भाई बहन की चुदाई की कहानी हिन्दी मे

आज की स्टोरी मेरी और मेरी बेहन के बारे मे है. मई 27 साल का लड़का हू. मेरी जिम फिट बॉडी है और लंबी हाइट है. मेरा लंड भी 8.5 इंच का है और काफ़ी मोटा भी है. मेरी बेहन की आगे 22 साल है और वो थोड़ी हेल्ती सी है.

लेकिन कमाल का फिगर है उसका. उसके बड़े-बड़े बूब्स और मटकती गांद कमाल की है. उसका 36″30″36″ का फिगर है. दिखने मे वो पूरी पोर्नस्तर लगती है.

पहले मई आपको कुछ साल पीछे लेके जाता हू. मई और बेहन एक ही रूम शेर करते थे. बेहन उस टाइम जवान हो गयी थी और उसका जिस्म उभर कर आ गया था. काफ़ी बार मेरे दिमाग़ मे उसके बारे मे गंदे-गंदे ख़याल आते थे, लेकिन मई उन ख़यालात को डोर कर देता था.

उस वक़्त मेरा कोई सेक्स एक्सपीरियेन्स भी नही था, तो बेहन के साथ ट्राइ करने के ख़यालात आते रहते थे. एक दिन सब कुछ बदल गया. घर पे कोई नही था, सिर्फ़ मई और बेहन थे. बेहन नहाने जेया रही थी.

तभी मेरे अंदर का शैतान जाग उठा. मेरा दिल किया, की उसको नहाते हुए देखु. मैने कुछ देर कंट्रोल किया, लेकिन आख़िर मे मई उठा और टेरेस पे गया. टेरेस से बातरूम की खिड़की नज़र आती थी. मई वाहा गया और झाँक कर देखने लगा.

काफ़ी देर तक तो कुछ नही नज़र आया, लेकिन फिर मुझे अपनी नंगी बेहन का दीदार हो ही गया. अफ… क्या जिस्म था उसका. बड़े-बड़े बूब्स और स्मूद वाइट जिस्म. उसकी बालो से भारी छूट देख कर मेरा लंड टाइट हो गया था. मुझसे रहा नही गया और मई लंड निकाल कर मूठ मारने लगा.

मैने उसका जिस्म देख कर मूठ मारी. मूठ मारते वक़्त मुझे इतना मज़ा कभी नही आया था, जितना उस दिन आया. बस उस दिन के बाद अक्सर मई उसको नहाते वक़्त देखता था और मूठ मारता था. काफ़ी महीनो तक यही सिलसिला चलता रहा.

अब मुझे सिर्फ़ मूठ से ही मज़ा नही आ रहा था, तो मैने फिर उसको बहाने-बहाने से टच करना शुरू कर दिया. अब मेरी और बेहन की दोस्ती काफ़ी अची थी, तो मई अक्सर उसको पीछे से हग कर लेता और उसके जिस्म के मज़े लेता था. लेकिन ये सब भी मेरे लिए काफ़ी नही था.

मुझे पता था, की मेरी बेहन की नींद काफ़ी गहरी होती है, तो रात को जब वो सो जाती थी, तो मई उसके करीब जाके उसको हग कर लेता था. मई उसकी गांद के उपर-उपर अपना लंड रब करता था. कभी-कभी मई उसके बूब्स पे हाथ रख देता था.

आहिस्ता-आहिस्ता मेरी हिम्मत बढ़ती गयी. एक दिन मैने उसकी शर्ट उपर कर दी और हिम्मत करके उसके बूब्स को किस किया. मैने देखा, की वो नींद मे थी, तो फिर मैने आराम-आराम से उसके बूब्स चूसने शुरू किए, ताकि वो उठे ना.

अब उसको भी कुछ फील हो रहा था, क्यूकी वो हिलने लग गयी थी. फिर मई झट से सो गया. वो उठ गयी और उसने इधर-उधर देखा. फिर वो अपनी शर्ट नीचे करके सो गयी. उसके बाद फिर मेरा मॅन किया उसकी छूट को चाटने का.

एक रात बड़े आराम से मैने उसकी ट्राउज़र नीचे की और उसकी छूट के दर्शन किए. उसकी छूट पे बहुत बाल थे. मैने आहिस्ता-आहिस्ता उसकी छूट को टच किया और सहलाने लगा. फिर मई अपना मूह छूट के करीब ले गया और छूट पे ज़ुबान फेर दी.

