साली ने जीजा को टाइट चूत चोदने दी

मैं एक-दूं दर्र गया और भाग कर किचन में चला गया. मैं एक-दूं सोचने लगा की अब क्या होगा. उसने तो सब देख लिया. कही वो अपनी बेहन को ना बता दे. हे भगवान, मैने ये क्या कर दिया? लगभग 5 मिनिट के बाद वो बातरूम से बाहर आई और बोली-

संगीता: जीजू आप बातरूम के बाहर क्या कर रहे थे?

मैं: कुछ-कुछ नही, बस ऐसे ही वो तो…

संगीता: देखो जीजू, झूठ मत बोलो. मैने सब देख लिया है. मुझे नही पता था की आप मेरे बारे में ये सब सोचते हो.

मैं (डरते-डरते): नही संगीता बेटा, ऐसा कुछ नही है जैसा तू सोच रही है. मैं तो बस ऐसे ही (मुझसे कुछ बोला नही जेया रहा था).

संगीता: सब पता है मुझे. अब आप सच-सच बताओ मुझे, जो भी है आपके मॅन में? देखो झूठ मत बोलना. आपको मेरी कसम. जो है सीधा बोल दो, और बात ख़तम करो.

मैं: जो तुम सोच रही हो, ऐसा कुछ नही है. प्लीज़ मैं अब क्या बतौ तुम्हे?

संगीता: सब बताओ? नही तो मैं अभी दीदी को कॉल कर रही हू.

मैं (डरते हुए): संगीता, प्लीज़ दीदी को कॉल मत करो. मैं सब बताता हू. मुझे तुम बहुत अची लगती हो. मैं तुमसे शादी करना चाहता था, पर मेरी किस्मत देखो मेरी शादी तुम्हारी बेहन से हो गयी. मुझे ग़लत मत समझना. पर मैं जब भी तुम्हे देखता हू, तो खुद को रोक नही पाता.

संगीता: मुझमे भी तो वही सब है जो दीदी में है. तो फिर मुझमे ऐसा क्या ख़ास है?

मैं: पता नही. पर मुझे तुम बहुत अची लगती हो. प्लीज़ अब दीदी को कुछ मत बताना. मैने सब सॉफ-सॉफ बता दिया है तुम्हे.

संगीता (वो मुस्कुराते हुए बोली): शादी दीदी से की, और नज़र दीदी की बेहन पर. वाह जीजू, सही है.

मैं: सॉरी संगीता, मुझसे ग़लती हो गयी. अब से नही करूँगा ये ग़लती.

संगीता: जीजू मैं तो मज़ाक कर रही थी. आप तो सच में दर्र गये. जब शादी हो रही थी मैं तो तभी समझ गयी थी. और आज जो कॅब में बैठ कर हुआ, वो तो. जीजू साली आधी घरवाली होती है. आप मुझे देखो, मैं माना नही कर रही.

मैं: बदमाश! तू तब से मेरी टाँग खींच रही थी? मैं तो सच में दर्र गया था.

संगीता: जीजा साली में इतना तो चलता ही है ना जीजू (वो हेस्ट हुए बोली)?

मैं: पर संगीता ये बात किसी और को मत बताना प्लीज़, मेरी इज़्ज़त का सवाल है.

संगीता: जीजू आपकी इज़्ज़त तो आज मैने उतार दी. कों सी इज़्ज़त की बात कर रहे हो आप?

मैं: बदमाश लड़की.

संगीता: वैसे सच बताना आपको मुझमे सबसे ज़्यादा अछा क्या लगता है?

मैं: तुम्हारे लिप्स.

संगीता: बस लिप्स ही दिख रहे है आपको? आयेज-पीछे देख लो, शायद कुछ और भी दिख जाए.

मैं: दोनो तरफ, आयेज और पीछे, उपर और नीचे, तू हर जगह से मुझे पसंद है.

मेरी ये बात बोलते ही संगीता मेरे पास आई, और मेरे लंड के पास अपना हाथ रख कर बोली-

संगीता: बताओ ना कहा-कहा से मैं आपको पसंद हू? जहा से पसंद हू वाहा हाथ लगा कर बताओ.

मैने उसके बूब्स के उपर हाथ रखा और बोला-

मैं: यहा से.

संगीता (मेरे लंड पर हाथ रख कर बोली): मुझे भी यहा से.

