एक मा की बेटे से चुदाई के प्लान की शुरुआत

ही फ्रेंड्स, मेरा नाम मानव है. मैं आपके सामने अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके आया हू. पिछले पार्ट्स को आपने बहुत प्यार किया, उसके लिए मैं आपका दिल से शूकर-गुज़र हू. जिन रीडर्स ने पिछले पार्ट्स नही पढ़े है, वो पहले जाके वो पार्ट्स ज़रूर पढ़े.

पिछले पार्ट में आपने पढ़ा की मैने प्लेबाय बन कर अपनी मा और मामी की चुदाई करी. चुदाई के दौरान मामी ने “मानव” बोल-बोल कर कही ना कही मा के दिल में बेटे से चूड़ने की इक्चा का बीज बो दिया था. फिर चुदाई ख़तम हुई, और मैने अपना माल मा के मूह में निकाल दिया. अब आयेज बढ़ते है.

हम तीनो अब नंगे लेते हुए थे, और तक चुके थे. फिर कुछ देर बाद मैं उठा, अपने कपड़े पहने और एक प्रोफेशनल की तरह वाहा से बाहर निकल गया. मेरे जाने के बाद मामी ने मा से पूछा-

मामी: दीदी कैसा लगा? मज़ा आया के नही?

मा: मज़ा, अर्रे इतना मज़ा तो मुझे ज़िंदगी में कभी नही आया. मुझे तो लगा था मेरी छूट में जान ही नही रही. लेकिन आज तुमने ऐसा एनर्जी बूसटर दिलवाया है, की ये फुल फॉर्म में आ गयी है.

मामी: देखा यही होता है जवान लड़कों से चूड़ने का फ़ायदा. सेयेल जवानी का जोश वापस से जगा देते है.

मा: हा सही बात है.

मामी: दीदी वैसे एक बात बोलू?

मा: हा बोल.

मामी: बुरा तो नही मानोगी.

मा: अभी हमने साथ में एक ही बिस्तर पर चुदाई करवाई है. अब शायद ही तेरी कोई ऐसी बात हो, जिसका मैं बुरा मानु. बिना संकोच बोल तू.

मामी: दीदी मानव भी तो जवान है. उसका भी लंड ऐसा ही होगा. कभी उससे चूड़ने के बारे में नही सोचा आपने?

मा: देख अब तुझसे क्या च्छुपाना. जब मैं मा-बेटा सेक्स स्टोरीस पढ़ती हू, तो मेरा भी दिल करता है की मानव के साथ से करू. लेकिन ये प्रॅक्टिकल नही है.

मामी: क्यूँ प्रॅक्टिकल नही है दीदी? ये कहानियाँ भी तो किसी ने लिखी ही होंगी. इनमे कुछ तो सच होगा.

मा: पता नही. इस बारे में मैं कुछ नही कह सकती.

मामी: अगर आपको कोई दिक्कत ना हो तो मैं मानव को पाटने का ट्राइ करू?

मा: हहा, तू ये क्या बोल रही है.

मामी: देखिए सीधी सी बात है. आपने कभी उस पर ट्राइ नही किया, क्यूंकी आप उसकी मा हो. आपको लगता है कही आपका बेटा आपकी ग़लत इमेज ना बना ले अपने मॅन में. लेकिन मैं उसकी मामी हू. मेरी उसके दिमाग़ में कैसी इमेज बनती है इससे मुझे कोई फराक नही पड़ता है. तो मुझे उस पर ट्राइ करने में कोई प्राब्लम नही है.

मा कुछ सोचने लग गयी. फिर वो मामी से बोली-

मा: चल ठीक है, तू ट्राइ कर ले. अगर बात बनी, तो मैं भी ट्राइ कर लूँगी.

मामी: थॅंक योउ दीदी.

ये सब बातें वो नंगे लेते हुए कर रहे थे. फिर वो दोनो खड़े हुए और अपने-अपने कपड़े पहनने लगे. कपड़े पहनने के बाद वो वाहा से निकल गये. कुछ देर बाद वो दोनो घर आ गयी. मैं पहले से घर आ चुका था.

