मेरे नौकर ने मेरी गंद चोद दाली

हेलो दोस्तो, मेरा नाम अरबाब है. मई पहले आपको तोड़ा अपने बारे मे बता डू. मेरी उमर है 27 साल और मई तोड़ा चब्बी सा हू. हाइट मेरी छ्होटी है और मेरी गांद भी गोल-मटोल सी है. मेरी गांद देख कर काफ़ी लड़के मुझ पर फिदा हो जाते है.

कहानी के पिछले पार्ट मे आपने पढ़ा था, की कैसे हमारे ड्राइवर आसिफ़ ने पहले मुझे मूठ मारना सिखाया और फिर मुझे औरत का मज़ा दिलवाया. फिर मैने उस औरत की छूट छोड़ी और आसिफ़ ने उसकी गांद मारी. उसके बाद मई तक कर सो गया. अब आयेज-

फिर मेरी आँख सुबा 5 बजे खुली. मई अभी भी नंगा लेता हुआ था और मुझे ऐसा फील हो रहा था, जैसे पीछे से मेरी गांद मे कुछ चुभ रहा हो. मैने मूड कर देखा, तो आसिफ़ भी मेरे साथ लेता हुआ था और उसका लंड मेरी गांद के बीच मे टाइट हुआ पड़ा था.

फिर मैने इधर-उधर देखा तो मुझे वो औरत नही दिखी. शायद वो जेया चुकी थी. आसिफ़ का लंड बहुत गरम था और पता नही क्यू उस फीलिंग से मेरा लंड भी टाइट हो रहा था. मैने देखा, की आसिफ़ नींद मे था और मई तोड़ा पीछे हो गया. इससे उसका लंड बिल्कुल मेरी गांद के छेड़ से टच हो रहा था.

पता नही क्यू मैने ऐसा किया. लेकिन इससे मुझे मज़ा आ रहा था. मैने अपना लंड पकड़ा और मूठ मारने लगा. गांद के बीच मे आसिफ़ की रोड फील करके मूठ मारने मे बहुत मज़ा आ रहा था. अब मई और पीछे हो रहा था और उसका लंड अपनी गांद मे रब होता फील कर रहा था.

मुझे इतना मज़ा आ रहा था, की मेरा पानी फिरसे निकल गया और फिर मई सो गया.

जब मई सुबा उठा, तो आसिफ़ जेया चुका था. मेरी गांद के उपर बहुत सारा माल गिरा पड़ा था, जो की आसिफ़ का था. मैने उसपे ध्यान नही दिया और नहाने चला गया.

नहाते हुए मैने रात का पूरा सीन सोचते हुए फिरसे मूठ मारी. लेकिन पता नही क्यू, जैसे ही मई आसिफ़ के बारे मे सोचता और उसके लंड को इमॅजिन करता, मेरी गांद मे अजीब सी खुजली होने लगती. उस दिन के बाद आसिफ़ तो बिल्कुल नॉर्मल था, बल्कि वो मेरे से ज़्यादा प्यार करने लगा था.

जब वो मेरी टाँग पे हाथ रखता था, तो मेरा लंड खड़ा हो जाता था. उसके बाद पता नही क्यू मुझे आसिफ़ बहुत पसंद आने लगा. अब जब भी घर वाले शहर से बाहर जाते, तो आसिफ़ औरत को बुलाता और हम दोनो उसको छोड़ते थे. वो अक्सर मुझे चुदाई सिखाने के चक्कर मे मुझे इधर-उधर टच करता था.

मई भी बहाना ढूंढता था उसके करीब होने का. आसिफ़ सिर्फ़ उस औरत की गांद मारता था और मई उसकी छूट छोड़ता था.
एक दिन हम दोनो चुदाई करके फारिघ् हुए. तब उस औरत ने बोला-

औरत: इतना प्यारा लड़का है तेरे पास, फिर भी हम औरतो की गांद क्यू मारता है?

