मा बेटे ने लिया ज़ोरदार चुदाई का मज़ा

हेलो फ्रेंड्स, मैं स्वरना आप सभी के सामने कहानी का अगला पार्ट लेके आई हू. आप सब ने इस कहानी का 3र्ड पार्ट पढ़ ही लिया होगा. अगर नही पढ़ा तो सभी से रिक्वेस्ट है की पहले वो पढ़ लीजिए, और फिर आ कर ये पार्ट शुरू कीजिए. तो अब आयेज शुरू करते है.

मा मेरा लंड हाथो में पकड़ कर सहलाते हुए बोली-

मा: मुन्ना तेरा लंड कितना लंबा और मोटा है. ये तो मेरी छूट फाड़ ही देगा. क्यूंकी तेरे पापा का लंड तो सिर्फ़ 5′ ही लंबा है, और बहुत पतला भी है. हमारी शादी के 6 महीने तक ही मुझे चुदाई का मज़ा मिल सका. फिर तो तुम्हारे पापा का 2-3 मिनिट में ही हो जाने लगा था, और मैं वैसे ही प्यासी सो जाती थी. पर अब मेरी पुरानी प्यास तो ये मेरे बेटे का लंड ही बुझाएगा.

मा ये बोलते ही मेरे लंड के सुपरे पर अपनी जीभ गोल-गोल करके घूमने लगी, और धीरे-धीरे मेरा पूरा लंड चूसने लगी. उनकी इस हरकत से मेरे तो पुर बदन में जैसे करेंट दौड़ गया हो. मैने भी मा को बेड पे लिटा दिया, और हम दोनो 69 की पोज़िशन बनाते हुए मैं उनके उपर आ गया.

मा की टाँगो को फैला कर मैने उनकी गुलाबी छूट पर किस किया, तो मा के मूह से सिसकारी निकल गयी. वो भी मेरा लंड पकड़ कर मूह में लेने की कोशिश करने लगी. मगर लंड बड़ा होने के कारण उनके मूह में पूरा लंड घुस नही पा रहा था.

फिर मा मेरे लंड का सुपरा चूसने लगी, और मुझमे भी जोश भरने लगा ज़्यादा. मैने थोड़ी कोशिश की, और धक्का दे कर लंड को मा के मूह में घुसा डाला, और मा भी अब मज़े ले कर चूसने लगी थी. मैने भी मा की छूट पे जीभ घुमणि शुरू कर दी, और उनकी छूट से जो मीठा कामुक रस्स बह रहा था, उसे चाट कर पी रहा था.

मा के मूह से ज़ोरदार सिसकारियाँ निकालने लगी थी. मा को भी जोश चढ़ गया, और मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया. मैं भी लंड को उनके गले तक डाल रहा था. हम दोनो को बहुत मज़ा आने लगा था. फिर मैने 1 उंगली मा की छूट में डाल दी तो वो एक-दूं सिसक उठी.

मा: उउफफफफफ्फ़ आअहह मुन्ना आअहह.

मा ऐसे ही वासना भारी सिसकारियाँ लेने लग गयी थी. जोश में आ कर मैने एक साथ मा की छूट में 2 उंगलियाँ डाल दी, और अंदर-बाहर करके उंगली से छोड़ने लगा. मा की छूट बहुत टाइट थी. उंगली से छोड़ने की वजह से मा की छूट से झरने की तरह रस्स बहने लगा था. मैं भी मा की छूट का रस्स पीते-पीते उनका मूह छोड़ रहा था.

अब मेरे भी लंड का पानी निकालने वाला, था तो लंड एक-दूं कड़क और गरम हो गया था. इसलिए मैं बोला-

मुन्ना: मा मेरा निकालने वाला है.

मा: बेटा मेरे मूह में ही निकाल दो. मुझे भी तुम्हारा पूरा रस्स पीना है.

उनकी ये बात सुन कर मैं मस्त हो गया की मेरी सौतेली मा मेरे लंड का पानी पीना चाहती थी. मैने भी अपनी जीभ छूट के अंदर तक डाल कर छूट चूसनी शुरू कर दी थी. वो भी अब नीचे से अपनी गांद उठा कर छूट चुस्वा रही थी. तब मैने भी हाथ नीचे डाल कर उनकी गांद को पकड़ लिया, और दबाने लगा.

