अंकल ने मेरी मे उंगली कर डाली

सॉरी फॉर डेले इन पोस्टिंग. जैसा की आपने पिछले पार्ट मे पढ़ा ही होगा, की कैसे पापा और अंकल ने मेरी जवानी अंकल को सौंपने का प्लान किया था. और कैसे अंकल ने उसकी शुरुआत की थी. अब पढ़िए आयेज..

मेरे को बहुत मज़ा आ रहा था इस एहसास से. एक-दूं नया और अजीब सा एहसास था. खुशी से मेरे जिस्म मे अजीब सा कुछ हो रहा था. मुझे एग्ज़ाइट्मेंट भी बहुत हो रही थी. मई अब बस रात का वेट कर रहा था, की क्या होगा और अंकल और क्या-क्या मज़े देंगे.

फिर रात हुई और हम टेबल पर खाना खा रहे थे. और अंकल अपने हाथ से मेरे थाइस मसल रहे थे. तभी मई बोला-

मई: अंकल आप क्या कर रहे हो? खाने दो ना प्लीज़.

अंकल: हा बेटा, खाओ ना, मैने कहा रोका है तुम्हे. मई तो बस अपनी जान से खेल रहा हू.

मई: जान?

अंकल : हा, आज से तू मेरी जान है. आज से क्या, तू तो सालो से मेरी जान है. ई लोवे योउ राहुल.

मई ये सब सुन कर शर्मा गया और खाना खाने लगा. फिर अंकल खाना खा नही रहे थे. ये देख कर मैने उनसे पूछा-

मई: अंकल आप खा क्यू नही रहे हो?

अंकल : मेरा मॅन नही है जान. मेरे को कुछ और खाना है.

मई: क्या खाना है अंकल?

अंकल: तुम्हारी गांद.

ये बोल कर उन्होने मुझे खींचा और ज़ोर से किस कर लिया.

मई: आहह…

अंकल ने मेरे होंठ ऐसे चूज़, की मई मज़े से झूमने लगा. वो ऐसे मेरे होंठ चूस रहे थे, जैसे एक प्यासा पति अपने बीवी के रसीले होंठ चूस्टा है.

मई: अंकल थोड़ी देर तो रुक जाओ. रात पूरी आपकी ही तो है.

अंकल: नही जान, मुझसे और रुका नही जाता. सालो से तुझे पाने की कोशिश की थी. तेरे बड़े होने का इंतेज़ार किया था. आज नही छोढ़ुंगा तुझे, बल्कि खूब छोड़ूँगा.

ये सुन कर मई खुश हो गया. और मैने मज़े मे अंकल के शॉर्ट्स मे अपना हाथ डाल दिया और उनका लंड सहलाने लगा. बहुत गरम था उनका लंड. ऐसा लग रहा था, जैसे किसी गरम हात्ोड़े को पकड़ा हुआ था मैने.

फिर अंकल ने मुझे उठाया और टेबल पे बिताया. उन्होने मुझे पूरा नंगा कर दिया. फिर वो मेरे बूब्स पे टूट पड़े और उन्हे बेरेहमी से चूसने लगे.

मई: आहह… उंकलीई… धीरे… आहह. उहम्म… प्लीज़ धीरे

अंकल मेरे निपल्स को लीक कर रहे थे और साथ ही साथ उन्हे हल्के से काट रहे थे.

मई: अंकल मार दोगे क्या, आज ही मुझे?

अंकल: नही मेरी जान. तुझे मई खूब छोड़ूँगा और प्यार करूँगा.

मई अंकल के बाल पकड़ कर बैठा था और उनकी हरकटो का आनंद ले रहा था. वो पागलो की तरह मेरे निपल्स चूज़ जेया रहे थे.

मई: अंकल इतना मत चूसो. इसमे से दूध नही आएगा.

अंकल: मेरे चूसने से दूध तो क्या, अमृत भी आ जाएगा. राहुल तू बस देखते रहना.

फिर मई बेकाबू हो गया और ज़ोर से आहह.. आहह.. कर रहा था. उसके बाद अंकल ने मुझे घुमाया और मेरी गांद को ज़ोर-ज़ोर से थप्पड़ मारने लगे.

मई: अंकल! आअहह.. ये क्या कर रहे हो? मार क्यू रहे हो?

अंकल : प्यार कर रहा हू राहुल. तुझे मज़ा आएगा इससे.

मई: अंकल जलन हो रही है वाहा बहुत.

