बहन की चूत को अपना बनाया

हेलो दोस्तो, मेरा नाम अभिनव है और मई उप का रहना वाला हू. ये कहानी मेरी सच्चाई पर आधारित है. ये मेरी पहली कहानी है, जो मई आपको बताने जेया रहा हू. कुछ ग़लती हो जाए, तो आप सब मुझे माफ़ कर देना

वैसे मेरी हाइट 5’11” है. ये कहानी मेरी अपने छ्होटे मामा की लड़की के साथ चुदाई की कहानी है. उसका नाम दीपा ( मेरी बेहन)है. ये तब की बात है, जब मई अपने मामा के घर पढ़ाई करने गया था. मेरे मामा का 3 बच्चे है, 2 लड़किया और एक लड़का.

दीपा उनमे से सबसे बड़ी है. वो देकने मे अची और सिंपल लड़की थी. वो गर्ल्स कॉलेज मे पड़ती थी, तो उसका कोई बाय्फ्रेंड नही था. मई अपने मामा के साथ रहता था. लेकिन तब तक मेरा बेहन के लिए ऐसा कोई विचार नही था.
पर मई अपनी मामी का दीवाना था.

धीर-धीरे वक़्त निकलता रहा. फिर एक दिन मैने दीपा के पीरियड्स की बात सुनी. ये बात सुन कर मेरे विचार उसको लेकर बदलने लगे. हम दोनो एक ही कमरे मे पढ़ाई करते थे और उस टाइम मई कमरे का गाते बंद कर देता था. क्यूकी दूसरा कमरे मे मामा जी टीवी देख रहे होते थे.

ठंड का मौसम था, तो हम दोनो एक ही कंबल मे पैरो को धकते थे. उसको पढ़ते वक़्त नींद आ जाती थी, क्यूकी उसको लेट कर पढ़ने की आदत थी. फिर मई धीरे-धीरे उसके पैरो को टच करता था, जो उसको भी अछा लगने लगा.

फिर ऐसे ही करते-करते मई उसकी जाँघो और पैरो पर हाथ फेरने लगा. कुछ रात बाद, मई उसकी गांद को टच करने लगा और हाथ अंदर डालने लगा. उस टाइम वो सोने का नाटक करती थी. मई उसकी गांद के छेड़ को छ्छूता और वो कुछ नही बोलती थी.

एक दिन जब वो कॉलेज से आई तो आते ही वो सो गयी. फिर मैने उसकी गांद पर हाथ फेरा और अंदर उसकी गांद का छेड़ च्छुआ. रात को मेरी हिम्मत और बढ़ गयी, तो मैने उसकी छूट को भी च्छुआ. इससे वो जाग गयी और मैने एक-दूं से हाथ बाहर निकाल लिया.

फिर वो जल्दी सोने का लिए दूसरे रूम मे जाने लगी और उसके बाद एक दो रात पढ़ने नही आई. अब वो दूसरे कमरे मे ही पढ़ने लग गयी थी . एक रात वो फिर मेरे वाले कमरे मे पढ़ने आ गयी, लेकिन मैने उसके साथ कुछ नही किया.

ऐसे ही 2 रात निकल गयी. फिर एक रात वो मेरे पैर को टच करने लगी, लेकिन मैने कोई रेस्पॉन्स नही दिया. तब वो बोली-

दीपा: मेरे पैरो पर अपने पैरो को टच करो ना, मुझे अछा लगता है.

उस रात बस ये ही हुआ. अगली रात मैने उसकी गांद पर उपर से हाथ फेरना शुरू किया. फिर धीरे-धीरे मैने उसकी गांद को अंदर से च्छुआ, लेकिन वो कुछ नही बोली. मई दोबारा उसकी छूट को छ्छूने की कोशिश करता, लेकिन कर नही पाता था. मुझे नही पता था, की वो सोने का नाटक करती थी, या सच मे सोती थी.

