अमित ने रंभा को चोद-चोद कर इतना पस्त कर दिया कि उसने अमित को अपने उपर से हटा दिया, और वहीं बेड पर दोनों टांगें फैला कर लेटी रही। रंभा दो बार झड़ गई, लेकिन अमित का लंड पूरा टाइट था। रंभा के बग़ल में इंदिरा भी नंगी लेटी थी। लाला ने उसे चोदा। दोनों झंडे और लाला इंदिरा के उपर से उतर गया।
इंदिरा उसका लंड चूसने लगी। कमरे में उस समय रंभा के अलावा रेणु और शिप्रा थी। अमित ने थोड़ा ही सोचा और अपनी मां के उपर आ गया। इंदिरा के मुंह में लाला का ढीला लंड था। वे कुछ बोल नहीं पाई। अमित ने थोड़ी-थोड़ी देर मां की दोनों चूचियों को बढ़िया से चूसा। एक हाथ से लंड पकड़ कर मां की बूर में दबाया, और दना दन धक्का मारने लगा। बेटे का लंड आराम से मां की बूर के अंदर घुसने लगा।
अमित: राजेंद्र जी और लाला जी, आप दोनों ने मेरी मां को कितनी बेदर्दी से चोदा है। सुबह में 2 बार चोदा था तो मेरी मां की बूर कितनी टाइट थी और अभी देखिए कुतिया की बूर कितनी ढीली हो गई है। रेणु, तेरा कोई भी कस्टोमर इस रंडी को चोदने के लिए एक हज़ार भी नहीं देगा।
अमित की बात का जवाब ना इंदिरा ने दिया ना ही रेणु ने। जवाब दिया किसी और ने।
राजेंद्र: इंदिरा अब सिर्फ़ मेरी माल है। आज तुम अपनी मां को जितनी बार चोद सकते हो चोद लो। इंदिरा अब मेरे सिवा किसी और से नहीं चुदवायेगी।
राजेंद्र की बात पर इंदिरा ने कोई कमेंट नहीं किया। लेकिन लाला को राजेंद्र की बात पसंद नहीं आई। लाला ने झुक कर इंदिरा को चूमा।
राजेंद्र: इंदिरा सिर्फ़ तुम्हारे होटल की कस्टोमर है। मैं सुबह ही इसे अपने साथ ले जाऊंगा, और जितनी जल्दी होगा इंदिरा से शादी करूंगा।
रंभा: फालतू बात मत कीजिए बाबू जी। आप इस रंडी को जितना चोदना चाहते है चोदिए। लेकिन मैं आपको किसी रंडी से शादी नहीं करने दूंगी।
बेटी की इस बात पर लाला को बहुत ग़ुस्सा आ गया।
लाला: हरामजादी, तू इंदिरा को रंडी कह रही है। इस पूरी दुनिया में तुझसे घटिया रंडी और कोई नहीं होगी। रेणु, तू ही बोल, राजेंद्र तुम्हें बहुत रंडियों से पाला पड़ता है कभी सुना कि कोई लड़की अपने बाप के सामने बूर फड़वाती है। साली, पिछले चार साल से कितने लोग मुझसे खुशामद करते थे कि रंभा को उनसे चुदवा दूं। तीन दिन पहले भी केडिया मुझे ग्यारह लाख दे रहा था तेरी बूर फाड़ने के लिए, और कुतिया तुमने मुफ़्त में चुदवा लिया, झिल्ली को फटने दिया। तेरी बूर में बहुत गर्मी है तो ले मैं तेरी गर्मी उतारता हूं।
किसी को उम्मीद नहीं थी, किसी ने सोचा भी नहीं था। इंदिरा ने लंड चूस कर दुबारा टाइट कर दिया था। लाला ने बेटी के उपर अपनी पोज़ीशन बनायी।
रंभा: बाबू जी नहीं…
लेकिन हर धक्के पर बाप का लंड बेटी की कड़क बूर के अंदर बहुत ही धीरे-धीरे जाने लगा।
