जेठ जी के साथ मेरी रंग-रलियान

हेलो दोस्तो में स्वरना. आप सब ने आज तक मेरी सारी सेक्स स्टोरीस को बहोट प्यार दिया है बहोट अप्रीशियेट किया है.

में जानती हू यह स्टोरी ज़्यादा लंबी चल रही है लेकिन आप आगे पढ़ते रहिए की कितना उत्तेजित मज़ा आने वाला है.

इश्स स्टोरी का 13त पार्ट तो आप सभी ने पढ़ कर मज़े लिए ही होंगे और अगर नही लिए तो प्लीज़ पढ़ लीजिए ताकि आप यह पार्ट का ज़्यादा से ज़्यादा मज़ा ले पाए. तो अब ज़्यादा यहा वाहा की बाते नही करते हुए डाइरेक्ट्ली स्टोरी पे आते है. अब आगे

हुमारे मथुरा आने के कुछ महीनो बाद मेरे जेत्जी और जेठानिजी हुमारे साथ कुछ दिन रहने आ गये. यूयेसेस वक़्त अज़हर भी टाइम निकल कर घर मे हे घुसे रहते थे. हम सब को साथ मे भौत मज़ा आ रहा था क्यूकी सारे दिन बस भौत हसी मज़ाक चलता रहता था. लाते नाइट तक हुमारा नाच गाना और शराब पीने का प्रोग्राम चलता रहता था.

फ़रदीन भैसाहब और मुस्कान भाभी का भौत हे हॅपी नेचर था. उनके निकाह को 4 साल हो गये थे मगर अब तक उन्हे कोई संतान नही हुई थी. यह एक कमी ज़रूर थी उनकी ज़िंदगी मे मगर बाहर से देखने मे क्या मज़ाल की कभी कोई एक सिकान की लकीर भी ढूँढ ले उनके चेहरे पर.

ऐसे हे एक दिन डुफर मे हुँने खाने के साथ मे कुछ ज़्यादा शराब पी ली थी तो खाने के बाद में सोने के लिए अपने बेडरूम मे आ गयी और वो तीनो लिविंग रूम मे गुपशप कर रहे थे. मूज़े पता था शाम तक यह हे सब चलेगा इसलिए मेने अपने रूम मे आ कर फटाफट अपने कपड़े उतरे और नशे की हालत मे एक हल्का सा फ्रंट ओपन गाउन पहें कर बेड पे गिर पड़ी.

गाउन के अंदर मेने कुछ भी नही पहें रखा था और साथ हे मूज़े अपने पैरो से संडलेस तक उतरने का होश नही था. पता हे नही चला नशे मे चुर्र में कब तक सोती रही. तभी अचानक रूम मे लाइट होने से मेरी नींद खुली. मेने नींद मे आखे खोल कर देखा तो बेड पे मेरे पास फ़रदीन भैसाहब बैठे मेरे खुले बालो पर भौत मोहब्बत से हाथ घुमा रहे थे.

में एकद्ूम से हे हड़बड़कर उठने लगी पर उन्होने मूज़े उठने नही दिया था.

फ़रदीन:- ऐसे हे लेती रहो.

उन्होने मेरे सिर पर अपनी हथेली रखते हुए कहा

फ़रदीन:- अब कैसा लग रहा है साहिबा???

साहिबा:- अब काफ़ी अछा लग रहा है.

तभी मूज़े एहसास हुआ की मेरा गाउन सामने से कमर तक खुला हुआ है और मेरी गोरी गोरी क्लीन छूट जेत्जी को चिढ़ा रही है. कमर पर लगे बेल्ट की वजह से पूरी नंगी होने से तो बाकच गयी थी लेकिन उपेर का हिस्सा पूरा खुला हो गया था और मेरी एक निपल भी कपड़े से बाहर निकल दिख रही थी. यह सब एहसास होते हे मेरी शरम से पानी पानी हो गयी.

में सीधा उठ कर अपने गाउन को ठीक करने गयी तो जेत्जी ने अपने बाहो का सहारा दे कर मूज़े उठाया. में उनके सहारे से उठ तो गयी लेकिन मेरा सिर ज़ोर का चक्राया और मेने सिर को दोनो हाथो से पकड़ लिया.

जेत्जी ने तभी मूज़े अपनी बाहो मे भर लिया. मेने अपने चेहरे को उनके घने बालो से भरे मजबूत सीने मे घुसा कर अपनी आखे बंद कर ली. सच काहु तो मूज़े आदमियो के घने बालो से भरा सीना भौत हे ज़्यादा सेक्सी लगता है.

अज़हर के सीने पर भौत कम बाल है लेकिन फ़रदीन भाईजान का सीना पूरे बालो से भरा हुआ था. कुछ देर तक में ऐसे हे उनके सीने मे अपने चेहरे को छुपाए उनके जिस्म से निकल ने वाली खुश्बू को अपने जिस्म मे समाते रही. कुछ देर बाद उन्होने मूज़े अपनी बाहो मे संभाल कर मूज़े बेड के सपोर्ट से बैठाया.

