ही फ्रेंड्स, मैं अर्पणा अपनी स्टोरी का लास्ट पार्ट लेके आप सब के सामने हाज़िर हू. अगर आपने पिछले पार्ट्स नही पढ़े है, तो पहले उनको ज़रूर पढ़े. आपको पिछले पार्ट्स ज़रूर पसंद आएँगे.
पिछले पार्ट्स में आपने पढ़ा था की बारिश में फ़ासस कर मुझे एक बुड्ढे अंकल के घर रुकना पड़ा. फिर मुझे चोट लग गयी, और उसी चक्कर में मैं गरम होके अंकल से चुड गयी. अंकल ने अपना गरम-गरम माल मेरी छूट में ही छ्चोढ़ दिया. अब आयेज बढ़ते है.
हमारी चुदाई ख़तम हो चुकी थी. मुझे अंकल से चुड कर इतना मज़ा आया था जितना अपने बाय्फ्रेंड के साथ भी नही आया था. हम दोनो की साँसे अभी भी तेज़ चल रही थी. फिर अंकल बोले-
अंकल: ठंड तो नही लग रही अब?
मैं: नही अंकल.
अंकल: मज़ा आया?
मैं: बहुत अंकल.
बाहर बारिश भी बंद हो गयी थी. फिर अंकल उठे और बोले-
अंकल: मैं तुम्हारी गाड़ी ठीक कर देता हू, तब तक तुम अपनी ड्रेस आइरन करके सूखा लो.
फिर उन्होने मुझे कॉर्नर से आइरन निकाल कर दी, और खुद अपना टूल बॉक्स लेके बाहर चले गये.
इधर मैने अपनी ड्रेस सूखा ली, और उधर 20 मिनिट में अंकल गाड़ी ठीक करके वापस आ गये. मैं ड्रेस पहन कर रेडी हो गयी थी. मैने उनको गाड़ी ठीक करने के लिए थॅंक योउ बोला और कहा-
मैं: आपके चार्जस क्या है?
अंकल: तुम पहले ही मेरा चार्ज दे चुकी हो. अगर और देना है तो एक बार और कर लेते है. और इस बार मैं तुम्हे एक सर्प्राइज़ भी दूँगा.
मैं तो पहले से अंकल से चुड कर उनकी फन हो गयी थी. जैसे ही उन्होने दोबारा चुदाई की बात की, मैं रेडी हो गयी. तभी अंकल बोले-
अंकल: तुम रेडी हो जाओ, मैं अभी आता हू.
ये बोल कर वो बाहर चले गये. मैने अपनी ड्रेस उतार दी, और ब्रा-पनटी में बेड पर बैठ कर खुद को चादर से धक लिया. 10 मिनिट बाद अंकल आए, और अपने कपड़े उतार कर सिर्फ़ अंडरवेर में बेड के पास खड़े हो गये.
मैने चादर हटाई, और घुटनो के बाल रेंगते हुए अंकल के पास गयी. फिर हम दोनो किस करने लग गये. कुछ ही सेकेंड्स में हमारी किस वाइल्ड हो गयी. फिर अंकल ने किस तोड़ी और बोले-
अंकल: देखना चाहोगी अपना सर्प्राइज़?
मैने स्माइल करके हा में सर हिलाया. तभी अंकल ने सीटी मारी, और 2 लड़के रूम में आ गये. ये वही लाधे थे, जो मेरी गाड़ी की वोंडोव पर हाथ मार कर खोलने की कोशिश कर रहे थे. मैने उनको देख कर हैरानी से अंकल की तरफ देखा. अंकल बोले-
अंकल: ये मेरे बेटे है, और ये भी तुम्हारे साथ मस्ती करना चाहते है.
वो लड़के पुर नंगे थे, और उनके 8-8 इंच के लोड तनने हुए थे. इससे पहले मैं कुछ बोल पाती, अंकल ने मुझे बाहों मैं भर कर किस करना शुरू कर दिया. फिर पहला बेटा जल्दी से मेरे पीछे आ गया, और मेरी कक़ची उतार कर मेरी गांद के चियर को चाटने लग गया. इससे मैं और गरम होने लग गयी.
आयेज से अंकल के किस ने और पीछे से उनके बेटे के गांद चाटने से मैं इतनी मदहोश हो गयी, की उनको माना नही कर पाई. जब अंकल ने देखा की मैं कोई विरोध नही कर रही थी, तो उन्होने किस तोड़ी, और उनकी जगह उनका दूसरा बेटा आ गया.
