कज़िन ने माना कर कज़िन की गांद फादी


ही दोस्तों, आज मैं मेरी फर्स्ट कहानी लिखने जेया रहा हू, जो की मेरी और मेरे कज़िन भाई की है. मेरा नाम गणेश है. मेरी आगे 25 है. मैं महाराष्ट्रा में रहता हू, और मेरी इंजिनियरिंग की पढ़ाई हुई है.

तो ये स्टोरी में जो मेरे कज़िन भाई है उनका नाम तिपेन्द्रा है (चेंज किया है नाम ). उनकी आगे करीब-करीब 38 से 40 होगी. उनकी शादी हो चुकी है, और उनकी एक बेटी है, जो अभी 10त में है. और वो भैया प्रोफेसर है एक यूनिवर्सिटी में.

तो बात शुरू होती है जब मेरे कज़िन भाई का हमारे घर हमेशा आना-जाना होता था. वो पास में ही रहते थे, तो चलता था, और वो मुझे बड़ा प्यार करते थे. क्यूंकी मैं सबसे छ्होटा था हमारे घर में, और फर्स्ट एअर में था.

वो मुझे चूमते थे, घूमने लेके जाते थे, तो सब नॉर्मल लगता था मुझे. लेकिन धीरे-धीरे मैं उनकी हरकतों को नोटीस करने लगा. वो पीछे से आके मुझे हग करते थे, और गांद पे हाथ फिरते थे. तो ये मुझे अजीब लगने लगा था.

एक दिन ऐसे ही उन्होने मुझे उनके घर बुलाया. वो घर पे अकेले थे उस दिन. तो हम ऐसे बैठ के बातें कर रहे थे. फिर वो मुझे उनकी कहानी सुनने लगे. हम काफ़ी फ्री थे एक-दूसरे कर साथ. सब चर्चा करते थे. तो उन्होने बताया की जब एक दिन वो ट्रॅवेल से जेया रहे थे, तो रात को एक लड़का उनका लंड निकाल कर खेल रहा था.

ये सुन कर मैं हैरान हो गया, की ये मुझे ये सब क्यूँ बता रहे थे. और ऐसे-कैसे हो सकता था. कोई किसी का लंड ट्रॅवेल में कैसे निकाल सकता था.

फिर मैं बोला: भैया, क्यूँ झूठ बोल रहे हो. ऐसा थोड़ी होता है.

फिर उन्होने मोबाइल लिया, और झट से उन दोनो की पिक दिखाई, जिसमे भैया का लंड उस लड़के के मूह में था. मैने झट से मोबाइल को साइड किया और कहा-

मैं: भैया ये क्या करते हो आप?

तो वो बोले: अर्रे मज़ा आता है बहुत. तू करके देख.

तो मैने कहा: नही, मुझे सिर्फ़ लड़की में इंटेरेस्ट है.

फिर वो बोले: वो तो मुझे भी है. मैं तेरी भाभी के साथ रोज़ करता हू. लेकिन लड़के के साथ करने का मज़ा अलग है.

ऐसा बोल के उन्होने एक हाथ मेरी जाँघ पे रखा.

मैने कहा: भैया मुझे नही पसंद है.

तो भैया ने हाथ हटाया और बातें बताने लगे की कैसे वो लड़कों के साथ करते थे. मैं उनकी बातों से गरम होने लगा था. मुझे समझ नही आ रहा था की ये क्या हो रहा था मुझे. बातों-बातों में वो मेरी गांद पे हाथ फिरा रहे थे.

मुझे भी अछा लग रहा था, लेकिन मैं दिखा नही रहा था. तो भैया ने मेरे लंड पे हाथ रखा और बोले-

भैया: सेयेल तेरा लंड खड़ा हो गया है, और मुझे बोल रहा है क्या कर रहे हो.

तो मैने कहा: भैया आप बातें ऐसे कर रहे हो सेक्स की, इसलिए खड़ा हुआ है.

फिर वो बोले: दिखा मुझे.

और ऐसे बोल के उन्होने मेरी पंत नीचे कर दी. फिर वो बोले-

भैया: तेरा तो मेरे से छ्होटा है बे.

तो मैने कहा: मैं भी तो आपसे छ्होटा हू.

ये सुन कर वो हासणे लगे.

वो बोले: मेरा देखेगा क्या?

मैने कहा: दिखाओ.

तो उन्होने पंत नीचे की. मैने देखा एक बड़ा लंड 7 इंच का, पूरा काला, और खड़ा था.

भैया बोले: हाथ लगा.

तो मैने कहा: नही.

फिर वो बोले: लगा रे.

मैने जैसा ही हाथ लगाया, आह, भैया ने आह की आवाज़ निकली.

