ही फ्रेंड्स, मेरा नाम उमंग है. मेरी उमर 34 साल है, और मैं एक मॅरीड आदमी हू. मेरी हाइट 5’11” है, और लंड मेरा 6.5 इंच है. लंड मेरा काफ़ी मोटा भी है, जो किसी भी औरत को आचे से संतुष्ट कर सकता है. मेरी शादी 3 साल पहले हुई थी, और उससे मेरा एक बच्चा भी है.
मेरी बीवी का नाम सीमा है, और वो बहुत अची है. हम दोनो की सेक्स लाइफ भी काफ़ी अची है. इसके बावजूद मुझसे एक ग़लती हो गयी. वो ग़लती ये थी की मैने अपनी साली रुबीना के साथ नाजायज़ संबंध बना लिए. चलिए अब मैं आपको बताता हू, की सब कैसे हुआ.
मेरी बीवी की एक ही बेहन है, जिसका नाम रुबीना है. वो अभी 22 साल की है, और कॉलेज में पढ़ती है. उसका रंग ठीक-ताक गोरा है, लेकिन बॉडी एक-दूं टाइट है. उसका फिगर 34-28-36 है. उपर से वो कपड़े इतने टाइट पहनती है, की किसी भी लड़के की नज़र उस पर ज़रूर पड़ेगी.
मेरे मॅन में उसके लिए ऐसा कोई गंदा ख़याल नही था, लेकिन ये ख़याल पैदा हो गया जब वो हमारे घर रहने आई. उसकी कॉलेज की छुट्टियाँ चल रही थी, तो वो अपनी बेहन के साथ वक़्त बिताने के लिए 15 दिन के लिए हमारे घर आ गयी.
जिस दिन मैं उसको लेने गया, तो उसने पिंक कलर की लोंग फ्रॉक पहन रखी थी. जब मैने उसको देखा, तो देखता ही रह गया. गोरे रंग पर उसकी ड्रेस बहुत जाच रही थी. उसने चेहरे पर हल्का मेकप कर रखा था, जो उसको बहुत सूयीट कर रहा था.
जब मैं उसके पास गया, तो उसने मुझे ही बोल कर गले से लगा लिया. मैने ऐसा कुछ एक्सपेक्ट नही किया था. जब उसने मुझे गले लगाया, तो उसके बूब्स मेरी च्चती में डब गये. इससे मुझे करेंट सा लगा, लेकिन मैने खुद को कुछ भी ऐसा-वैसा सोचने से रोका. फिर हम घर आ गये.
घर आके वो अपनी बेहन से मिली, और सीधे नहाने चली गयी. नहाने के बाद वो टवल बाँध कर सीधे बाहर निकल आई. जब मैने उसको टवल में देखा, तो देखता ही रह गया. पानी की हल्की बूंदे उसके जिस्म पर चमक रही थी. मैं सोच रहा था की वो कितनी बोल्ड हो गयी थी, की टवल में ही बाहर आ गयी.
फिर 3-4 दिन ऐसे ही चलता रहा. रुबीना बात-बात पर मेरे गले लग जाती, और छ्होटी ड्रेसस पहन कर घर में घूमती. अब बंदा चाहे कितना भी शरीफ क्यूँ ना हो, जब कोई खूबसूरत लड़की ऐसा करेगी, तो उसका मॅन मचल ही जाएगा. ऐसा ही कुछ मेरे साथ हुआ. मेरे मॅन में उसके लिए वासना पैदा होने लगी.
फिर एक रात जब मैं अपनी बीवी को छोड़ रहा था, तो अचानक से मुझे रुबीना का ख़याल आने लगा. इससे मुझे चुदाई में और मज़ा आने लगा. मैं समझ गया, की अब मेरे लंड को मेरी साली की छूट की ज़रूरत थी. लेकिन मुझे ये नही पता था की ये होगा कैसे.
मैं अपनी बीवी को आचे से जानता था. अगर उसको कोई ऐसी-वैसी बात पता चल जाती, तो वो मुझे छ्चोढ़ देती. और मैं ऐसा बिल्कुल भी नही चाहता था. लेकिन लंड भी मुझे पागल करने लग गया था. फिर एक दिन मुझे मौका मिल ही गया.
