सहेली ने मिल वाया पहले यार से

हेलो दोस्तो मैं हूँ आप सब के सपनो की रानी कंगना. ये मेरी पहली चुदाई की कहानी है, तो चलिए शुरू करते है.

मेरा नाम कंगना है, और जो लोग मुझे जानते है वो मुझे कंगना रानी कह कर बुलाते है. लड़कियों से उनकी आगे न्ही पूछी जाती है, लेक्किन अगर मैं आपको न्ही बटूँगी की मेरी आगे कितनी है.

तो आपको केसे पता चलेगा की मैं केसी हूँ, मुझे पता है की आप लोग मुझे देखना चाहते हो. मुझे अपनी बाहों मे ले कर मुझे चूमना चाहते हो, आप लोग झूट मत बोलना पर मैं सही कह र्ही हूँ ना?

मुझे पता है की मैं काफ़ी मर्दो की बिस्तर की रानी बन चुकी हूँ, काफ़ी लोग मुझे अपने बिस्तेर पर देखना चाहते है. और मुझे उपेर से नीचे तक चाटना और खाना चाहते है.

सच बतुन तो मुझे भी इसमे मज़ा आता है, जब कोई मर्द मेरे जिस्म को तोच करता है. स्पेशली मेरी छूट को तो मुझसे उस टाइम रहा ही न्ही जाता है.

आप को पता है की एक बात काफ़ी लोगो ने कही है, की मेरी छूट के लिप्स और मेरे लिप्स का कलर डार्क मरून छोचलतेस एक दम सेम है. आप भी कहोगे की की मैं कों सी बात ले कर बैठ गयइ हूँ.

वेसए मेरी उमर 31 साल की है, और मेरी शादी हो चुकी है और आप मुझे कंगना भाभी भी कह कर बुला स्केट है. मेरी शादी को 10 साल हो गये है, और मेरा एक बेटा है जो अभी 8 साल का है.

मैं मुंबई मे रहती हूँ, मेरी फॅमिली मे मेरे मों दाद और मेरा नॉटी छोटा भाई है. जिसकी वजह से आज मैं यहाँ पर हूँ, पर मुझे उससे कोई भी शिकायत न्ही है.

जो किया अछा किया जिससे मेरी जो ख्वाइश थी वो पूरी हो गयइ है, अगर वो ये सब ना करता तो शायद मैं कंगना दीदी के कंगना भाभी और रानी मैं कभी न्ही बन पति.

और साथ ही मेरे कोई सपने पूरे न्ही हो पाते, आज हर लड़की की ख्वासीह होती है की उसे एक अछा पति मिले और उसकी सारी इचा पूरी करे.

पर कुछ मर्द सिर्फ़ बातें करते है, काम न्ही कर पाते है. उन मे से मेरे पति है जो ना मुझे अची लाइफ दे पाए और ना ही मेरे बचे निकल पाए.

हन आप ने एक दम सही सुना मेरा एक बेटा है, और मेरा बेटा उसकी चुदाई से न्ही बल्कि मेरे एक्स बॉय फ्रेंड से है. जो की मुझे शादी के करीब 1 साल बाद एक पार्टी मे मिला था.

अंदर हियंडर मुझे उसके लिए प्यार तो था की पर कभी अपनी फॅमिली की इज़्ज़त के कारण मैं कुछ न्ही सकी. जब मेरे पापा को पता चला की मेरी सेट्टिंग एक मस** मर्द से है, तो मेरे दाद ने मेरी शादी भारी जवानी मे करवा दी थी.

चलिए अब रेआली स्टोरी पर आते है, मेरे बॉय फ्रेंड के नाम रशीद है और उसने ही मेरी सील थोड़ी थी. उसने मुझे मेरे कॉलेज टाइम मे पटाया था, और मुझसे पलटा था.

मैं उसके साथ काफ़ी खुश थी, वेसए वो मेरे कॉलेज मे न्ही था. पर वो मेरे एक फ्रेंड का दोस्त था, जिसका दिल मेरे उपेर आ गया था. उसने ही मेरी सेट्टिंग रशीद से करवाई थी, और उससे मिलने के बाद मुझे लगा की एक बात है की जिस लड़की ने एक बार मुस्ल** का लंड ले लिया तो उसे और को लंड पसंद न्ही आएगा.

और ये ही मेरा हाल था, रशीद मुझे बहोट बहरहमी से छोड़ता था. मुझे उससे चुदाई करवाते हुए बहोट मीठा दर्द होता था, पर मुझे मज़ा भी बहोट ज़्यादा आत आता.