मेरा लंड एक-दूं खड़ा हो गया. मैं ना देरी करते हुए उसके लिप्स पर किस करने लगा. आयेज से वो भी मेरे लिप्स पर किस करने लगी. मेरे दोनो हाथ अब उसकी उसके बूब्स को दबा रहे थे. वो एक-दूं मदहोश सी हो रही थी. हम दोनो एक-दूसरे के लिप्स को चूसने लगे. चूस्टे-चूस्टे उसने मुझे बेड पर लिटा दिया, और मेरे उपर आ गयी.

मैने अपने दोनो हाथो से उसकी गांद को पकड़ा, और मसालने लग गया. फिर हल्का-हल्का उस पर मारने लग गया. हम दोनो एक-दूसरे में खोए हुए थे. मैने उसकी लोवर को नीचे उतरा किस करते-करते अपने दोनो हाथो से. फिर उसने उपर से अपनी त-शर्ट भी उतार दी.

अब वो मेरे सामने ब्रा और पनटी में थी. उसने पिंक कलर की ब्रा और पनटी पहनी हुई थी. जिसमे वो एक-दूं सेक्सी लग रही थी. पिंक कलर देख कर मैं और भी ज़्यादा पागल हो गया. अब उसने धीरे से मेरी जीन्स को निकाला अपने हाथो से और फिर मेरी त-शर्ट को उतरा, और अपने सेक्सी लिप्स से मेरी बॉडी पर किस करने लग गयी.

किस करते-करते उसने अपना हाथ मेरी अंडरवेर के अंदर डाला, और मेरे लंड को मसालने लग गयी. लंड मसालते हुए बोली-

संगीता: जीजा जी आज तो आधी घरवाली पूरी घरवाली बन ही जाएगी.

मैं: घरवाली के साथ-साथ मेरी बीवी की सौतन भी बन जाओगी (हेस्ट हुए).

अब संगीता और नही रोक पाई अपने आप को, और मेरी अंडरवेर को उतार फेंका. मेरा लंड इतना बड़ा था की उसके हाथ में भी नही आ रहा था. अब उसने मुझे फिरसे बेड पर लिटाया, और मेरे लंड को किस करने लग गयी. मुझे ऐसा फील हो रहा था की आज मैं जन्नत में था. लगभग 9-10 मिनिट चूसने के बाद उसको शांति मिली.

फिर वो धीरे से उपर आई, और मेरे लिप्स को चूसने लग गयी. मैने अपने दोनो हाथो से धीरे-धीरे उसकी पनटी नीचे उतरी, और उसकी गांद को पकड़ कर ज़ोर से दबाया. मेरे हाथ धीरे-धीरे उसकी ब्रा के पास आए, और मैने पीछे से उसकी ब्रा खोल दी. उसके बूब्स मेरी चेस्ट पर लग रहे थे. मैने उसको कमर से पकड़ कर उपर की तरफ किया, और उसके दोनो बूब्स को चूसने लग गया.

5 मिनिट चूसने के बाद मैने उसको सीधा लिटाया, और उसके सिर को पीछे से अपने हाथ से पकड़ा. फिर उसकी छूट में एक उंगली डाली तो उसकी छूट अंदर से बिल्कुल गीली थी. उंगली डाल कर मैं उसको आयेज-पीछे करने लगा. जैसे ही मैं आयेज-पीछे कर रहा था, उसकी आँखें बंद और उसके लिप्स सिर्फ़ मेरे होंठो को चूस रहे थे.

अब मैने धीरे से अपनी दूसरी उंगली भी डाल दी अंदर. दोनो उंगलियाँ डाल कर बस मैं आयेज-पीछे कर रहा था. पर वो पागल हो रही थी, मानो वो जन्नत में हो जैसे. 5 मिनिट ऐसे करने के बाद वो बोली-

संगीता: जीजू अब मुझे अपनी बीवी होने का सुख डेडॉ. अब मैं और नही रुक सकती.

मैने उसकी दोनो टाँगो को पकड़ कर खोला, और अपने लंड को उसकी छूट पर हल्का सा मसला.

अब मुझसे भी रुका नही जेया रहा था. मैने उसके लिप्स को ज़ोर से अपने लिप्स के नीचे दबा दिया, और एक बार में ही पूरा लंड अंदर डाल दिया. लंड अंदर जाते ही वो दर्द से तड़पने लगी. पर मैने अपने लिप्स के नीचे उसके लिप्स को दबाया हुआ था, तो उसकी आवाज़ नही निकल रही थी. पर वो दर्द से पागल हो रही थी.