घर आते ही दोनो ने मुझे अलग ही नज़र से देखा. मैने भी अंजान बनते हुए स्माइल पास कर दी. फिर थोड़ी देर बाद मामी ने मुझे अपने रूम में बुलाया, और उनके और मा के बीच में जो बातें हुई वो सब बताया. मैं मामी की सारी बात समझ गया. फिर मामी मुझे बोली-

मामी: आज से तुझे अंजान बन कर रहना है. जो मैं कहूँगी तू वैसा ही करेगा.

और मामी ने मुझे क्या-क्या करना है वो समझा दिया. सच में मामी मास्टर प्लॅनर थी.

मैं: ठीक है मामी.

फिर हम दोनो बाहर आ गये. शाम तक कुछ नही हुआ. फिर रात को डिन्नर टाइम आ गया. सब डिन्नर करने बैठे. मामी ने त-शर्ट और लेगैंग्स पहनी हुई थी. मामी की त-शर्ट व-नेक गले वाली थी, और गला डीप था. उसमे से उनकी क्लीवेज सॉफ दिख रही थी. मामी ने टेबल पर बैठने से पहले मा को अपनी क्लीवेज दिखाते हुए बोला-

मामी: दीदी इतना काफ़ी रहेगा ना उसको दिखाने के लिए?

मा उसकी बात सुन कर मुस्कुराने लगी. फिर रोज़ की तरह मामी और मा मेरे सामने बैठ गयी. मामी की क्लीवेज सॉफ दिख रही थी. और मैं भी रुक-रुक कर उस पर अपनी नज़र मार रहा था. इस बार मा को पता था की मैं मामी की क्लीवेज देख रहा था. लेकिन मैं अंजान बना हुआ था उनके सामने.

मैं मामी की क्लीवेज पर टकटकी लगाए देखता रहा, ताकि मा को ये लगे की मुझे सिड्यूस करना आसान था. फिर जब मामी उठी, तो मेरी नज़र उनकी बलखाती गांद पर थी. मा ने ये भी नोटीस किया. ऐसे ही करते-करते हमारा डिन्नर हो गया. फिर जब हम टेबल से उठे, तो मा ने किचन में जाके मामी से कहा-

मा: वो तो घूर-घूर कर देख रहा था तुम्हे. इसको सिड्यूस करना तो बहुत आसान है.

मामी: वैसे अब कहा गया वो?

मा ने मेरी तरफ देखा, तो मैं जल्दी से रूम की तरफ चल पड़ा. मेरा लंड खड़ा हुआ था, जो सॉफ दिख रहा था. मा भी मेरे पीछे-पीछे आ गयी. मैं चाहता था मा मेरे पीछे आए.

मैं जल्दी से रूम में आके बातरूम में चला गया. मैने बातरूम का दरवाज़ा बंद नही किया, और तोड़ा खुला रहने दिया, ताकि मुझे जो मा को दिखना था वो मा ज़रूर देखे.

फिर अंदर जाते ही मैने अपना लंड बाहर निकाला, और उसको ज़ोर-ज़ोर से हिलने लगा. मा अब बातरूम के बाहर आ चुकी थी. फिर मैं मामी का नाम लेके लंड हिलने लगा. मा अब मुझे मेरा बड़ा सा लंड हिलाते हुए देख रही थी.

मेरा लंड देख कर उसकी छूट में भी हलचल हो रही थी. उसकी मुझसे चूड़ने की इक्चा और प्रबल हो रही थी. इधर मैं मामी का नाम लेके लंड हिलाए जेया रहा था. फिर मैं आ आ करने लगा, और अपने लंड से माल की पिचकारी निकाल दी.

ये सब देख कर मा के मूह में पानी आ गया. फिर जब मैं लंड सॉफ करने लगा, तो मा जल्दी से वाहा से बाहर चली गयी. मा को मेरा लंड और हवस दिखाने का जो काम मुझे करना था, वो पूरा हो चुका था.

इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. दोस्तों पढ़ने के बाद स्टोरी शेर करना ना भूले. मज़ा लेने का अधिकार हर रीडर को है.