मासूम बहन का अमीर पति और उसका छोटा लंड

ही फ्रेंड्स, मेरा नाम अरमान है और मई अभी-अभी 20 साल का हुआ हू. ये कहानी मेरी पहली कहानी है, इसलिए कोई भी मिस्टेक हो जाए तो प्लीज़ मुझे माफ़ कर देना.

तो सबसे पहले मई आपको अपनी फॅमिली से इंट्रोड्यूस करवा देता हू. मेरी फॅमिली मे मई, पापा, मम्मी, 1 भाई और 2 बहाने है. एक बेहन मुझसे छ्होटी है और उसका नाम मारिया है. और दूसरी बेहन मुझसे बड़ी है.

मेरे और उससे बड़ा एक भाई है. मेरी बड़ी बेहन का नाम नेहा है. ये कहानी नेहा की ही है. नेहा का स्कूल 8त मे ही छ्छूट गया था, क्यूकी हम लोगो मे लड़किया ज़्यादा पढ़ती नही है. और हम लोग एक ग़रीब फॅमिली से ताल्लुक रखते है, इसलिए ज़्यादा रिसोर्सस भी नही थे हमारे पास.
हा हम भाइयो ने पढ़ाई करी है.

तो कहानी स्टार्ट होती है अब. मेरी बेहन नेहा हमेशा से ही एक आवरेज बॉडी की लड़की थी. अब अमीर तो थे नही हम, शायद इस वजह से भी वो ऐसी थी. उसकी आगे 23 की थी और वो घर मे कढ़ाई( फॅन्सी स्टिचिंग ) का काम करती थी.

सब ठीक ही था, बस थोड़ी ग़ुरबत थी. लेकिन इस ग़ुरबत मे भी नेहा का साइज़ 34″ था और बाल लंबे थे. उसका कलर बहुत फियर नही था, लेकिन कशिश थी उसमे. वो कभी भी लड़को के सामने नही आती थी.

वो शायद ये जान-बूझ करती थी, क्यूकी उसके चेहरे मे कशिश थी. एक दिन मेरी छ्होटी बेहन पढ़ाई कर रही थी, और उसी के साथ नेहा एक शरारे पे कढ़ाई कर रही थी. फिर मारिया के पेन मे इंक ख़तम हो गयी, तो मारिया खड़ी होके पेन मे इंक डाल रही थी.

तभी ना-जाने क्या हुआ, की उसके हाथ से इंक गिर गयी और शरारे के सेंटर मे आ गयी. यानी अब शरारा खराब हो गया था. अब नेहा को टेन्षन हो गयी, की क्या करे. तो नेहा ने उस जगह पे अपने पास से डिज़ाइन की कढ़ाई कर दी.

नेहा ने ऐसा डिज़ाइन बना दिया, की अब जो भी उस शरारे को देखेगा, उसको तो पता ही नही चलेगा, की क्या हुआ था. लेकिन जो सेठ था, उसने उस कढ़ाई को देख लिया और फिर उसने पूछा-

सेठ: यहा क्या हुआ था.

तब नेहा ने उसको बताया-

नेहा: सेठ जी, इस्पे ग़लती से इंक गिर गयी थी, तो मैने उसपे अपनी तरफ से डिज़ाइन बना दिया, ताकि किसी को पता ना चले. ये सब ग़लती से हुआ था.

सेठ दीदी के काम से बहुत इन्स्पाइयर्ड हुआ था. क्यूकी जिसको भी लहंगा देना था और जिसने पहन-ना था, उनमे से किसी को कुछ पता ही नही चला था. फिर उसने नेहा को बुलाया और उसके साथ बात करी.

उसने नेहा को जॉब ऑफर कर दी. नेहा के साथ पापा भी गये थे और ग़रीबी के कारण पापा ने जॉब के लिए हा बोल दी. अब नेहा जॉब पर जाने लग गयी थी और सेठ ने भी नेहा को अपने सामने ही टेबल दी थी. यानी उसके कॅबिन के सामने.

देखते-देखते नेहा को सेठ पसंद करने लगा. सेठ का नाम राजा था और उसकी आगे होगी 38 के करीब. उसका फेस तोड़ा सा चौड़ा और पेट तोड़ा सा बाहर निकला हुआ था. रंग उसका सावला और वो बालो मे साइड की माँग निकालता था.

