कहानी जिसमे मुत्ताल बेटे को मिला मा को चोद ने का मौका

ये हादसे कब एक सज़ा से मज़ा बन जाते है, पता ही नही चलता. ऐसा ही कुछ मेरे साथ हुआ. मेरे कॉंपिटेटिव एग्ज़ॅम्स की तैयारी ठीक से नही हो रही थी. इसलिए अब मुझे धीरे-धीरे मास्टरबेशन की आदत लगने लगी.

और ये मेरा रुटीन बन गया रोज़ का. मैं अपने आस-पास रहने वाली आंटीस और भाभियों को सोच कर मास्टरबेट करता रहता था. पेपर ख़तम होते-होते मेरा ये हाल था, की लंड दर्द के मारे दुखने लगा था.

अपना इलाज खुद करने के चक्कर में मैने अपनी तबीयत और खराब कर ली रात-रात भर जाग के. घर में मेरे अलावा मम्मी, पापा, और दो बहने है. एक मॅरीड है, और दूसरी मेरे से एक साल बड़ी है.

घर में सबसे पहले सोने वाली मेरे से एक साल बड़ी सिस्टर होती है और करेंट में मैं सोने वाला लास्ट पर्सन हू. पापा और मम्मी दोनो ने नोटीस कर लिया की मैं लाते नाइट तक जागता हू, और सुबा देर से उठता हू. जबकि मैं इसका ऑपोसिट पर्सन हू.

फिर एक दिन पापा ने मम्मी से पूछा: ऐसा क्या हो गया जो ये उल्टे काम कर रहा है?

मम्मी के पास भी जवाब नही था, और वो भी सोचने लगी की ऐसा क्या हो गया. पापा के फोर्स करने पर मम्मी ने मेरे से बात करने की सोची, और दूसरे दिन ही मम्मी मेरे पास रात को आ कर पूछती है-

मम्मी: ऐसा क्या हो गया जो तू रात-रात भर जागता है?

मेरे पास इसका अभी कोई जवाब नही था, पर मम्मी फिर भी बार-बार बात घुमा कर पूच रही थी. फाइनली मैने भी उन्हे बताने की सोची, पर दर्र था कही पेल ना दिया जौ.

मैं और मम्मी एक-दूसरे के बहुत क्लोज़ है. इसलिए मैं अपनी उनसे सारी बातें शेर करता हू. पर ये बात शेर करने से मैं हिचक रहा था. फिर भी मैं उनसे शेर करने के लिए मान जाता हू.

मे: मम्मी बात ही कुछ ऐसी है, अगर मैने आपको बता दी, तो आप नाराज़ हो जाओगे.

मम्मी: नही दानतुँगी, बता तो सही.

मे: पर फिर भी

मम्मी: अगर नही बताएगा तो नाराज़ हो जौंगी.

मे: अछा ठीक है बताता हू. बात ऐसी है, की मेरी पोपो अब पहले जैसी नही रही.

मम्मी: मतलब?

मे: वो पेपर के टाइम पे मैं बहुत ज़्यादा स्ट्रेस में था, तो उससे डील करने के लिए मैं अपनी पोपो को बहुत रगड़ता था. जिससे अब इसकी ये हालत है की खड़े होने पर भी ये पाईं करती है. ई आम सॉरी मुम्मा, प्लीज़ नाराज़ मत हो.

मम्मी: ये तो होना ही था, और देख वो नंगी औरतों को.

मे: मैने उन्हे नही देखा, और एक दिक्कत और है. ये रगड़ने की वजह से अब इसमे से वाइट क्रीम नही निकलती.

मम्मी: मुझे पता था अगर वो है, तो ये भी होगा. अब इसका इलाज करना होगा वो भी डॉक्टर से. पर उससे पहले मैं तुझे सबक सीखना चाहती हू.

