दोस्त ने घर बुला कर बहन चोदने को बोला

मैं घर पर था, और शाम के 5 बजे थे. सनडे का दिन था, और मैं मोविए देख रहा था. तभी मुझे मेरे बेस्ट फ्रेंड सुनील की कॉल आई. पहली कॉल मिस हो गयी, क्यूंकी फोन साइलेंट पर था. जब उसने दोबारा कॉल की, तो मेरी नज़र फोन पर पड़ी. मैने पिक किया, और हमारी बात शुरू हुई-

मैं: हेलो.

सुनील: हेलो भाई कैसा है?

मैं: ठीक हू, तू बता?

सुनील: मैं ठीक हू. अछा एक प्राब्लम हो गयी है. तू जल्दी मेरे घर आजा.

मैं: क्या हुआ बता तो?

उसने बिना कुछ बताए फोन काट दिया. मुझे समझ नही आई क्या हो गया. मैने उसको दोबारा फोन लगाया, लेकिन उसने पिक नही किया. मुझे लगा पता नही क्या मुसीबत आ गयी होगी, तो मैं जल्दी से गाड़ी लेके उसके घर की तरफ निकल पड़ा.

हेलो दोस्तों, मेरा नाम तरुण है. मैं 25 साल का देल्ही का लौंडा हू, और एक मंक में जॉब करता हू. मेरी हाइट 5’11” है, और लंड मेरा 7 इंच का है. मैं अभी सिंगल हू.

सुनील जिसके बारे में मैने आप सब को बताया है, वो मेरे ऑफीस में मेरा कोलीग है, और मेरा बेस्ट फ्रेंड भी है. हम दोनो कॉलेज में साथ थे, और वही से हमारी दोस्ती शुरू हो गयी थी.

सुनील मेरी ही उमर का है, लेकिन उसकी हाइट मेरे से छ्होटी है. उसकी हाइट 5’9″ है. दिखने में वो भी स्मार्ट है. उसका लंड भी जो मुझे आयेज जाके पता चला 7 इंच का है.

तो मैं गाड़ी में उसके घर की तरफ जेया रहा था. मुझे बहुत फिकर हो रही थी, की पता नही कों सी मुसीबत में होगा मेरा दोस्त. 15 मिनिट की ड्राइव में मैं सोचता ही रहा की उसको क्या हो सकता था. कभी मुझे लग रहा था की उसके घर पे किसी को कुछ हो ना गया हो.

फिर मैं उसके घर के बाहर पहुँच गया. मैने जाके बेल बजाई, तो उसने उपर की विंडो से नीचे देखा. वो मुझे बोला-

सुनील: गाते खोल कर उपर आजा.

मैने जल्दी से गाते खोला, और वापस बंद करके 3-3 सीडीयान एक साथ चढ़ते हुए उपर गया. उपर जाके देखा तो वो अपने रूम के बाहर खड़ा था. फिर मैने उससे पूछा-

मैं: क्या हो गया यार? सब ठीक तो है.

सुनील: भाई एक प्राब्लम हो गयी है.

मैं: क्या?

सुनील: तुझे मेरी मदद करनी पड़ेगी.

मैं: हा मैं करूँगा, लेकिन तू बता तो सही की हुआ क्या है?

तभी सुनील ने अपने रूम का दरवाज़ा खोला. मैने जैसे ही अंदर देखा, तो मैं हैरान रह गया. अंदर एक लड़की बेड पर लेती हुई थी. उसकी टांगे खुली हुई हमारी तरफ थी. उसका एक हाथ उसकी छूट पर था, और वो अपनी छूट मसल रही थी.

उसने रेड ब्रा पहनी हुई थी, और दूसरे हाथ से वो अपने एक बूब दबा रही थी. पनटी भी उसने रेड ही पहनी थी, लेकिन अब वो फर्श पर गिरी हुई थी. ये नज़ारा देख कर मैने सुनील की तरफ देखा, और पूछा-

मैं: आबे ये कों है?

सुनील: वो, वो…

मैं: आबे बोल ना, ये कों है? और ये क्या कर रही है?

सुनील: ये पारूल है.

मैं: क्या!

