3 पठनो ने गांद खोली – गे सेक्स स्टोरी

हेलो दोस्तो, आज मई आपको जो स्टोरी बताने जा रहा हू, वो मेरी ज़िंदगी की पहली चुदाई के बारे मे है. मई 22 साल का लड़का हू और कुछ रीसेंट सालो से छुड़वा रहा हू. मेरी पहली चुदाई आज से कुछ 3 पहले, 3 पठान मर्दो ने की थी.

मई तोड़ा हेल्ती सा लड़का हू. मेरी चेस्ट थोड़ी निकली हुई है और गांद भी काफ़ी मोटी और रौंद है. हाइट मेरी छ्होटी सी है और दिखने मे मई बहुत क्यूट हू. मेरा जिस्म बिल्कुल हेरलेस और गोरा-गोरा है.

मुझे हमेशा से ही मर्दो मे इंटेरेस्ट था. जब मेरे दोस्त गर्लफ्रेंड्स बना रहे होते थे, तब मई सिंगल था. मुझे लड़कियो मे बिल्कुल इंटेरेस्ट नही था. मेरे अंदर ये गे फीलिंग्स मेरे दोस्त के बड़े भाई ने जगाई थी.

उसने मुझे लिप्स पे किस किया था और उसके बाद से ही मुझे लड़को मे इंटेरेस्ट होने लगा. खैर मुझे चुदाई वग़ैरा का कुछ पता नही था. लेकिन दोस्त के भाई के साथ किस्सिंग मे मुझे बहुत मज़ा आया था. मुझे इतना पता था, की हमारी सोसाइटी मे दो मर्दो के बीच मे रीलेशन पासिबल नही.

खैर मई अपने दोस्तो के साथ पेशावॉर के ट्रिप पे गया था. मेरे एक दोस्त ने वाहा पूरा अरेंज्मेंट किया हुआ था. उसके मामू वाहा रहते थे. वो खुद भी पठान था. जब हम वाहा पहुँचे, तो हम दोस्त उसके तीनो मामू से मिले.

उसके एक मामू का नाम इमरान था, दूसरे का तारिक़ और तीसरे का अमजद था. इमरान सबसे छ्होटा था. उसकी आगे 37 थी और बाकी दोनो 45+ थे. अब इमरान का मुझे देखते ही मुझपे दिल आ गया. इमरान के अलावा बाकी दोनो मामू का भी दिल मुझपे आ गया.

अब हमारा ट्रिप 5 दिन का था और 5 दिन उन तीनो ने हमे खूब घुमाया. इमरान के साथ मैने सबसे ज़्यादा टाइम स्पेंड किया था और मेरा भी आहिस्ता-आहिस्ता दिल उसपे आ रहा था. 3र्ड दे पे रात को हम सो रहे थे, तो इमरान ने मुझे उठाया और चुपके से मुझे टेरेस पे ले गया. वाहा हमने काफ़ी देर तक बाते की.

इमरान: यार तू बहुत अछा है.

मई: थॅंक्स इमरान भाई, आप भी बहुत आचे हो.

इमरान: कितना अछा हू?

मई: बहुत आचे हो आप इमरान अंकल.

इमरान: यार ये अंकल-उंकले ना बोला करो, कितनी बार बोला है.

मई: ठीक है, लेकिन फिर आपको क्या बोलू?

इमरान: मुझे जानू बोला करो हहा.

ये सुन कर मई तोड़ा शरमाने लगा. फिर इमरान मेरे करीब आ गया और मुझे पीछे से हग कर लिया. इमरान मुझे गाल पे किस करने लगा और उसका लंड मुझे गांद पे फील हो रहा था.

फिर इमरान ने मुझे दीवार के साथ धकेल दिया और मुझे किस करने लगा. वो मेरे होंठ चूस रहा था और मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था. इमरान किस्सिंग के साथ साथ मेरी गांद और बूब्स भी दबा रहा था. और मुझे इस सब मे बहुत मज़ा आ रहा था.

