निशा के मूह से लंड चूस्टे वक़्त उम्म्म्म उहह उहह की सिसकियाँ निकल रही थी. जो पुर रूम को कामुक बना रही थी. निशा अब पूरा लंड मूह में लेती, फिर उसे अंदर ही कुछ सेकेंड रोक लेती. फिर टोपे तक लंड बाहर निकाल देती. अब आयेज से.
उसके ऐसा करने से लंड पर उसके मूह का सलाइवा बह रहा था, जो बॉल्स को गीला कर रहा था. 10 मिनिट तक उसने ऐसा ही किया. चूस्टे हुए जब वो तक गयी, तो बोली-
निशा: हूहू उहह आह बाप रे. कितना डुमदार लंड है यार. मेरा मूह दर्द करने लगा है. गले में तो साँस भी नही ले पाती हू.
मैं: रहने दे नही चूसा जेया रहा है तो.
निशा: अर्रे वाह पातिदेव. आज इतना प्यार देखा रहे हो. वरना आप तो मूह में लंड पूरा तूस देते हो. हर बार मेरी जान निकल देते हो. नही मैं तो इसे और चूसना पसंद करूँगी. आज इसकी भी जान निकाल दूँगी.
निशा लंड को ज़बरदस्ती गले तक चूज़ जेया रही थी. जब वो लंड अंदर-बाहर करती तो उसके बाल भी बिखर जाते थे, और लंड से उसका मूह फूल जाता था. निशा आज पूरी रंडी बन के लॉड को चूस रही थी.
वो कभी लंड को पूरा चूस्टी, तो कभी वो मेरी बॉल्स को चूसने लगती. इससे मैं चरम सीमा पर पहुँच चुका था. निशा ने 15 मिनिट लंड को दबा के चूसा था. जिससे मैं झड़ने पर आ गया था. मैने कहा-
मैं: आह निशा मेरी रानी. मैं झड़ने वाला हू. क्या मस्त लंड चूस्टी है तू.
निशा: अछा जी. तो झाड़ जाओ ना. किसने रोका है. मैं चूस्टी रहूंगी मुझे ये काम रस्स आपका पीना है.
दोस्तों उसके लंड चूसने से मेरा वीर्या उसके मूह में गले में निकल गया. जिससे उसके मूह से चूस्टे टाइम उहह उहह स्लॉप स्लॉप स्लॉप की आवाज़ आने लगी थी.
निशा लंड मूह से बिना निकले अंदर ही गतक गयी. मुझे भी उसके सेक्सी रूप पर मज़ा आ रहा था. वो लंड चूस्टे हुए सारा रस गतक रही थी. मेरे मूह से आह ष्ह ष्ह निकल रहा था.
वो रंडी की तरह लोड्ा चूसने में लगी हुई थी. निशा मेरे लोड के साथ मेरी बॉल्स मसल रही थी. जिससे मुझे और आनंद आ रहा था. उसने 5 मिनिट तक और आचे से लंड को चाट-चाट कर सॉफ किया. फिर वो बोली-
निशा: उम्म्म्म उहह आया ना मज़ा.
मैं: मेरे रानी. तेरा ये रूप देख कर किसको मज़ा नही आएगा. साला तेरा पति चूतिया है जो ऐसी रंडी के साथ सेक्स नही करता.
निशा: छ्चोढो ना उसे आप. मेरे पति तो अब आप बन गये हो ना. इसलिए मुझे आपके साथ पत्नी बन के रहना पड़ेगा. और अपने पति को खुश रखना पड़ेगा.
निशा: अब चलो आप घोड़े जैसी पोज़िशन में आ जाओ. मुझे आपको और खुशी देनी है.
मैं: मेरी जान. तू अब क्या करने वाली है?
निशा: आप ना ज़्यादा सवाल मत किया करो. प्लीज़ ना बेबी घोड़े बन जाओ ना.
मैं भी उसकी बात सुनते हुए उसी पोज़िशन में आ गया. अब मैं नंगा और मेरे दोस्त की मा आधी नंगी मेरे पीछे आ गयी. मैं घोड़ा बना हुआ था. मेरी गांद उसके मूह के सामने थी.