आसिफ़ ने उसको इशारा करके चुप करवा दिया, लेकिन मैने सुन लिया था. जब वो औरत चली गयी, तब मई और आसिफ़ बेड पे नंगे लेते पड़े थे. मैने आसिफ़ से पूछा-

मई: तुम सिर्फ़ गांद क्यू मारते हो?

पहले तो उसने बताया, की उसको गांद मारने मे मज़ा आता है. फिर थोड़ी देर बाद उसने खुल कर बताया, की वो लोंदे-बाज़ है. पहले तो मुझे समझ नही आया. फिर उसने मुझे सही से बताया, की उसको लड़के पसंद है और वो भी मेरे जैसे.

मई पहले तो परेशान हो गया, लेकिन फिर जब उसने मुझे गे पॉर्न दिखाया, तो मेरी आँखें खुली, की लड़के भी चुड़वाते है. उसके बाद आसिफ़ और मई सो गये.
सुबा को मेरी आँख पहले खुली थी. आसिफ़ ने मुझे पीछे से हग कर रखा था और उसका लंड फिरसे मेरी गांद के बीच मे था.

फिर आसिफ़ की नींद का फ़ायदा उठा कर मैने उसका लंड पकड़ लिया. अफ… इतना टाइट था उसका लंड और मेरे हाथ मे फिट ही नही हो रहा था. पता नही क्यू मेरा दिल उसके लंड के साथ खेलने का कर रहा था. मैने पहले तो उसके लंड को मसालने लगा. फिर मैने देखा, की आसिफ़ नींद मे था, तो मई उसके लंड के करीब गया.

उसने बाद मैने उसके लंड को किस किया. मैने फिरसे चेक किया की आसिफ़ सो रहा था के नही. फिर मैने मूह पूरा खोला और उसके लंड के टोपे को मूह मे ले लिया. उसके बाद मई आहिस्ता-आहिस्ता उसका लंड चूस रहा था. असल मे आसिफ़ जाग रहा था और नींद का नाटक करके मज़े ले रहा था.

मैने लंड को 15 मिनिट तक चूसा और मई सिर्फ़ आधा लंड ही मूह मे ले पा रहा था. फिर उसका लंड मेरे मूह मे हिलने लगा और मुझे अपने मूह मे उसका गरम-गरम माल फील हुआ. मेरा पूरा मूह उसके माल से भर गया था. मैने जल्दी से मूह हटाया और बातरूम मे जाके पानी फेंक दिया.

लेकिन मैने माल तोड़ा टेस्ट भी किया था और मुझे बहुत अछा लगा था. मैने नोटीस किया, की इस दौरान मेरा खुद का पानी भी निकल गया था और टाँगो पे बह रहा था. मई तो मज़े मे पागल हो रहा था और सिर्फ़ ये सोच रहा था, की आसिफ़ का लंड गांद मे भी फील करना है.

अगले दिन रात को मई और आसिफ़ पॉर्न देख रहे थे मेरे रूम मे और मूठ मार रहे थे. आसिफ़ को मैने बोला-

मई: ऐसा करो, गे पॉर्न लगा दो.

उसने स्माइल की और गे पॉर्न लगा दिया. फिर हम गे पॉर्न देखते-देखते मूठ मार रहा थे. आसिफ़ ने वीडियो रोकी और मुझसे पूछा-

आसिफ़: ये सब ट्राइ करोगे?

मई अंदर ही अंदर बहुत खुश हुआ और मैने जल्दी से हा कर दी. फिर आसिफ़ मेरे करीब आया और मेरा हाथ उसने अपने लंड पे रख दिया. मई उसके लंड को मसल रहा था और उपर-नीचे कर रहा था. आसिफ़ आँखें बंद करके मज़े ले रहा था. फिर आसिफ़ ने बोला-

आसिफ़: अब और ना तड़पाव और इसको अपने मूह मे लो ना.

मैने फिर मूह खोला और उसका लंड चूसने लगा. आसिफ़ ने फिर अचानक बोला-

आसिफ़: कल की तरह दाँत ना मारना.

