मा को चोदा और बहन को चूसा

तो कैसे हो दोस्तों आप सभी? मैं हाज़िर एक और पार्ट के साथ. मुझे उमीद है आपको मेरी स्टोरीस अची लग रही होंगी. ग़लतियों को माफ़ करना. तो बिना देरी किए हुए बढ़ते है अपनी स्टोरी पर.

जब मैने रात में मों को और तनीशा को छोड़ा, तो अगली सुबा हम जाईपुर पहुँच गये. वाहा जेया कर हमने एक होटेल में रूम लिया. वो एक बड़ा रूम था, जिसमे तनीशा और सरिता रहने वाले थे.

पहले तो मेरा रूम भी अलग होना था, लेकिन बाद में किसी कारण से मुझे मों के साथ रूम शेर करना पड़ा. लेकिन मैं तो बहुत खुश था, और मों भी. लेकिन तनीशा दुखी थी. जब सब फ्रेश होने के लिए गये, तो तनीशा मेरे पास आई, और बोली-

तनीशा: भैया अब तो मों के मज़े है. मैं ही अकेली रह गयी.

मैने उससे कहा: चिंता क्यूँ करती है मेरी बहना. तुझे तो तेरे रूम में आ कर पेलुँगा, और वो भी दबा के.

मों बातरूम से बाहर आई, और बोली: हा, बहुत आचे. तुम दोनो भा-बेहन बड़े ही चुड़क्कड़ हो गये हो. पर तुम लोग सरिता का भी ध्यान रखना.

ये बोल कर मों कपड़े पहनने लगी. उधर तनीशा मुझे किस करने लगी और बोली-

तनीशा: भैया छोड़ो ना प्लीज़.

और ये बोल कर वो अपनी टाइट जीन्स के उपर से अपनी पुसी रगड़ने लगी. मैने उसे रोका, और कहा-

मैं: बेहन सही अभी टाइम नही है. रात को जब सरिता सो जाएगी, तब मैं अवँगा तेरे पास. तू बस मेरी फॅवुरेट वाली अपनी सॉक्स पहन लेना.

तो वो ओक बोल कर चली गयी. अब शाम हो गयी थी. मैं मों के पास गया, और उनसे लिपट गया. फिर मैने मों की नेक पर किस किया. मों ऑश आआ बेटा कह कर सिसकियाँ लेने लगी और बोली-

मों: अभी रूको, पहले हम डिन्नर के लिए चलते है.

फिर हम सब नीचे डिन्नर के लिए आ गये. मों ने उस रात एक टाइट सारी पहनी हुई थी, और तनीशा जीन्स टॉप में थी. और सरिता ने एक सूट और लेगैंग्स पहनी थी. मगर वो रात को नाइट सूट पहन कर सोती थी. अब जब खाना हुआ तो सब अपने-अपने रूम में चले गये.

मैं तो बहुत खुश था, की आज मों की आचे से लूँगा. मैने जाते ही डोर अंदर से लॉक कर दिया, और मों को पीछे से जाकड़ लिया. मों ने मुझे हटाया और थोड़े नखरे दिखाते हुए माना किया. पर मैं तो पागल था, और उनकी सारी हटा कर उनके पेट को लीक करने लगा.

अब मों बोली: ऑश बेटा, रहने दो, प्लीज़ रुक जाओ.

मैं पेट से उपर जाता हुआ उनके बूब्स तक पहुँचा. तो मों बेड पर लेट गयी, और अपना हल्का सा ब्लाउस उपर करके बोली-

मों: आजा मेरे बच्चे, तुझे डूडू पिलाती हू.

उनकी ये बात सुन कर मैं उछाल के बेड पे गया, और ज़ोर से मों के निपल्स चूसने लगा. फिर तोड़ा सा काट लिया तो मों चिल्लाई, और बोली-

मों: आअहह पागल, दर्द होता है ऐसे करने से.

