चूत की प्यास के ले लिए बेटे से चुदाई

हेलो गाइस, मेरा नाम सीमा (नामे चेंज) है. और मेरी आगे 38 है. मई अपने पति और 19 साल के बेटे पंकज के साथ पटना मे रहती हू. तो ज़्यादा टाइम वेस्ट नही करते हुए, मई कहानी पे आती हू.

मई अपने सेक्स लाइफ से बहुत परेशान थी. क्यूकी मेरे पति रमेश(नामे चेंज्ड) का सेक्स मे कोई ख़ास इंटेरेस्ट नही था. वो हमेशा काम मे बिज़ी रहते थे. वो हमेशा ऑफीस-ऑफीस करते रहते थे. कभी ये काम है, कभी वो काम है, बस यही उनके मूह से सुनने को मिलता था.

और जब भी वो सेक्स करते थे, तो 5 मिनिट भी ठीक से टिक नही पाते थे. मई इस सब से बहुत परेशान रहने लगी थी. फिर एक दिन मेरी किस्मत खुल गयी. उस दिन मेरा बेटा हम दोनो के पास सुबा मे घबराते हुए आया. वो हमारे पास आके बोला-

पंकज: मम्मी, पापा, जब भी मुझे बोनेर होता है, तो मुझे बहुत दर्द होता है.

ये सुन कर मेरे हज़्बेंड ने कहा-

हज़्बेंड: अपना पेनिस दिखाओ.

पहले तो पंकज शरमाने लगा. फिर जब उसने अपना लंड दिखाया, तो मई उसका लंड देख कर डांग रह गयी. पंकज का लंड पुर 8 इंच का था. फिर हमने देखा, तो उसका लंड सूजा हुआ था. तो हमने एक अपनी पहचान के डॉक्टर को बुलाया. उस डॉक्टर का नाम रूपाली था.

फिर डॉक्टर ने जब उसका चेक उप किया, तो उसने हमे बताया-

डॉक्टर: पंकज को हयपेर्स्पेरमिया है. इसका मतलब उसका लंड बहुत ज़्यादा स्पर्म बनता है. इसी वजह से उसको दर्द होता है.

फिर हमने डॉक्टर के इस प्राब्लम का इलाज पूछा. तो डॉक्टर ने हमे बोला-

डॉक्टर: इसका इलाज ये है, की पंकज को सेक्षुयली आक्टिव रहना होगा. मतलब उसको रेग्युलर्ली मास्टरबेट करना होगा, या फिर सेक्स करना होगा.

फिर ये बोल कर वो चली गयी. जाते हुए उसने पंकज के लिए कुछ मेडिसिन भी दी. उसकी थोड़ी देर बाद मेरे हज़्बेंड ऑफीस चले गये. अब मेरे दिमाग़ मे पंकज के लंड की तस्वीर च्चप गयी थी. मई जब भी कोई काम करती, तो केवल यही ख़याल आता, की मई उससे चुड जौ.

फिर मैने मॅन बनाया, की अब मई उससे चुड़ूँगी. उसका बड़ा लंड देख कर मई उसका फ़ायदा उठना चाहती थी. और साथ ही इससे उसका इलाज भी हो जाता. दोपहर के समय था. और वो अपने रूम मे लेता हुआ था. तभी मई जान-बूझ कर उसके रूम मे ब्रा पनटी मे चली गयी.

उस वक़्त वो आँखें बंद करके लेता था. फिर मई झाड़ू लगाने लगी, और उसके मूह तरफ अपनी मोटी गांद कर दी. जब उसने मेरे गांद को देखा, तो वो ज़ोर से चिल्लाने लगा. उसने चिल्लाते हुए कहा-

पंकज: मा मुझे फिरसे दर्द होने लगा है. और मों, आज आप ऐसे मेरे रूम मे क्यू आई हो?

तो मैने उसको कहा: बेटा मेरे सारे कपड़े गीले हो गये थे, और घर की सफाई भी करनी थी. तो मैने सोचा, की तू तो सोया है, तो मई तेरे जागने से पहले तेरे रूम मे झाड़ू लगा के चली जौंगी. तब वो बोला-

पंकज: अब आप के चलते मेरा लंड दुखने लगा है.

मैने तो पहले ही सोच लिया था, की मुझे क्या बोलना था. फिर मई बोली-

मई: मुझे लगा की तू सोया है. पर अब मेरे चलते तेरा लंड दुखने लगा है, तो दे मई इसको शांत कर डू.

उसने मुझे माना किया, लेकिन मई अपनी ब्रा को खोल कर उसको सिड्यूस करने लगी. और फिर मई उसके लंड को पकड़ कर ज़ोर-ज़ोर से मूठ मारने लगी. वो मेरे बूब्स को लगातार देख रहा था, और बोल रहा था-

पंकज: मा बहुत मज़ा आ रहा है. प्लीज़ ऐसे ही करते रहिए प्लीज़.