ये सब के बीच मेरे लंड ने ज़ोर से पिचकारी मार दी, और लंड भी मा के गले में जेया कर फ़ासस गया था. मेरा रस्स सीधा अंदर गले में जेया रहा था, और मा लंड चूस कर रस्स पीटी रही आखरी बूँद तक. जब हम दोनो का रस्स निकल गया, हम दोनो शांत हुए और वैसे ही 69 में लेते रहे.

थोड़ी देर बाद मा फिरसे मेरे लंड को सहलाने लगी, और दूसरे हाथ से मेरी पीठ और गांद को सहलाने लगी. मैं भी उनकी छूट पर अपने होंठो को रख कर चूमने लगा, तो मा गरम सिसकारियाँ भरने लग गयी. मेरी इस हरकत से उन्होने अपनी टांगे फैला दी, इसलिए मैं भी अपनी जीभ उनकी छूट पे नीचे से उपर तक घुमा रहा था. मैं उनके दाने को जीभ से कुरेड भी रहा था, और टीज़ कर रहा था. इससे मा को भी बहुत जोश चढ़ गया था.

फिर मैने मेरी उंगलियों से मा की छूट खोली, और जीभ नुकीली कर पूरी जीभ छूट के अंदर घुसा दी, तो मा ज़ोर से सिसकारियाँ लेने लगी, और बोल रही थी-

मा: उफफफ्फ़ मुन्ना बेटा आआहहा ये क्या कर रहे हो? अब बस करो उफफफ्फ़ और अपना लंड आहह मेरी छूट में डालो अब ह. अब नही रहा जाता आह मुझसे उउफफफ्फ़.

उनकी छूट फिरसे छूट रस्स बहाने लगी थी, और मैं जीभ से चाट रहा था बिना रुके. मा भी सिसकारियाँ लेते हुए बहुत ज़ोर से मेरा लंड चूसने लगी. इसलिए अब मुझसे भी रुकना बर्दाश्त नही हो रहा था.

मा: बेटा प्लीज़ डाल दो ना अपना बड़ा लंड मेरी छूट में जल्दी से. और मेरी इतने सालों की प्यास बुझा दे बेटा.

मैं भी देरी ना करते हुए उनकी टाँगो के बीच बैठ गया, और छूट को खोल कर मेरे लंड का सुपरा उनकी छूट के उपर से नीचे तक रगड़ने लगा. मैं लंड का सुपरा उनकी छूट के लिप्स में उपर से नीचे सहलाते हुए छूट के दाने पर भी सहलाने लगा. मा अब तिलमिलाए जेया रही थी, इसलिए उन्होने हाथ नीचे डाल कर मेरे लंड को पकड़ लिया और बोली-

मा: मुन्ना प्लीज़ जल्दी से इसे डाल दो ना. जल्दी से अंदर कर दे प्लीज़, नही तो मैं मॅर जौंगी तड़प कर.

मुझसे भी उनकी हालत देखी नही जेया रही थी, तो मैने लंड का सुपरा गीली छूट पर रखा, और एक ज़ोर का धक्का छूट में दे दिया. मेरा सिर्फ़ 2 इंच ही लंड अंदर घुस सका था, मगर मा चिल्ला उठी ज़ोर से, और बोली-

मा: आअहह मॅर गयी मैं. उउउफफफ्फ़ धीरे से आहह डालो बेटा मुन्ना. तुम्हारा लंड बहुत मोटा है आअहह आहह फाड़ डालना है क्या मेरी छूट को उउफफफ्फ़ आअहह?

मैं उनके मूह पर मूह रख कर उनके रसीले होतो को चूसने लगा, और साथ ही दोनो हाथो से चुचिया भी मसल रहा था. इससे वो नॉर्मल हो गयी. फिर मैने एक और ज़ोर से धक्का मार दिया, और अब की टाइम मेरा आधे से ज़्यादा लंड उनकी छूट में पिल गया.

