बेहन की चुदाई की अंधेरे मे

ये स्टोरी मेरी और मेरी बेहन के बीच हुई चुदाई की है. आज से 4 महीने पहले मेरी बेहन की शादी हुई और मेरी शादी को 3 साल हो गये थे. मेरी बेहन मेरे घर आई हुई थी और मेरा बहनोई भी. मों दाद को किसी कारण वॉश गाओ जाना पड़ा.

तो सिर्फ़ हम 4 ही घर पर रह गये थे. मेरा जनमदिन और बहनोई का जनमदिन कल था. और हा मेरे बहनोई का नाम मयंक है और मेरी बेहन का नाम प्रियंका. मेरा नामे मोहन, मेरी वाइफ का नामे रेशमा.

मेरी बेहन और रेशमा ने प्लान किया था हमारे जानम दिन का. और उन्होने केक भी मगवाया और घर को बहुत आचे से डेकोरेट भी किया था. मेरी बेहन प्रियंका और मेरी वीफिए रेशमा दोनो ही आज बहुत ही सुंदर दिख रही थी.

दोनो ने बड़े गले का ब्लाउस पहन रखा था और मेरी बेहन तो लाल रंग का. मेक-उप की थी यानी सब कुछ लाल पहन रखा था. लेकिन मेरी रेशमा बेहन ने तो ब्लू का सिूत पहन रखा था.

हम दोनो मयंक और मे एक दूसरे की बिवीओ को गूर रहे थी. और हमने कहा अब केक लाओ कटा जाए. फिर केक कट कर मैने अपनी वाइफ को और अपनी बहनोई को खिलाया.

जैसे ही मई अपनी बेहन को केक खिलाने के लिए आयेज बढ़ा. तो लाइट चली गयी. हमने कहा जन्मदिन माँगाया अब क्या करे लाइट का तो कोई पता नही कब आएगी.

तो सबने कुछ देर इंतेजर किया. फिर मयंक ने कहा मेरे पास एक आइडिया है जिस से जनमदिन बहुत बाड़िया मानेगा. तो हम सबने पूछा क्या है वो आइडिया.

मयंक ने कहा अगर आप सब बुरा ना मानो तो बटौगा. तो सबने कहा ओक.

फिर मयंक ने कहा हम दोनो बाहर जाएँगे. और प्रियंका और रेशमा ब्रांडे अंधेरे मे कही भी छुपी होगी. हमे उन्हे दुधना है और जो भी जिस से मिलेगा वो उसे लेकर अपने रूम मे जाएगा. और अपनी तरीके से जानम दिन मनाएगा. लाइट आने से पहले सभी को बाहर आना इससे हमे जो मज़ा मिलेगा वो मज़ा कभी नही मिल सकता.

इस बात पर मैने कहा इसमे अगर ग़लती से मेरी बेहन आ गयी तो क्या होगा?

तो मयंक ने कहा होना क्या है जो करना है वो तुम पर निर्बहार करता है. की अंधेरे मे तुम पहचानो की तुम्हारी बेहन कौन है और तुमाहरी वाइफ कों है.

अगर नही पहचाना तो इसे कसंकस मे रात बितानी पड़ेगी. की कों है और यही तो मज़ा है इस ग़मे का. तो सभी इस ग़मे के लिए टायर हो गये.

मई बताना भूल गया मेरी बेहन और मेरी वाइफ की बॉडी एक जैसे है. कोई भी अंधेरे मे पहचान नही सकता. फिर हम दोनो घर से बाहर आ गये और 5 मिंट बड़ा अंदर गये.

देखा अंदर बहुत अंधेरा था कुछ भी दिख नही रहा था. तभी मुझे मेरी बेहन हल्की रोशनी मे दिखाई दी. वो रोशनी बाहर लगे शीशे से आ रही थी. जो की चाँद की रोशनी थी.

लेकिन इतनी भी सॉफ नही दिख रही थी. लेकिन मुझे उसके कान के हेवी झूमको की वजह से पता चल गया. की वो मेरी बेहन रेशमा है. मैने मॅन ही मॅन प्लान बनाया की जब ये अंधेरा है. तो क्यू ना मई अपनी बेहन को ही चुन लू.

मई आयेज बढ़ कर आपनी बेहन के हाथ को पकड़ लिया और अपने रूम मे ले गया. उधर मयंक भी मेरी वाइफ को लेके अपने रूम मे पहुच गया.

ये दोनो रूम एक साथ लगे हुए थी. जिससे हल्की सी भी आवाज़ सुनाई दे रही थी. मयंक मेरी वाइफ के शायद बूब्स दबा रहा था. और वो सिसकी ले रही थी.

उसकी आवाज़ हमारे रूम मे सॉफ सुनाई दे रही थी. अब मैने भी अपनी बेहन को बहो मे ले कर किस करना शुरू कर दिया. वो भी मेरा साथ दे रही थी.

किस करते हुए उसके बूब्स दबा रहा था और ढेरे से उसके ब्लाउस के हुक खोल दिए. फिर ब्रा निकल दी और उसके बूब्स चूसने लगा. थोड़ी देर मे ही मेरी बेहन आ आ करने लगी.

मई भी उसकी आहे सुनके तड़प उठा और मैने भी आपने कपड़े निकल दिए. फिर मैने अपना लंड अपनी बेहन के मूह मे डाल दिया. मेरी बेहन अपने भाई का लंड बड़े मज़े से चूस रही थी. की तभी लाइट आ गयी और मेरी बेहन की नज़र मेरी नज़र से मिल गयी.

उस टाइम मेरी बेहन ने मेरा लंड अपने मूह मे ले रखा था. वो शरम के मारे लाल हो गयी और अपना मूह छुपा कर बैठ गयी. मई आयेज बढ़ा और कहा क्या हुआ, आओ ना.

तो उसने कहा मुझसे नही होगा. मुझे तो लगा मयंक है, ये तो मेरा भाई निकला.

मैने कहा तो क्या हुआ आज मेरा जानम दिन है. और आज हमारी किस्मत की वजह से मुझे मेरी बेहन मेरे जानम दिन पर मुझे छोड़ने को मिली है. मेरी बहें मेरी बतो को सुन कर मूह फेड सुन रही थी.

फिर मैने आपनी छोटी बेहन को पकड़ कर लिटा दिया और उसे किस करने लगा. वो माना करने लगी और कह रही थी की मयंक को भी पता चल जाएगा. की हम दोनो ने चुदाई की है.
मैने तब बताया की मयंक जिस रूम मे गया है उसकी लाइट काई दिन से खराब है. तो उन्हे पता नही कहलेगा की लाइट आ गयी है. और उनके निकलने से पहले हम बाहर जेया कर लाइट बंद कर देंगे.

फिर मैने अपनी बेहन के बूब्स चूसने शुरू कर दिया. वो आ आ औच… की आवाज़ निकालने लगी और कहने लगी भाई ये ग़लत है. प्लीज़ रहने दो ना.

लेकिन मैने उसकी बात ना मानते हुए उसकी टॅंगो को फेला कर उसके बीच आ गया. और आपना लंड उसकी छूट पर टीका दिया. फिर एक ज़ोर का झटका मारा.

मेरी बेहन कसमसा कर मुझे जाकड़ ली और आहे भरने लगे. औच आहाा… अहह.. कर रही थी और मई ज़ोर से उसे छोड़ रहा था. थोड़ी देर मे मई अपनी बेहन की छूट मे झाड़ गया.

दूसरे कमरे मे क्या हो रहा था वो अभी तक हमे पता नही था.

अब आयेज की कहानी अगले पार्ट मे बतौँगा.