बेटे ने शुरू किया मा को प्यार करना

मेरा मूड खराब था.

मम्मी बोली: बेटा अब जाने दे उस बात को, किस-किस को रोकेगा तू?

मैने कहा: कोई साला मेरी मम्मी को देखेगा तो आँखें निकाल लूँगा उसकी.

मम्मी बोली: अब बस भी कर, कितना गुस्सा करता है. बिल्कुल अपने पापा पर गया है.

मम्मी और मैं बैठे थे. तभी मौसी आ गयी. फिर हम सब बैठ कर बातें करने लगे, और मौसी ने मम्मी को कुछ दिया. 1 घंटे बाद मौसी चली गयी. मम्मी भी नहा-धो के खाना लगाने लगी.

मैने कहा: मौसी ने आपको क्या दिया है?

मम्मी बोली: खाना खा ले बेटा. फिर कमरे में दिखती हू.

खाना खा कर मैं कमरे में बैठा था. तभी मम्मी आ गयी, और उन्होने 1 लड़की की फोटो मेरे सामने रख दी.

मैने कहा: ये क्या है?

मम्मी बोली: बेटा ये लड़की है तेरी शादी के लिए देख ले, और तुझे पसंद आए तो मुझे बता दे. मैं मौसी से बात करके तेरी शादी पक्की कर देती हू.

मैने फोटो देखी और मम्मी के सामने फाड़ दी.

मम्मी बोली: ये क्या किया?

मैने कहा: मुझे कोई पसंद नही, और मुझे अभी शादी नही करनी है.

मम्मी बोली: बेटा कभी तो करेगा शादी, तो अभी कर ले. देख कितनी सुंदर लड़की है. तुझे पसंद नही आई?

मैने कहा: मुझे बिल्कुल आप जैसी लड़की चाहिए. जब मिल जाएगी तब कर लूँगा.

मेरी बात सुन के मम्मी हासणे लगी और बोली: बेटा मेरे जैसे ही ढूँढ दूँगी. अब नाराज़ मत हो, चल मुझे मेरा गिफ्ट तो दिखा.

मैने पलंग के नीचे से गिफ्ट निकाल के मम्मी को दे दिया. मम्मी ने तुरंत गिफ्ट खोल दिया और उसे देख कर मम्मी बोली-

मम्मी: ये क्या, तू मेरे लिए निघट्य लाया है?

मैने कहा: हा मम्मी, वैसे ये छ्होटी निघट्य नही है. फुल निघट्य है पैर तक. आपको गर्मी में आराम मिलेगा.

मम्मी बोली: बेटा मैं ये नही पहनती, बहुत अजीब लगेगा.

मैने कहा: मम्मी आपको ब्रा भी पहली बार पहनाई थी, मगर आपको अची लगी थी. अब ये भी पहन के देख लो.

मम्मी बार बार माना कर रही थी, मगर मेरे बार-बार कहने पर वो मान गयी. फिर वो बाहर टीवी वाले कमरे में चली गयी, और थोड़ी देर में निघट्य पहन के कमरे में आई. मम्मी को देख कर मेरे होश उडद गये. स्लीवलेशस निघट्य में मम्मी की गोरी बाहें, उनके बड़े दूध, और उनकी दूध की पूरी लाइन दिख रही थी. मम्मी मेरे सामने शर्मा रही थी.

मैने कहा: देखो मम्मी कितनी अची लग रही हो आप.

मेरी नज़र बार-बार मम्मी के दूध पर और उसकी लाइन पर जेया रही थी.

मम्मी बोली: बेटा अब निघट्य बदल लेती हू.

मैने कहा: मम्मी ये पहनने के लिए मँगवाई है, इसलिए पहने रहो.

फिर मम्मी बेड पर आके लेट गयी, और मुझसे बातें करने लगी. थोड़ी देर में मम्मी दूसरी तरफ मूह करके लेट गयी. मुझे लगा मम्मी सो गयी थी. फिर मैने आपना हाथ मम्मी के दूध पर रख दिया, और उसे दबाने लगा. मम्मी ऐसे ही लेती रही, और मैं उनके दूध दबाते रहा. उनके निपल टाइट हो रहे थे.

मुझे पता था मम्मी जाग रही थी, मगर कुछ कह नही रही थी. मैने अपना हाथ जैसे ही मम्मी की जांघों पर रखा, मम्मी ने मेरा हाथ हटा दिया. फिर मम्मी तुरंत खड़ी हो गयी.

मम्मी बोली: बेटा ये जो तू इतने दिन से कर रहा है, मैं सब समझती हू. मगर ये सब ग़लत है. हम मा बेटे है. हमारे बीच ये सब नही हो सकता है, और इससे पहले कुछ ग़लत हो जाए, इसलिए मैने तुम्हे रोक दिया.

मम्मी ये बात बोल के किचन में छाई गयी. मैं थोड़ी देर सोचने लगा, और मैं भी उनके पीछे किचन में चला गया. मम्मी वाहा पानी पी रही थी. उनकी पीठ मेरी तरफ थी, तो मैने पीछे से उन्हे अपनी बाहों में पकड़ लिया. मम्मी चौंक गयी, और उनके हाथ से ग्लास नीचे गिर गया.