मई अब उसके लंड को अपने मूह मे लेकर चूसने लग गयी. फिर 10 मिनिट बाद, उसके लंड से वो गरम गाढ़ा सीमेन मेरे मूह मे गया, और मई उसका सारा माल पी गयी. मैने सोचा, की अब उसका लंड शांत हो जाएगा.

लेकिन ऐसा नही हुआ. थोड़ी देर बाद उसका लंड दोबारा से खड़ा हो गया.
फिर उसने मुझा बोला-

पंकज: आपने सिर्फ़ मेरा काम बढ़ाया है. अब मई आपको ऐसे माफ़ नही करूँगा.

मई : बेटा तो कैसे माफ़ करेगा मुझे?

ये सुन कर पंकज ने मेरे पुर जिस्म पर अपनी नज़र घुमाई, और बोला-

पंकज : अब मई पुर दिन, जब मेरा मॅन करेगा, तब मई आपको छोड़ूँगा.

मई उसकी इस बात पर राज़ी हो गयी. क्यूकी मुझे जो चाहिए था, वो मिलने वाला था. फिर मई उसको किस करने लगी, और वो भी पुर मज़े लेने लगा. थोड़ी देर किस करने के बाद, उसने मुझे कहा-

पंकज: मा मुझे आपकी गांद मारनी है.

और मैने उसकी बात मान ली. फिर मई डॉगी-स्टाइल मे आ गयी. मई जैसे ही घोड़ी बनी, पंकज मेरी मोटी और सेक्सी गांद देख कर पागल हो गया. वो कुत्ते की तरह मेरी गांद चाटने और काटने लग गया. मुझे मज़ा आना शुरू हो गया था, और अब बस मई उसका लंड अंदर लेने के लिए तड़प रही थी.

फिर उसने अपना लंड मेरी गांद के छेड़ पर सेट किया. उसके बाद उसने बिना रहें किए, बिल्कुल ज़ोर से मेरी गांद मे अपना लंड डाल दिया. मेरी गांद मे अभी उसका 2 ही इंच लंड गया था, और मई ज़ोर से चिल्ला उठी.

मई उससे छ्छूट कर भागने की कोशिश करने लगी, तो वो बोला-

पंकज: अगर आप ऐसा करोगी, तो याद रखना मई आपसे बात नही करूँगा.

लेकिन उसको क्या पता था, की मई आयिल लेने गयी थी. फिर मई वापस आई, तो उसने अपने लंड पर बहुत सारा तेल लगाया. उसने मेरी गांद के छेड़ मे भी बहुत सारा तेल डाला. फिर उसने ज़ोरदार धक्का मारा, और उसका बड़ा सा लंड मेरी गांद मे समा गया.

इतना बड़ा लंड लेने से मेरे आँखों से आँसू आ गये. फिर धीरे-धीरे उसने मेरी 45 मिनिट तक गांद मारी. अब मेरी गांद दुखने लगी थी, और उसके लंड को भी तोड़ा सुकून मिला. उसके बाद फिर वो मेरे बूब्स चूसने लगा, और हम लोग नंगे ही सो गये.

शाम 4 बजे मेरी आँख खुली, तो वो मेरी छूट चाट रहा था. फिर मैने भी उसको सपोर्ट करने के लिए उसको 69 की पोज़िशन मे आने को बोला. उसके बाद हम दोनो एक-दूसरे के साथ ओरल सेक्स करने लगे. 20 मिनिट के ओरल सेक्स ने हम दोनो को ऑर्गॅज़म दिया. फिर मैने पंकज को कहा-

मई: बेटा मेरी छूट गीली है. इसको भी आचे से छोड़ दे.

तो वो झट से छूट छोड़ने के लिए तैयार हो गया, और मेरी छूट मे अपने लंड को आराम से डाल दिया. उसके बाद वो लगातार मुझे छोड़ने लगा. फिर मेरी 30 मिनिट की चुदाई के बाद, वो झाड़ गया. लेकिन मुझे और चूड़ना था, और मैने उससे कहा-

मई: मुझे और चूड़ना है.

लेकिन उसने मुझे कहा-

पंकज: मुझे कुछ स्नॅक्स लाके दो. आपकी चुदाई अब खाने के बाद होगी.

फिर मई नंगी ही अपनी गांद हिलाते हुए किचन मे चली गयी, और पकोडे टलने लगी.

इसके आयेज क्या हुआ मई आपको अगले पार्ट मे बताती हू. तब तक के लिए बाइ.