जीजा-साली के बीच शुरू हुई कामुकता की कहानी

ही दोस्तों, मेरा नाम लकी है. मैं पुंजब के शहर फ़ज़िलका से हू. मेरी उमर 30 साल है. हाइट मेरी 5’9″ है, और रंग गोरा है. मैं एक्सर्साइज़ करता हू, तो मेरी बॉडी अची बनी हुई है. दिखने में मैं अछा ख़ासा हू, और लड़कियाँ मुझसे आसानी से पट्ट जाती है.

हर मर्द की तरह मुझे भी सेक्स करने का शौंक है. चूत जितनी मिल जाए उतनी कम होती है. ये जो कहानी है, ये मेरी रियल कहानी है. तो जो लोग बिलीव करना चाहते है, वो करे. और जो नही करना चाहते, वो पढ़ कर मज़ा ले. तो चलिए शुरू करते है.

मैं शादी के लिए लड़की ढूँढ रहा था काफ़ी टाइम से. फिर 8 महीने पहले मुझे एक लड़की मिली, जिसकी प्रोफाइल मुझे बहुत अची लगी. उस लड़की का नाम अंजलि है. फिर हमारी बात हुई, और जान-पहचान हुई. मुझे वो लड़की अची लगने लगी, और मैं भी उसको पसंद था. वो जालंधर से थी. फिर अगले 2 महीने में हमारी शादी हो गयी.

शादी होने के बाद हमारा रोज़ सेक्स होने लगा. बहुत मज़ा आता था. कुछ दिन बाद हम दोनो कुछ दीनो के लिए अंजलि के घर रहने चले गये.

अंजलि ने मुझे अपने रिश्तेदारो और मोहल्ले वालो से इंट्रोड्यूस करवाया. उसके पड़ोस के घर में जो अंकल रहते थे, वो उनको चाचा बुलाती थी. उनकी 2 बेतिया थी, जिनको अंजलि अपनी बेहन मानती थी. फिर उसने मुझे उन दोनो से मिलवाया.

जब मैने पहली बार उन दोनो को देखा, तो मेरे लंड ने हरकत करनी शुरू कर दी. वो अंजलि से ज़्यादा खूबसूरत नही थी, लेकिन कामुक बड़ी थी. उनमे से एक का नाम किट्टू था (उमर 30 साल), और दूसरी का नाम सोनिया था (उमर 28 साल).

वो दोनो काफ़ी तर्की लड़कियाँ थी, जो उनको देख कर ही पता चल रहा था. दोनो का फिगर भी बड़ा मस्त था. वो मुझे जीजा जी जीजा जी कह कर बुला रही थी.

किट्टू जो थी, वो हेवी बॉडी थी. उसके बड़े-बड़े बूब्स थे, और गांद तो बहुत बड़ी थी. बस पेट अंदर था, जिसकी वजह से वो ज़बरदस्त लगती थी. वो कपड़े ही ऐसे पहनती थी, जिसमे से उसकी बॉडी की शेप आचे से नज़र आए.

वो हमेशा टाइट त-शर्ट और स्किन टाइट जीन्स या लेगैंग्स पहनती थी. जिसमे से उसका बदन देख कर मूह में पानी आ जाता था. रंग उसका सावला था, और फिगर तकरीबन 38-30-40 होगा.

दूसरी तरफ थी सोनिया. वो किट्टू से पतली थी, और फिट थी. वो बार-बार मुझे ही देखती रहती थी. उसके चेहरे पर एक मायूसी थी, जिसका रीज़न मुझे बाद में पता चला. उसका फिगर 34-28-36 होगा. रंग उसका किट्टू से गोरा था.

फिर मुझे अपने सेयेल से बात करके पता चला, की किट्टू बहुत बड़ी चुड़क्कड़ थी, और अमीर लड़कों से छुड़वा कर पैसे और गिफ्ट्स लेती थी. जब की सोनिया शरीफ थी. लेकिन वो डाइवोर्स भी थी. डाइवोर्स सुन कर मुझे उसके मायूस होने का रीज़न पता चल गया.

अपनी बीवी होते हुए भी पता नही क्यूँ मेरा मॅन उनके साथ रंगरलिया करने का हो रहा था. लेकिन फिर मैने अपने आप को कंट्रोल किया. लेकिन कहते है ना, की अगर लड्डू आपका है, तो आपको ही मिलेगा. तो ऐसा ही कुछ मेरे साथ हुआ.

