सेक्सी भाभी के छुपे हुए राज़ की स्टोरी

ही फ्रेंड्स, मेरा नाम अनुज है. मैं महाराष्ट्रा से हू. मेरी उमर 21 साल है, और मैं कॉलेज में पढ़ता हू. हाइट मेरी 5’9″ है, और लंड 6.5 इंच का है. मैं बहुत हॉर्नी हू, और मेरी नज़र हर लड़की के बूब्स और गांद पर रहती बाई.

मेरी फॅमिली में मम्मी-पापा, भैया-भाभी, और मैं हू. मेरे भैया मुझसे 8 साल बड़े है. भाभी 5 साल बड़ी है. मेरे भैया की शादी 2 साल पहले हुई थी. भाभी इतनी खूबसूरत है, की सब मेरे भैया को लकी मानते है. उन सब लोगों में मैं भी हू.

जब से भाभी शादी करके हमारी घर आई थी, तब से मैं उनका दीवाना हो गया था. उनके बारे में सोच-सोच कर मैने बहुत मूठ मारी. अब जब ऐसी सेक्सी भाभी को रोज़ सामने देखोगे, तो कंट्रोल कैसे हो पाएगा. लेकिन फिर मुझे मिला मौका मेरी भाभी को छोड़ने का. और वही कहानी मैं आपको बताने जेया रहा हू. तो चलिए शुरू करते है.

मेरी भाभी का नाम पिया है. उनकी हाइट 5’5″ है, और रंग गोरा है. भाभी का फिगर 36-29-38 है. वो ज़्यादातर लेगैंग्स-सूट पहनती है, और घर में बिना दुपट्टे के रहती है. अब उनको कों बताए, की दुपट्टे के बिना जब उनकी क्लीवेज नज़र आती है, तो हमे हिलना पद जाता है.

भाभी की शुरू से भैया से ज़्यादा बनती नही थी. और ये हमारे घर पर सब ने महसूस किया था. हमे लगा इसका कारण भैया का कम पढ़ा-लिखा होना था. लेकिन इसका तो कोई और ही कारण था.

भगवान का शूकर है, की वो कारण मुझे वक़्त रहते पता चल गया. वरना मुझे कभी उनको छोड़ने का मौका नही मिलता. अब मैं आपको वो कारण बताता हू. वो कारण ये था की भाभी का 5 साल पहले किसी लड़के के साथ रिलेशन्षिप था. उससे उनका एक बच्चा भी था, जिसको उन्होने हॉस्टिल में रखा हुआ था. और उनका रिलेशन्षिप अभी भी चल रहा था.

एक दिन मैं कॉलेज से वापस आ रहा था. उन दीनो भाभी अपने माइके गयी हुई थी. उनका माइका दूसरे शहर में है. जब मैं घर आ रहा था, तो मुझे एक ऑटो में भाभी नज़र आई. मुझे लगा वो वापस आ रही थी, लेकिन ऑटो किसी और ही दिशा में जेया रहा था. फिर मैने भैया को फोन करके पूछा भाभी के बारे में, तो भैय ने कहा-

भैया: तेरी भाभी अपने माइके में है, पता तो है तुझे. अभी 10 मिनिट पहले मेरी बात हुई है उससे.

ये सुन कर मुझे शक हुआ, और मैने ऑटो का पीछे किया. मैं देख पा रहा था, की उनके साथ कोई और आदमी भी बैठा था. फिर ऑटो एक हॉस्टिल के बाहर जाके रुकी, और वो दोनो अंदर चले गये. मैने बिके साइड में लगाई, और उन दोनो के पीछे चला गया.

मेरे पास मास्क था, तो मैने अपने चेहरे पर मास्क लगा लिया, और बेझीजक उनके पीछे जाने लगा. वो रिसेप्षन पर रुके और रिसेप्षनिस्ट को किसी विवान नाम के लड़के को बुलाने के लिए बोला. रिसेप्षनिस्ट ने कॉल किया, और उनको बैठने को बोला.