लगभग 2 मिनिट के बाद वो थोड़ी शांत हुई तो मैने उसके लिप्स के उपर से अपने लिप्स को हटाया. वो एक-दूं से बोली-

संगीता: जीजू दर्द से बुरा हाल हो रहा है मेरा. आपका लंड है की क्या है? मैं तो मॅर ही गयी थी आज.

मैं (हेस्ट हुए): पूरी घरवाली बनना इतना आसान थोड़ी ना है. अब बिल्कुल दर्द नही होगा, एक बार तो होता ही है.

संगीता: पक्का ना, अब तो नही होगा ना दर्द?

मैं: नही बस हल्का-हल्का होगा, और मैं धीरे-धीरे करूँगा ई प्रॉमिस.

मैं धीरे-धीरे आयेज-पीछे करने लग गया. संगीता अब थोड़ी ठीक लग रही थी. मैने उसको पूछा-

मैं: संगीता क्या तुमने पहले भी कभी सेक्स किया है?

संगीता: हा जीजू.

मैं: किसके साथ?

संगीता: जीजू था एक बाय्फ्रेंड. हमने सिर्फ़ एक ही बार किया था. तब इतना पता नही था.

मैं: अब क्या पता चल गया फिर सेक्स के बारे में?

संगीता: जीजू अभी भी तोड़ा बहुत ही पता है. जो मेरी फ्रेंड्स मुझे बताती है. या जो पॉर्न वीडियो में दिखता है.

मैं: अछा कों सी फ्रेंड बताती है तुम्हारी?

संगीता: क्यूँ, आपको भी जानना है क्या (हेस्ट हुए)?

मैं: नही-नही, ऐसे ही बस.

इतना बोल कर मैं तोड़ा तेज़ आयेज-पीछे करने लग गया. संगीता के दोनो बूब्स मेरे हाथ में थे, और उसके लिप्स मेरे लिप्स पर 10-11 मिनिट. हम ऐसे ही करते रहे. फिर मैने उसको बोल दिया की तुम मेरे उपर आओ. वो उपर आई. फिर मैने अपने लंड को हाथ से पकड़ कर सीधा किया.

वो मेरे लंड पर बैठ गयी. लंड छूट के अंदर था. मैने उसके दोनो हाथो को पकड़ा, और कहा उपर-नीचे करो. वो अपने आप को उपर-नीचे करने लगी. जैसे वो उपर-नीचे हो रही थी, उसके बूब्स भी हिल रहे थे, और इतने सेक्सी लग रहे थे, की क्या बतौ.

7-8 मिनिट बाद मैं उसको बेड से नीचे ले गया. फिर मैने उसको कमर के पीछे से पकड़ा, और उसके सिर को बेड की तरफ धकेला. उसकी गांद को हल्का सा उपर उठाया. फिर मैने अपना लंड उसकी छूट में पीछे से डाला.

लंड को मैं ज़ोर-ज़ोर से छूट के अंदर-बाहर करने लगा. उसको दर्द हो रहा था, पर वो बता नही राइए थी. पर उसको मज़ा भी आ रहा था. ऐसे ही काफ़ी टाइम हम करते रहे. 15 मिनिट करने के बाद मेरा निकालने वाला था.

मैने जल्दी से बाहर निकाला. फिर संगीता को घुमाया, और उसको नीचे घुटनो पर बिताया.

वो मेरा लंड चूसने लग गयी. वो पागलों की तरह चूस रही थी. जैसे ही मेरा निकालने वाला था, मैने लंड को मूह से बाहर निकाला. लंड बाहर निकालते ही हल्का सा मेरे लंड का पानी उसके फेस पर गिर गया, और बाकी पानी मैने उसके बूब्स पर गिरा दिया.

वो मेरे स्पर्म को अपने बूब्स पर दोनो हाथो से लगाने लगी. फिर हमने किस की, और एक-दूसरे को गले से लगाया. संगीता और मैं दोनो ही बहुत खुश थे.

संगीता: जीजू आज का दिन मैं कभी नही भूल सकती.

मैं: मैं भी. अभी कपड़े पहन लो. मेरी दूसरी बीवी के आने का टाइम हो गया (हेस्ट हुए).

संगीता (हासणे लगी): दूसरी बीवी के आते मुझे भूल मत जाना. लोवे योउ जीजू.

मैं: लोवे योउ टू.

इतना बोल कर वो अपनी गांद को मतकते हुए बातरूम गयी. मेरी नज़र अभी भी भी उसकी गांद पर ही थी. अभी मैं स्टोरी ख़तम करता हू.

थॅंक योउ दोस्तों.