साले के घर में उसकी बीवी को चोदा

ही दोस्तों, मैं रूबल अपनी कहानी का लास्ट पार्ट लेके आप सब के सामने हाज़िर हू. आशा है की आप सब को पिछले पार्ट्स पसंद आए होंगे. अगर आपने पिछले पार्ट्स नही पढ़े है, तो प्लीज़ पहले जाके उनको पढ़े.

पिछले पार्ट्स में आपने पढ़ा की मेरे साले की बीवी अपने पति से संतुष्ट नही थी. फिर मैने उसको चुदाई का ऑफर दिया, लेकिन वो नही मानी. उसके बाद मैने मौका पा कर उसको गरम किया, लेकिन हम आयेज नही बढ़ सके.

आख़िर-कार चाचा जी बीमार हुए, और जब मैं हॉस्पिटल से खाना लेने उनके घर गया, तब पूजा मुझे अकेले में मिली. इसी मौके का हम दोनो इंतेज़ार कर रहे थे. फिर हमारा रोमॅन्स शुरू हुआ. अब आयेज बढ़ते है.

पूजा मेरे सामने घुटनो पर बैठी थी. वो उपर से नंगी थी, और नीचे बस लेगैंग्स पहनी हुई थी. उसके हाथ में मेरा लंड था, और वो लंड पर जीभ फेर रही थी. फिर उसने मेरी तरफ कामुकता भारी नज़र से देखा, और स्माइल करने लगी. मैने उसको इशारे से लंड को मूह में डालने को कहा.

फिर उसने अपने खूबसूरत होंठ खोले, और मेरे लंड को अपने मूह में ले लिया. वो लंड पूरा गले तक ले गयी, और मूह आयेज-पीछे करके उसको चूसने लग गयी. क्या गर्मी थी उसके मूह की. और उपर से ये एहसास की वो मेरे सेयेल की बीवी थी. वो भी बड़े मज़े से लंड चूस रही थी.

कुछ देर वो ऐसे ही मज़े से लंड चूस्टी रही. फिर मैने अपना हाथ उसके सर के पीछे रखा, और उसका मूह छोड़ने लगा. मैं ज़ोर-ज़ोर से धक्के देने लगा उसके मूह में, जिससे उसका साँस लेना मुश्किल हो रहा था. वो अपने हाथ मेरी जांघों पर मार कर मुझे रुकने के लिए बोल रही थी, लेकिन मैं नही रुका. इतने दीनो से जो आग मेरे अंदर लगी हुई थी, मैं उसको ठंडा कर रहा था.

फिर मैने अपना पूरा लंड उसके गले तक घुसा दिया, और वही रोक लिया. जब वो तड़पने लगी, तो मैने लंड उसके मूह से बाहर निकाल लिया. वो एक-दूं से ज़ोर-ज़ोर से खाँसने लगी. उसके हाथ ज़मीन पर आ गये, और वो मूह फर्श पर करके ज़ोर-ज़ोर से खांस रही थी. तभी मैने उसको कहा-

मैं: मज़ा आया?

पूजा: मज़ा, अर्रे मेरी जान निकल जानी थी अभी.

मैं: इतनी आसानी से कैसे निकल जाएगी मेरी जान की जान. चल आजा अब.

फिर मैने उसको हाथ पकड़ कर खड़ा किया, और बेड पर लिटा लिया. अब मैं उसके बूब्स चूसने लग गया, और कुछ देर चूसने के बाद उसका पेट चूमने लगा. मैं उसकी नाभि में जीभ अंदर तक डालने लगा, जिससे वो कामुकता भारी सिसकियाँ लेने लगी. जब मैने चाट-चाट कर उसका पूरा पेट गीला कर दिया, तब मैं नीचे आया.

मैने उसकी लेगैंग्स में हाथ डाला, और उसको नीचे खींचने लगा. उसने गांद उठा कर लेगैंग्स उतारने में मेरी हेल्प की. अब वो खूबसूरत लड़की मेरे सामने सिर्फ़ पनटी में थी. उसकी छूट के उपर वाला पनटी का हिस्सा गीला था, और छूट के हल्के बाल पनटी के उपर से नज़र आ रहे थे. मैने उसकी छूट पर हाथ लगाया, और उसके पानी की खुश्बू सूँघी. क्या नशे वाली खुश्बू थी.