मैं उनके होंठो को चूम रहा था, इसलिए वो चिल्ला नही पाई. पर उनकी आँखों से आँसू निकालने लगे. मा दर्द से रोने लग गयी थी, क्यूंकी उनको छूट में दर्द सहन नही हो रहा था. मैने चूमना रोक कर उनसे पूछा-

मुन्ना: क्या हुआ मा? आपकी आँखों में आँसू क्यूँ आ गये?

मा: मुझे बहुत दर्द हो रहा है. मुन्ना मैने पहली बार इतना बड़ा और मोटा लंड लिया है छूट में. पर अब दर्द हल्का हो गया है, इसलिए तुम करो.

मैने उनकी कमर को दोनो हाथो से पकड़ कर लंड को तोड़ा बाहर निकाल कर ज़ोर से धक्का मारा, और पूरा लंड उनकी छूट में च्छूप गया. मेरी इस हरकत से मा ज़ोर-ज़ोर से चीखी और चिल्लाई. लेकिन उनकी आवाज़ बाहर नही आई मेरे चूमने की वजह से. उनके मूह से बस ज़ोर की सिसकारियाँ निकल रही थी. मेरे होंठ हटते ही वो बोली-

मा: आ बेटा, तुमने तो आज मेरी छूट ही फाड़ डाली. शायद छूट से खून भी निकल आया है.

जब मैने नीचे देखा तो मा की छूट से छूट रस्स के साथ हल्का सा खून भी बह रहा था. मैने मा से कहा-

मुन्ना: हा स्वाती, सच में खून निकल आया है. मगर आप घबराव नही, अब कुछ भी दर्द नही होगा. बस अब सिर्फ़ मज़ा ही मज़ा.

मा: मुन्ना मैं सभी दर्द से लूँगी, क्यूंकी आज मैं बहुत खुश हू. इतना बड़ा और मोटा लंड मेरी छूट में जेया कर मेरे गर्भाशय (बच्चे-दानी) को पूरा चू रहा है.

मैं मा की इस बात को सुन कर पुर जोश में आ गया, और उनके मम्मो को चूसने लगा, और दूसरे हाथ से दूसरे दूध को मसल कर रगड़ने लगा. मेरी हरकत से मा सिसकारियाँ लेने लगी, और साथ ही उनके हाथ मेरी पीठ और गांद पर घूमने लगे थे. साथ ही मा नीचे से गांद भी हिलने लग गयी थी. इससे मैं समझ गया था की अब मा का दर्द कम हो चुका था.

मैने दोनो हाथो से मा के दोनो माममे पकड़ते हुए मोर्चा संभाल लिया, और अपना लंड छूट के अंदर-बाहर पेलने लगा. ज़ोर-ज़ोर से चुदाई शुरू हो चुकी थी. लंड पूरा अंदर जाता और बाहर आता. चुदाई की वजह से मा की छूट भी रस्स निकाल रही थी, जो मुझे मेरे कड़क लंड पे महसूस हो रहा था.

फिर मैने मा की टाँगो को ज़्यादा फैलाया और ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लग गया. मा भी मस्ती में मादक सिसकारियाँ निकालने लगी थी. हम दोनो को चुदाई का बहुत मज़ा आ रहा था, इसलिए मा उनकी गांद उठा कर मेरे साथ नीचे से धक्के मारने लगी थी, और मेरा पूरा लंड उनकी छूट में ले रही थी.

ऑलमोस्ट 15 मिनिट्स तक मैं मा की ऐसे ही स्पीड में चुदाई करता रहा. तो अब मा की फिरसे झड़ने की हालत हो चुकी थी. उनकी छूट ने गरम रस्स का फुवरा मेरे लंड पर छ्चोढ़ कर मेरे लंड को नहला दिया, और खुद शांत हो गयी.

ये कहानी आयेज कंटिन्यू करूँगी दूसरे पार्ट में, तब तक ये पढ़ कर आप सब तोड़ा इंतेज़ार कीजिए. अगर आप सब के पास कोई सजेशन्स हो तो मुझे मैल कीजिए इलोवेंसेस्तलोवेर्स@गमाल.कॉम पे.