रंभा बार-बार “बाबू जी नहीं, बाबू जी नहीं” करती रही, लेकिन 12-13 धक्कों के बाद 7 इंच का लंड बेटी की बूर में पूरा घूस गया। समिरा ने रेणु का हाथ पकड़ कर घीमी आवाज़ में कहा, “बेटीचोद, मेरी जैसी जवान औरत को छोड़ कर हरामी ने बुढ़िया (इंदिरा) को पसंद किया। मैं बहुत खुश हूं कि अमित ने उसे मुफ़्त में चोदा ही, अब बाप भी चोद रहा है। अपने चाचा से बोल कि बाप के बाद वो भी उसे चोदे।”
समिरा ने सिर्फ़ कहा नहीं वो बेड से उतर कर ससुर के पास आई और राजेंद्र को नंगा करने लगी। बाप और बेटी की चुदाई शुरु हुए 10-12 मिनट ही हुए थे, और रंभा की मस्ती भरी सिसकारी कमरे में गूंजने लगी।
इंदिरा बेटे के हर धक्का पर सिसकारी मार ही रही थी। लाला अपनी बेटी को प्यार से नहीं ग़ुस्से से चोद रहा था। उसने देखा कि समिरा बहुत ही प्यार से राजेंद्र के मोटे लंड को सहला रही थी। उस दिन लाला वास्तव में समिरा को ही चोदने आया था। लेकिन पहले इंदिरा की मदमस्त जवानी ने और बाद में बेटी की बेशर्मी के कारण पहले इंदिरा को और बाद में बेटी को चोदने लगा।
इंदिरा को चोदना उसे बहुत ही ज़्यादा बढ़िया लगा था। लेकिन बेटी को चोद रहा था उससे लाला को बहुत बुरा लगने लगा था। लेकिन बाप के लंड को बेटी की बूर बहुत ही ज़्यादा पसंद आ गया था। सिर्फ़ बाप के लंड को ही नहीं, बेटी की बूर को भी बाप का लंड और लंड का धक्का बहुत पसंद आने लगा था।
रंभा: अमित, मुझे तुम्हारा लंड भी बहुत पसंद आया और तुम्हारी चुदाई भी। लेकिन अब मैं तुमसे दुबारा बच्चा पैदा करने के बाद ही चुदवाऊंगी। तुम्हारे इस घोड़े जैसे लंड से लगातार 3-4 बार भी चुदवा लूंगी तो फिर कभी भी मुझे दूसरे लंड के साथ, बाबू जी के लंड के साथ कुछ भी मज़ा नहीं आयेगा।
रेणु: मैं तो हर रोज़ लगातार अमित से चुदवाने को तैयार हूं।
रंभा: अभी तक तुमने अमित से एक बार ही चुदवाया है ना, लगातार चार पांच बार चुदवा ले तब पूछूंगी।
इनकी बातों को सुनते हुए अमित अपनी मां को खूब रगड़-रगड़ कर चोद रहा था।
अमित: रंभा, मैं बहुत ही ज़्यादा खुश हूं कि तुम्हारी प्यारी चूत का उद्घाटन मेरे ही लंड ने किया। अब तुम कितना भी बोलो, मैं भी जानता हूं और तुम भी जानती हो कि तुम्हारी चूत को मेरा लंड बहुत पसंद आया है। लेकिन अब मैं तुम्हें तभी चोदूंगा जब तुम ख़ुद ही मुझे चोदने के लिए बुलाओगी।
कमरे में दोनों जोड़ी बहुत ही मस्ती से चूदाई कर रहे थे। बेटा अपनी सगी मां को चोद रहा था, और बग़ल में बाप अपनी सगी बेटी की चूत को ढीला करने पर लगा था। बेचारा राजेंद्र कितना कंट्रोल करता। वो अपनी बहु समिरा का हाथ पकड़ कर बेड के पास आया।