ये सुन कर मई शॉक हो गया. फिर उसने बताया, की जब मई उसका लंड चूस रहा था, तब वो जाग रहा था. उसने मुझे पकड़ा और किस किया. हमने 5 मिनिट किस किया और फिर उसने पूछा-

आसिफ़: क्या तुम्हे सकिंग मे मज़ा आया था?

मैने हा मे सिर हिलाया. उसने मुझे बेड पे उल्टा लिटाया और फिर मेरे मूह पे लंड सेट किया. फिर वो मेरे मूह को छोड़ने लगा. वो लंड घुसता जेया रहा था और मुझे उल्टी आ रही थी. लेकिन उसने आहिस्ता-आहिस्ता मुझे सेट कर दिया, जिससे मई उसका पूरा लंड अपने गले तक ले जेया रहा था.

आसिफ़ भी मज़े मे आवाज़े निकाल रहा था और फिर उसने बोला-

आसिफ़: अब रेडी हो जाओ.

फिर उसने मेरे मूह मे अपना माल निकाल दिया. मेरे मूह उसके माल से भर गया था. आसिफ़ ने लंड तब तक नही निकाला, जब तक मई पूरा पानी पी नही गया. अफ.. क्या टेस्टी कम था उसका. फिर आसिफ़ ने लंड निकाला और मुझे डॉगी-स्टाइल पोज़िशन मे बिता लिया.

आसिफ़ ने मेरी गांद को किस किया और वो मेरे निपल्स दबा रहा था. मुझे इतना मज़ा आ रहा था, की मेरा पानी निकालने वाला था. फिर आसिफ़ ने मेरे होल को चाटना शुरू किया. अफ.. इतना मज़ा आ रहा था, की मई तो पागल हो रहा था. मेरे लंड से प्रेकुं लीक हो रहा था और आसिफ़ अपनी ज़ुबान मेरे लंड के छेड़ मे घुसा रहा था.

5-10 मिनिट उसने ऐसा ही किया. फिर वो आयिल की बॉटल लाया और मेरे छेड़ पे लगा दिया. उसके बाद उसने अपनी उंगलियो पे भी आयिल लगाया और एक उंगली मेरी गांद के छेड़ छेड़ पे सेट की. फिर मैने महसूस किया, की उसकी उंगली आहिस्ता-आहिस्ता अंदर जेया रही थी.

मुझे दर्द हो रहा था, लेकिन मैने बर्दाश्त किया. फिर वो मुझे एक उंगली से आहिस्ता-आहिस्ता छोड़ने लगा. अफ.. मई तो पागल हो रहा था. फिर मुझसे कंट्रोल नही हुआ और सिर्फ़ फिंगरिंग से ही मेरे लंड से कम शूट होने लग गया. इतना मज़ा मैने अभी तक नही फील किया था.

आसिफ़ ने फिंगरिंग कंटिन्यू रखी और आहिस्ता-आहिस्ता उसने दूसरी उंगली भी मेरी गांद मे घुसा दी. फिर उसने तीसरी उंगली भी डाल दी. अब वो मुझे टीन उंगलियो से छोड़ रहा था. पहले 30 मिनिट तक उसने फिंगरिंग करके मेरी गांद के होल को तोड़ा लूस किया.

अब आसिफ़ का लंड फिरसे टाइट हो चुका था. उसने पहले अपने लंड को आयिल से गीला किया. फिर उसने लंड को मेरे होल पे रब करना शुरू कर दिया. मुझसे रहा ना गया और मैने उसको बोला-

मई: प्लीज़ अब अंदर डालो ना.

ये सुन कर वो हस्स पड़ा और उसने मेरे होल पे लंड सेट किया. फिर उसने एक झटका दिया और मेरी चीख निकल गयी. मई जंप करके आयेज होने लगा, लेकिन आसिफ़ ने मुझे टाइट्ली पकड़ लिया. अभी उसका सिर्फ़ टोपा ही अंदर गया था और इतना ज़्यादा दर्द हो रहा था. फिर मैने आसिफ़ को बोला-

मई: प्लीज़ इसको निकालो, मुझे बहुत दर्द हो रहा है.

