मां-बेटा और चाचा-भतीजी की एक कमरे में चुदाई

इंदिरा: बेटा, अपना काम पूरा करो। साहब दरवाज़ा बंद कर दो।

अंदर आने वाला आदमी जब तक अंदर आता, अमित फिर पीछे से ही मां को चोदने लगा था। वो आदमी इंदिरा के बिल्कुल नज़दीक आ गया। उसने रिसेप्शन के रजिस्टर से नाम देख लिया होगा। आदमी इंदिरा की नंगी पीठ को सहलाने लगा।

आदमी: इंदिरा, जानती हो, किसी खूबसूरत औरत को अपनी आंखें के सामने चुदवाते देखने से बढ़िया और कुछ नहीं है। ये तुम्हारा बेटा है या सिर्फ़ मुझे गर्म करने के लिए इसे बेटा कह रही हो?

इंदिरा ने आदमी की ओर देखा।

इंदिरा: होटल के मालिक हो, रेणु (रिसेप्सनिस्ट) ने कहा कि तुम 65 साल के हो इसलिए अंदर आने दिया। पहले मेरी क़ीमत दो, फिर कुछ पूछना या हाथ लगाना।

उस आदमी ने रिसीवर उठाया और किसी को फ़ोन किया।

आदमी: रेणु बेटी, जल्दी से 2 लाख नगद लेकर तुम खुद इस रुम में आ जाओ। तुम्हारे लिए एक बहुत ही बढ़िया गिफ्ट है। रिसेप्शन पर किसी और को बैठा दो। तुम्हें अब मेरे साथ रहना है।

उसने रिसीवर नीचे रख दिया।

आदमी: मेरा नाम राजेन्द्र है, और आनंद मेरा सगा बड़ा बेटा है। मैं इस होटल का मालिक हूं और इंदिरा, तुम आनंद के साथ होटल में घुसी तभी मैंने तुम्हें बहुत पसंद कर लिया था। लगता है ट्रेन में तुम आनंद से मिली, तभी वो तुम्हें यहां लेकर आया है। तो जैसे तैसे वो तुम्हें चोदने की कोशिश ज़रूर करेगा। ट्रेन में आनंद के साथ उसकी घरवाली समिरा भी थी, इसलिए आनंद ने तुम्हें नहीं चोदा होगा, लेकिन अभी मैं चोदूंगा।

बोल कर वो 65 साल का आदमी नंगा हो गया। मानना पड़ेगा, साला 65 साल का था। बदन गठीला था ही, लंड भी बढ़िया दिख रहा था। मैं मां को चोद ही रहा था। मां की बाहों के नीचे से हाथ बढ़ा कर मैंने मां की दोनों चूचियों को पकड़ा, और चूची की मस्ती लेते हुए चोदता रहा। मां ने उससे झूठ कहा।

इंदिरा: मैं अपने बेटे से आज ही नहीं पिछले चार साल से चुदवा रही हूं। कुछ दूसरे लोगों से भी चुदवाया है, लेकिन जो मज़ा बेटे के साथ आता है, वैसा मज़ा कोई और नहीं देता है। तुम ही सोचो, बेटे के घोड़ा जैसे लंड से चुदवाने के बाद तुम्हारे इस लंड से चुदवाने में मुझे क्या मज़ा आयेगा?

लेकिन बुढ़ा मेरी मां की बूर में लंड पेलने के लिए बेकरार था।

राजेंद्र: हमेशा सिर्फ़ अपनी ही मस्ती का नहीं सोचना चाहिए। तुम्हें खुश करने के लिए तुम्हारा बेटा है ही। तुम कभी-कभी दूसरों को खुश करने के लिए भी चुदवा लिया करो। वैसे मैं तुम्हें बता दूं, तुम्हारे आनंद की घरवाली आनंद के घर में रहते हुए भी मुझसे चुदवाती है। अभी रेणु आयेगी। मेरे चचेरे भाई की बेटी है। 26 साल की है। 2 साल पहले हमने उसकी शादी भी कर दी, लेकिन कुतिया को मेरा लंड इतना पसंद है कि मुझसे चुदवाने के लिए यहां नौकरी करती है।

राजेंद्र: घरवाला दिल्ली में सरकारी नौकरी करता है। हर शनिवार की रात घरवाली को चोदने आता है, और सोमवार सुबह वापस चला जाता है। उसके बाद सोमवार से शनिवार तक साली मुझसे चुदवाती है।

तभी दरवाज़े पर नॉक हुआ। इस बार मैं नहीं राजेंद्र ने दरवाज़ा खोला, और तुरंत एक जवान लड़की को लेकर अंदर आया और दरवाज़ा बंद कर दिया। रेणु हमारी चुदाई देखती रही, और राजेंद्र ने लड़की को नंगा कर दिया। लड़की के हाथ से बैग लेकर मां को दिया।

राजेंद्र: इंदिरा इस बैग में पूरे 2 लाख है। अब नखरा मत करो। अमित तुम मां की बूर से लंड निकालो और मेरा रेणु की बूर में पेलो। मुझे अपनी मां को चोदने दो।