ठंडी मे मेरे छ्छूने से उसका जिस्म गरम हो जाता था और उसके जिस्म की गर्मी मुझा पागल कर रही थी. मई उसको अगले ही दिन फिरसे छ्छूने लगा. शाम को हम सब एक बेड पर ही लेते थे और टीवी देख रहे थे. वो मेरी साइड मे लेती थी, तो मेरा लंड खड़ा होने लगा.

मेरा लंड उसकी गांद को टच हो रहा था, पर वो कुछ नही बोल रही थी. रात को रोज़ की तरह फिरसे वो और मई पढ़ने चले गये. लेकिन आज जो हुआ, मुझा उसका विश्वास नही हो रहा था. मैने आज डाइरेक्ट्ली उसकी गांद मे हाथ डाला और थोड़ी देर मे उसकी छूट को टच करने की कोशिश करना लगा.

मई ये बताना तो भूल ही गया, की वो दूसरी तरफ को मूह करके सोती थी और वो अपनी टाँगो को ऐसे अटॅच करती थी, की मई उसकी टाँगो को छ्छू ना साकु. लेकिन उस रात उसने धीरे-धीरे अपनी टाँगो को ढीला छोढ़ दिया.

मई उसकी छूट को हल्का-हल्का सा छ्छूने लगा. फिर उसके बाल मुझे महसूस होने लगे. मई उसकी छूट को अंदर से ही रगड़ने लगा और थोड़ी देर बात वो टाय्लेट का बहाना बना कर चली गयी.

ऐसा लग रहा था, जैसे उसका पानी निकालने वाला था. अगले दिन वो और मई टीवी देखने लगे और मई उसकी गांद पर अपना लंड टच करने लगा. फिर रात को मई उसकी छूट को टच करने लगा. वो कॉलेज नही जेया रही थी, लेकिन फिर भी दिन मे मई कुछ नही कर पाता था, क्यूकी वो सोती नही थी.

एक शाम मई उसकी गांद मे अपना लंड टच कर रहा था. फिर वो थोड़ी देर मे उठी और बातरूम मे चली गयी. मुझे कुछ समझ नही आया. फिर वो थोड़ी देर मे आई और फिरसे मेरे पास लेट गयी. मैने महसूस किया, की उसने पनटी नही पहनी थी.

रात को भी बिल्कुल ऐसा ही हुआ. अगला दिन मैने भी अपना अंडरवेर उतार दिया था और मई भी लोवर मे था. उसने भी पनटी नही पहनी थी. आज वो कुछ इस तरह से लेती थी, की मेरा लंड उसकी गांद के साथ उसकी छूट को भी टच हो रहा था.

ये सब कंबल के अंदर होता था, क्यूकी डिसेंबर-जन्वरी मे तो ठंड बहुत रहती है. फिर थोड़ी देर मे वो टाय्लेट चली गयी. कुछ दिन ऐसे ही निकल गये. एक दिन वो और उसके दोनो भाई-बेहन स्कूल नही गये थे. ये बात तो मई बताना ही भूल गया, की मामी एक गवर्नमेंट टीचर है और मामा जी किसान है.

मामा हर शहर मे रेंट पर रहते है, क्यूकी मामा रोज़ गाओं जाते है और मामी का स्कूल भी गाओं के पास ही है, जो शहर से 15 केयेम डोर है. मामी और मामा दोनो शाम को 4-5 बजे आते है. इसलिए उस दिन चारो ही कमरे मे थे और खाना खा कर टीवी देकने लगे.

अब एक ही कंबल मे छ्होटा भाई और उसकी छ्होटी बेहन थे. टीवी की तरफ हम लोगो का मूह था. पहले उसका भाई और फिर उसकी बेहन थे. दूसरे कंबल मे मई और दीपा थे. मई दीपा के पीछे लेता था. थोड़ी देर बाद मैने हाथ उसकी गांद पर रख दिया और वो कुछ नही बोली.