फिर मैं मों के लिप्स चूसने लगा. उनकी लिपस्टिक भी बहुत शानदार थी. फिर मों ने मुझे सीधा किया, और मेरी पंत खोल कर मेरा लंड चूसने लगी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. जब मों ने मेरा पानी निकाल दिया, तो मैने भी उनकी छूट चाट कर पानी निकाला, और फिर हम लेट गये.

अब मुझे तनीशा की याद आई. मैं फिर चुपके से उठा, और तनीशा के रूम में चला गया. वाहा जाके देखा, तो उसके रूम का दरवाज़ा खुला था. शायद उसने मेरे लिए दरवाज़ा खुला रखा था. अब मैं अंदर गया तो देखा एक तरफ सरिता तो दूसरी तरफ तनीशा सो रही थी.

सरिता बहुत सेक्सी थी. मैने सोचता था इसका ब्फ होगा और ये डेली चुड्ती होगी. तभी मुझे तनीशा के पैरों में उसके पिंक सॉक्स दिखे. मैं तो बस पागल हो गया, और उसके पैर लीक करने लगा. अचानक तनीशा जाग गयी.

मुझे देख कर वो बहुत खुश हुई. मैने उसका एक सॉक्स निकाला, और उसे लीक करता तो कभी उसके फीट को. अब मैं तनीशा को किस करना लगा, उसके बूब्स लीक करने लगा. वो सिसकियाँ तो ले रही थी, पर बिल्कुल धीरे से.

फिर मैं उसकी छूट की तरफ बढ़ा और उसे लीक करने लगा. लीक करते हुए मुझे समझ नही आया, और मैं भूल गया सरिता भी वही थी. मैने सीधा अपना लंड उसकी छूट में दे दिया, और वो अपनी चीख नही रोक पाई. वो काफ़ी ज़ोर से चिल्लाई तो सरिता उठ गयी.

जब वो उठी तो उसने लाइट चलाई. फिर सरिता ने देखा तनीशा आधी नंगी थी. मेरा लंड उसकी छूट में था. लंड अब छ्होटा हो रहा था दर्र के कारण. फिर सरिता ने बिना सोचे-समझे मुझे एक थप्पड़ मारा और मों के पास चली गयी.

मैं और तनीशा भी ऐसे ही मों के पास पहुँचे. अब मों ने ये सुन कर मुझे बहुत गुस्से से देखा. सरिता बहुत गुस्सा थी.

वो मों से बोली: ये है कों? क्यूँ इसे रखा है इस घर में? निकालो इसे आप. इसे इसलिए यहा लाई थी आप?

मों ने उसे रोका और कहा: हा, हम इसीलिए ही इसको यहा लाए थे.

और ये बोल कर मों रोने लगी. फिर वो बोली-

मों: अब है ही कों इसके अलावा हमारा? यही हमारा सब कुछ है. और ये इसे ही नही, मुझे भी खुश रखता है. ये मेरा बेटा भी है, और पति भी.

मों इतना कह कर रोने लगी. अब सरिता उनके पास गयी और बोली-

सरिता: मुझे माफ़ करदो मों. मैं समझ सकती हू ये दर्द.

फिर उसने रोते हुए बताया की कैसे उसके ब्फ ने उसे धोखा दिया. उसने ब्टाया की वो भी वर्जिन थी, और कब से लंड के लिए तरस रही थी. ये सब सुन कर मैं बहुत खुश हुआ. सब बहुत खुश हुए. फिर उसने मुझे फिर सॉरी बोला, और आ कर मेरे गले से लिपट गयी

अब ये हम अगली स्टोरी में देखेंगे की सरिता की छूट सच में टाइट थी या लूस हो चुकी थी. अगर आप सब को ये स्टोरी अची लगी तो ज़रूर कॉमेंट करना दोस्तों.

कोई भी टॉपिक पे आपको इंटेरेस्ट हो, या फिर सीरीस में कोई बदलाव चाहते हो, तो ज़रूर मैल करे. मैं आपकी बात पर गौर ज़रूर करूँगा. मेरी एमाइल ईद है-


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