कॉलेज में लड़कियों की गरम होती चूत की स्टोरी

हेलो फ्रेंड्स, मेरा नाम गरिमा है, और मैं जाईपुर की रहने वाली हू. वैसे मैं बहुत सालों से स्टोरीस पढ़ रही हू, जिसमे से कुछ तो ठीक लगती है तो कुछ बहुत ज़्यादा अची. ये मेरा ऑलमोस्ट रुटीन बन चुका है, की रात को सोने से पहले मैं स्टोरी ज़रूर पड़ती हू, और अपनी छूट को गीला करने के बाद ही सोती हू.

शुरू में मेरे लिए बस मस्ती की चीज़ थी ये. लेकिन अब तो जैसे आदत पद चुकी थी. जैसे कहानी पड़े बिना मुझे नींद ही नही आती, और अगर सो जाती थी, तो आधी रात को उठ कर भी कहानी पढ़नी पड़ती थी. चलो देर ना करते हुए मैं कहानी पर आती हू.

ये कहानी तब की है, जब मैं 1स्ट्रीट एअर में पढ़ती थी. ये कहानी मेरे फर्स्ट सेक्स की नही, मगर उससे भी पहले की है, की कैसे मुझे इन सब के बारे में पता चला.

कॉलेज जब मैं फर्स्ट दे पहुचि, तो अभी क्लास में बहुत लोग आए हुए नही थे. क्लास में जेया कर मैं लास्ट के 2न्ड बेच पर बैठ गयी. थोड़ी देर बाद एक बहुत ही ब्यूटिफुल लड़की क्लास में एंटर हुई, और सबकी नज़रे उसकी तरफ ही रह गयी.

क्लास के सभी लड़कों का मूह खुला रह गया, और लड़कियों को जलन होने लगी. मैं झूठ नही बोलूँगी, लेकिन मुझे भी थोड़ी जलन तो हुई थी. ऐसा नही है मैं खूबसूरत नही थी, लेकिन उसने ऐसे अपने आप को मेनटेन किया हुआ था, जैसे की कोई फिल्म की मैं लेड आक्ट्रेस हो. खैर वो चलते हुए पीछे की तरफ आई, और मेरे पीछे वाली बेंच पर आ कर बैठ गयी.

फिर उसने मुझे देखते हुए बोला: कॉलेज में न्यू हो ना? ही, ई’म श्रेया.

मैने भी मुस्कुराते हुए बोला: एस मेरा फर्स्ट दे है आज. ई’म गरिमा.

फिर उसने अपने बाग से इफ़ॉंे निकाला, और कुछ देखने लगी. तो मैं भी अपनी बुक्स की तरफ कुछ पढ़ने लग गयी. फिर क्लास में टीचर आई, और सब ने अपने आप को इंट्रोड्यूस किया, जो न्यू आंड ओल्ड थे सब ने. आज फर्स्ट दे था तो क्लास में सारे स्टूडेंट्स नही थी.

जब टीचर चली गयी, तो श्रेया अपना बाग उठा कर मेरी बेंच के पास आई और बोली: मैं बैठ जौ यहा?

मैं भी हा भरते हुए बेंच की दूसरी तरफ जहा दीवार थी उस और खिसक गयी.

वो मेरे पास आई और बैठी, तो उसके पास से बहुत ही अची और सूदिंग स्मेल आ रही थी, जो पक्का कोई एक्सपेन्सिव पर्फ्यूम होगा. उसके बाग और उसके कपड़ों से लग गया, की वो ज़रूर किसी बड़े अमीर घर की होगी.

फिर ऐसे ही कॉलेज का पहले दिन बीट गया, और दूसरे दिन वो डाइरेक्ट मेरे पास ही आ कर बैठ गयी. अब हमारी थोड़ी बात होने लगी, और धीरे-धीरे हम फ्रेंड्स बन गये. हमने नंबर भी एक्सचेंज कर लिए, और फिर व्हातसपप पर कनेक्ट हो गये.

धीरे-धीरे हम क्लोज़ हो गये, और एक-दूसरे के बेस्ट फ्रेंड्स भी बन गये. कॉलेज को लगे हुए 6 मंत्स हो चुके थे, और हम काफ़ी क्लोज़ आ चुके थे.

एक दिन रात को उसका मेसेज आया: हे, क्या कर रही है?

गरिमा: कुछ नही बस बेड पर लेती हुई हू, और सोने जेया रही हू.

श्रेया: अछा, एक बात बता, तूने कभी बताया नही की तेरा कोई ब्फ है की नही? या फिर मुझसे सीक्रेट ही रखेगी?

