दोस्त के साथ मिल कर उसकी गस्ति बहन की चुदाई

ही दोस्तों, मेरा नाम अजय है. मैं उप के गोरखपुर इलाक़े से हू. मेरी आगे 20 साल है, और मैं कॉलेज में पढ़ता हू. मैं 6 फुट लंबा हू, और 7.5 इंच का लंड है मेरा. मैं जिम भी जाता हू, तो बॉडी अची बनी हुई है मेरी. अब मैं सीधा कहानी पर आता हू.

ये बात 6 महीने पहले की है. मेरा एक दोस्त है, जिसका नाम अनिल है. हम काफ़ी आचे दोस्त थे, लेकिन कभी हमने एक-दूसरे की फॅमिली के बारे में बात नही की. फिर एक दिन शाम के वक़्त मैं रोड पे जेया रहा था, तो मुझे अनिल दिखाई दिया.

वो बिके पे सामने से आ रहा था, और उसके पीछे कोई बैठा हुआ था. जैसे-जैसे वो पास आता गया, तो मैने देखा उसके पीछे एक बहुत ही खूबसूरत लड़की बैठी थी. तभी उसने भी मुझे देख लिया, और इशारे से हेलो बोला. फिर वो मेरे पास से निकल गया.

मैने गर्दन घुमा कर पीछे देखा, तो लड़की की सेक्सी जांघें मुझे दिखी. फिर अगले दिन जब वो मुझे कॉलेज में मिला, तो मैने उससे पूछा-

मैं: कहा घूम रहे थे कल शाम?

अनिल: यार मेरी बेहन की टुटीओन क्लासस होती है शाम को, तो उसको छ्चोड़ने गया था.

मैं: किस चीज़ की टुटीओन?

अनिल: वो ब.आ. कर रही है प्राइवेट. तो मेद्स की टुटीओन लेती है. और मुझे उसको छ्चोढने और लेने जाना पड़ता है.

मैं: ओक.

मेरा दिल उसकी बेहन पर आ गया था, और मैं हर रोज़ उस रोड पर जाने लगा. आते-जाते वो मुझे रोज़ दिखने लगा. लेकिन अभी तक उसकी बेहन ने मुझे नही देखा था. फिर एक दिन मैने उसकी बिके के पीछे बिके लगा ली.

मैने देखा की आज वो टुटीओन सेंटर नही रुके थे. मुझे लगा की वो कही काम से जेया रहे होंगे, लेकिन यहा तो कुछ और ही सीन था. उनकी बिके शहर से काफ़ी आयेज जाके रुकी, जहा खेत थे. मैं उनके पीछे थोड़ी दूरी बना कर जाता रहा. मैने मूह लपेटा हुआ था अपना.

फिर अनिल बिके एक गन्ने के खेत के अंदर ले गया. मैने बिके बाहर ही लगाई, और पैदल अंदर चला गया. थोड़ी आयेज जाके मैने देखा, की वो दोनो एक खाली जगह पर खड़े थे, जो चारो तरफ से गन्नो से कवर थी.

तभी अनिल ने अपनी बेहन को बाहों में भर लिया, और दोनो लीप-किस करने लग गये. ये देख कर मैं हैरान हो गया. मुझे समझ नही आया की वो भाई-बेहन थे भी या नही. उसकी बेहन ने हारे रंग का लेगैंग्स सूट पहन रखा था. टाइट लेगैंग्स और फिटिंग वाले सूट में वो जबरात लग रही थी.

अनिल उसको किस करते हुए उसकी पीट सहलाने लगा. फिर वो उसकी गांद दबाने लगा. जिस हिसाब से वो दोनो किस कर रहे थे, ऐसा लग रहा था की दोनो बहुत प्यासे थे. मैने जल्दी से अपना फोन निकाला, और उन दोनो की वीडियो बनाने लगा.

तभी अनिल ने अपनी बेहन का शर्ट उतार दिया. अब उसकी बेहन लेगैंग्स और ब्रा में खड़ी थी. हुस्न की मल्लिका लग रही थी वो बिल्कुल. फिर वो उसको बोला-

अनिल: बड़ी सेक्सी लग रही है आज मेरी बेहन.

बेहन: भैया ये सब सिर्फ़ आपका है.

अनिल: लंड चूस्गी?

बेहन: बिल्कुल चूसूंगई.

फिर वो घुटनो पर बैठ गयी, और अनिल ने पंत और अंडरवेर उतार कर अपना लंड बाहर निकाल लिया. अनिल का लंड मेरे लंड से छ्होटा था. बेहन ने लंड हाथ में लिया, और सीधा अपने मूह में डाल कर चूसने लगी.

