मा और बेटे की चुदाई भारी सेक्स कहानी

अब मेरी मा मेरे पास आई, और मा ने अपने हाथ मे हल्दी पकड़ी हुई थी. जब वो मेरे पास आई, तो मई जल्दी से अपना लंड मा को दिखाने लग गया. मा ने बड़े प्यार से मेरे लंड को अपने हाथ मे पकड़ा. फिर मा ने अपने हाथ वाली हल्दी को मेरे लंड पर लगाना शुरू कर दिया.

जब मा ने मेरे लंड पर हल्दी लगानी शुरू की, तो मुझे बड़ा मज़ा आना शुरू हो गया. मुझे हल्दी से अपने लंड पर बड़ी ठंडक महसूस हो रही थी. मा बड़े प्यार से मेरे लंड पर हल्दी की मालिश कर रही थी, और इसमे मा को भी बहुत मज़ा आ रहा था.

मा लंड पर हल्दी लगाते हुए मुस्कुरा कर मेरी तरफ देख रही थी. फिर कुछ देर लंड की मालिश के बाद मा के हाथ की हल्दी ख़तम हो गयी, और उसने मेरे लंड को छोढ़ दिया. मा अभी भी मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा रही थी.

अब सब हल्दी लगा चुके थे, और इस तरह से हल्दी की रसम ख़तम हो गयी. अब रात को हल्दी की रसम थी, तो मेरी मा को हल्दी लगने वाली थी. हल्दी की रसम के बाद भी मेरा लंड खड़ा था. तभी मैने देखा, की मेरी मा बातरूम की तरफ जेया रही थी.

मैने जल्दी से इधर-उधर देखा, की कोई देख तो नही रहा. जब कोई नही देख रहा था, तो मई भी उठ कर मा के पीछे बातरूम मे चला गया. मई बातरूम के दरवाज़े के बाहर खड़ा हो गया, और मैने दरवाज़े पर नॉक किया.

दरवाज़ा नॉक होने पर मा अंदर से बोली-

मा: कों है?

तभी मई लेडी की आवाज़ मे मा से बोला-

मई: सुन सुखी, दरवाज़ा खोल. एक चीज़ देनी है तुझे.

तभी मा ने कहा: मई नहा रही हू, तो अभी दरवाज़ा नही खोल सकती.

इस्पे मैने मा से कहा: अर्रे खोल लो, यहा मेरे अलावा कोई नही है.

फिर मा ने कहा: चल खोलती हू.

तभी मेरी मा ने दरवाज़ा खोल दिया. फिर जैसे ही मा ने मुझे देखा, तो वो हैरान हो गयी. मा ने उसी वक़्त दरवाज़ा बंद करना चाहा, लेकिन मैने उनको दरवाज़ा बंद करने नही दिया. मैने अपना हाथ रख कर दरवाज़ा खुला रखा, और मई खुद बातरूम के अंदर चला गया. तभी मा ने कहा-

मा: अर्रे ये आप क्या कर रहे हो? आप अंदर क्यू आ गये. अगर किसी ने आपको देख लिया तो?

जब मैने मा की तरफ देखा, तो मा उपर से नंगी थी. मा के बड़े-बड़े बूब्स मेरे सामने थे. तभी मैने मा को जवाब दिया-

मई: तेरे हाथो से मेरा लंड खड़ा हो गया है. अब इसको ठंडा भी तुझे ही करना है.

ये सुन कर मा ने मुझे कहा-

मा: यार अभी नही. शादी के बाद जो करना है कर लेना.

तभी मैने मा के बूब्स को पकड़ा और उन्हे दबाना शुरू कर दिया. मैने मा के बूब्स के निपल्स को मसलना शुरू कर दिया. फिर मैने मा के बूब्स को मूह मे ले लिया, और मई मा के बूब्स को चूसने लग गया. मई साथ-साथ उनके निपल्स को काट भी रहा था.

मुझे मा के बूब्स को काटने और उनको चूसने मे बहुत मज़ा आ रहा था. मा भी अब गरम हो रही थी, और मज़े से अपने बूब्स मुझे चुस्वा रही थी. उन्होने मेरे सिर पे अपना हाथ रख लिया, और मेरे मूह को अपने बूब्स मे दबाने लग गयी.