गरिमा: नही यार, ऐसा कुछ नही है. मेरा कोई भी ब्फ नही है.

श्रेया: झूठ क्यूँ बोलती है? कोई तो होगा ना? अब नही तो पहले तो था ना?

गरिमा: नही यार सच में. ना तो मेरा अब है और ना ही पहले था.

श्रेया: चल झूठी, अपनी बेस्ट फ्रेंड से झूठ बोलती है?

गरिमा: सच बोल रही हू यार, तेरे से क्यूँ झूठ बोलूँगी?

श्रेया: ऊवू हो, मतलब एक-दूं कक़ची है तू तो? हिहीही.

गरिमा: क्या मतलब की कक़ची हू एक-दूं?

श्रेया: अर्रे कुछ नही.

गरिमा: अर्रे बता ना, तूने ऐसा क्यूँ बोला?

श्रेया: हा, क्यूंकी तेरा कोई ब्फ नही था. तो तूने किस एट्सेटरा भी नही किया होगा ना. इसीलिए बोली की एक-दूं कक़ची है.

गरिमा: श ऐसे.

श्रेया: हा, वैसे ज़रूरी नही की किस करने के लिए ब्फ ही हो. मुझे क्या पता तुमको लड़कों में इंटेरेस्ट है की नही. हो सकता है तुझे लड़कियों में इंटेरेस्ट हो.

गरिमा: हिहीही, कुछ भी बोलती रहती है. ऐसा कुछ नही है. मुझे लड़कों में ही इंटेरेस्ट है. लेकिन मेरा कोई ब्फ नही बना.

श्रेया: अछा तो ब्फ नही था तो किसको किस की तू?

गरिमा: अर्रे बाबा बोला ना की ब्फ नही है. तो फिर किस कैसे करूँगी?

आज तक हमारी कभी इस तरह की बात नही हुई थी. और अब हम इतने क्लोज़ आ गये थे, तो मुझे इतना अजीब भी नही लगा जब वो मेरे ब्फ के बारे में पूच रही थी. फिर मैने भी सोचा की मैं भी तोड़ा पूच ही लेती हू.

गरिमा: मेरी तो बता दी. अब तू अपनी बता की तेरा ब्फ कों है?

श्रेया: देख मेरा ब्फ तो है, लेकिन इस कॉलेज में नही है. वो दूसरी कॉलेज में है.

गरिमा: श, तो मुझसे आज तक च्छुपाए रखा तूने की तेरा ब्फ है.

श्रेया: तूने कभी पूछा ही नही, और ना कभी ऐसा मौका आया की बताना पड़े.

गरिमा: अछा तो मतलब तू कक़ची नही है, पकई हुई है.

श्रेया: हा बिल्कुल, मैं अब कक़ची नही हू समझी? इस कॉलेज में आने से पहले ही पाक गयी थी. हिहिहीः.

गरिमा: यार तो तूने किस किया?

श्रेया: हा बहुत बार किया है.

मुझे उसकी बातें सुन कर बहुत मज़ा आ रहा था, और मेरा मॅन हो रहा था की उससे और इस बारे में बातें करू.

गरिमा: यार ये बता ना, कैसा लगता है किस करते हुए?

श्रेया: बहुत अछा लगता है. जैसे हवा में उड़ रहे हो. आउट ऑफ थे वर्ल्ड, आंड फ्लाइयिंग इन थे स्काइ.

ये सुन कर मेरी पूरी बॉडी में झंझनाहट सी हुई. मेरे लिए पहली बार था की मैं किस की इस तरह बातें किसी से कर रही थी. और वो भी मेरे लिए बहुत एग्ज़ाइटिंग था.

श्रेया: अछा सुन, तू कल कॉलेज आए तो लास्ट बेंच पर बैठना. ठीक है ना?

गरिमा: क्यूँ? हम तो वैसे भी पीछे ही बैठते है. तो फिर लास्ट बेंच पर क्यूँ?

श्रेया: जितना बोलू वो कर ना. बाकी मैं क्लास में बताती हू कल.

फिर जब दूसरे दिन मैं क्लास पहुँची थी, तो हमेशा की तरह मैं पहले आ गयी थी, और आज 2न्ड लास्ट बेंच पर ना बैठ कर लास्ट बेंच पर बैठ गयी. अब तो बस इंतेज़ार था तो श्रेया के आने का. फिर कुछ देर बाद वो भी आ गयी.

फिर हमने क्लास ली, और नेक्स्ट क्लास के बीच में जो टाइम मिला, उसमे उसने मुझे अपने मोबाइल पर अपने ब्फ की पिक दिखाई.