फिर इमरान ने फिर मेरी ट्राउज़र मे हाथ डाला और फिज्नेर मेरी गांद के होल तक ले गया. अब वो मेरे होल को रब कर रहा था और मुझे बहुत मज़ा आ रहा. इससे मेरा भी लंड टाइट हो रहा था और इमरान ने ये नोटीस किया.

इमरान: तुम्हारा लंड खड़ा है, मतलब तुम्हे मज़ा आ रहा है.

मई: जी.

इमरान: मेरा लंड देखोगे?

मई: ह्म.

फिर इमरान ने टेरेस का दरवाज़ा लॉक कर दिया. उसने मुझे घुटनो पे बैठने का बोला और मेरा हाथ पकड़ कर अपने लंड पे रख दिया. अब मई उसका लंड ट्राउज़र के उपर-उपर से रब कर रहा था.

फिर उसने मुझे ट्राउज़र निकालने को कहा और मैने उसकी ट्राउज़र नीचे कर दी. अब मेरे सामने एक लंबी और मोटी सी लोहे जैसी रोड थी. ये मैने पहली बार किसी का लंड देखा था और मेरी तो आँखें खुली की खुली रह गयी थी. उसका लंड 8 इंच का था. फिर इमरान ने पूछा-

इमरान: कैसा लगा?

मई: ये आपका बहुत बड़ा है और हार्ड भी है.

इमरान: हहा.. अछा लगा, तो तुम इसको तोड़ा प्यार करो.

मई: कैसे?

इमरान: किस करो इसको.

मई: किस? इसको? लेकिन कैसे? मतलब नही.

इमरान: प्लीज़ ना जानू, मई तुमसे बहुत प्यार करता हू. तुम मुझे खुश करना चाहते हो तो किस करो.

मैने थोड़ी देर उसका लंड हाथ मे पकड़ा और अंदर ही अंदर अपने आप को तैयार कर रहा था. आख़िर तोड़ा सोचने के बाद, मैने उसके लंड के टोपे को किस किया. फिर उसने दोबारा किस माँगी और मैने फिरसे किस की.

उसके बाद उसने मुझे मूह खोलने का बोला और मैने वैसा ही किया. फिर उसने अपना लंड मेरे मूह मे डाल दिया. मुझे अजीब लगा, लेकिन मई इमरान के लिए ये सब कुछ करना चाहता था. इमरान ने मुझे लंड चूसना तोड़ा समझाया और मैने वैसा ही किया.

मैने 15 मिनिट तक उसका लंड चूसा. उसका प्रेकुं बहुत टेस्टी था और मई पूरा चाट रहा था. फिर अचानक उसके लंड से गरम-गरम कम निकालने लगा और इमरान ने मेरा सिर पकड़ लिया. मेरे पास कोई चाय्स नही थी, उसका मीठा टेस्टी कम पीने के अलावा. काफ़ी सारा कम मेरे मूह से लीक भी हो रहा था, लेकिन बाकी का मई पी गया.

फिर मैने इमरान का लंड चाट कर सॉफ किया और हम वापस सोने चले गये. अगले दिन भी ऐसा ही हुआ और मैने रात को इमरान के लंड को शांत किया. हमारी लास्ट रात थी वाहा और वैसे ही रात की तरह मई टेरेस पे इमरान का लंड चूस रहा था.

इमरान: जानू तू रुक जा ना. मई तेरे और मज़े लेना चाहता हू.

मई: मुझे भी आपके साथ रहना है. लेकिन ये पासिबल नही है.

इमरान: देख ना यार, कोई बहाना कर दे और रुक जा ना.

मई: देखता हू.

इमरान: खैर अभी तो लंड चूस. बस मेरा रस्स निकालने वाला है, तू पूरा पी जाना.

फिर हम फारिघ् होके वापस रूम्स मे चले गये. रात को सोने के वक़्त मई बस यही सोच रहा था, की क्या करू, जिससे मुझे वाहा रुकने का मौका मिल जाता. अगले दिन सुबा को इमरान ने मुझे बताया, की उसने मेरे दोस्त को समझा दिया है.