उस दिन मेरी बीवी किसी सत्संग में गयी थी, और शाम को आने वाली थी. अब मैं और रुबीना ही थे घर पर. मैं बातरूम में नहा रहा था. तभी अचानक शीशे में से मेरी नज़र बातरूम के दरवाज़े पर पड़ी. मैने देखा की रुबीना वाहा खड़ी थी, और मुझे देख रही थी.
ये देख कर मुझे बड़ी खुशी हुई. फिर मैने जान-बूझ कर अपना लंड हाथ में लिया, और मूठ मारने लगा. मैने देखा की रुबीना एंड तक वही थी. फिर जैसे ही मैने शवर बंद किया, तो वो वाहा से चली गयी. अब मेरे पास पूरा मौका था.
मैने सिर्फ़ टवल लपेटा, और रुबीना के रूम में चला गया. जब रुबीने ने मुझे टवल में देखा, तो वो हैरान हो गयी. उसने शॉर्ट्स और त-शर्ट पहनी हुई थी. फिर मैने उससे पूछा-
मैं: रुबीना मैने देखा की जब मैं नहा रहा था, तो तुम बातरूम के बाहर खड़ी थी.
रुबीना ये सुन कर घबरा गयी और बोली: नही जीजू, ऐसा नही है. मैं तो वाहा से गुज़री थी बस.
मैं: मुझसे झूठ मत बोलो.
रुबीना: मैं झूठ क्यूँ बोलूँगी जीजू?
और ये बोल कर वो रूम से बाहर जाने लगी. मैने तभी उसका हाथ पकड़ा, और उसको अपनी बाहों में भर लिया. फिर मैने उसके कान में बोला-
मैं: मैं जानता हू की तेरी छूट में भी आग लगी हुई है. आज तेरी दीदी घर पर नही है. अगर तुम चाहो तो मैं तुम्हारी आग ठंडी कर सकता हू.
रुबीना ने कोई रेस्पॉन्स नही दिया. उसकी चुप्पी को मैने हा समझा, और उसको अपनी तरफ घुमा कर उसके होंठ चूसने लगा. वो भी मेरा साथ देने लगी. होंठ चूस्टे हुए मैं उसके कपड़े उतारने लगा, और मैने उसकी त-शर्ट और शॉर्ट्स उतार दी. अब वो ब्रा पनटी में थी. क्या सेक्सी माल थी यार वो, एक-दूं ज़बरदस्त.
फिर मैने उसकी गर्दन चूमनि शुरू की, और ब्रा खोल कर बूब्स बाहर निकाल लिए. मैं उसके बूब्स चूसने लगा, और वो मेरे सर को अपने बूब्स में दबाने लगी. वो आ आ कर रही रही थी, और मैं उसके निपल्स काट और चूस रहा था.
फिर वो नीचे बैठी, और मेरा टवल खोल दिया. उसने मेरी तरफ देख कर स्माइल पास की, और लंड मूह में लेके रंडी की तरह चूसने लगी. मैं भी कमर हिला कर उसके मूह में धक्के मारने लगा.
कुछ देर बाद मैने उसको उठाया, और बेड पर लिटा कर उसकी पनटी उतार दी. उसकी छूट एक-दूं चिकनी थी, जिसे मैने चाटना शुरू कर दिया. वो पागल हो रही थी, और मुझे छोड़ने के लिए बोल रही थी.
फिर मैं उसकी टाँगो के बीच आया, और अपना लंड उसकी छूट पर सेट किया. मैने फिर एक ज़ोर का धक्का मारा, और लंड उसकी छूट में घुसा दिया. वो काँप गयी, और दर्द से चीखने लगी. पर मैने धीरे-धीरे लंड अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया.
धीरे-धीरे वो शांत हो गयी, और चुदाई का मज़ा लेने लगी. मैने अपनी स्पीड बधाई, और उसकी छूट की गर्मी निकालने लगा. आधा घंटा मैने उसको जाम के छोड़ा, और फिर उसके मूह में सारा माल निकाल दिया. उसकी बेहन के आने से पहले हमने 3 बार चुदाई की. शाम को हम फिरसे नॉर्मल बिहेव करने लगे.
अब बाकी दीनो में मुझे जब भी मौका मिला, मैने उसको छोड़ा. फिर वो चली गयी, और हमे दोबारा चुदाई का मौका नही मिला.
दोस्तों कहानी अची लगे, तो शेर ज़रूर करे.