वो विज़िटर्स की चेर पर जाके बैठ गये. मैं भी उनके पीछे जाके बैठ गया. फिर भाभी अपने साथ वाले आदमी से बोली-

भाभी: आज बहुत टाइम बाद मिल रही हू विवान से. पता नही कैसा होगा मेरा बच्चा. किस्मत ने भी कैसा खेल खेला है हमारे साथ राजीव.

तब मुझे पता चला की उस बंदे का नाम राजीव था.

राजीव: हा पिया. हमारा प्यार तो पूरा हो गया. लेकिन हम आज भी साथ नही रह सकते.

तभी एक आंटी छ्होटे से बच्चे को लेके आई. वो बच्चा भाभी को मम्मी-मम्मी कहते हुए उनकी तरफ भागा. भाभी भी आयेज बढ़ी, और उसको गले से लगा लिया. भाभी की आँखों में आँसू थे. राजीव स्माइल कर रहा था.

फिर भाभी बच्चे से बातें करने लगी. मैं वही बैठा रहा. फिर कुछ देर बातें करने के बाद वो जाने लगे. उनके जाने के बाद मैने रिसेप्षनिस्ट से भाभी को लेकर बात करनी शुरू की.

मैं: कितना क्यूट बच्चा है.

रिसेप्षनिस्ट: हा.

मैं: वैसे ये इसके कों है?

रिसेप्षनिस्ट: ये इसके मम्मी-पापा है.

उस वक़्त मुझे पता चला की भाभी का पहले से एक बच्चा था. मुझे बड़ी हैरानी हुई ये सुन कर. मुझे यकीन नही हो रहा था, तो मैने फिरसे उससे पूछा-

मैं: मेडम, अरे योउ शुवर?

रिसेप्षनिस्ट: हा बिल्कुल. वो थोड़ी-थोड़ी देर बाद इससे मिलने आते है.

फिर मैं भाग कर बाहर गया, और देखने लगा की वो कहा गये थे. वो रोड की दूसरी तरफ खड़े हुए ऑटो की वेट कर रहे थे. तभी एक ऑटो आया, और वो दोनो उसमे बैठ गये. मैं भी जल्दी से बिके पर बैठा, और ऑटो के पीछे लगा ली.

ऑटो आयेज जाके एक सस्ती होटेल के सामने रुका. फिर वो दोनो बाहर आए, और होटेल के अंदर चले गये. मैं भी जल्दी से उनके पीछे गया. वो 3र्ड फ्लोर पर गये, और एक रूम के अंदर चले गये. मैं दरवाज़े के बाहर खड़ा हो गया, और कीहोल से अंदर देखने लगा. अंदर जाके उन्होने बातें शुरू की.

राजीव: आज अगर मेरे पास पैसे होते, तो तुम मेरी बीवी होती.

भाभी: मैं अभी भी तुम्हारी ही बीवी हू. तुम्हारे बच्चे की मा हू. मेरे बाप ने मेरी शादी तो मेरी मर्ज़ी के बिना करवा दी. लेकिन मैने अपने पति को कभी दिल से वो प्यार नही दिया. ना ही वो मुझे कभी संतुष्ट करता है. हमारी गाड़ी तो ऐसे ही चली जेया रही है.

राजीव: अब हम मिले है, तो मैं तुम्हे संतुष्ट करूँगा.

भाभी: तुम ही मुझे संतुष्ट करते हो हमेशा.

फिर दोनो खड़े हुए, और एक-दूसरे को हग कर लिया. राजीव पंत-शर्ट में था, और भाभी ने रेड लेगैंग्स, और वाइट शर्ट रेड फ्लवर्स वाला पहना हुआ था. वो बिल्कुल आक्ट्रेस “अंकिता लोखंडे” की तरह लगती है. तभी राजीव ने मेरी भाभी के होंठो के साथ अपने होंठ चिपका दिए. अब वो दोनो एक दूसरे के होंठ चूसने लग गये. किस करते हुए राजीव मेरी भाभी की पीठ सहला रहा था.

इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. अगर आपको कहानी पढ़ कर मज़ा आया हो, तो इसको अपने फ्रेंड्स के साथ शेर ज़रूर करे. कहानी पढ़ने के लिए धन्यवाद.