मैने काफ़ी बार देखा था की सोनिया जब भी आस-पास होती थी, तो मुझे ही देखती रहती थी. मैने ये बात अंजलि को भी बताई थी, और अंजलि ने मुझे उससे डोर रहने को बोला था. लेकिन एक दिन मुझे एक मौका मिला.

मैं च्चत पर धूप सेक रहा था, क्यूंकी सर्दी का मौसम था. तभी सोनिया भी अपनी च्चत गयी. अभी भी वो मेरी तरफ देख रही थी. जब मैने उसको देखा, तो उसने अपनी नज़रे घुमा ली. मुझसे रहा नही गया, तो मैने पूछा-

मैं: साली जी, अगर ऐसे ही देखती रही, तो आपको मुझसे प्यार हो जाएगा.

सोनिया: क्या पता पहले से हो गया हो जीजा जी.

इस बात पर हम दोनो हस्स दिए. तभी मैने उसको बोला-

मैं: ऐसे ही हस्सा करो. मायूसी तुम्हारे चेहरे पर अची नही लगती.

सोनिया: आप ऐसी ही बातें करते रहा करो, तो मैं ऐसे ही हस्ती रहूंगी.

मुझे लगा है, की यही मौका था, तो मैने उसको बोला-

मैं: अब हर टाइम बातें करना तो पासिबल नही है. हा अगर नंबर होता तो मेसेज ज़रूर कर सकता था.

फिर उसने मेरी आँखों में देखते हुए अपना नंबर बोल दिया. बस फिर क्या था, मैने उससे छत शुरू कर दी. जल्दी ही हम खुल कर बातें करने लगे. फिर हमारी सेक्स रिलेटेड भी बातें शुरू हो गयी. शाम का टाइम था, और बात कुछ ऐसे शुरू हुई.

सोनिया: मेरी आज तबीयत ठीक नही है.

मैं: क्यूँ पीरियड्स आए है क्या?

सोनिया: हॉ जीजू, आप क्या बोल रहे हो?

मैं: क्यूँ क्या हुआ, तुम्हे पीरियड्स नही आते क्या, हाहाहा.

सोनिया: नही-नही आते है.

मैं: हा तो वही तो पूछा मैने.

सोनिया: नही, नही आए है. वैसे ही तबीयत खराब है.

मैं: मैं कैसे मान लू?

सोनिया: अब इसमे मानना क्या है?

मैं: तुम्हे पीरियड्स ही आए होंगे.

सोनिया: अर्रे बोला ना नही आए.

मैं: प्रूफ भेजो.

सोनिया: अब प्रूफ कैसे भेजू?

मैं: अपनी पुसी की पिक भेजो.

इस मेसेज के बाद सोनिया का रिप्लाइ नही आया. मैं तोड़ा घबरा गया की कही मैने ग़लत पंगा तो नही ले लिया. मेरी गांद फटत रही थी, क्यूंकी एक घंटे तक कोई रिप्लाइ नही आया था.

फिर एक घंटे बाद एक पिक आई. मैने जल्दी से पिक ओपन करी, तो मेरी आँखें खुली की खुली रह गयी. ये उसकी छूट की पिक थी. उसकी छूट एक-दूं क्लीन शेव्ड थी. छूट देख कर तो मेरा लंड खड़ा हो गया.

फिर उसने पूछा: अब प्रूफ मिल गया, या कोई और भी प्रूफ चाहिए.

अब मैं समझ गया था, की मैं जो उसके साथ करना चाहता था, वो भी उसके लिए तैयार थी. फिर मैने उसको बोला-

मैं: ऐसे ठीक से पता नही चल रहा.

सोनिया: तो फिर कैसे पता चलेगा?

मैं: मुझे हाथ लगा कर चेक करना पड़ेगा.

सोनिया: अछा तो फिर कर लेना.

मैं: कब करू?

सोनिया: अभी कर लो चाहे. मैं च्चत पर आ जाती हू.

ये सुन कर मैं उछाल पड़ा, और जल्दी से च्चत पर जाने के लिए उठ खड़ा हुआ.

इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. दोस्तों यहा तक की कहानी आप सब को कैसी लगी, मुझे ज़रूर बताए.