पड़ोस की भाभी की पलंग-तोड़ चुदाई

ही फ्रेंड्स, कैसे हो आप सब? मेरी छूट की रानियों को मेरे खड़े लंड का चुम्मा. मुझे पता है आप सब को मेरी स्टोरी का वेट रहा होगा. तो आ गया मैं. मैं नवीन फिरसे आपके लिए एक न्यू स्टोरी लेकर आया हू. पहले मैं अपने बारे में बता देता हू.

मैं नवीन सिंग कानपुर (उ.प.) से हू. मेरा अछा बिज़्नेस और घर है, आगे 30 है, और लंड का साइज़ भी काफ़ी अछा 8.3 इंच है. मेरा लंड सभी फीमेल्स को बहुत खुश करता है. वैसे मैं कॉल बॉय तो नही, बुत काम वही करता हू, और पैसे भी सब खुशी से ही देती है. मैं तो प्यार को देता हू और लेता हू. अब मैं स्टोरी पे आता हू.

ये कहानी आज से कुछ 7 दिन पहले की है, जो मेरे और मेरे पड़ोस में रहने वाली एक भाभी की है, जो 35 के आस-पास की होंगी, और लगती 30 की है. उनके दो बच्चे है और उनका नाम है रिया है.

हुआ यू की उनके हज़्बेंड से मेरी अची पाट-ती है, तो उनके घर आना-जाना लगा रहता है. एक दिन भाभी ऐसे ही खड़ी थी, और शायद उनकी छूट में खुजली हुई. तो उन्होने खुज़ाया पर ध्यान नही था की मैं वही खड़ा था. उनकी इस हरकत से मेरा मूड बन गया, और मैं उन्हे और आचे से देखने लगा.

मैं उनके बूब्स को, और वो मेरे खड़े लंड को घूर्ने लगी और पूछने लगी-

भाभी: ये क्या हो रहा है?

मैने कहा: कुछ नही.

तो वो पास आई और लंड को सहलाने लगी. इतने में उनके पति की आवाज़ आई तो वो जल्दी से उठ कर गयी. मैं भी अपने घर चला गया, और तब से मैं उनके बारे में सोच रहा था. मैने उनके नाम की 2 बार मूठ भी मारी.

फिर मैने उन्हे छोड़ने का पूरा प्लान बना लिया. एक दिन जब वो अकेली थी, उनके पति काम पे गये थे, तो मैं वाहा गया. वो मुझे उस दिन के बारे में पूछने लगी, तो मेरा लंड फिर खड़ा हो गया. मैने फिर उन्हे अपनी और खीचा और किस करने लगा, और वो भी मेरा बराबर साथ दे रही थी.

फिर मैने उनकी कमर में हाथ डाल दिया, और उनकी जीभ को कस्स कर चूस रहा था. अब मैं अपने हाथ उनकी गांद पर फेरने लगा. क्या मस्त गांद थी यार क्या बतौ. फिर उनके पीछे आ कर उनकी गांद पे लंड फेरने लगा, और सूट के उपर से ही बूब्स को दबाने लगा. वो भी क्या मस्त तरीके से मेरा साथ दे रही थी.

मैं कस्स कस्स के बूब्स का मज़ा ले रहा था, और वो गांद के बीच में मेरा लंड दबा रही थी. वाउ, क्या फीलिंग थी. फिर मैने उसके कपड़े उतार दिए. अब वो सिर्फ़ ब्रा और पनटी में थी. क्या लग रही थी वो. मैने तुरंत उसकी एक पिक क्लिक की.

अब वो मेरे कपड़े उतारने लगी, और मैं उसकी चुचि दबाने में मस्त था. मैं अब पूरा नंगा था, और वो मेरे लंड से खेलने लगी. तभी मैने भी उसकी ब्रा उतार कर फेंक दी, और उसकी पनटी की क्या मस्त खुश्बू थी. तभी मैने उसे लिटा दिया, और उसके बूब्स के बीच लंड ले जेया कर हिलने लगा. वो भी पुर मज़े ले रही थी मेरे.

फिर मैने उसे लंड चूसने को कहा, तो उसने माना किया. मैने उसे मनाया, फिर उसके बालों को पकड़ कर लंड मूह में दे दिया. पहले वो माना कर रही थी, फिर ऐसे चूस रही थी जैसे बड़ी एक्सपीरियेन्स्ड हो. काफ़ी देर लंड चूसने के बाद मैने कहा-

मैं: मेरा निकालने वाला है.

