सौतेली मा को ज़बरदस्त चुदाई का अनुभव दिया

मेरा नाम विक्रम है. मैं अपनी कहानी का लास्ट पार्ट लेके आया हू. मेरी कहानी के पिछले पार्ट को आप सब ने बहुत प्यार दिया. उसके लिए मैं आपका तहे दिल से आभारी हू. उमीद है आप सब को ये पार्ट भी उतना ही पसंद आएगा.

पिछले पार्ट में आपने पढ़ा की पापा की डेत के बाद उनकी सारी प्रॉपर्टी मेरे नाम पर हो गयी थी. फिर मैने रीना (मेरी सौतेली मा) को घर से निकल जाने के लिए कहा. फिर वो मेरे रूम में बात करने आई. वो बड़ी सेक्सी लग रही थी निघट्य में. और वो मेरे पास बेड पर आके बैठ गयी. अब आयेज बढ़ते है.

रीना बोली: विक्रम तुम अपनी जगह पर बिल्कुल सही हो, जो मुझे घर से निकाल रहे हो. शायद मेरी जैसी औरत के साथ ऐसा ही होना चाहिए. मैने तुम्हारे पापा को चीट किया, और उपर से तुम पर चोरी का ब्लेम लगा दिया. तो इतना तो मैं डिज़र्व करती ही हू.

रीना: मैं तुम्हे कोई सफाई देने नही आई हू. और ना ही ये कहने की मुझे यहा रहने दो. मैं तो सिर्फ़ तुम्हे हर चीज़ का रीज़न देने आई हू. तुमने मुझे लड़के के साथ देखा. हा वो मेरा बाय्फ्रेंड था. लेकिन तुमने ये नही सोचा की मुझे उसकी ज़रूरत क्यूँ पड़ी.

रीना: विक्रम हर औरत की कुछ नीड्स होती है. और तुम इतने बड़े तो हो की उन नीड्स के बारे में जानते ही होगे. तुम्हारे पापा की आगे हो चुकी थी, और वो मेरी वो नीड्स पूरी नही कर पाते थे. तो मैने उस लड़के को बाय्फ्रेंड बना लिया. मैने उसके साथ सिर्फ़ संबंध बनाने के लिए फ्रेंडशिप की थी.

रीना: लेकिन वो शादी-शादी करने लगा. तो मुझे उसको दिखना पड़ा की मैं तुम्हारे पापा के साथ धोखा और उसके साथ प्यार कर रही थी.

मैं: और जो मुझ पर इल्ज़ाम लगाया वो?

रीना: जब तुमने मुझे वाहा देख लिया था, तो तुमने मुझसे एक बार भी नही पूछा. तुम मुझसे पहले बात कर सकते थे. अगर तुमने मेरा जवाब ठीक नही लगता, तो तुम पापा को बताते. अब मुझे कुछ ना कुछ तो करना ही था अपने बचाव के लिए. आख़िर-कार मैं अपने पति की नज़रों में गिरना नही चाहती थी.

ये बोल कर रीना रोने लग गयी. मैने उसकी बातों के बारे में सोचा, और मुझे लगा की वो सही कह रही थी. फिर मैं उसके पास गया, और उसको बाहों में भर कर बोला-

मैं: आपने पहले मुझे ये सब नही बताया?

रीना: तुमने कभी मुझे मौका ही नही दिया बात करने का.

मैं: मुझे लगा आप मुझे पसंद नही करती.

रीना: तुम्हे किसने कहा (उन्होने मेरी आँखों में आँखें डाल कर पूछा)? पसंद तो तुम मुझे नही करते शुरू से.

मैं: ऐसा नही है. आप इतनी खूबसूरत हो, की आपको कोई ना-पसंद नही कर सकता.

रीना कामुक आवाज़ में बोली: मैं तुम्हे खूबसूरत लगती हू?

मैं: बहुत. आपको देख कर प्यार करने का दिल करता है.

रीना: तो करते क्यूँ नही?

अब ये वो सच बोल रही थी, या झूठ पता नही. लेकिन इस मौके को मैं जाने नही दे सकता था. उसके ये कहते ही मैने अपने होंठ उसके होंठो की तरफ बढ़ाए. उसने भी अपनी आँखें बंद कर ली. फिर मैने अपने होंठ उसके होंठो के साथ चिपका कर उसके होंठो को चूसना शुरू किया.