पारूल नाम सुनते ही मेरे पैरों के नीचे से ज़मीन निकल गयी. मुझे उसकी बात पर विश्वास नही हुआ, तो मैं तोड़ा आयेज हुआ, और मैने खुद चेक किया. वो पारूल ही थी.

मैं समझ नही पाया की पारूल सुनील के रूम में, उसके बेड पर इस तरह से क्या कर रही थी. आप सब सोच रहे होंगे की मैं इतना हैरान-परेशन क्यूँ था. ऐसा इसलिए था, क्यूंकी पारूल सुनील की बेहन थी.

पारूल 21 साल की एक बेहद ही खूबसूरत लड़की थी. वो दूध जैसी गोरी थी, और उसकी हाइट 5’6″ थी. फिगर उसका 34-28-36 होगा, और वो कॉलेज में पढ़ती थी. पसंद तो मैं भी उसको बहुत करता था, लेकिन वो मेरे दोस्त की बेहन थी, तो मैने कभी उसको ऐसी-वैसी नज़र से नही देखा था.

लेकिन आज उसको ऐसे देख कर मैं हैरान था, की ये सब क्या था. हालाकी सीन बड़ा ज़बरदस्त था. पर मुझे टेन्षन हो रही थी. मैं सवाल भारी नज़रो से सुनील को देख रहा था. तभी सुनील बोला-

सुनील: तेरे हर सवाल का जवाब मैं तुझे दूँगा. लेकिन किसी भी बात से पहले हमे इसको छोड़ना है.

मैं: क्या! ये क्या बकवास कर रहा है तू?

सुनील: देख ज़्यादा टाइम नही है. मैं जानता हू की दोस्ती का लिहाज़ करते हुए तूने इसको कभी ग़लत नज़र से नही देखा. पर ऐसी लड़की को हर कोई छोड़ना चाहेगा. और तू तो वैसे ही बहुत हॉर्नी है. मैं इसका भाई होके तुझे इसको छोड़ने के लिए बोल रहा हू.

सुनील: ये भी चूड़ना चाहती है. तो तू बिना सोचे अपने अंदर का जानवर जगा, और इसको छोड़ना शुरू कर. जैसे बाकी लड़कियों को छोड़ता है.

फिर मैने सोचा अब वो खुद बोल रहा था, तो मुझे क्या प्राब्लम थी. ये सोच कर मैं आयेज बढ़ा, और पारूल की टाँगो के बीच आ गया. फिर मैने उसकी छूट से उसका हाथ हटाया, और अपना मूह लगा लिया. क्या मस्त खुश्बू आ रही थी उसकी छूट से, मेरा लंड इन्स्टेंट्ली खड़ा हो गया.

फिर मैने उसकी छूट को चाटना शुरू किया. तभी सुनील ने अपने कपड़े उतरे, और बेड पर चढ़ कर पारूल के मूह के पास आ गया. फिर उसने अपना लंड हाथ में लिया, और पारूल के होंठो पर रगड़ने लग गया.

पारूल ने मूह खोला, और सुनील ने लंड उसके मूह में डाल दिया. अब वो अपनी कमर आयेज-पीछे करके उसका मूह छोड़ने लगा. इधर मैं उसकी छूट को चाटने के साथ उसने उंगली अंदर-बाहर करने लगा था. बड़ी मस्त और टाइट छूट थी पारूल की. वो भी गांद हिला-हिला कर उंगली छूट में ले रही थी.

मैने उसकी छूट की दीवारों को खोला, और जीभ अंदर डाल कर चूसने लगा. उसकी छूट के दाने को मैं मूह में लेके खींचने लगा. इससे वो और पागल हो रही थी, और ज़ोर-ज़ोर से अपने भाई का लंड चूस रही थी.

ऐसा लग रहा था जैसे उसको चूड़ने की बड़ी तड़प लगी हुई थी. लेकिन ऐसा क्यूँ था, ये सब जानने के लिए आपको कहानी के अगले पार्ट का इंतेज़ार करना पड़ेगा.

दोस्तों आपको ये कहानी कैसी लगी फीडबॅक ज़रूर दे. अगर आपको कहानी पढ़ कर मज़ा आया हो, तो इसको अपने दोस्तों के साथ भी शेर ज़रूर करे. मैं चाहता हू की सब इसका भरपूर मज़ा ले.