मेरे दोस्त ने बाकियो को बताया, की मेरी फॅमिली वही आ रही थी. तो मई एक दिन वही रुक रहा था और फिर फॅमिली के साथ वापस जौंगा. मेरे दोस्त ने कान मे मुझे बोला, की मई अपना ख़याल रखू और मुझे आँख मार दी. शायद वो समझ गया था, की क्या होने वाला था.

इमरान के साथ मैने दोस्तो को स्टेशन पे छोढ़ा और अलविदा किया. फिर इमरान और मई वापस घर की तरफ निकल पड़े. रास्ते मे इमरान ने अपना लंड निकाल दिया और मई घर तक उसका लंड चूस्टा आया. घर वापस आए, तो तारिक़ और अमजद दोनो हमारा इंतेज़ार कर रहे थे.

वो दोनो अपने अंडरवेर मे बैठे थे. मई तो उनको ऐसे देख कर दर्र गया था. इमरान ने मेरे कंधो पे हाथ रखा और बोला-

इमरान: दररो मॅट, ये दोनो भी तुम्हे मज़ा ही देंगे.

मई: लेकिन मई सिर्फ़ आपके साथ टाइम स्पेंड करना चाहता था.

इमरान: ट्राइ करो इनके साथ भी. तुम्हे मज़ा नही आया, तो सिर्फ़ हम दोनो ही टाइम स्पेंड करेंगे.

मई: ठीक है.

फिर इमरान ने मेरी शर्ट उतारनी शुरू कर दी. मुझे काफ़ी शरम आ रही थी. फिर इमरान ने ट्राउज़र के साथ मेरी अंडरवेर भी नीचे कर दी. अब मई उन तीनो के सामने बिल्कुल नंगा खड़ा था. फिर इमरान ने मुझे उन तीनो के अंडरवेर उतारने को बोला और मई नंगा अपनी गांद मतकाता उनके पास गया.

पहले मैने तारिक़ की अंडरवेर उतारी. उसका 9 इंच का काला लंड था. फिर मैने अमजद की अंडरवेर निकाली और उसका लंड इमरान जितना था, 8 इंच का.

तारिक़: अब और इंतेज़ार ना कारवओ, और लंड चूसो.

अमजद: चूस-चूस, जैसे इमरान का डेली चूस्टा है.

मई उन दोनो के आयेज बैठ गया और बारी-बारी उनके लंड चूसने लगा. मेरी शरम आहिस्ता-आहिस्ता ख़तम हो गयी. मई अब बिल्कुल एक रांड़ की तरह उनके लंड चूस रहा था.

इमरान इतने मे नंगा होके आ गया और मेरी गांद उठा दी. उसने मेरी गांद फैलाई और मेरा होल चाटने लगा. अफ.. ऐसा लग रहा था, जैसे मेरे जिस्म मे करेंट दौड़ने लगा. मेरा लंड टाइट हो गया था. इमरान फिर एक उंगली आहिस्ता-आहिस्ता मेरी गांद मे घुसाने लगा.

थोड़ी जलन हुई मुझे, लेकिन मई उसकी पूरी उंगली अंदर ले गया. उसके बाद इमरान उंगली अंदर-बाहर करने लग गया. अफ.. क्या मज़ा आ रहा था मुझे. मुझसे कंट्रोल नही हुआ और मेरे लंड से कम शूट करने लगा.

आहिस्ता-आहिस्ता एक के बाद दो और दो के बाद टीन उंगलिया इमरान ने मेरी गांद मे घुसा दी. मैने भी लंड चूस कर तारिक़ को फारिघ् कर दिया था और उसकी कम पी गया था और अब मई अमजद का लंड चूस रहा था.

