भिखारी ने की पहली चुदाई

हेलो दोस्तो, आज मई जो स्टोरी बताने जेया रहा हू, वो मेरी पहली चुदाई के बारे मे है. मेरा नाम अरबाब है और मेरी आगे 22 साल है. ये स्टोरी आज से 3 साल पहले की है. मेरे घर वाले जॉब के सिलसिले मे घर से डोर रहते थे. और मई अकेला ही घर मे रहता था अक्सर.

मई तोड़ा हेल्ती था और बचपन मे काफ़ी मोटा था. फिर मैने काफ़ी वेट लूस किया, तो अब गांद काफ़ी शेप मे आ गयी थी. बिल्कुल गोल-मटोल और हिलती-डुलती गांद थी मेरी. और मई पहनता भी टाइट कपड़े ही था. हाइट भी छ्होटी थी मेरी.

मई काफ़ी शरीफ सा लड़का था. मेरी गर्मियो की चुट्टिया चल रही थी और मई घर पे अकेला था. घर पे नौकर होता है, लेकिन उसने भी मुझसे कुछ दिन छुट्टी लेली थी. अब उसके जाने के बाद, अचानक उन दीनो काफ़ी तेज़ बारिशे होनी शुरू हो गयी.

मई काफ़ी अछा और इनोसेंट टाइप का इंसान था. शाम को मई करीब की दुकान से कुछ चीज़े लेके घर आया और मेरे घर की बाउंड्री के पास एक बुद्धा आदमी बैठा था. वो भिखारी था, तो मैने उसको थोड़े पैसे दिए और फिर मई घर के अंदर चला गया.

रात को तेज़ बारिश हो रही थी. मेरे दिमाग़ मे यही था, की वो बेचारा आदमी इतनी तेज़ बारिश मे कहा गया होगा. अब मई यही सोच रहा था, की उसको देख कर अओ. तभी अचानक घर की बेल बाजी. मैने दरवाज़ा खोला, तो देखा, की वही आदमी बाहर खड़ा था.

मैने उससे पूछा: क्या हुआ?

तो उसने बताया: बारिश बहुत तेज़ है और जब तक बारिश ख़तम नही होती, मुझे थोड़ी सी जगह चाहिए.

अब मई दिल का अछा इंसान था, तो मैने उसको अंदर बुला लिया. वो बिल्कुल भीग रहा था. मैने उसको सीधा बातरूम मे भेजा और बोला-

मई: मई आपको कुछ कपड़े देता हू, तब तक आप अपने आप को सूखा लो.

फिर मई अंदर से अब्बू की एक पुरानी ट्राउज़र और शर्ट लेके आया. बातरूम का दरवाज़ा खुला था और वो मेरे सामने बिल्कुल नंगा खड़ा था. उसके जिस्म पे बाल ही बाल थे. अब मेरी नज़र उसकी टाँगो के बीच गयी, तो उसका लंड देख के मई हैरान रह गया.

मेरे बाजू जितना बड़ा था लंड उसका और वो भी सोया हुआ लंड. अगर लंड खड़ा होता, तो कितना बड़ा हो जाता. उस दिन मैने ज़िंदगी मे पहली बार किसी और का लंड देखा था. खैर मई होश मे आया और उसको कपड़े दे दिए. वो फिर नहाने लग गया और मैने उसको सोप भी दिया.

मई बाहर बैठा हुआ यही सोच रहा था, की उसका इतना बड़ा क्यू था और मेरा इतना छ्होटा क्यू था. इतनी देर मे वो नहा कर बाहर आ गया. वो बिल्कुल नंगा ही बाहर आ गया. उसके हाथ मे कपड़े थे. फिर मई बोला-

मई: आप कपड़े पहन लो. ऐसे कैसे खड़े हो?

हे: बेटा हम ये कपड़ा नही पहन सकता. कोई सलवार कमीज़ दो ना.

मई: मेरे घर मे कोई सलवार कमीज़ नही पहनता.

हे: फिर हम ऐसे ही बैठ जाएगा.

मई: आप टवल लपेट लो, मुझे शरम आ रही है.

हे: बेटा किस बात का शरम? हम दोनो मर्द ही है.

उसके बाद हमने कुछ बाते की और मैने उसको कुछ खाने को भी दिया. वो मेरे सामने बिल्कुल नंगा बैठा हुआ था और मेरी नज़र बार-बार उसके लंड पे जेया रही थी. उसने भी काफ़ी देर तक नोटीस किया और फिर बोला-

हे: बेटा ऐसे क्या देख रहे हो? ये तुम्हारे पास भी तो है.

मई: कुछ नही, सॉरी.

हे: अर्रे शर्मा क्यू रहा है? देख-देख मई माना नही करता, बल्कि करीब से देख ले.

ये बोल कर वो मेरे करीब आके बैठ गया.

मई: नही-नही, आप ग़लत समझ रहे हो.

हे: शरमाओ मॅट, हम बुरा नही मानता.

मई: एक बात पूचु?

हे: हा बेटा पूच.

मई: आपका ये बहुत लंबा है.

हे: हा, तो लंबा ही तो मज़ा देता है.

मई: कैसा मज़ा?

हे: बच्चा ये जब किसी के अंदर जाएगा, तो उसको बहुत मज़ा आएगा.

मई: मई कुछ समझा नही.

हे: समझाने के लिए तुमको अपना कपड़ा निकालना पड़ेगा.

मई: नही-नही, मुझे शरम आती है.

हे: अर्रे बच्चा, मेरे अलावा कों है यहा?