अब मई और मा दोनो मज़े ले रही थी. कुछ देर मा के बूब्स चूसने के बाद मैने उनको छोढ़ा, और अपने होंठो को मा के गुलाबी-गुलाबी होंठो के पास ले गया. मा ने अपने मूह को पीछे किया, और बोली-

मा: क्या कर रहे हो? अभी नही.

मैने मा से कहा: क्यू क्या हो गया? अभी बूब्स भी तो चूज़ थे.

तभी मा ने कहा: अभी मॅट करो, बाद मे कर लेना.

फिर मैने मा को कहा: चलो कम से कम लंड तो चूस दो.

मा ने उसी वक़्त अपना हाथ नीचे किया, और उसने पंत के उपर से मेरा लंड अपने हाथ मे पकड़ लिया. उपर शवर चल रहा था, और मा ने मेरा लंड सहलाना शुरू कर दिया था. अब मुझे और मा दोनो को मज़ा आ रहा था.

जब मेरी मा मेरा लंड सहला रही थी, तभी मैने मा के होंठो को किस करना शुरू कर दिया. मई जब मा के होंठो को चूस रहा था, तो मा और मुझे दोनो को मज़ा आ रहा था. मई मा को किस करते-करते अपना हाथ उनकी गांद पर ले गया, और उनकी गांद की दरार मे उंगली डालने लगा.

मा को इससे मज़ा आ रहा था, और मुझे भी मा के होंठ चूस कर बहुत मज़ा आ रहा था. मेरी मा के होंठो का रस्स मुझे जन्नत का मज़ा दे रहा था.

फिर कुछ देर तक मा के होंठो को चूसने के बाद, मैने मा के होंठो को छोढ़ दिया. मैने मा को जल्दी से नीचे बैठने और लंड चूसने को बोला. इस्पे मा बोली-

मा: शादी के बाद करूँगी ना.

इस्पे मैने कहा: सोच ले, फिर शादी के बाद मई नही करूँगा.

ये सुन कर मा बोली: आप भी ना, क्या-क्या करते हो. चलो ठीक है, मई चूस्टी हू आपका लंड. लेकिन किसी को पता चल गया ना, तो पंगा पद जाएगा.

मैने मा को कहा: कुछ नही होगा.

फिर मा नीचे बैठ गयी, और मैने अपनी पंत और अंडरवेर नीचे कर लिए. अंडरवेर नीचे होते ही मेरा खड़ा हुआ लंड उछाल कर बाहर आ गया. मा ने मेरा लंड देखा, तो उस पर हल्दी लगी हुई थी. फिर मा ने मुझे कहा-

मा: अपना लंड तो सॉफ कर लेते.

तभी मैने मा से कहा: अगर मई सॉफ कर लेता, तो तुम क्या करती?

ये सुन कर मा हासणे लग गयी. फिर मा ने पीछे से साबुन पकड़ा और मेरे लंड पर मलना शुरू कर दिया. मा ने मेरे पुर के पुर लंड को साबुन से भर दिया. फिर मा ने लंड पे पानी डाला और उसको सॉफ करना शुरू कर दिया.

मेरी लंड से अब सारी हल्दी निकल चुकी थी, और मेरा लंड सॉफ होके एक-दूं चिकना और चमकदार हो गया था. लंड सॉफ करने मे मेरी मा को बहुत मज़ा आ रहा था.

लंड सॉफ करने के बाद, मा ने मेरे लंड की चाँदी हटा दी. उसके बाद मा ने अपनी जीभ मूह से निकाली, और लंड के होल पर चलानी शुरू कर दी. थोड़ी देर जीभ होल पर फिराने के बाद, मा ने मेरे लंड को अपने मूह मे डाल लिया.

फिर मेरी मा मेरे लंड को चूसने लगी, और मूह के अंदर-बाहर करने लग गयी. मेरी मा को इसमे बहुत मज़ा आ रहा था. फिर मैने अपनी मा के बालो को पकड़ा, और उसके मूह मे धक्के देके, उसका मूह छोड़ना शुरू कर दिया.