उसका मोटा और लंबा लंड जब मेरी छूट के अंदर जाता था, तो वो मेरे बचे दानी को टच करता था. और मेरी चीखने निकल देता था.

जब वो मेरी गंद मरता था, या वो मेरा मूह छोड़ता था तो सच मे मेरी फट जाती थी. पर मुझे इसमे मज़ा बहोट आता था, वो हुमेशा मुझे नये नये तरीके से छोड़ता था.

अगर मेरी किसी फ्रेंड को किसी मस** लंड से चूड़ने का मोका मिले, तो प्लीज़ एक बार उससे चुड कर मज़ा ज़रूर लेना. मज़ा लेने के बाद एक बार मुझे अपना एक्सपीरियेन्स ज़रूर ब्ताना.

चलिए अब मैं अपनी रियल लाइफ के फर्स्ट एपीसोड की तरफ ले आती हूँ, मेरी शादी को 10 साल के करीब हो चुके है. पर जब मैं 19 साल की थी, तब मैने चूड़ना शुरू कर दिया था.

मैं बहोट ही खूबसूरत थी, और बहोट से लड़के मुझे घूरते थे. मेरा गढिला बदन लोगो को बहोट ही अट्रॅक्ट करता था, कॉलेज जाने से पहले मैं बहोट सीधी थी.

मैं सिर्फ़ कॉलेज ही जाती थी और कॉलेज से घर आती थी, ज़्यादातर मुझे मी भाई छ्चोड़ कर आता था और वो ही वापिस ले कर आता था.

पर धीरे धीरे मुझे कॉलेज के मोहल का असर होने लग गया. मैं ऐसे ही लाइफ एंजाय करने लग गयइ, चाड़ना मुझे अपने किससे बतती थी. की केसे उसे फर्स्ट टाइम उसने अपने कौसीओं ब्रदर को किस किया, और उसके साथ सेक्स किया,

वो मुझसे हुमेशा ही सेक्स की बात करती थी, अब धीरे धीरे मेरे अंदर भी सेक्स करने की इच्छा होने लग गयइ थी. कभी कभी मैं घर मे भी फिंगरिंग करती थी.

पर कभी इससे ज़्यादा करने की मैने न्ही सोची, बस मैं अपने होने वेल पति के साथ चुदाई के सपने देखती थी.

पर एक दिन कॉलेज की पार्टी मे दे क्लब मे मैं चंदा के साथ गयइ, और व्हन पर उसने मुझे अपने बॉय फ्रेंड से मेरा इंट्रो करवाया.

विन पर मेरी मुलाकात रशीद के साथ हुई, वो बहोट ही हॅंडसम टॉल आंड ऑल्सो गुड आंड स्ट्रॉंग लुकिंग वाला था. वो भी मुझे घूर रा था, और वो नज़ीम के साथ पार्टी मे आया था.

नज़ीम चंदा का बॉय फ्रेंड था, हुँने पार्टी मे काफ़ी एंजाय किया. नज़ीम ने मुझे 2-3 तक़ुला शॉट्स भी लगवाए और उसके बाद हम लोग कार मे पूरा सिटी घूमते रहे.

कार मे आयेज चंदा और नज़ीम थे और पीछे मैं और रशीद बैठे थे. काफ़ी मज़े करने के बाद उन लोगो ने मुझे घर ड्रॉप कर दिया, और वो लोग चले गये.

तब तक मेरा नशा भी पूरा हो चुका था, उस रात को मैने पहली बार रशीद के नाम की फिंगरिंग करी और मुझे बहोट मज़ा आया.

नेक्स्ट दे चंदा मुझसे मिलने आई और उसने ब्टाया की तुझे और रशीद को घर ड्रॉप करने के बाद.. नज़ीम उसे लोंग ड्राइव पर ले कर गया था. और उसने उसे कार मे खूब छोड़ा भी था, उससे चुड कर मुझे बहोट मज़ा आया.

चंदा – यार वो रशीद तेरा दीवाना हो गया है.. कल उसने मुझसे तेरा नंबर माँगा था तो मैने उसे तेरा नंबर दे दिया था. आज वो तुझे कॉल करेगा, प्लीज़ देख लियो वो तुझे पसंद करता है.

ये सुन कर मुझे काफ़ी गुस्सा आया ुआर मैं बोला – तू पागल है एक बार मुझसे तो पूछ लेती मेरा नंबर देने से पहले, मुझे किसी से कोई बात न्ही करनी है. तो प्लीज़ तू उसे बीटीये दे की मुझे कॉल करने की कोई ज़रूट न्ही है.