फिर मम्मी मेरे पास आ कर कहती है: कल जब पापा और सब टीवी देख रहे हो, तब तुझे मेरे पास आ कर बैठना है, और बिना अंडरवेर के आना है.

मे: मम्मी पर ऐसा कैसे हो पाएगा?

मम्मी: इतना ही नही, मेरी गोदी में अपना सर रखना है, और जब तक मैं ना काहु तब तक सर नही उठना. उसके बाद हम परसो डॉक्टर के पास जाएँगे. वो भी मेरी फ्रेंड डॉक्टर के पास.

मेरे पास कोई चाय्स नही था, तो मैं मान जाता हू और अपने बेड पर जेया के सो जाता हू. सुबा जब मैं उठता हू, तब मम्मी मेरे पास आ कर कहती है-

मम्मी: प्लान में चेंज है. तुम्हे पापा के बाहर जाने से पहले ही पापा के सामने मुझे हग करना है. और कुछ ऐसा करना है, की वो आज रात मेरे से पूछे सुबा क्या हुआ था.

और फिर मम्मी मेरे सामने अपनी ब्रा के हुक्स खोल कर कहती है: ये मुश्किल है. पर जब तक हम एक-दूसरे से ओपन नही होंगे, तब तक इलाज आयेज नही बढ़ा पाएँगे, और डॉक्टर से बात नही कर पाएँगे. मुझे पता है ये तो कर लेगा तू.

और मम्मी वाहा से निकल जाती है. मेरी हालत खराब थी. अब पापा के सामने मैं कैसे मम्मी को हग करू, और उनके बूब्स दबौउ और काहु की “मम्मी एक बार, बस एक बार अपने बूब्स दिखा दो. अगर आज आपने मुझे नही दिखाए ना, तो मैं मॅर जौंगा”.

पर करना ही था, तो जैसे-तैसे मैं मम्मी और पापा की मूव्मेंट्स ट्रॅक करता रहा. और पापा जैसे ही तैयार होने लगे, मम्मी अपने आप उनके पास जाती है, और उनसे बात करने लगती है. मैं भी पीछे जाके मम्मी को आवाज़ लगा के कहता हू-

मैं: मम्मी मुझे आपसे कुछ बात करनी है.

मम्मी: हा बोल.

मे: मम्मी, मम्मी वो (हग करते हुए) मम्मी एक बार अपने बूब्स दिखा दो. मैं आपके बूब्स के बिना नही रह पौँगा.

इतना कहते ही मैं मम्मी के बूब्स को पीछे से हाथ डाल कर दबाने लगता हू.

मैं: बस एक बार अपनी चूचियों का दूध पीला दो ना प्लीज़. मैं किसी को कुछ नही बतौँगा.

मेरे इतना कहते ही पापा मेरे पास आते है. इससे पहले पापा कुछ करते, मम्मी पापा को कल वाली बात बता देती है, की कैसे मेरी हालत पेपर के डूरान खराब हुई, और मैने अपने लंड को परेशान किया. पापा इसके आयेज स्पीचलेस थे, और वाहा से चले जाते है बिना कुछ कहे अपने काम पर.

मम्मी: मेरे को नही पता था मेरा बेटा इतना भरा होगा अपनी मा के लिए. अभी तुम्हारी सज़ा पूरी नही होती है. उससे पहले हमे डॉक्टर का ओपीनियन लेना होगा.

उसके बाद हम दोनो मम्मी की फीमेल फ्रेंड जो की डॉक्टर है, उनके पास जाते है, वो भी उनके घर पे. वाहा पहुँचते ही आंटी हमारा वेलकम करती है, और पूछती है-

आंटी: इतने समय बाद कैसे आना हुआ? फोन पर बात तो होती रहती है.

मम्मी मेरी तरफ इशारा करते हुए कहती है: भाई साहब की वजह से आना पड़ा.

आंटी: ऐसा क्या किया हमारे बेटे ने?