मई दे दाना दान मा का मूह छोड़ रहा था, और मा को साँस लेने मे बड़ी मुश्किल हो रही थी. तभी एक-दूं से दरवाज़ा खुला, और मेरी मा शरम से लाल हो गयी. बाहर मा की सारी फ्रेंड्स खड़ी थी. वो सब हमे घूर-घूर कर देख रही थी, और बोल रही थी-

मा की फ्रेंड्स: ये देखो दोनो यहा च्छूपे बैठे है. कितनी तड़प है दोनो मा बेटे मे. अभी कुछ दीनो मे ही ये पति-पत्नी बनने वाले है, और इनसे तब तक के लिए भी सबर नही हो रहा.

ये सुनते ही मा ने मेरे लंड को अपने मूह से बाहर निकाल दिया. मा पीछे हो गयी, और पीछे से मुझे बोली-

मा: आपको बोला था ना, की कोई देख लेगा, और बाद मे कर लेना. अब इन्सल्ट करवा ली ना?

तभी मैने कहा: कुछ नही होता जानू. तुम नहा कर बाहर आ जाना.

फिर मई बाहर आ गया और मैने सब लोगो से कहा-

मई: अर्रे क्या हो गया यार. वो मेरी बीवी है, तो मई कुछ भी कर सकता हू उसको. लंड ही तो चुस्वा रहा था. इसमे कों सी बड़ी बात हो गयी?

फिर मा ने बातरूम के दरवाज़ा बंद कर लिया, और अंदर चली गयी. तभी परवीन की मम्मी बोली-

परवीन की मम्मी: ऐसा लगता है, की तू इसको खूब छोड़ा करेगा. तू तो अभी से ही नही छोढ़ रहा उसको, तो बाद मे क्या हाल करेगा.

ये सुन कर मुझे हस्सी आ गयी, और मैने उसको बोला-

मई: ऐसी कोई बात नही है. मई तो तोड़ा मज़ा ले रहा था बस.

तभी मेरे दोस्तो ने कहा: तू खूब छोड़ेगा अपनी मा को.

इस्पे मैने कहा: नही सेयेल, मई तो तेरी मा को छोड़ूँगा.

तभी उसने कहा: क्या बोल रहा है तू सेयेल? ज़्यादा मत बोल, वरना तेरी मा को छोड़ दूँगा.

उस वक़्त तक मा बाहर आ गयी, और मा ने अपने कपड़े पहन लिए. मा मेरे पास आई, और बोली-

मा: अब छोढ़ो भी इस बात को, और अंदर डाल लो.

तभी मेरे ध्यान मे आया, की मेरा लंड अभी तक बाहर था, और उस पर मेरी मा का थूक लगा हुआ था.

तभी मैने कहा: आज तो इसकी मा को छोड़ कर ही अंदर करूँगा.

ये सुन कर मेरा दोस्त, और उसकी मा मेरे उपर चढ़ने लग गये. फिर हम लोगो के बीच एक डील हुई. तभी नरेश बोला-

नरेश: चल एक शर्त लगाते है. अगर तू जीटा, तो हम सब की मा को छोड़ लेना. लेकिन अगर हम जीते, तो हम सब तेरी मा को छोड़ेंगे.

तभी मेरी मा ने ये सुन कर कहा-

मा: नही ये नही करना आप.

फिर मैने कहा: शर्त मेरी तरफ से होगी. एक क्रिकेट का मॅच होगा 12-12 बॉल्स का. और जो ज़्यादा रन्स बनाएगा, वो जीतेगा.

तभी मा ने कहा: ठीक है.

मा को विश्वास था, की मई कभी क्रिकेट मॅच नही हारँगा. और मा ने मुझे कहा-

मा: आप ही जीतोगे.

फिर मा और सारी आंटीस बाहर आ गयी, और हमने विकेट लगा दी. मुझे पता था, की मुझे मॅच हारना था. क्यूकी हमने पहले से ही ये प्लान बना कर रखा था. मेरी मा अब मॅच देखने वाली थी.

मॅच अब शुरू हो चुका था. इसके आयेज क्या होने वाला है, वो आपको नेक्स्ट पार्ट मे पता चलेगा. कहानी की फीडबॅक देने के लिए आप मुझे मैल कर सकते है. मेरी मैल ईद है:
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