इससे मेरी बेहन की टांगे काँपने लगी, तो मई दर्र गया और उसकी ट्राउज़र उपर करके सो गया. फिर मैने काफ़ी दीनो तक ये ट्राइ नही किया. एक रात फिर मेरा मूड हुआ और मैने वही किया. मई उसकी ट्राउज़र नीचे करके छूट चाटने लगा. लेकिन शायद बेहन इस बार उठ गयी थी.

उसके उठने पर मई जल्दी से सोने का नाटक करने लगा, लेकिन बेहन मेरे इरादे समझ गयी थी. उसको शायद मुझे पर गुस्सा भी आ रहा था. अगले दिन मुझे पता चला, की बेहन रूम शिफ्ट कर रही थी.

मुझे लगा, की शायद उसने घर वालो को सब बता दिया होगा, लेकिन ऐसा नही था. उसने सिर्फ़ ये बोला था, की अब वो बड़ी हो गयी है और अब वो मेरे साथ एक रूम मे नही रहना चाहती, इसलिए उसको अपने अलग कमरा चाहिए. बेहन ने घर मे मेरी इज़्ज़त तो बचा ली, लेकिन उसके बाद उसने मेरे साथ बात चीत ही ख़तम कर दी.

काफ़ी साल गुज़र गये. बेहन और मेरा रिश्ता बिल्कुल ख़तम हो गया था. हम बस काम की बात करते थे और कुछ नही. हमारे बीच का मज़ाक-मस्ती सब ख़तम हो गया था. मैने भी सोचा, की अगर मैने फिरसे कुछ किया, तो ज़्यादा मसला ना हो जाए और मई भी पीछे हॅट गया था.

मेरी भी डिग्री ख़तम हो गयी थी और अब मई जॉब कर रहा था. बेहन यूनिवर्सिटी मे पढ़ रही थी और आखरी साल था उसका. अब एक दिन ऐसा हुआ, की मई जॉब से घर आया था और सिर्फ़ बेहन ही घर पे थी, क्यूकी घर वाले शहर से बाहर गये थे.

बेहन बैठी अपने कमरे मे रो रही थी. तब मई उसके पास गया और पूछने लगा-

मई: क्या हुआ तुम्हे.

तो उसने बताया: मुझे मेरे टीचर ने एग्ज़ॅम मे फैल कर दिया है. ये मेरा आखरी साल था. एक एग्ज़ॅम मे फैल होना मतलब फिरसे मुझे उस एक कोर्स के लिए पूरा साल रिपीट करना पड़ेगा.

वो बहुत रो रही थी. फिर मैने उसको समझाया और हग कर लिया. आख़िर उसने रोना बंद किया और फिर मई अपने रूम मे चला गया. असल मे बेहन ने मुझसे एक बात छुपाई थी. उसके प्रोफेसर ने उसको फैल नही किया था, बल्कि फैल करने की धमकी दी थी.

उस प्रोफेसर ने बेहन को बोला था, अगर वो उसके साथ सेक्स करेगी, तो वो उसको पास कर देगा. मेरी बेहन जो दिमाग़ मे ये डाल कर बैठी थी, की सेक्स तो वो सिर्फ़ अपने हज़्बेंड के साथ करेगी और वो भी शादी के बाद. वो तो ये बात सोच भी नही पा रही थी.

उस प्रोफेसर ने उसको 2 हफ्ते का टाइम दिया था. उसने बोला था, की 2 हफ्ते के अंदर अगर उसने सेक्स कर लिया, तो वो उसको पास कर देगा. दो-टीन दिन बेहन ने इसके बारे मे बहुत सोचा, फिर शायद उसके दिमाग़ मे वो सीन याद आया, जब उसने मुझे वो सब हरकते करते पकड़ा था.

बेहन को अपना फ्यूचर बहुत इंपॉर्टेंट था, इसलिए उसने चुदाई का फैंसला किया. लेकिन अपने टीचर के साथ नही, बल्कि मेरे साथ. उसने माइंड बना लिया था, की अगर उसने चुदाई करवानी ही है, तो पहली चुदाई वो अपने भाई से करवाएगी. और मौका भी अछा था, क्यूकी घर पे कोई नही था.

मुझे याद है, की सॅटर्डे की शाम का वक़्त था और मई अपने रूम मे टीवी देख रहा था. बेहन मेरे रूम मे परेशान शकल बना कर आई. वो आके मेरे बेड पे बैठी और उसने मुझे सच-सच बताया, की उसको टीचर ने क्या बोला था.

मुझे ये सुन कर गुस्सा आया, जो ऐसे वक़्त पर हर भाई को आता. लेकिन बेहन ने मेरा हाथ थाम कर बोला, की उसने इरादा कर लिया था, की वो अपने टीचर के साथ सेक्स करेगी. मई उसको समझाने लगा, की इसकी कोई ज़रूरत नही थी, तो उसने मुझे रोक दिया.