अनिल नीचे झुका, और उसकी ब्रा का हुक खोलने लगा. वो कोशिश कर रहा था, लेकिन उससे हुक खुल नही रहा था. तभी वो बेहन को बोला-

अनिल: ये हुक खुल क्यूँ नही रहा है?

उसी वक़्त मैं बोल पड़ा: भाई अगर तुझसे नही खुल रहा, तो मैं खोल देता हू.

मेरी आवाज़ सुन कर दोनो की गांद फटत गयी. बेहन ने लंड मूह से बाहर निकाला, और अपने शर्ट से खुद को ढकने लगी. अनिल भी अपना लंड च्छूपाते हुए बोला-

अनिल: आबे तू यहा क्या कर रहा है?

मैं: मैं यहा क्या कर रहा हू. कैसे आया? क्यूँ आया? इन सब सवालो का कोई मतलब नही है. मैं तो बस तुम दोनो की इस चुदाई में शामिल होना चाहता हू. मैने तुम्हारी वीडियो बना ली है. तो बाकी तुम खुद समझ दार हो.

फिर मैं अपना लंड निकालते हुए उसकी बेहन की तरफ बढ़ा, और बोला-

मैं: देखो मुझे बस तुम्हे छोड़ना है. भाई से तो चुड ही रही हो, तोड़ा प्यार हमसे भी कार्लो.

इससे पहले अनिल अपनी बेहन को कुछ बोलता, वो आयेज बढ़ी, और उसने मेरा लंड अपने हाथ में ले लिया. फिर वो बोली-

बेहन: तगड़ा है तेरा.

ये बोलते ही वो घुटनो के बाल बैठ गयी, और मेरा लंड चूसने लगी. अनिल बड़ी हैरानी से देख रहा था. मैने उसको बोला-

मैं: आजा भाई तू भी. ब्रा के हुक खोल ले अब आराम से.

फिर अनिल भी पास आ गया, और नीचे बैठ कर अपनी बेहन की ब्रा खोल दी. वो पीछे से हाथ डाल कर उसके बूब्स दबाने लगा, और पीठ पर किस करने लगा. मैं उसकी बेहन के मूह में धक्के दे रहा था.

फिर मैने उसके मूह से लंड निकाल कर उसको खड़ा किया. अनिल भी खड़ा हो गया. मैने बेहन को भाई की तरफ घुमा दिया, और वो दोनो किस करने लगे. मैं नीचे बैठ गया, और उसकी लेगैंग्स और पनटी उतार दी. क्या सेक्सी जांघें थी उसकी बेहन की.

फिर मैं साइड से हाथ आयेज ले गया, और उसकी छूट सहलाने लगा. पीछे से मैं उसके छूतदों में मूह डाल कर उसकी गांद का च्छेद चाटने लगा. कसम से बहुत मज़ा आ रहा था. बेहन भाई के लंड को सहला रही थी.

फिर अनिल नीचे लेट गया, और बेहन ने उसकी टाँगों पर बैठ कर लंड छूट में ले लिया. अब वो उपर-नीचे होके अपने भाई के लंड से चुड रही थी. 2 मिनिट जब उसकी छूट चुड गयी, तो मैं उसके पीछे आ गया. अनिल ने उसको बाहों में भर लिया.

फिर मैने उसके चूतड़ खोले, और लंड उसकी गांद के च्छेद पर टीकाया. उसके बाद ज़ोर का धक्का मार कर आधा लंड उसकी गांद में घुसा दिया. बेहन चीखें मारने लग गयी. लेकिन मैने उसके सर पर हाथ दबा के दोनो के मूह जोड़ दिए.

अब मैं उसकी गांद में धक्का लगा कर पूरा लंड अंदर करने लगा. अनिल भी नीचे से उसकी छूट छोड़ रहा था, और बूब्स चूस रहा था. जब उसका दर्द कम हुआ, तो मैने धक्के तेज़ कर दिए. अब अनिल की बेहन 2 लंड से चरमसुख पा रही थी.

10 मिनिट की चुदाई के बाद अनिल का लंड पानी छ्चोढ़ गया. फिर वो नीचे से निकल गया. मैने फिर उसकी बेहन को सीधा लिटाया, और मिशनरी पोज़िशन में छोड़ने लग गया. साथ-साथ मैने उसके होंठ और बूब्स भी चूज़. 15 मिनिट और छोड़ने के बाद मैने उसके पेट पर अपना माल निकाल दिया.

उस दिन के बाद उसकी बेहन अपने भाई के साथ-साथ मेरी भी रंडी बन के मुझसे चूड़ने लगी.

दोस्तों अगर आपको कहानी का मज़ा आया हो, तो इसको फ्रेंड्स में शेर ज़रूर करे. सब को मज़ा लेने का अधिकार है.