मई: लेकिन लोग क्या सोचेंगे?

हे: बेटा लोग तो तब सोचेंगे, जब उनको कुछ पता चलेगा. ना मई बतौँगा और ना ही तुम.

इसके बाद मई बिल्कुल चुप हो गया. 5 मिनिट तक मैने सोचा और फिर मई उठा. मैने मैं डोर चेक किया, की सही से लॉक था या नही. फिर मैने विंडोस के पर्दे भी नीचे कर दिए. उसके बाद मई उसके साथ बैठा और उससे वादा करवाया, की वो किसी को कुछ नही बताएगा.

अब मेरा बचकाना दिमाग़ था. मुझे क्या पता था, की क्या होने वाला था. उसने भी मुझे तसल्ली देने के लिए वादा कर दिया. फिर मैने अपनी शर्ट उतारी और अपनी शॉर्ट्स भी निकाल दी. अब मई उसके सामने नंगा बैठा था.

हे: वाह बच्चे! क्या प्यारा जिस्म है तेरा. क्या गांद है. बहुत मज़ा देगा हम तुमको. बोल मज़ा चाहिए?

मई: हा.

हे: चल फिर इधर आजा और घोड़ा बन जेया.

फिर मई डॉगी-स्टाइल पोज़िशन मे आ गया. वो मेरी गांद पे एक हाथ लगा रहा था और दूसरे हाथ से लंड हिला कर टाइट कर रहा था. 5 मिनिट बाद उसका लंड टाइट हो गया और करीब 8.5 इंच तक हो गया. उसने थोड़ी थूक लगाई मेरे होल पे और अपना लंड मेरे होल पे सेट किया.

फिर उसने मेरी कमर पकड़ी और ज़ोर देने लगा. लंड अंदर नही घुस रहा था. फिर अचानक मुझे गांद मे पाईं हुई. उसका टोपा मेरी गांद फाड़ता हुआ अंदर घुस गया. मई उछाल कर डोर होने लगा, लेकिन उसकी पकड़ मज़बूत थी.

उसने एक ज़ोर का झटका मारा और मेरी चीखे और आँसू निकल गये. उसका आधा लंड मेरी गांद फाड़ता हुआ अंदर घुस गया. मेरी आँखों के सामने अंधेरा छा गया था और मुझे दर्द से बेहोशी चढ़ रही थी. उसने फिर आखरी झटका मारा और पूरा लंड मेरी गांद के अंदर घुसा दिया.

मई आधी बेहोशी मे वाहा पड़ा था. अब वो मेरी गांद मे लंड अंदर-बाहर करने लगा. मई दर्द से काँप रहा था, लेकिन वो रुका नही. उसने मुझे 40 मिनिट तक छोड़ा. फिर मुझे गांद मे गरम-गरम कुछ फील हुआ.

उसके बाद बुड्ढे ने अपना लंड मेरी गांद से बाहर निकाला. मई बिल्कुल दर्द मे बेहोश होके सोफे पे पड़ा था. मेरी गांद से उसका कम और तोड़ा खून लीक हो रहा था. वो भी तक गया था, तो नीचे ज़मीन पे लेट गया.

अब मुझसे हिला भी नही जेया रहा था और मई वही सेम पोज़िशन मे लेता रहा. मेरी आँख लग गयी और जब मेरी आँख खुली, तो उस बुड्ढे ने मेरी टांगे उठाई हू थी और वो फिरसे मुझे छोड़ रहा था. अब तो मेरा दर्द बिल्कुल ख़तम हो गया था.

मई उसको माना कर रहा था और उसको दाँत रहा था, की निकालो ये सब. उसने मुझे बोला-

हे: पहली बार दर्द होता है. अब तुम्हे मज़ा आएगा.

ये बोल कर उसने मेरी चुदाई शुरू कर दी और मेरे लंड को मसालने लगा. कुछ ही देर मे मुझे मज़ा फील होने लगा और उसके हर झटके मे मुझे प्लेषर मिलने लगा. आख़िर-कार 15 मिनिट बाद, मेरे लंड से भी कम शूट करने लगा.

ये मेरा पहला टाइम था और इससे पहले मैने कभी मूठ भी नही मारी थी.
उस भिखारी ने मुझे छोड़-छोड़ कर, मेरी गांद को खोल दिया था. मेरी टाँगो से उसका कम लीक हो रहा था. पहली चुदाई मे काफ़ी दर्द हुआ था मुझे, लेकिन उसके बाद आहिस्ता-आहिस्ता मई भी चुदाई एंजाय करने लगा.

नेक्स्ट 2 दिन उसको मैने घर पे ही रुकने दिया और उसने मुझे बहुत छोड़ा. फिर मेरा नौकर आने से पहले मैने उसको भगा दिया. जाने से पहले उसने थोड़े पैसे माँगे, जो मैने उसको दे दिए. उस दिन के बाद से, मैने आज तक उसको कभी नही देखा.

वो शुरू मे काफ़ी दर्द दे गया था, लेकिन फिर मुझे चुदाई का मज़ा भी दे गया. अब मई खुद शौंक से गांद मरवाता हू.

शायद मई उसको घर के अंदर ना आने देता, तो आज शायद गे ना होता. लेकिन उसकी वजह से मुझे एक नये किस्म का मज़ा फील हुआ. उस टाइम तो मई भोला-भाला था, तो मुझे सेक्स से फैलने वाली बीमारियो का भी नही पता था. वरना मई ऐसा काम कभी ना करता. लेकिन खैर ई आम सेफ. मैने चेक-उप वग़ैरा भी करवाया है.