निशा अब गांद के दोनो तरफ चाटने लगी. मेरे बदन में करेंट आने लगा. मैने कहा-
मैं: आह मेरे रानी. क्या चाट रही है. तेरी मुलायम ज़ुबान गुदगुदी मचा रही है.
निशा: उम्म्म, आप हर बार मेरी गांद का मज़ा लेते हो. आज आपकी ये गांद मैं चाट रही हू. मुझे भी मज़ा आ रहा है.
निशा गांद के दोनो तरफ हाथ घूमने लगी. फिर मेरी गांद की लाइन पर अपनी ज़ुबान से चाटने लगी. मेरी काली गांद पर उसकी गुलाबी ज़ुबान घूम रही थी.
कभी वो गांद के च्छेद पर ज़ुबान घूमती, तो कभी चाट-ते हुए मेरी बॉल्स पर ज़ुबान से मस्ती करने लगती. दोस्तों बहुत मज़ा आ रहा था. सुहग्रात का ये सुख मुझे किसी ने नही दिया.
अब वो मेरी गांद के च्छेद पर ज़ुबान से चाटने लगी. जिससे मुझे बड़ा आनंद आने लगा. निशा गांद के च्छेद में अपनी ज़ुबान घुसने की कोशिश कर रही थी. उसने तभी एक-दूं से गांद में अपनी उंगली डाल दी. इससे मेरे मूह से उहह निकल गया. वो हासणे लगी. मैने कहा-
मैं: तू गांद चाट रही है. या मेरे ही गांद को उंगली से छोड़ रही है?
निशा: हाहाहा. मज़ा आ रहा है ना? आप भी तो बहुत बदमाश हो. आज मेरी बारी है.
निशा धीरे-धीरे उंगली डालती, फिर गांद को चाटने लगती. उसने ये सब 15 मिनिट तक किया. निशा ने खूब मज़े से मेरी गांद का स्वाद लिया. अब मेरी बारी थी. मैने कहा-
मैं: चल मेरी रानी. तू बेड के कॉर्नर पर घोड़ी बन जेया. तुझे गांद और छूट चाटने का असली मज़ा देता हू.
निशा: जो हुकुम आपका मेरे पति देव. कर लो अब आपको जो करना है.
निशा: सुनो ना, एक सिगरेट जला के दे दो ना.
मैं: वाह साली. तू पीने लगी है अब?
निशा: आपके साथ हू तो पूरा खुल के मज़ा लेना है. कुछ भी मिस नही करना है.
वो उपर नंगी ही बेड पर बैठ कर सिगरेट पीने का मज़ा ले रही थी. मुझे वो अपने हाथ से पिलाने लगी. पीते हुए हम दोनो एक-दूसरे को किस करने लगते. रूम का माहौल बहुत सेक्सी हो चुका था.
मैने अब उसे बेड पर सीधा किया, और एक बार में उसका लहंगा निकाल फेंक दिया. अब वो पनटी में थी. मैने कहा-
मैं: तू तो साली कही से भी दीपक की मा नही लगती है. तुझे देख कर तो लगता है तू 28 आगे की हो.
निशा: सब आपका कमाल है. आप इतना प्यार देते हो तो मुझे खुशी मिलती है. इसलिए मेरे अंदर की जवानी बाहर आ रही है.
मैने उसकी टांगे पकड़ कर उसे जल्दी से घोड़ी बना दिया. मुझसे उसका गोरा बदन देख कर अब रहा नही जेया रहा था. मैने जल्दी से उसकी छ्होटी सी पनटी निकाल फेंक दी. मैने देखा मेरे सामने उसकी क्लीन छूट थी. फिर मैने कहा-
दोस्तों मैं अपनी और निशा की सुहग्रात के बारे में डीटेल में बता रहा हू. इसलिए स्टोरी लंबी है. आप सभी मेरी इस कामुक कहानी का पूरा आनंद ले.
कहानी कैसी लगी मुझे आप मैल करके ज़रूर बताए. पिछले पार्ट्स पड़के बहुत रीडर्स के मेल्स आए है. उनमे से कुछ गर्ल्स और हाउसवाइफ के मेल्स भी थे. जिसमे से मैने 6 लोगों को छोड़ा है.
आप में से किसी को चूड़ना है तो मुझे गम0288580@गमाल.कॉम पर मैल करे.
थॅंक्स.