तो वो कहने लगी: बाहर निकालना.

मैने लंड मूह में ही रखा, और पानी छ्चोढ़ दिया. और जब तक उसने पानी अंदर नही लिया, मैने लंड नही निकाला. फिर मैं उसके उपर लेट गया. थोड़ी देर बाद मैं उसकी छूट पर आया. क्या छूट लग रही थी, जैसे जंगल के बीच गली. उसकी झाँते बड़ी-बड़ी थी, जो मुझे बहुत पसंद है.

मैं उसे हाथ से सहलाने लगा. अब मैने भी उसकी ज़िप खोली, और उसकी अंडरवेर के उपर से छूट में उंगली करने लगा. उसकी छूट पूरी गीली थी, और मेरी उंगली फिसल रही थी. अब मैने अंडरवेर साइड की, और अंदर हाथ डाला. मस्त गरम थी छूट, किसी भट्टी जैसी गरम छूट, और गीली भी. झाँते भी बड़ी-बड़ी थी.

मैं बड़े प्यार से झाँते खींच-खींच कर उसे बेकरार कर रहा था, और अब वो भी मेरी झांतो को खींचने लगी, और बड़े प्यार से लंड को घिस रही थी. मैं उसकी छूट में उंगली अंदर-बाहर करके पानी निकालने में लगा था, और मेरा तो मॅन कर रहा था की लंड छूट में डाल डू.

बड़ी गरम और मुलायम छूट थी. मैं उसकी छूट को बड़े प्यार से चाट रहा था. कभी जीभ अंदर कभी बाहर करता. वो भी हिल-हिल कर मेरा साथ दे रही थी. थोड़ी देर बाद वो भी अपना पानी छ्चोढ़ ढीली पद गयी.

मेरा लंड कब से रेडी था छूट में जाने के लिए. फिर मैं सीधा छूट पर आया, और टोपा रखा ही था की वो मचलने लगी. अभी तोड़ा सा लंड गया ही था, की वो झटपटा पड़ी. वो कहने लगी निकालो, और मैं लंड से ज़ोर लगाने लगा. मैने उसे किस करते-करते लंड को पूरा डाल दिया.

अब वो कुछ ना कह सकी. उसकी आवाज़ मेरे मूह में डब गयी, और मैं ज़ोर-ज़ोर से लंड अंदर-बाहर करने लगा. पुर कमरे में पूछ पूछ की आवाज़े आ रही थी. उसके बच्चो तक आवाज़ गयी होगी, बुत हम चुदाई में व्यस्त थे. करीब 25 मिनिट बाद हम लोग अपनी चरम सीमा पर पहुँचे. इतने टाइम में वो 3-4 बार झाड़ चुकी थी.

फिर मैने सारा पानी उसके मूह में गिराया, और फिर हम एक-दूसरे की बाहों में लेट गये. हम एक-दूसरे को किस करने लगे. मैं उसके एक बूब को चूसने लगा, और दूसरे को दबाता. फिर तोड़ी देर बाद मेरा लंड फिर खड़ा हो गया. मैने उसे गांद मारने को कहा तो वो माना करने लगी.

फिर मैने उसे मनाया, और उसके साथ साइड करवट में लेट कर लंड डालने लगा. वो रोने लगी, तो मैने उसे चुप कराया, और लंड डालने लगा. वो थोड़ी चिल्लाई तो मैं उसकी चुचि दबाने लगा. फिर तोड़ा लंड अंदर डाला. आधा लंड गया होगा, की वो झटपटाने लगी. फिर तोड़ा थूक लगा कर मैने पूरा लंड डाल दिया.

उसे तोड़ा दर्द हुआ, पर फिर वो नॉर्मल हो गयी, और लंड अंदर-बाहर आराम से जाने लगा. फिर काफ़ी देर बाद मैं उसकी गांद में ही झाड़ गया, और हम एक-दूसरे की बाहों में सो गये. फिर 2 घंटे बाद उठे, और हमारे कपड़े इधर-उधर फैले थे. मैने उसकी पनटी ले ली, और हमारी पहली चुदाई की याद में रख ली. हमने कुछ पिक्स भी क्लिक करी.
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