राजेंद्र: लाला, बेटी को पकड़ कर तुम दोनों इंदिरा की तरफ़ धसक जाओ। तुम तो मेरी बहु को चोदने आये थे लेकिन कोई बात नहीं तुम अपनी बेटी की चूत को ढीला करो मैं अपनी बहु को प्यार करूंगा। समिरा बेटी, रंभा के बग़ल में लेट जाओ।
समिरा ने कोई देरी नहीं की। वो अपनी सुहाग रात से लेकर पिछले चार सालों में सैकड़ों बार ससुर से चुदवा चुकी थी। अक्सर 28 साल का पति और 65 साल का ससुर एक बेड पर ही बारी-बारी से समिरा को चोदते थे। बोलने की ज़रूरत नहीं समिरा को अपने पति के साथ की चूदाई में कोई मज़ा नहीं आता था। लाला ने चोदते हुए ही बेटी को इंदिरा की तरफ़ खसकाया। दोनों चुद रही माल का बदन एक-दूसरे से रगड़ खाने लगा था।
मां को चोदते हुए अमित बेझिझक रंभा की चूचियों को मसलने लगा। लेकिन ना तो रंभा ने ही रोका और ना ही लाला ने ही मना किया।
समिरा भी उसी बेड पर रंभा के बग़ल में लेट गई और जैसे ही समिरा लेटी, लाला ने बेटी की बूर से लंड निकाला। तुरंत समिरा के उपर आया, एक हाथ से लंड को पकड़ कर समिरा की बूर में दबाया, और पूरी ताक़त से धक्का मारा।
समिरा: आह, थोड़ा धीरे यार।
क़रीब सवा घंटा पहले ही समिरा ने कहा था कि उस दिन वो लाला से नहीं चुदवायेगी लेकिन अब लाला के हर धक्के पर “आह, उफ़ करने लगी थी। रंभा को बिल्कुल पसंद नहीं आया कि बिना उसे ठंडा किये ही उसके बाप ने चूत से लंड निकाला और बग़ल में लेटी, उससे 5-6 साल बड़ी औरत की बूर में लंड पेल दिया।
रंभा: बाबू जी, अब तुम नाक रगड़ कर मर जाओगे फिर भी तुम्हें कभी हाथ नहीं लगाने दूंगी। कल से ही तुम्हारी आंखों के सामने तुम्हारे खास-खास दोस्तों, कस्टोमर से चुदवाना शुरु करूंगी और तुम बेटी को दोस्तों से चुदवाते देख ताली बजाना। ये मादरचोद अमित इतनी जल्दी अपनी मां की बूर से लंड निकालेगा नहीं, राजेंद्र चाचा हाथों को क्यों तकलीफ़ दे रहे हो। अपने लंड को मेरी चूत के अंदर डालो, मेरी चूत तुम्हारे लंड की मालिश कर देगी।
रंभा ने ख़ुद चोदने के लिए कहा तो राजेंद्र क्यों इंतज़ार करता। दो चुद रही औरतों के बीच लेटी रंभा ने अपने दोनों हाथों और पैरों को हवा में उठाया, और एक 65 साल का आदमी 18 साल के जवान लड़के के जैसा उन फैली हुई बाहों में समा गया। रंभा बहुत खुश थी कि बाप के सामने ही अपने से छोटी उम्र के लड़के से चूत का उद्घाटन करवाया, और अब बाप से 15-16 साल बड़ी उम्र के आदमी का लंड उसकी बूर में घुस रहा था।
“वाह राजेंद्र काका, मज़ा आ गया। चुदवाने में मज़ा आता है यह तो सुना था, और सच मुझे चुदवाने में बहुत ही ज़्यादा मज़ा आ रहा है। खास कर कई लोगों के सामने और अपने बाप के सामने चुदवाने में इतना ज़्यादा मज़ा आयेगा मैंने कभी नहीं सोचा था। वाह काका, आप बहुत ही ज़्यादा मज़ा दे रहे हैं।”