उसने मुझे समझाया, की वो पहले मेरे साथ ट्राइ करना चाहती है. मेरा पूरा गुस्सा ठंडा पद गया और मेरे लंड मे हुलचल होने लगी. मेरे अंदर का शैतान जाग गया. मैने बेहन की जाँघ पे हाथ रखा और उसकी छूट तक हाथ ले गया.

उसने मेरा हाथ पकड़ा और वो शर्मा रही थी. वो भी एग्ज़ाइटेड लग रही थी, क्यूकी वो अपने भाई से चूड़ने का पूरा प्लान बना कर आई थी. मैने उसका मूह पकड़ा और किस कर दिया. मई अपना हाथ उसकी ट्राउज़र मे डाल कर, उसकी बालो से भारी छूट को मसालने लगा.

उसकी छूट पूरी गीली हो गयी थी. मैने किस तोड़ी और उसको बोला-

मई: तुम नहा कर आओ और अपनी छूट भी सॉफ कर लेना.

वो राज़ी हो गयी और अपने रूम मे चली गयी. जब तक वो नहा रही थी, तब तक मई पास की मेडिकल शॉप से कॉनडम्स लेके आया. मैने एक वियाग्रा की गोली भी लेली, क्यूकी मई बेहन की पलंग तोड़ चुदाई करना चाहता था. फिर मई घर गया और दरवाज़े लॉक कर दिए.

मई बेहन के रूम मे गया, तो वो टवल लपेट कर बेड पे बैठी थी. मैने उसको बेड पे धक्का दे दिया और उसके उपर चढ़ गया. फिर मई उसके हाथ पाकर के उसको किस करने लग गया. मैने दूसरे हाथ से उसका टवल खोल दिया और उसके बूब्स दबाने लगा.

अब मई उसके निपल्स को दबा रहा था और वो मज़े से आ आ कर रही थी. 10 मिनिट किस करने के बाद, मई उसके दोनो बूब्स को चूसने लगा. अफ.. क्या मज़ेदार बूब्स थे उसके, जो मैने चूस-चूस के लाल कर दिए.

फिर उसके पेट पे किस करते-करते मई नीचे गया. अफ.. उसकी गुलाबी सील्ड छूट देख कर मेरा लंड तो पंत के अंदर फटत रहा था. जब मैने अपने कपड़े उतारे, तब उसकी मेरे लंड पे नज़र पड़ी. मेरा लंड देख कर तो उसकी आँखें फटी की फटी रह गयी थी.

वो दर्र गयी और बोली: ये तो अंदर नही जाएगा.

लेकिन मैने उसको झूठ बोला: मई पूरा नही डालूँगा, दररो मत.

मई अपना लंड उसके मूह के पास ले गया. वो समझ गयी, की उसको क्या करना था और वो मूह खोल कर लंड को चूसने लगी. उससे लंड सही से चूसा नही जेया रहा था, तो मैने फिर उसको सही से समझाया. जब वो मेरा लंड चूस रही थी, मई उसकी छूट को मसल रहा था.

उसकी पूरी छूट बिल्कुल गीली हो गयी थी. मुझसे रहा नही गया और मई 69 पोज़िशन मे आके उसकी छूट को चाटने लगा. मेरी बेहन तो मज़े से पागल हो रही थी और सिसकिया ले रही थी. मैने 5 मिनिट उसकी छूट छाती. इतने मे बेहन चिल्ला कर बोली-

बेहन: भाई मेरी निकल जाएगी, रूको अफ.. आ..

लेकिन मई नही रुका और जंगली कुत्ते की तरह छूट चाटने लगा. उसका पूरा जिस्म कपकापाने लगा और उसकी छूट से रस्स बहने लगा. बेहन लंबी-लंबी साँसे ले रही थी और बिल्कुल मज़े मे थी.

मई अब उसकी सील खोलने के लिए रेडी था. मैने उसको सीधा लिटाया और अपने लंड पे कॉंडम चढ़ा लिया. फिर मैने उसकी गीली छूट पे अपना लंड सेट किया. मैने उसकी मुलायम टांगे उठाई और ज़ोरदार झटका मारा और आधा लंड अंदर घुसा दिया.

बेहन ज़ोर से चिल्ला उठी और मुझे लंड निकालने को बोलने लगी. मैने उसके हाथ पकड़े और किस करने लग गया. फिर मैने एक और झटके मे पूरा लंड अंदर घुसा दिया. उसका पूरा जिस्म दर्द से काँप रहा था. मैने पूरा लंड अंदर ही रखा थोड़ी देर तक, ताकि उसका दर्द कम हो जाए.