फिर मई हाथ को धीरे-धीरे फेरने लगा. इसी बीच मेरा लंड खड़ा हो गया और उसकी गांद मे अंदर जाने की कोशिश करने लगा. लेकिन पनटी की वजह से लंड जेया नही पा रहा था. थोड़ी देर बाद वो उठी और अपनी पनटी निकाल कर लोवर मे ही लेट गयी.

मई भी उठ कर गया और अपना अंडरवेर निकाल कर उसके पास आ गया और उसकी गांद मे अपना लंड डालने लगा. अपने हाथ को मई उसकी कमर पर फेरने लगा और उसके लोवर को ढीला कर दिया और अपना हाथ उसके लोवर के अंदर घुमाने लगा.

इधर से मेरा लंड उसकी गांद मे उपर से ही टच हो रहा था . हम दोनो ये सब कर रहे थे, लेकिन एक-दूसरे से खुल नही रहे थे. फिर मैने अपना लंड लोवर से निकाला और अपने लोवर को तोड़ा नीचा कर दिया और लंड उसकी गांद मे घुसाने लगा. मई हाथ से उसकी छूट को रग़ाद रहा था.

मई धीरे से उसका लोवर निकालने की कोशिश कर रहा था, लेकिन वो निकल नही रहा था . फिर वो थोड़ी सी उठी और मैने उसका हाफ लोवर निकाल दिया और उसकी छूट पर टच करने लगा. मैने उसका मूह अपनी तरफ किया और उसने अपने हाथ से मेरा लंड अपनी छूट मे टच कर दिया.

फिर मैने उसको बोला: पढ़ाई के बहाने दूसरे कमरे मे चलते है.

वो भी मेरी बात मान गयी. फिर मैने दूसरे कमरे को अंदर से बंद किया और उसके होंठो को चूसा. फिर हम दोनो नंगे हो गये. मई अपने हाथ से उसकी छूट को सहला रहा था और उसका हाथ मेरे लंड को सहला रहा था. फिर मैने उसकी चूची को चूसा.

ज़्यादा मोटी नही थी उसकी चूची, लेकिन प्यारी थी और चूसने के लिए काफ़ी थी. मैने उसको लिटाया और उसकी छूट के नीचे न्यूसपेपर रख दिया और उसकी छूट के उपर अपना स्पर्म निकाल कर फैला दिया. थोड़ी देर मे हम दोनो ने कपड़े पहने और बाहर आ गये .

उसी रात को मैने बड़ी मुश्किल से उसको पता कर अपना लंड चुस्वाया और पानी उसके मूह मे निकाल दिया. वो कुछ नही कर पाई और उसको पानी पीना पड़ा. फिर मैने उसको अगले दिन छुट्टी का प्लान बनाने को बोला. मैने उसको बोला-

मई: जब तुम सुबा तूतिओं से आओगी, तो साइकल खड़ी करते वक़्त गिर जाना और बोलना, की तुमसे सही से चला नही जेया रहा है. मई तुझे सहारा देकर उठा लूँगा.

मैने ये प्लान इसलिए बनाया था, की अगर मई उसको छोड़ूँगा, तो वो चल नही पाएगी और सब शक करेंगे. अगर सब के सामने की चोट लगेगी, तो ठुकाई के बाद लंगदाने पर कोई शक नही करेगा.

हमारा प्लान सक्सेस्फुल हो गया और वो घर रुक गयी और बेड पर लेट गयी. मई तो कॉलेज कम ही जाता था, तो कोई पूछता भी नही था. मामी ने जब मुझे कॉलेज जाने का पूछा, तो मैने माना कर दिया. वो बोली-

मामी: सही है, क्या पता दीपा को कुछ काम पद जाए.

सब लोग सुबा 8 बजे तक घर से चले गये. उसके दोनो भाई शाम को 2 बजे तक आने वाले थे. हम दोनो ने कोई जल्द-बाज़ी नही दिखाई. 8:45 तक मैने अपना काम पूरा किया. फिर मई दुकान से चॉक्लेट और लॉलिपोप लेकर आ गया. आते ही मैने पहले मैं गाते बंद किया और फिर अपना कमरे का गाते बंद किया.