चंदा – यार तू क्यो इतनी टेन्षन ले र्ही है, वो कॉल करेगा तू बात कर लेना. मुझे पर विश्वास कर वो एक अछा लड़का है, और वो तुझे पसंद भी करता है. उससे बात कर और फिर तू भी मेरी तरह मज़े कर.

मैं – यार मुझे ये सब शादी से पहले न्ही करना है.

मेरी ये बात सुन कर चंदा हँसे लग गयइ.. और वो बोली – तूने क्या अपनी सील अपने पति से तुड़वाने की कसम खाई हुई है? और तुझे क्या पता जिस लड़के से तेरी शादी होगी, उसने पहले किसी लड़की को छोड़ा या न्ही.

यार देख तू बहोट खोबसूरत है और रशीद भी हॅंडसम है. तो प्लीज़ तू एक बार ट्राइ कर ले तुझे लाइफ मे काफ़ी मज़ा आएगा. जो कल मेरे साथ हुआ था, वो मुझे तुझे एक्सप्लेन न्ही कर स्काती हूँ. मेरे लिए वो सब सच मे एक बहोट ही अँज़िंग मोमेंट था.

उसने मुझे नंगा किया और जब मैने उसका लंड देखा तो मैं सब कुछ भूल गयइ थी. तू बहोट ज़्यादा लकी है जो रशीद का दिल तुझे पर आ गया है. वो तुझसे दोस्ती करना च्चता है.

चंदा ने उस दिन मुझे काफ़ी समझाया और फाइनली मैने उसे हन कह दी. नेक्स्ट दे मुझे रशीद का कॉल आया उर उसने मुझसे बात करी, और वो बोला – मैं आपसे मिलना चाहता हूँ.

मैने उसे माना कर दिया, क्योकि मुझे दर लग रा था.. तो मैं बोला – हम दोनो सिर्फ़ फोन पर बात कारगें.

फ्री वो मुझे कॉनवेँसे करने लग गया, मैं दर के मारे उसे माना करती रही. फिर मैने फोन ही कट कर दिया, करीब 2 दिन के बाद फिर से उसका फोन आया.

रशीद – मैं तुमसे मिलना चाहता हूँ.

मैने फिर से माना कर दिया, और सच बतुन तो मुझे भी उससे मिलना की इच्छा थी. पर मेरे अंदर एक दर भी था, की कहीं मेरे साथ कुछ ग़लत ना हो जाए.

इसलिए मैं किसी और मर्द के साथ न्ही जाना चाहती थी, मेरी उमर भी उस टाइम सिर्फ़ 19 की थी. मैं अपनी फॅमिली के बारे मे सोच कर मैं कोई ग़लत स्टेप न्ही उठना चाहती थी.

पर इस तरह से करीब 20-25 दिन निकल गये और एक दिन मुझे चंदा ने बूलया उसे एक बर्तडे पार्टी मे जाना था. वो पार्टी एक केफे मे थी और मैं व्हन पर चली गयइ.

व्हन पर सिर्फ़ मैं और चंदा और रशीद और नज़ीम थे. थोड़ी देर हम लोगो ने एंजाय किया और फिर चंदा ने मुझे खा – मैं नज़ीम के साथ लोंग ड्राइव पर जा रा हूँ. अब तू आराम से रशीद के साथ एंजाय कर.

मुझे पहले तो काफ़ी गुस्सा आया, पर रशीद ने मुझे खा – अगर तुम मेरे साथ कंफर्टबल न्ही हो तो कोई दिक्कत न्ही है, मैं तुमको घर तक ड्रॉप कर आता हूँ.

दोस्तो सच मे मैं भी उसे पसन्द करती थी, उसकी ये बात सुन कर मुझे काफ़ी अजीब सा लगा. कहीं मुझे रशीद से सच मे प्यार तो न्ही हो गया, क्या सच मे ये मुझसे प्यार तो न्ही करने लग गया.

पर रशीद एक मुस्ल** लड़का है, और मैं एक पंडित फॅमिली से हूँ. और मेरी फॅमिली इसे कभी आक्सेप्ट न्ही करेगी, मैं इसी बारे मे सोच र्ही थी.

तभी रशीद ने मुझे खा – चले अब.

फिर हम व्हन से निकल गये, और रास्ते मे उसने मुझसे काफ़ी बातें करी और लास्ट मे जब घर के बाहर उतरी तो रशीद ने मुझे खा.

रशीद – ई लोवे योउ मैं तुम्हारा हुमेशा ख़याल रखूँगा, मैं तुम्हारा वेट करूँगा.

दोस्तो मुझे उमीद है, की आपको मेरी ये कहानी यहाँ तक अची लगी होगी. तो प्लीज़ मेरे नेक्स्ट पार्ट का वेट कीजिए.