उसके फोटोस से लग रहा था की वो बहुत टाइम से साथ थे, और था भी यही. श्रेया और उसका ब्फ काफ़ी टाइम से ही साथ पढ़ते थे. लेकिन अब वो इंजिनियरिंग की तैयारी के लिए कोटा चला गया था. उसके मोबाइल में बहुत सारे फोटोस थे, कभी हाथ पकड़े हुए, तो कभी हग करते हुए. मैं ये देख कर बहुत एग्ज़ाइटेड हो गयी.

मुझे ये सब बहुत अछा लग रहा था, और थोड़ी जेलासी भी की उससे इस तरह के रीलेशन मिले, और मुझे नही मिला कोई अछा. और जो भी मुझे अप्रोच करते थे, वो मुझे बिल्कुल भी पसंद नही थे. लफंगे टाइप के लड़के थे, तो मैं इस सब से डोर ही थी.

कॉलेज के बाद भी मेरे दिमाग़ में बस यही सब चलता रहा. ना ठीक से कॉलेज से आ कर पढ़ पाई, और ना ही खाना खा पाई. बस दिमाग़ में उनके ही फोटोस चल रहे थे. रात को उसका मेसेज आया-

श्रेया: सो गयी क्या?

गरिमा: नही अभी नही सोई हू.

श्रेया: अछा सुन, ये सीक्रेट है तेरा और मेरा किसी को बताना मत की मेरा ब्फ है.

गरिमा: अर्रे पागल है क्या तू? तुम मेरी बेस्ट फ्रेंड हो. मैं किसी को क्यूँ बतौँगी.

श्रेया: लोवे योउ बेब. मुझे भी यही लगा था.

गरिमा: वैसे एक बात बता, ये किस तुमने कहा किया था? मीन्स कॉलेज में या कही और.

श्रेया: कॉलेज में भी, और रेस्टोरेंट में भी. और वो अपनी टॉप फ्लोर वाली केमिस्ट्री वाली लब है ना, वाहा भी.

गरिमा: ऑश, मतलब तुमने एक से ज़्यादा बार किया है.

श्रेया: हिहहिह! हा पागल, अगर ब्फ है तो किस तो होता रहेगा ना. और वो भी जब सेम क्लास में हो, तो और भी ज़्यादा बार मौका मिल जाता है.

उसकी बात सुन कर मैं बहुत अजीब सा लेकिन काफ़ी अछा फील की. क्लास के बाद फिरसे उसने बाग से फोन निकाला, और मुझे कुछ दिखाने के लिए मेरी तरफ इशारा किया. मैने देखा की श्रेया और उसके ब्फ की एक फोटो थी उसमे, और फोन श्रेया के हाथ में था सेल्फिे मोड पर.

वो दोनो एक-दूसरे को लीप किस कर रहे थे, और जब मैने ध्यान से देखा तो पता चला ये और कही नही बल्कि हमारी केमिस्ट्री लब थी, जिसमे श्रेया लब के बार पर बैठी हुई थी, और एक हाथ से उसने मोबाइल और दूसरा हाथ उसके ब्फ के पीछे था.

ब्फ ने भी उसको कस्स के पकड़ा हुआ होता है, और उसका एक हाथ उसके कमर पर और दूसरा हाथ उसके बालों के नीचे था. ये देख तो मैं जैसे खो ही गयी, और ना जाने कों सी दुनिया में चली गयी. मुझे तो होश तब आया, जब उसने मुझसे वो फोन डोर किया और बोली-

श्रेया: अर्रे बस कर, पूरा अंदर ही घुस जाएगी क्या? हिहिहीही.

मैं इस पार्ट को ज़्यादा लंबा नही करते हुए यही रोकती हू, और आयेज बतौँगी के कैसे-कैसे मुझे इस सब के बारे में पता चला, और श्रेया और उसके ब्फ के बीच क्या-क्या हुआ.

वैसे मैने आपको पहले ही बता दिया की स्टोरी 4-5 पार्ट्स में होगी. इसलिए शायद स्टार्टिंग आपको स्लो लग सकती है. ये स्टोरी मैं पहली बार लिख रही हू, तो मुझसे बहुत सारी ग़लतियाँ हो गयी होंगी.

तो प्लीज़ मुझे माफ़ कर दे. स्टोरी में और क्या-क्या इंप्रूव्मेंट कर सकती हू, प्लीज़ एमाइल करके बता दे. या फिर मेरे साथ छत भी कर सकते है- गरिमएक्शपलोर्ेस@गमाल.कॉम प्लीज़ आपके मेसेज का इंतेज़ार रहेगा. करोगे ना?