सेठ के बाल कम थे मगर उसकी नीयत बिल्कुल सॉफ थी. उसने पापा से बात करी और पापा ने उससे सोचने के लिए टाइम माँगा. फिर पापा ने घर के हालात को देखते हुए, नेहा की शादी सेठ से कर दी.

अब नेहा की शादी हो गयी थी और सब सेट चल रहा था. शादी करने के बाद वो दोनो दूसरी स्टेट मे सेठ की फॅमिली के साथ रहने चले गये. लेकिन फिर किसी कारण नेहा और उसका पति वापस हमारी ही स्टेट मे आ गये. राजा भैया, जो की पहले सेठ थे हमारे लिए, वो अब हमारे जीजू हो गये थे.

दूसरी स्टेट मे तो जीजू के सब घर वाले थे, लेकिन यहा पर नेहा अकेली होती थी. तो नेहा बेहन कभी-कभी मुझे बुला लेती थी और मई भी मज़े से उनके पास जाता था, क्यूकी उनके घर मे एसी था और सोलर था, और लाइट भी जाती थी, तो पता नही लगता था.

मई अक्सर कॉलेज से दीदी के पास चला जाता था दिन मे. फिर जब जीजू आते थे, तो मई वापस आ जाता था. जीजू रात के 9 बजे तक आ जाते थे और मॉर्निंग मे 12 बजे तक जाते थे.

तो हुआ कुछ यू, की मई एक दिन कॉलेज से जल्दी आ गया और दीदी के घर चला गया. जीजू आज अभी तक सो रहे थे और करीब 11 बजे हुए थे. दीदी ने जब मुझे देखा, तो उन्होने पूछा-

दीदी: इतनी जल्दी आ गये आज?

मई: हा वो आज एक टीचर नही आए थे और थोड़ी थकान भी हो रही थी, तो मई यहा आ गया.

दीदी: अछा किया, लेकिन घर भी तो जेया सकते थे.

मई: हा, लेकिन 1 बजे लाइट चली जाती है और मई तोड़ा सोना चाहता हू.

दीदी: अछा फिर ठीक है.

फिर मई अंदर जाके फ्रेश हुआ और रूम मे देखा, तो जीजू सो रहे थे. मुझे ऐसा लग रहा था, की जीजू कल रात बहुत लेट आए थे, क्यूकी उन्होने ड्रेस भी चेंज नही की थी. तो मैने दीदी से पूछा-

मई: जीजू अभी तक सो रहे है?

दीदी बोली: हा ये रात को ऑर्डर देके बहुत लाते आए थे और आते ही सो गये. खाना भी नही खाया रात को तो.

मई: ओक.

दीदी: तुम कुछ खाओगे?

मई: नही.

दीदी: ओक.

फिर मई लेट गया, एसी ओं किया और रूम बंद करके सो गया. मई करीब एक घंटे बाद उठा. मई बाहर निकला और यहा-वाहा देखने लगा. मुझे कही कोई नज़र नही आ रहा था. फिर मई जब जाने लगा तो देखा, की जीजू के शूस वही थे.

मैने बाहर देखा, तो उनकी कार भी बाहर खड़ी थी. फिर मई जब उनको देखने लगा, तो मुझे कुछ आवाज़े आने लग गयी. आवाज़े कुछ यू थी-

आवाज़े: श आहह ऊओ राजा यअहह..

मैने सोचा, की ये आवाज़े दीदी तो नही निकाल सकती थी. अब मई देखना चाहता था, की कही जीजू किसी और को तो नही लेके आए हुए थे. फिर मैने बहुत ढूँढा, बहुत ढूँढा, लेकिन कोई भी ऐसी जगह नही मिली, जहा से मई उनका रूम झाँक लू.

तो दोस्तो इस पार्ट मे इतना ही. आयेज क्या हुआ, वो जान-ने के लिए अगला पार्ट ज़रूर पढ़े. अगला पार्ट जल्दी ही आएगा.

आपको ये कहानी कैसी लगी मुझे ज़रूर बताए और कहानी को लीके और कॉमेंट ज़रूर करे.