इंदिरा: बेटा, ये बेटी चोद नहीं मानेगा। अपनी मां के बूर से लंड निकालो और राजेंद्र को चोदने दो। हरामी ने क़ीमत दी है तो पूरा क़ीमत वसूल भी करेगा। तू भी देख कि तेरी कुतिया मां दूसरे से कैसे चुदवाती है।

बोलते हुए इंदिरा ने बूर को लंड से अलग खींच लिया। अमित का लंड मां की बूर से एक ज़ोर की “फचाक” की आवाज़ कर बाहर निकल गया। रेणु ने दोनों हाथों से अमित के लंड को पकड़ लिया।

रेणु: थैंक्यू चाचा जी, जब से चुदाई के बारे में जानकारी लेना शुरू किया तभी से ऐसे लंड के लिए तरस रही थी। जो भी तुम्हारा नाम है, पहले मुझे लंड को प्यार करने दो, उसके बाद तुम्हें जो मन करे करना।

इधर रेणु मेरे लंड को सहला रही थी, और उधर राजेंद्र ने अमित की मां के मस्त-मस्त जांघों के बीच जगह बनाया। उसने थोड़ी देर इंदिरा की चूचियों को सहलाया, निप्पलस को चूसा, और लंड को बूर में पेलने लगा।

इंदिरा: राजेंद्र, देखने से नहीं लग रहा था लेकिन बहुत मोटा है यार।

65 साल का राजेंद्र 43 साल की इंदिरा के बूर में लंड पेलने लगा, लगातार धक्का मारने लगा। बग़ल में 25 साल की रेणु ने 20 साल के अमित के लंड को चूसना शुरु किया, और अमित पहली बार घर की औरत, अपनी ही मां के बूर में किसी दूसरे के लंड को अंदर जाते हुए देखता रहा। राजेंद्र का लंड सही में बढ़िया मोटा था। अमित ने क़रीब एक घंटा इंदिरा की बूर में लंड पेला था, फिर भी अमित को लगा कि राजेंद्र का लंड बूर की दीवारों को रगड़ते हुए अंदर घुस रहा था।

राजेंद्र: इंदिरा, मानना पड़ेगा, तुम्हारी‌ बूर में ज़रूर कुछ ख़ास बात है। मेरे सामने अमित ने तुम्हें क़रीब आधा घंटा चोदा, फिर भी रंडी तेरी बूर कितनी टाइट है। रानी बहुत ही गरम, टाईट और रसीली बूर है, बहुत मज़ा आ रहा है।

इंदिरा: राजेंद्र, मुझे भी नहीं लग रहा कि कोई दूसरा लंड 5 मिनट पहले ही मेरी बूर से निकला है। बहुत बढ़िया से चोद रहे हो, बहुत मज़ा आ रहा है।

रेणु: इंदिरा मैडम, तभी तो मैं अपना जवान घरवाला को छोड़ कर चाचा के साथ रहती हूं। आनंद ने बहुत ज़िद किया, तो तीन बार आनंद से भी चुदवाया लेकिन आनंद बिल्कुल नहीं जमा। मुझे और मेरी बूर को सिर्फ़ राजेंद्र चाचा का ही लंड पसंद है। मालूम नहीं चाचा क्यों मुझे अमित से चुदवाने बोल रहे हैं।

राजेंद्र लगातार धक्का मारता हुआ बोला, “कुतिया, तुने खुद अभी कहा कि तू हमेशा से ऐसे ही लंड से चुदवाने के लिए तरस रही थी। अमित बेटा चोदो मेरी इस कुतिया भतीजी रेणु को। इसके पेट में अपना बच्चा डाल दो।”

अमित ने रेणु को मां के बग़ल में लिटाया। ना बूर को चूसा, ना ही चूचियों को, रेणु की जांघों के बीच पोजिशन लिया, लंड को बूर के छेद में दबाया, और ख़ूब दबाते हुए धक्का मारा।

“बाप रे चाचा, बहुत मोटा है”,

लड़की ज़ोर से चिल्लाई, लेकिन उसका चेहरा मुस्कुरा रहा था। अमित को यह देख कर जलन हुई कि बग़ल में ही उसकी मां मुस्कुराते हुए अपने से 22 साल बड़े आदमी से, होटल के मालिक से चुदवा रही थी। बूढ़े के चेहरे पर भी मुस्कुराहट थी। सुबह में अमित जब पहली बार अपनी मां को चोदने लगा था, तो उसने सोचा था कि अब वो अपनी मां को किसी से, रेखा से भी नहीं मिलायेगा।

लेकिन जब इंदिरा ने कहा कि उसने ट्रेन में आनंद से चुदवाया, और एक बार बोलने पर ही आनंद के बाबू जी से भी चुदवाने लगी, तो अमित को बिल्कुल बढ़िया नहीं लगा। उसने मन ही मन सोचा कि ऐसा माहौल बनाऊंगा, कि मां खुद विनोद से भी और असलम गार्ड से भी चुदवाये।

राजेंद्र: इंदिरा, ईश्वर की कृपा से मुझे बहुत सी जवान लड़कियां और औरतें चोदने के लिए मिल जाती है। तुम विश्वास नहीं करोगी, समिरा से मैंने बस एक बार ही कहा होगा, और वह अपनी सुहागरात को ही मुझसे चुदवाने आ गई।