फिर मैने उसकी पनटी उतरी, और अब वो मेरे सामने नंगी थी. मैने जल्दी से उसकी जांघें खोली, और उसकी छूट पर अपना मूह लगा लिया. फिर मैने छूट को चाटना शुरू किया. छूट पर जीभ लगते ही उसने कामुकता भारी सिसकियाँ भरनी शुरू कर दी. उसने मेरे सर पर हाथ रखा, और सर को अपनी छूट में दबाने लग गयी.

वो भी मेरी तरह मेरे सर को अपनी छूट में ज़ोर से दबा रही थी, जिससे मुझे साँस ना आए. लेकिन मैं उसकी छूट खाने में इतना बिज़ी था, की मुझे किसी चीज़ से कोई फराक नही पद रहा था. कुछ देर ऐसे ही मैं उसकी छूट चाट-ता रहा.

फिर मैं अपना लंड उसकी छूट के पास लेके आया, और उसको छूट पर रगड़ना शुरू किया. मैं ज़ोर-ज़ोर से लंड को छूट पर रग़ाद रहा था. जब भी मैं उपर से लंड रगड़ते हुए नीचे आता, तो लंड नीचे पहुँचने पर उसको एक झटका लगता. शायद ऐसा इसलिए था, की उसकी छूट का दाना मेरे लंड से डब जाता था.

फिर जैसे ही लंड का टोपा छूट के मूह पर अटका, मैने लंड उसकी छूट में पुश कर दिया. मैं बिना रुके पूरा का पूरा लंड अंदर ले गया. उसकी आ निकली, और मैने धीरे-धीरे लंड अंदर-बाहर करते हुए चुदाई शुरू की. बहुत मज़ा आ रहा था. बहुत गर्मी थी उसकी छूट में.

शुरू में उसको तोड़ा दर्द हुआ, लेकिन कुछ धक्को के बाद उसका दर्द मज़े में बदल गया. फिर मैने अपनी स्पीड बधाई, और तेज़ी से उसकी छूट छोड़ने लगा. मैने अपने होंठ उसके होंठो से जोड़ दिए, और ज़ोर-ज़ोर से लंड पूरा बाहर निकाल कर अंदर डालने लगा. वो ह्म ह्म कर रही थी, और मेरी पीठ पर अपने नाख़ून गाड़ रही थी.

कुछ देर ऐसे ही छोड़ कर मैने उसकी छूट का पानी निकाला. फिर मैने उसकी छूट से लंड बाहर निकाला, और उसकी छूट सॉफ की. उसके बाद मैं बेड से नीचे उतार कर खड़ा हो गया, और उसको बेड के कोने पर आ कर घोड़ी बनने को कहा. वो अपनी गांद बाहर निकाल कर मेरे सामने घोड़ी बन गयी.

इस पोज़िशन में उसकी गांद पॉर्न मूवीस की किसी मिलफ की तरह लग रही थी. मैने लंड उसकी छूट पर सेट किया, और एक ही बार में पूरा लंड उसकी छूट के अंदर घुसा दिया. फिर मैने उसके चूतड़ कस्स के पकड़े, और लगा उसकी छूट को पेलने में.

ठप-ठप और उसकी आ आ की आवाज़े आ रही थी. वो मुझे और ज़ोर से करने को बोल रही थी, जिससे मुझे और जोश चढ़ रहा था. मैं तबाद-तोड़ उसकी छूट में धक्के मारे जेया रहा था. लगभग 15 मिनिट मैने उसको इसी पोज़िशन में छोड़ा. जब मेरा माल निकले वाला हुआ, तो मैने लंड उसकी छूट से निकाल कर उसको सीधा कर दिया.

अब मैं अपना लंड हाथ से हिला रहा था. लेकिन उसने जल्दी से लंड अपने मूह में डाल लिया, और चूसने लगी. मैं कमर आयेज-पीछे हिला रहा था, और आ आ कर रहा था. अगले 2 मिनिट में मेरा पूरा माल उसके गले में चला गया, और वो साथ के साथ निगल गयी. वो लंड चूस-चूस कर माल निकाल रही थी.

चुदाई पूरी होने के बाद हम दोनो ने कपड़े पहने. फिर मैने जल्दी से खाना लिया, और हॉस्पिटल के लिए निकल गया. उस दिन से बाद से हमारा ये नाजायज़ रिश्ता पेरमाणंत हो गया. हम आज भी सेक्स करते है.

दोस्तों कहानी का मज़ा आया हो, तो इसको आयेज शेर ज़रूर करे.