लेकिन उसने मेरी एक ना सुनी और एक और झटका दे दिया. उफ़फ्फ़.. इतना ज़्यादा दर्द हुआ, की मेर्स आँसू निकल गये और मई रो रहा था. अभी तक उसका आधा लंड अंदर गया था और मेरी आँखों के सामने अंधेरा छ्छा गया था. फिर आसिफ़ ने एक और झटके से मेरे अंदर पूरा लंड घुसा दिया.

बस ये मेरी लिमिट थी और दर्द से मई . हो गया था. उसके बाद पता नही क्या हुआ और आसिफ़ ने मुझे कितना छोड़ा. जब मई सुबा को उठा, तो मेरी टांगे उठी हुई थी. मैने देखा मेरी टांगे आसिफ़ के कंधो पे थी. आसिफ़ मेरे निपल चूस रहा था और मेरी गांद छोड़ रहा था.

मेरी गांद मे दर्द ख़तम हो चुका था. पहले 10 मिनिट तो मुझे कुछ समझ नही आया, लेकिन फिर आहिस्ता-आहिस्ता मुझे होश आया, तो मुझे गांद मे लंड अंदर-बाहर होता हुआ फील हुआ. अब दर्द नही था, लेकिन धीरे-धीरे मज़ा आ रहा था. उसका लंबा मोटा लंड मुझे पेट तक फील हो रहा था.

जैसे ही लंड अंदर जाता, तो मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. मेरा लंड भी टाइट था और प्रेकुं लीक हो रहा था. आसिफ़ ने जब नोटीस किया, की मई उठ गया था, तो वो मुझे किस करने लगा और स्पीड से छोड़ने लगा. मेरा लंड उसके पेट और मेरे पेट के बीच मे रब हो रहा था.

अफ.. वो मज़ा मुझे आज भी याद है. फिर मुझसे कंट्रोल नही हुआ और मेरा कम निकल गया. लेकिन आसिफ़ अभी इतनी जल्दी फारिघ् होने वाला नही था. आसिफ़ ने मुझे फिर घोड़ी बनाया और ज़ोर-ज़ोर से झटके मारे. मई तो मज़े मे पागल हो रहा था. फिर उसने मुझे अपने लंड पे बिता लिया और मई उसके लंड पे उछाल-उछाल के मज़े ले रहा था.

इतने मे मेरा पानी फिरसे निकल गया. आसिफ़ भी अब फारिघ् होने वाला था. फिर उसने मुझे उतारा और मेरे उपर चढ़ गया और स्पीड से छोड़ने लगा. 5 मिनिट बाद वो भी मेरी गांद मे फारिघ् हो गया. उसका कम मेरे होल मे भर गया था और लीक होने लगा.

फिर आसिफ़ मेरे उपर ही लेट गया. उसके बाद हम उठे और साथ मे शवर लिया. मैने अपनी गांद के होल मे हाथ डाला, तो मेरा हाथ पूरा अंदर जेया रहा था. आसिफ़ ने मेरी गांद छोड़-छोड़ के पूरी खोल दी थी. मुझसे तो कुछ दिन सही से चला भी नही जेया रहा था.

लेकिन आसिफ़ और मैने चुदाई जारी रखी. वो अगले 4 दिन तक रोज़ रात को मुझे बहुत छोड़ता था. आसिफ़ ने मुझे अपनी बीवी मान लिया था और मैने उसको अपना हज़्बेंड. मुझे आसिफ़ से बहुत प्यार हो गया था और अब मई उसके बगैर और उसके लंड के बगैर नही रह पाता था.

जब मेरे घर वाले वापस आ गये, तब भी मई और आसिफ़ चुपके से चुदाई करते थे. आसिफ़ ने मुझे 4 साल तक डेली छोड़ा. उसने मुझे इतना छोड़ा, इतना छोड़ा की मई आज एक पक्का गान्डू बन गया हू और अब मई डेली गांद मरवाता हू.