रेणु: चाचा, मुझे भी आपने एक बार ही कहा और मैं आपके सामने नंगी हो गई थी। अमित, मैंने अपनी वर्जिनिटी चाचा को ही दी।

इंदिरा: राजेंद्र, मैंने चार-पांच लोगों से ही चुदवाया है, मानना पड़ेगा कि आप बहुत ही बढ़िया चोदते हो। लेकिन मैं आपके सामने शान से कह सकती हूं कि चूदाई का जो मज़ा मुझे मेरे बेटे अमित ने दिया, वैसा मज़ा किसी और ने नहीं दिया। लेकिन यह भी सच है कि अमित के घोड़े जैसे लंड से रेणु जैसी जवान लड़की क्या मेरी जैसी सालों-साल से चुदी हुई औरत भी लगातार चार बार नहीं चुदवा सकती। राजेंद्र बहुत मज़ा आ रहा है।

20-22 मिनट की चुदाई के बाद राजेंद्र ठंडा हो गया और इंदिरा के उपर से उतर गया।

इंदिरा: पहले अमित ने और बाद में आपने थका डाला। हॉट चॉकलेट ड्रिंक आर्डर कीजिए।

इंदिरा ने कहा और राजेंद्र ने तुरंत चार ग्लास का आर्डर किया। इंदिरा कपड़े पहनना चाहती थी लेकिन राजेंद्र ने रोक दिया।

राजेंद्र: कभी-कभी दूसरों के सामने नंगा रहने का अपना ही मज़ा है।

इंदिरा: एक नंबर के मादरचोद हो। आनंद के सामने कभी अपनी बहु को चोदा है?

राजेंद्र: कई बार।

रेणु: चाचा, आनंद भैया शाम को दिल्ली जा रहे हैं परसों सुबह लौटेंगे। आज रात भाभी को यही बुला लो। आप और अमित है ही, लाला को बुला लो। साला बहुत समय से समिरा को चुदवाने के लिए खुशामद कर रहा है। हम तीन रंडियां और आप तीन हरामजादे।

राजेंद्र: साले के पास बहुत दौलत है। बोल 5 लाख में तीन बहुत ही स्पेशल माल है, समिरा भी रहेगी। विआग्रा खाकर आ जाए।

लाला को रात में आना था। दरवाज़े पर नॉक हुआ। हम सभी नंगे ही थे। मैं पूरी ताक़त और स्पीड से रेणु को चोद रहा था। राजेंद्र ने दरवाज़ा खोला। एक ट्रे में चार ग्लास चॉकलेट मिल्क शेक लेकर वेटर आया। इंदिरा सोफ़ा पर पांव फैला कर बैठी थी। अमित रेणु को चोद रहा था।

राजेंद्र: फिरोज़, इस माल की क्या क़ीमत लगाते हो?

फिरोज़ ने ट्रे नीचे रखा। दोनों हाथों से इंदिरा की चूचियों को मसला, जांघों को सहलाते हुए कुछ देर बूर को मसला। इंदिरा ने कोई शिकायत नहीं की।

फिरोज़: साहब, आपकी रेणु और समिरा मैडम से कहीं ज़्यादा बढ़िया माल है। रात भर के लिए रुस्तम सेठ 5 लाख देंगे।

इंदिरा: मैं इस होटल से बाहर नहीं जाऊंगी। मैं समिरा और रेणु के साथ ठीक हूं। तुम बाहर जाओ।

वेटर बाहर चला गया। इंदिरा ने फिर कहा कि वो किसी भी क़ीमत पर होटल से बाहर नहीं जायेगी।

इंदिरा: मैं थोड़ी बहुत मस्ती मारती हूं, लेकिन रंडी नहीं हूं। कल सुबह मुझे अमित के कॉलेज जाना है। जो चुदाई होनी है इसी होटल में होगी।

राजेंद्र ने विश्वास दिलाया कि इंदिरा को होटल के बाहर नहीं भेजेंगे।

रेणु: कितना पेलोगे यार। दो बार झड़ गई। अब धक्का नहीं सह सकती। लाओ लंड चूस देती हैं।

अमित ने कुछ और धक्का मार कर लंड को बाहर निकाला। उसे बिल्कुल पसंद नहीं आया कि राजेंद्र के एक बार कहने पर उसकी मां एक वेटर के सामने नंगी बैठी रही। एक बार बोलने पर किसी अनजान आदमी से चुदवाने के लिए तैयार हो गई।

लेकिन अमित कुछ बोल नहीं पा रहा था। साफ़-साफ़ दिख रहा था कि इंदिरा को 65 साल का राजेंद्र बहुत ही ज़्यादा पसंद आ गया था। बेड पर रेणु अमित का लंड चूसने लगी और नीचे सोफ़ा पर राजेंद्र ने इंदिरा को सोफ़ा पर सीधे लिटाया, और बूर को चूसने-चाटने लगा। वो इंदिरा को उस दिन चौथी चुदाई के लिए तैयार करने लगा।