फिर वो बोले: मूह में ले.

मैने कहा: नही, ऐसा नही करता मैं.

तो वो मेरे मूह के करीब लेके आए लंड को. मेरे से लंड देख कर रहा नही गया. मैने लंड मूह में ले लिया. पहला गंदा लगा, तो मैने निकाल दिया, और घर चला गया. भैया आवाज़ देते रहे. लेकिन मैने एक ना सुनी.

फिर कुछ दिन बीट गये. मेरी भैया से मुलाकात नही हुई. लेकिन एक दिन पापा और मा घूमने जेया रहे थे, तो वो भैया को बोले की तुम इसका ख़याल रखना. तो वो बोले आचे से रखूँगा चाचा जी. ऐसे बोल के भैया ने मेरी तरफ एक स्माइल पास की. फिर जब रात हुई, तो भैया आए मेरे घर पे सोने के लिए.

मैने बेड लगा दिए. हम एक ही रूम में सो रहे थे. हम दोनो ने उस टॉपिक पे बात नही की, और सीधा सो गये. जब रात को मैं नींद से जागा तो देखा भैया पुर नंगे सो रहे थे, और उनका एक हाथ मेरी चेस्ट पे था. मैं समझ गया आज भैया मेरी लेके छ्चोधेंगे.

तो मैं पड़ा रहा. लेकिन मुझे नींद नही आ रही थी. भैया की गरम साँसे मुझे सोने नही दे रही थी. मैं भी गरम हो रहा था. भैया का लंड मेरे को चुभ रहा था, तो मैने अपना हाथ उनके लंड पे रखा, और उसे साइड को हटाया.

तभी भैया बोले: हटा क्यूँ रहा है? लेले उसको अंदर.

मैने कहा: भैया, क्या मज़ाक है ये?

तो भैया बोले: मज़ाक नही बे. मज़ा आएगा तुझे.

और उन्होने मेरी पंत नीचे कर दी. फिर वो उनका लंड मेरी गांद पे रगड़ने लगे. ह, बड़ा अछा फील हो रहा था. लेकिन मुझे देख के वो बोले-

भैया: पता है मुझे तुझे लेना है, लेकिन तू दर्र रहा है.

मैने कहा: भैया दर्द होता है.

तो वो बोले: मैं होने नही दूँगा.

और सीधा मुझे किस करने लगे. क्या किस कर रहे थे यार. ह, मेरी आस में उंगली डाली उन्होने, और किस कर रहे थे. बड़ा रोमॅंटिक हो गया था माहौल. वाउ, मज़ा आ रहा था.

फिर उन्होने बोला: मूह में ले.

इस बार मैने सीधा मूह में ले लिया, और वो मेरे मूह को फक करने लगा. आहह, दर्द हो रहा था, क्यूंकी भैया का लंड बहुत बड़ा था. लेकिन कुछ देर उन्होने मूह में रखा, और गरम पानी छ्चोढ़ दिया.

मैने कहा: भैया, ये क्या था? तो वो बोले: अछा होता है ये.

और मुझे अपना कम पीला दिया. फिर उठ कर तेल की बॉटल लेके आए. उसके बाद उन्होने आयिल को मेरी गांद पे डाला, और उंगली डालने लगे. बड़ा मज़ा आ रहा था. मैं सिसकारी ले रहा था ह. फिर उन्होने एक और उंगली डाली, फिर एक और. मुझे बहुत दर्द हो रहा था. लेकिन भैया किस रुका नही रहे थे. फिर उन्होने मेरे दोनो पैर उनके कंधो पे रखे और बोले-

भैया: तोड़ा दर्द होगा. लेकिन बाद में मज़ा आएगा.

ऐसा बोल के उन्होने हल्का सा लंड मेरी गाने के होल पे रखा. आह, क्या फील हो रहा था. ऐसा मुझे कभी फील नही हुआ था. ऐसे करते-करते मैने कहा-

मैं: भैया डाल दो, जो होगा देखा जाएगा.

फिर भैया ने जो डाला, मैं ज़ोर से चिल्लाया. लेकिन भैया ने तुरंत किस्सिंग चालू कर दी. बहुत दर्द हो रहा था. लेकिन भैया धीरे-धीरे डाल रहे थे. फिर तोड़ा दर्द कम हुआ, और फिर भैया जो शुरू हुए, पूरी रात जाम के सेक्स किया. मुझे उन्होने आदत लगा दी लंड लेने की.

आज भी हम बहुत सेक्स करते है. लेकिन अभी मैने अपने दोस्त के पापा के साथ सेक्स किया पहली बार. उनको सिड्यूस किया. वो स्टोरी मैं बाद में बतौँगा, गुड बाइ.