फिर जैसे ही उसका दर्द कम हुआ, तो मई आराम-आराम से आयेज पीछे होने लगा. उसको अभी भी दर्द हो रहा था, लेकिन वो बर्दाश्त कर रही थी. मैने उसको 20 मिनिट तक आराम-आराम से छोड़ा, ताकि उसकी छूट मेरे लंड से अड्जस्ट हो जाए .

जब उसका दर्द ख़तम हुआ, तो मैने उसको डोग्ग्स्त्यले पोज़िशन मे रखा और असल चुदाई स्टार्ट की. अब मई उसको स्पीड से छोड़ रहा था. वो भी अब चिल्ला नही रही थी, बल्कि मोन कर रही थी. अब वो हल्की-हल्की आवाज़ मे आ आ कर रही थी. मई उसकी गांद पे थप्पड़ भी मार रहा था और छोड़ भी रहा था.

मई दूसरे हाथ से उसके बूब्स के मज़े भी ले रहा था. फिर थोड़ी और चुदाई के बाद, वो चिल्ला-चिल्ला कर बोल रही थी-

बेहन: और छोड़ो आ.. प्लीज़ स्पीड से छोड़ो आहह..

फिर हमने पोज़िशन चेंज की और मैने उसको अपने लंड पे बिता दिया. अब वो मेरे लंड पे उछाल-उछाल कर मज़े ले रही थी. वो झुक कर मेरे मूह मे अपने बूब्स दे रही थी और मुझे कमॅंड कर रही थी-

बेहन: चूसो इनको प्लीज़ भाई, मुझे बहुत मज़ा आ रहा है.

मेरी बेहन अभी तक दो बार फारिघ् हो चुकी और तीसरी बार होने वाली थी. मई भी घंटे से उपर उसकी चुदाई कर चुका था और मई भी फारिघ् होने वाला था. मैने बेहन को बेड पे धकेल दिया और उसकी टांगे उठा कर स्पीड से छूट छोड़ने लगा.

बेहन अब तीसरी बार फारिघ् हो चुकी थी. मैने लंड निकाला और कॉंडम निकाल दिया और फिर उसके बूब्स और फेस पे अपना पूरा माल निकाल दिया. बेहन ने उंगली से मेरा पूरा कम चाट लिया और पी गयी. वो भी तक गयी थी और मई भी तक गया था.

फिर हम एक-दूसरे को हग करके लेट गये और हमने थोड़ी देर किस्सिंग की. वो बता रही थी, की उसको कितना मज़ा आया. फिर हम दोनो एक-दूसरे की बाहो मे सो गये.
उस दिन हमने फिरसे चुदाई की और उसके बाद अगले कुछ दिन डेली 2-3 बार चुदाई की.

अब उसके टीचर का मसला भी सॉल्व करना था. उसके लिए भी मैने प्लान बनाया. हमने टीचर को ट्रिक किया और उसको अपने घर बुलाया और मैने बेहन के रूम मे कॅमरा छुपा दिया था. जब टीचर नंगा हुआ और बेहन को बोलने लगा, की वो मेरी बेहन को पास कर देगा. तभी मई अंदर गया और टीचर को बहुत मारा.

मैने उसको रेकॉर्डिंग दिखाई, तो वो हमारे पैरो मे गिर गया और माफी माँगने लगा. टीचर, जो बेहन को ब्लॅकमेल कर रहा था, उसको अब हम ब्लॅकमेल कर रहे थे. अब टीचर का मामला सॉल्व हो गया था.

फिर कुछ दिन बाद जब रिज़ल्ट आया, तो उसने मेरी बेहन को टॉप मार्क्स दिए थे. बेहन और मेरा रिश्ता भी अब ऐसा हो गया था, की हम डेली रात को चुपके-चुपके चुदाई करते थे. मैने उसको बहुत छोड़ा और मई उसकी गांद का भी मज़ा ले चुका था. बेहन को भी इतना मज़ा आया था, की वो भी चुदाई के बगैर नही रह पाती थी.

अब इस बात को 2 साल हो गये है. मई दूसरे शहर शिफ्ट हो गया हू और बेहन को भी इसी शहर मे जॉब दिलवा दी है. यहा हम दोनो को फुल आज़ादी है और घर वालो की टेन्षन नही है. हम हर वक़्त नंगे रहते है और चुदाई करते है.

फिर कुछ महीने बाद, बेहन के बर्तडे पर मैने उसके लिए गंगबांग पार्टी अरेंज की. मैने 4 लोगो को पैसे देकर बेहन का गंगबांग करवाया, जिसमे उसको बहुत मज़ा आया.