उसने अपने होंठ मेरे होंठो से जोड़े, और जानवरो की तरह मेरे होंठो को चूसने लग गया. उसकी किस उसके बाप की किस से ज़्यादा वाइल्ड थी. शायद जवानी और बुढ़ापे का फराक था. फिर उसने मेरी ब्रा का हुक पीछे से खोल कर मेरे रस्स भरे बूब्स को आज़ाद कर दिया.
मेरे सेक्सी बूब्स देखते ही वो उन पर टूट पड़ा. वो पागलों की तरह मेरे बूब्स मसालने लगा, और उन्हे चूसने लग गया. दोस्तों मैं बता नही सकती, की मुझे कितना मज़ा आ रहा था. पीछे से एक बंदा मेरी छूट चूस रहा था, और आयेज से दूसरा मेरे बूब्स चूस रहा था. मैं इतनी उत्तेजित हो गयी, की मेरा पानी पीछे वाले के मूह पर ही निकल गया. वो मेरा सारा पानी पी गया.
फिर वो दोनो मुझसे अलग हुए. पहले वाला बेटा बेड पर लेट गया, और लंड पकड़ कर मुझे देखने लगा. मैं समझ गयी की मुझे क्या करना था. मैं उसके उपर आई, और छूट खोल कर उसका लंड अंदर लेके बैठ गयी. आह! उसका लंड मेरी बच्चे-दानी तक जेया रहा था. मुझे दर्द हो रहा था, लेकिन मज़ा भी आ रहा था.
फिर मैं उसके लंड पर उछालने लग गयी. उसने मेरे बूब्स पकड़ लिए, और उनके सहारे मुझे उछालने में मदद करने लगा. तकरीबन 5 मिनिट बाद दूसरा बेटा मेरे पीछे आया, और उसने मेरी पीठ पर हाथ रख कर मुझे आयेज की तरफ धक्का दिया. इससे मैं झुक गयी, और मेरे होंठ पहले बेटे के होंठो से जुड़ गये.
फिर उसने मेरी गांद पर थूका, और अपना लंड मेरी गांद के च्छेद पर रगड़ने लग गया. मैने कभी गांद नही मरवाई थी, तो मैं उनको माना करने के लिए जैसे ही उठने लगी, तो पहले बेटे ने मुझे अपनी बाहों में जाकड़ लिया, और मेरे होंठ भी कस्स लिए.
तभी दूसरे बेटे ने ज़ोर का धक्का मार कर अपना आधा लंड मेरी गांद में पेल दिया. मैं दर्द से झटपटाने लगी. ऐसा लग रहा था, जैसे किसी ने लोहे की रोड मेरी गांद में डाल दी. मैं चीख नही सकती थी, तो मेरी ह्म ह्म की आवाज़े निकल रही थी.
फिर उसने और ज़ोर लगाया, और पूरा लंड मेरी गांद में पेल दिया. मेरी तो मानो जान ही निकल गयी. एक पल के लिए मुझे लगा की मैं मॅर जौंगी. मुझे बेहोशी छाने लगी. लेकिन ऐसा हुआ नही. पूरा लंड डाल कर वो 1-2 मिनिट रुक गया, और फिर धीरे-धीरे लंड अंदर बाहर करने लगा.
वो साथ-साथ में थूकता गया लंड पर ताकि वो आसानी से अंदर-बाहर हो सके. कुछ देर में लंड मेरी गांद में पूरी तरह अड्जस्ट हो गया. फिर वो दोनो तबाद-तोड़ मुझे छोड़ने लगे. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. मज़े से मेरी आँखें उपर चढ़ गयी थी. मैं पागलों की तरह दोनो के बड़े लंड से चुड रही थी.
वो दोनो पूरा ज़ोर लगा कर सॅंडविच पोज़िशन में मुझे छोड़ रहे थे. उन दोनो ने पूरा सिस्टम बना रखा था. पहले एक लंड मेरे अंदर जाता, फिर उसके बाहर आने पर दूसरा जाता. इस तरह से 15 मिनिट वो मुझे छोड़ते रहे. इतनी देर मैं मैं पता नही कितनी बार झाड़ चुकी थी.
फिर उन्होने अपने लंड निकाले, और मुझे सीधी लिटा कर मेरे मूह पर झाड़ गये. मैं तृप्त हो चुकी थी, और तक कर सो गयी. जब मैं उठी तो मेरे मूह पर सूखा हुआ माल लगा हुआ था. फिर मैं गरम पानी से नहाई, रेडी हुई, और अपने घर वापस निकल पड़ी. ये मेरी लाइफ का बेस्ट सेक्स एक्सपीरियेन्स था.
दोस्तों कहानी को शेर ज़रूर करे अपने फ्रेंड्स के साथ.