मम्मी: भाई साहब ने अपने आप को कंट्रोल करने के लिए अपना हथियार इतना शार्प किया की इनकी लेड ख़तम हो गयी.

आंटी: सही से बताओ.

मम्मी: भाई साहब से ही पूछिए.

मैं: आंटी वो पेपर के समय मैने अपना लंड इतना रगड़ा की अब ये पाईं करता है, और इसमे से अब स्पर्म नही निकलता है.

आंटी: बस इतनी सी बात है? वो तो फोन पर बता देते, मैं वही पर दवाई बता देती.

मम्मी: इतनी सी बात लगती होगी तुम्हे. मेरे लिए तो ये मेरे फ्यूचर का सवाल है. ये बाप कैसे बनेगा?

आंटी: ये होता रहता इस उमर में. और वैसे भी ये तुम्हारा बेटा है, तो वो तुमसे एक कदम आयेज तो होगा ही ना.

मम्मी: सस्शह.

आंटी: क्या सस्स्शह? अब ये बड़ा हो गया है. इसको सच जानने का पूरा अधिकार है.

मे: कों सा सच मम्मी?

आंटी: मैं बताती हू. तुम्हारी मम्मी पापा की सेकेंड वाइफ है, और तुम्हारे बर्त का एक राज़ जो तुम्हे पता लगना ज़रूरी है.

मम्मी: नही चंचला.

आंटी: क्यूँ नही? आख़िरकार तुम्हारे और भैया के ही तो जीन्स है. विनी तुम्हे पता है तुम्हारी जो उन मॅरीड सिस्टर है, उसके होते ही तुम्हारे मम्मी पापा खुश थे. पर तुम्हारे पापा को गुस्सा बहुत आता था. तो उसको कम करने के लिए तुम्हारी मम्मी को अपना वो वाला रूप लेना पड़ा, जिससे तुम्हारे पापा रोज़ रात को तुम्हारी मम्मी के साथ सेक्स करते, और साथ ही तुम्हारी मम्मी अपने हज़्बेंड को खूब रिझती अपनी जवानी से.

आंटी: इससे लास्ट में तुम्हारे पापा का गुस्सा तो कम हुआ, पर तुम्हारी मम्मी और ज़्यादा सेक्स माँगने लगी. जिससे आख़िर में तुम्हारे पापा ने जब लास्ट टाइम तुम्हारी मम्मी के साथ सेक्स किया, तब दोनो अपने-अपने होश खो कर ऐसी चुदाई करने लगे, की उनको कॉंडम ना होने का एहसास पता नही चला, और जब भैया ने अपना फुवरा छ्चोढा तुम्हारी मम्मी के अंदर, तब शायद तुम्हारी मम्मी और पापा दोनो का चुड़क्कड़-पन्न तुम्हारे अंदर आ गया. शायद इसीलिए तुम ऑल डेज़ सेक्स के बारे में सोचते हो.

ये सुन कर मैं मम्मी को देखता हू. उनका फेस रेड हुआ पड़ा था, और धीरे-धीरे वो अपने आप को ओपन करने के लिए मेरे पास आ कर कहती है-

मम्मी: आज तेरे पापा के सामने मेरे मम्मो को दबाने और इनका दूध पीने की बात बोल कर तूने मेरी डूबी पिंकी फिरसे दोबारा जगा दी है

आंटी: दोनो जब इतना आयेज आ ही गये हो, तो एक-दूसरे के हुंसफर बन जाओ,

मम्मी: क्या!

आंटी: दोनो एक-दूसरे को चाहते हो. यहा तक तुमने अपने बेटे से खुद कहा उसके पापा से बात करने के लिए. एक-दूसरे की केर भी करते हो. इसी बहाने दोनो एक-दूसरे को समझ कर हेल्प कर पाओगे.

मम्मी: बात तो सही है, पर इसके माल का क्या करे?

इसके आयेज की कहानी अगले पार्ट में.