अंकल : मेरी जान की जलन मई अभी कम करता हू, रूको एक मिनिट.

ऐसे बोल कर अंकल मेरी गांद को किस करने लगे. धीरे-धीरे उन्होने मेरी गांद फैलाई और उसके छेड़ को लीक करने लगे. वो मुझे डाइनिंग टेबल पर झुका कर, बीच हाल मे मेरे साथ ये सब कर रहे थे. मई इतना खुश था, की ई कॅन’त एक्सप्रेस.

अंकल: कैसे लग रहा है राहुल? जलन कम हुई क्या?

मई: कुछ मत पूछो अंकल. बस चूस्टे जाओ आहह.. आहह..

मई: इतना मज़ा आज तक कभी नही आया अंकल.

अंकल: अभी आयेज और आएगा बेटा. तू देखता जेया बस.

फिर अंकल ने बहुत देर ऐसे ही लीक किया और सक किया. फिर धीरे-धीरे गांद के होल मे फिंगरिंग करने लगे. मुझे इतना मज़ा आ रहा था, की वो दर्द अब महसूस नही हुआ. हल्का सा दर्द था, पर मज़े मे मई भूल ही गया. अब मई एंजाय कर रहा था.

फिर अंकल धीरे-धीरे मेरी गांद मे फिंगरिंग करते गये. उसके बाद उन्होने स्पीड बधाई. मेरा होल काफ़ी टाइट था और अब मुझे तोड़ा दर्द होने लगा. उन्होने मेरी गांद मे 2 फिंगर्स डाल दी थी.

मई: अंकल निकालो, मुझे दर्द हो रहा है.

अंकल: से ले राहुल. अभी उंगली नही लेगा, तो लंड कैसे लेगा? तोड़ा दर्द से ले. फिर जन्नत दिखेगी.

मई: अंकल आहह… उहह… प्लीज़ निकालो आहह..

अंकल ज़ोर-ज़ोर से फिंगरिंग करते गये. साथ ही साथ वो थप्पड़ मारते थे और मेरे बूब्स को दबा रहे थे. अब मई मज़े आए पागल होने लगा था और मई अंकल का लंड चूसना चाहता था.

मई: अंकल अब मुझे प्लीज़ अपना लंड चूसने दो.

अंकल : हा ले बेटा, ये तेरा ही है.

फिर मई घुटनो पे बैठ गया और अंकल चेर पर बैठ गये. मई उनके दोनो पैरो के बीच था और उनकी आँखों मे देखते हुए लंड चूस रहा था.
अंकल ने मेरे पास अपना सिर झुकाया और मुझे किस करने लगे.

मेरे होंठ को चूस कर, वो खुद अपने लंड का टेस्ट ले रहे थे. फिर मई 15-20 मिनिट तक ऐसे लंड चूसा, जैसे सालो से चूस रहा था. फिर अंकल झड़ने वाले थे. उन्होने बोला-

अंकल: पिएगा क्या मेरा रस्स?

मैने माना कर दिया.

मई: नही अंकल मुझे वो गंदा लगता है.

अंकल: ओक बेटा, कोई बात नही. आयेज तू ही पूछेगा. देखते रहना बस.

फिर उन्होने अपना कम मेरे फेस पे डाल दिया, जैसे मई कोई रंडी था. और मई बस उन्हे देखता जेया रहा था.
उसके बाद अंकल ने बोला-

अंकल: बेटा अब जाके नहा ले और फिर तोड़ा आराम कर ले. पूरी रात तुझे जागना है. तेरी गांद का उद्घाटन होगा आज.

मई काफ़ी एग्ज़ाइटेड था. फिर मई बातरूम मे गया और नहाने लगा. मई सोच रहा था, की ये सब क्या हो रहा था. मई क्या से क्या हो गया था. पर मुझे मज़ा आ रहा था इन सब मे.

फिर रात को क्या हुआ. कैसे मेरे होल की सील टूटी. मुहज़े दर्द हुआ, या मज़ा आया. ये जान-ने के लिए प्लीज़ वेट करे.

प्लीज़ दो गिव मे युवर वॅल्युवबल फीडबॅक. जीतने आचे रेस्पॉन्स होंगे, उतनी ही जल्दी स्टोरी उपलोआड होगी. सो प्लीज़ मेसेज मे. टॉप्स कॅन उसे मे आस वेल. ई आम अवेलबल फॉर ऑल आगे ग्रूप्स. थॅंक योउ