क्या स्वाद आ रहा था दोस्तों, एक-दूं लाजवाब. वो भी मेरा साथ देने लगी किस्सिंग में. किस करते हुए मैने अपना दया हाथ उसकी जाँघ पर रखा, और उसको दबाने और सहलाने लगा. क्या मस्त सॉफ्ट जाँघ थी उसकी. 10 मिनिट तक हम ऐसे ही किस्सिंग करते रहे. फिर जब अलग हुए, तो हम दोनो की साँसे तेज़ थी. हम दोनो की कामुकता सॉफ नज़र आ रही थी.

उसमे मुझे देखते हुए अपनी निघट्य की नाट खोल दी. उसने ब्रा नही पहनी थी, लेकिन कक़ची पहनी थी. उसके बूब्स काससे हुए थे, और मेरे सामने लटक रहे थे. बहुत खूबसूरत बॉडी थी उसकी. फिर वो मेरे पास आई, और मेरे सर के पीछे हाथ रख कर मेरे सर को अपने बूब्स तक ले गयी.

मैने उसकी सेक्सी गर्दन चूमनि शुरू की, और फिर एक बूब पर हाथ रख कर दबाते हुए चूसने लगा. वो आ आ करने लग गयी, और मेरा सर सहला रही थी. क्या मस्त सॉफ्ट बूब था उसका, और क्या मस्त स्वाद था, एक-दूं कमाल. मैं बता नही सकता उसके बूब्स चूस कर मुझे कितना मज़ा आ रहा था.

मैं एक-एक करके उसके दोनो बूब्स चूसने लगा, और वो आ आ की सिसकियाँ भर कर मुझे उत्तेजित करती रही. फिर मैने उसकी निघट्य उतार दी, और उसको बेड पर लिटा दिया. अब वो सेक्सी लेडी मेरे सामने सिर्फ़ पनटी में लेती थी. फिर मैने अंडरवेर छ्चोढ़ कर अपने सारे कपड़े उतार दिए. उसके बाद मैं उस पर कूद पड़ा.

मैं उसकी गर्दन से लेके सारे बदन को चूमता हुआ उसकी पनटी तक आ गया. उसकी पनटी छूट वाली जगह से गीली हो चुकी थी. फिर मैने उसकी पनटी उतरी, और उसकी क्लीन-शेव्ड चिकनी छूट मेरे सामने आ गयी. मैने देखते ही छूट में मूह डाल लिया, और उसकी छूट चाटने लगा. मेरे छूट पर मूह लगते ही वो सिसक गयी और बोली-

रीना: आ विक्रम बहुत मज़ा आ रहा है. आज तक ऐसा मेरे साथ किसी ने नही किया. ना तेरे पापा ने, और ना ही बाय्फ्रेंड ने.

मैं: आज तक तुम्हे इतना प्यार भी किसी ने नही दिया होगा, जितना मैं तुम्हे दूँगा.

ये बोल कर मैं उसकी छूट में जीभ डाल कर चूसने लग गया. वो आ आ करती हुई मेरा सर अपनी छूट में दबा रही थी. कुछ देर ऐसे ही करने के बाद मैं बेड पर खड़ा हुआ, और अपना अंडरवेर उतार कर लंड बाहर निकाल लिया. मेरा तगड़ा लंड देख कर वो खुश हो गयी

फिर मैं उसके उपर लेट कर उसकी छूट पर लंड रगड़ने लग गया. उसकी सिसकियाँ निकल रही थी, और मैने एक ही बार में पूरा लंड अंदर घुसा दिया. उसकी ज़ोर की आ निकली, और मैने उसकी तेज़ी से चुदाई शुरू कर दी. बहुत गरम छूट थी उसकी. कुछ देर उसको दर्द हुआ, लेकिन फिर वो आ आ करके चूड़ने लगी.

मैं तबाद-तोड़ उसको छोड़ रहा था. वो मेरी पीठ पर नाख़ून मार रही थी, और छाप-छाप की आवाज़ आ रही थी. कुछ देर में मुझे उसकी छूट का पानी निकलता हुआ फील हुआ. फिर मैने उसको घोड़ी बनाया, उसकी छूट सॉफ की, और पीछे से उसको पहले लगा. बड़ी मस्त गांद थी उसकी, जिसको मैने थप्पड़ मार-मार कर लाल कर दिया था. फिर कुछ देर में मैने अपना माल उसकी गांद पर निकाल दिया. चुदाई के बाद वो बोली-

रीना: मेरी आज तक ऐसी चुदाई नही हुई है. जाने के बाद मैं इस चुदाई को याद रखूँगी.

मैं: तुम कही नही जेया रही. आज के बाद तुम बाहर वालो के लिए मेरी मा, और घर पर मेरी पत्नी बन कर रहोगी.

तो दोस्तों ये थी मेरी कहानी. उमीद है आपको मज़ा आया होगा. इसको दोस्तों के साथ ज़रूर शेर करे.