वो तुरंत बोली: बेटा ये क्या कर रहे हो?

मैने कहा: मम्मी मैं सिर्फ़ आपसे प्यार करता हू, और आपके साइवा किसी से प्यार नही कर सकता.

ये बात बोल के मैं मम्मी की गर्दन को चूमने लगा. मम्मी मुझे डोर हटाना चाहती थी, मगर वो ऐसा कर नही पा रही थी. मैने मम्मी को सीधा किया और दीवार से लगा दिया. फिर मैने अपने होंठ मम्मी के होंठो पर लगा दिए. मम्मी बार-बार अपना मूह इधर-उधर कर रही थी, और मुझे हटा रही थी.

जब काफ़ी देर तक वो कोशिश करने के बाद भी मुझे हटा नही पाई, तो उन्होने एक ज़ोर का थप्पड़ मेरे गाल पर मार दिया. फिर वो ज़ोर से बोली-

मम्मी: मैने कहा ना ये सब ग़लत है. हमारे बीच ये नही हो सकता है. निकल जेया यहा से. मैं भी तुरंत कमरे से बाहर निकल गया.

मैं बाहर आके टेरेस पर चला गया, और वही बैठ कर सोचने लगा, की कही मैने ग़लती तो नही कर दी. और मुझे मम्मी से माफी माँगनी चाहिए. मगर दिल कह रहा था की कोई ग़लती नही की. मम्मी ने भी इतने दिन कुछ नही कहा. तो हो सकता है वो दर्र रही हो.

यही सब बातें सोच के मैं टहलने लगा. पुर 2 घंटे मैं टेरेस पर टहलता रहा. मैने टाइम देखा तो 2 बाज रहे थे. तभी मुझे किसी के आने की आवाज़ आई. मैने देखा तो मम्मी आ रही थी. वो उपर आ गयी और बोली-

मम्मी: चल नीचे चल, यहा क्या कर रहा है?

मैने उनकी बातों का कोई जवाब नही दिया. मम्मी ने मेरा हाथ पकड़ा, और मुझे नीचे ले जाने लगी. तो मैने मम्मी को अपनी तरफ खींच लिया, और उनके होंठो को चूसने लगा. मम्मी ने मुझे धक्का दिया, और नीचे भाग गयी. मैं भी उनके पीछे नीचे आ गया, और उन्हे पीछे से पकड़ लिया.

फिर मैं उनकी गर्दन को चाटने लगा. मेरे दोनो हाथ मम्मी के दूध को मसल रहे थे, और मम्मी अपना मूह इधर-उधर करते हुए बोल रही थी-

मम्मी: मत कर बेटा, ये ग़लत है. रुक जेया वरना सब ख़तम हो जाएगा.

मैने एक हाथ से मम्मी की निघट्य उपर की, और अपना हाथ उनकी बर पर रख दिया. मम्मी की बर हल्की-हल्की गीली हो चुकी थी. मैं मम्मी की बर को हल्के हाथ से मसालने लगा, और मम्मी बार-बार मेरा हाथ हटा रही थी. मगर मैं मान नही रहा था.

मम्मी की बर बहुत पानी छ्चोढ़ रही थी, और उनके निपल टाइट हो चुके थे, जिन्हे मैं अपने हाथ से खींच रहा था, और अब मम्मी मुझे रोक नही रही थी. मेरा एक हाथ उनकी बर पर, एक हाथ उनके निपल पर, और मेरे होंठ उनकी गर्दन को चाट के गरम कर रहे थे.

मम्मी की बर की गर्मी मुझे हाथो पर महसूस हो रही थी. मैने मम्मी को सीधा किया तो उनकी आँखें बंद थी. फिर मैने अपने होंठ उनके होंठो पर रख दिए. मम्मी ने कुछ नही किया, तो मैं उनके होंठ चूसने लगा. मैने आपनी जीभ से मम्मी के होंठो को खोला, और उनकी जीभ चूसने लगा.

मैने 2 उंगलियाँ मम्मी की बर में डाल दी, तो मम्मी की आँखें खुल गयी. मैं मम्मी के होंठ अभी भी चूस रहा था. मम्मी ने अपना मूह पीछे कर लिया, तो मैं अपनी दोनो उंगलियाँ छूट में अंदर-बाहर करने लगा. उनके चेहरे पर कामुकता के भाव सॉफ पता चल रहे थे.

मम्मी खुद को रोक रही थी, मगर मेरी उंगली उनकी बर में अपना कमाल दिखा रही थी. वो मेरा हाथ निकालना चाह रही थी, मगर मैं लगातार उनकी बर को अपनी उंगली से छोड़ रहा था. मैने आपनी दोनो उंगली मम्मी की बर से निकाल ली, जो पूरी गीली हो चुकी थी. फिर मैने उनके सामने अपनी उंगली मूह में डाल ली, और चूसने लगा.

मम्मी ये देख कर अपनी नज़र नीचे कर ली. मैने मम्मी को गोदी में उठाया, तो मम्मी ने खुद अपनी बाहें मेरी गर्दन में डाल दी और मैं उन्हे बेड पर ले गया. मैने मम्मी को बेड पर लिटा दिया.

इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. कहानी का मज़ा आया हो, तो फीडबॅक ज़रूर दे.