सिमरन मेरी हो चुकी है
Kamukta, जालंधर और लुधियाना के बीच मेरा हर रोज का सफर रहता था मैं लोकल ट्रेन से ही सफर किया करता हूं उस ट्रेन में मैं अब सवारियों को भी पहचानने लगा था क्योंकि ज्यादातर उसमें से कॉलेज के छात्र छात्राएं और निजी संस्थान में काम करने वाले लोग और कुछ मजदूर हुआ करते थे। …