अचानक मेरी गांद पे मुझे कुछ मोटा फील हुआ. इमरान ने अपना लंड मेरी गांद पर सेट किया था. अमजद को सिग्नल मिला और उसने मेरा सिर पाकर कर, लंड मेरे गले तक घुसा दिया. उसी वक़्त इमरान ने ज़ोरदार झटका दिया और अपना आधा लंड मेरी गांद मे घुसा दिया.

मुझे बहुत दर्द हुआ और मुझे साँस भी नही आ रही थी. फिर इमरान ने दूसरा झटका दिया और लंड पूरा गांद मे घुसा दिया. मई चिल्ला नही पा रहा था और मेरी आँखों से आँसू निकल रहे थे. मुझे बेहोशी सी चढ़ रही थी.

फिर इमरान ने मेरी गांद छोड़नी शुरू कर दी और अमजद ने अभी तक गले के अंदर तक लंड डाला हुआ था. 1 मिनिट तक अमजद ने लंड नही निकाला और मुझे साँस बिल्कुल नही आ रही थी. मेरी आँखों के सामने अंधेरा छाने लगा और फिर मई बेहोश हो गया.

फिर जब मेरी आँखें थोड़ी देर बाद खुली, तो मैने देखा की मुझे बेडरूम मे लेके गये हुए थे. इमरान और अमजद कही नज़र नही आ रहे थे और मेरी टांगे आसमान की तरफ उठी हुई थी. अब तारिक़ मेरी गांद मार रहा था और मुझे गांद मे दर्द नही हो रहा था.

तारिक़ बहुत ज़ोरदार तरीके से मेरी गांद मार रहा था और पूरा 9 इंच का लंड मेरी गांद के अंदर-बाहर कर रहा था. पहले तो मैने उसको रोकना चाहा, लेकिन 15-20 मिनिट की चुदाई के बाद, मुझे अब मज़ा आने लगा था.

तारिक़ के हर झटके मे मुझे प्लेषर मिल रहा था. तारिक़ ने 10 मिनिट छोड़ने के बाद, मेरी गांद मे से अपना लंड निकाला और मेरे मूह मे अपना कम निकाल दिया. फिर मई वही पड़ा रहा. 15 मिनिट बाद अमजद आया और उसने बहुत रफ तरीके से मेरे मूह और गांद को छोड़ा.

उसने मेरी गांद को थप्पड़ मार-मार के लाल कर दिया था. अमजद ने मेरे निपल्स भी चूस-चूस के लाल कर दिए थे. वो बहुत अग्रेसिव था और उसने ही मुझे सबसे ज़्यादा छोड़ा.

ऐसे ही एक-एक करके तीनो भाइयो ने मेरी गांद मारी. पूरा दिन ही नही, बल्कि पूरी रात भी मेरी चुदाई होती रही. कहने वाले सही कहते है, की पठनो मे बहुत स्टॅमिना होता है और उनके लंड काफ़ी बड़े होते है.

मुझे उन्होने इतना छोड़ा, इतना छोड़ा की 2 दिन मई पक्का गान्डू बन गया था. मई हर वक़्त किसी ना किसी के लंड की सवारी कर रहा होता था. मुझे सबसे ज़्यादा अमजद ने छोड़ा था. चुदाई के वक़्त उसके अंदर तो कोई जानवर आ जाता था.

अमजद मुझे पटक-पटक कर छोड़ता था, जब की इमरान और तारिक़ दोनो बहुत ही प्यार से छोड़ते थे. मेरा तो इतना कम निकलता था, की मेरे लंड मे दर्द होना शुरू हो जाता था. मैने 5 दिन वाहा रुकने का प्लान बनाया था और अब मुझे 10 दिन हो गये थे.

वाहा इतना छोड़ा गया मुझे, की मेरा होल इतना लूस हो गया, की मई अब तारिक़ और इमरान दोनो के लंड साथ मे लेता था. मई हर वक़्त उनके सामने नंगा होता था. लेकिन 10 दिन छुड़वाने के बाद, मुझे आख़िर मे घर जाना पड़ा.

वाहा भी मैने चुदाई नही रोकी और गली मोहल्ले के लोंडो से बहुत चुडवाई.