी थी बस, और बाकी नंगा था. भाभी को देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया.

फिर मैं भाभी के बेड पर बैठ गया, और उनकी सेक्सी जांघों पर हाथ फेरने लगा. कितनी सॉफ्ट जांघें थी उनकी, चू कर मज़ा आ गया. फिर मैने उनकी जांघों पर किस किया. क्या मस्त खुश्बू आ रही थी भाभी के शरीर में से.

उनकी खुश्बू ने मेरी वासना को और बढ़ा दिया, और मैने हाथ भाभी के छूतदों पर रख कर उनको दबाना शुरू कर दिया. भाभी अभी गहरी नींद में थी, और उनको नही पता था की उनका देवर उनके साथ क्या कर रहा था.

फिर मैने भाभी के कुर्ते में हाथ डाला, और उनके पेट पर हाथ फिरने लगा. क्या मुलायम पेट थे उनका. नाभि में मैं हल्के हाथो से अपनी उंगली घूमने लगा. फिर मैं अपना हाथ उपर ले गया, और ब्रा के उपर से उनके बूब पर हाथ रखा.

उनके बूब्स पर हाथ रखते ही मेरा लंड उछालने लग गया. मैने उनका कुर्ता तोड़ा उपर उठाया, और उनके पेट पर किस करने लगा. अभी तक भाभी की तरफ से कोई मूव्मेंट नही थी. फिर मैं पाजामे के उपर से उनकी छूट वाली जगह को सूंघने लगा.

क्या मादक खुश्बू आ रही थी. छूट की भीनी-भीनी सुगंध सूंग कर तो कोई भी मर्द पागल हो जाए. फिर मैने उनके कुर्ते के बटन खोलने शुरू किए, और उनके बदन को नंगा करने लगा. पहला और दूसरा बटन खोलने पर मुझे उनकी ब्रा में काससे बूब्स और क्लीवेज के दर्शन होने लगे.

क्या रसीले गोरे बूब्स थे भाभी के. फिर मुझे उनका पेट और नाभि नज़र आए. अब मैने उनका कुर्ता पूरा खोल दिया था. फिर मैने उनके पाजामे का नाडा खोला, और धीरे-धीरे पाजामा नीचे करने की कोशिश करने लगा.

जब तोड़ा सा पाजामा नीचे खिसका, तो मुझे उनकी पनटी दिख गयी. उनकी पनटी काले रंग की थी. तभी भाभी की आँखें खुल गयी. उन्होने नीचे देखा, तो उनका आधा पाजामा नीचे था, और उपर से कुर्ता खुला हुआ था. जब उन्होने मुझे अपने सामने देखा, तो वो हैरान होते हुए बोली-

भाभी: गगन तुम!?

इसके आयेज की कहानी आपको अगले पार्ट में पढ़ने को मिलेगी. अगर आपको कहानी पढ़ कर मज़ा आया हो, तो कॉमेंट करे.