फिर मैने उसको किस करने चालू कर दिए और वो भी साथ देने लगी. मई और वो पुर नंगे हो गये थे. मैने उसके बूब्स को चूसना शुरू किया और धीरे-धीरे उसकी छूट को चाटना शुरू किया. फिर मई उसकी छूट पर चॉक्लेट लगा कर चाटने लगा.

उसके बाद मई धीरे-धीरे उसकी छूट मे उंगली करने लगा और मई एक लॉलिपोप भी उसकी छूट मे अंदर-बाहर करने लगा. फिर मैने उस लॉलिपोप को छाता और छूट को भी छाता. बहुत मज़ा रहा था मुझे. मैने अपने लंड को उसके मूह मे दिया और उसको चुस्वाया.

मैने लंड पर चॉक्लेट लगाई और वो चूसने लगी. काफ़ी देर ऐसा ही करने के बाद, उसकी छूट की सील तोड़ने का टाइम आ चुका था. इसी बीच मे चुदाई करने से पहले मैने सेक्स टाइम वाली गोली खा ली थी. मई उठा, और मैने उसके नीच न्यूसपेपर और एक बेकार कपड़ा लगा दिया, जिससे उसकी छूट के खून के निशान चादर पर ना लगे.

मैने उसकी छूट पर तेल लगाया और अपने लंड पर भी लगाया. उसका मूह मे मैने एक कपड़ा डाल दिया और लंड को अंदर डालने लगा. पहले धक्के मे मेरा टोपा छूट के अंदर चला गया. मैने एक धक्का और मारा और आधा लंड उसकी छूट मे चला गया.

वो अपने मूह से कपड़ा निकाल कर बोली-

दीपा: निकालो इसको आहह…

मैने कहा: निकालता हू, रूको. तुम ज़रा टांगे खोलो.

फिर जैसे ही उसने टांगे खोली, तो मैने तोड़ा लंड निकाल कर एक और धक्का मारा. मैने पहले ही उसके मूह मे कपड़ा डाल दिया, क्यूकी लंड निकालते टाइम उसके मूह से आवाज़ निकल सकती थी. मैने देखा, की अब उसकी छूट मे मेरा पूरा लंड था .

आज मैने पहली बार किसी की सील तोड़ी थी. फिर वो रोने लगी और मई उसको किस करने लगा. 5 मिनिट रुकने के बाद मई नीचे से धक्के मारने लगा और साथ मे किस करने लगा. थोड़ी देर मे वो भी मेरा साथ देने लगी. हमने हर पोज़िशन ट्राइ करी और फिर मैने लंड उसकी छूट से निकाल कर उसके मूह मे झाड़ दिया.

फिर हम दोनो साथ नहाने चल दिए. और हमने एक बार फिर बाथरूम मे सेक्स किया. उसके बाद हम दोनो ने कपड़े पहन कर खाना खाया और अलग-अलग रूम जेया कर सो गये. मैने सोने से पहले मैं गाते खोल दिया.

फिर दोनो भाई-बेहन स्कूल से आ गये और उन्होने मुझा उठाया और दीपा को सोने दिया. शाम को सब आ गये थे. रात को मैने दीपा से पूछा-

मई: मज़ा आया?

तो वो बोली: हा.

मैने मज़ाक मे बोला: और करोगी?

वो बोली: नही, फिर कभी.

मैने कहा: मज़ाक कर रहा हू.

और वो सोने चली गयी. उस दिन के बाद हम लोगो को जब भी मौका मिलता, हम सेक्स कर लेते थे. मैने 1 साल के बाद वो कॉलेज छोढ़ दिया और कही और चला गया.

लेकिन मई जब भी मामा के घर जाता हू, दीपा को ज़रूर छोड़ता हू. उसकी चूत का मई आज भी दीवाना हू. यही थी मेरी कहानी.