बैठते वक़्त मेरा गाउन फिर से अष्ट-वष्ट हो रहा था और गाउन उपेर हो कर झांगो तक टांगे नंगी भी हो गयी थी. मेने अपने संडलेस खोलने के लिए हाथ आगे बढ़ाया तो वो बोलने लगे

फ़रदीन:- इन्हे रहने दो साहिबा….. यह आचे लगते है तुम्हारे पैर पर हाइ हील्स वाली संडलेस.

में भी मुस्कुरा कर फिर से पीछे हाट कर बैठ गयी पर तभी मूज़े एक चीज़ का खटका हुआ की मेरी जेठानी मुस्कान और अज़हर दिख नही रहे थे. मेने सोचा की वो दोनो सयद हमेशा की तरह किसी चुहलबाज़ी मे लगे होंगे या फिर वो भी मेरी तरह नशे मे चुर्र हो कर कही सू रहे होंगे.

में सोच मे दुबई हुई थी तभी फ़रदीन भाईजान ने मूज़े बैठा कर साइड टेबल पर से ट्रे उठा कर उसमे से एक कप कॉफी मूज़े दी.

साहिबा:- यह कॉफी अपने बनाई है??

में बिल्कुल चौक गयी थी क्यूकी मेने कभी भी जेत्जी को किचन मे घुसते नही देखा है.

फ़रदीन:- हन…! क्यूँ अची नही बननी है क्या??

मेने जल्दी से एक सीप पी कर कहा

साहिबा:- नही नही भौत अची बननी है लेकिन मुस्कान भाभी और वो (अज़हर) कहा है??

फ़रदीन:- वो दोनो कोई मोविए देखने गये है ईव्निंग 6-9 का शो. मुस्कान भौत ज़िद्द कर रही थी इसलिए अज़हर उससे ले गया.

साहिबा:- लेकिन आप?? आप क्यूँ नही गये उनलोगो के साथ??

फ़रदीन:- तुम यहा नशे मे चुर्र थी और अगर में भी चला जाता तो तुम्हारी आचे से देखभाल कों करता??

उन्होने यह सब मूज़े स्माइल करते हुए कहा. पर फिर बात बदलने के लिए वो बोले

फ़रदीन:- और में वैसे भी तुमसे कुछ बात कहने के लिए अकेला टाइम हे ढूँढ रहा था.

साहिबा:- क्यूँ? ऐसी क्या बात है???

फ़रदीन:- पहले कहो तुम बुरा तो नही मनोगी ना???

साहिबा:- नही आप बोलिए तो सही क्या बात है.

वो हिचकते हुए बोले

फ़रदीन:- मेने तुमसे पूछे बिना हे देल्ही मे तुम्हारे रूम से एक चीज़ उठा ली थी.

साहिबा:- क्या??

फ़रदीन:- यह वाली तुम दोनो की फोटो…..

इतना कह कर उन्होने हम दोनो की हनिमून पर सलमांजी ने क्लिक की हुई फोटो निकली जिसमे में ऑलमोस्ट नंगी हालत मे अज़हर के सीने से अपनी पीठ लगाए खड़ी थी. यह हे फोटो को में अपने ससुराल मे सब तरफ ढूँढ रही थी लेकिन मूज़े मिली हे नही थी. अब साँझ आया की मिलती भी कैसे क्यूकी वो फोटो तो मेरे जेत्जी अपने सीने से लगाए घूम रहे थे.

उनके हाथ मे फोटो देख कर मेरे होत सूखने लगे में चौुक्ति हुई आखो से एकटक उनकी आखो मे झोकति रही. मूज़े उनकी गहरी आखो मे अपने लिए मोहब्बत का बःपना सागर उफनते हुए दिख रहा था.

सबीना:- आआप….. आपने यह फोटो रख ली थी???

फ़रदीन:- हन इश्स फोटो मे तुम भौत प्यारी लग रही थी बिल्कुल किसी जलपरी की तरह इसलिए में इश्स फोटो को हमेशा अपने साथ हे रखता हू.

साहिबा:- क्यूँ?? क्यूँ साथ रखते हो आप ना मसिन आपकी बीवी हू और ना हे मसूका… में आपके छोटे भाई की बेगम हू. आपका मेरे बारे मे ऐसा सोचना भी ठीक नही.

फ़रदीन:- सुंदर चीज़ को सुंदर कहना कोई पाप नही है. अब अगर में तुमसे नही बताता तो क्या तुमको पता चलता?? मूज़े तुम अची लगती हो तो इसमे मेरा क्या कसूर है???

साहिबा:- यह फोटो आप मूज़े दे दीजिए अगर किसी ने आपके पास देख ली. तो भौत बाते बनेगी और बदनामी भी होगी.

फ़रदीन:- नही में नही दूँगी अब यह फोटो मेरी अमानत है….! में उससे किसी भी किम्मत पर अपने से अलग नही करूँगा.

यह सब बातो मे मूज़े लगा की अब तोड़ा ठीक फील कर रही हू इसलिए में भाईजान का हाथ पकड़ कर बेड से उतार तो गयी लेकिन जैसे हे उनका सहर चोर कर बातरूम की तरफ चलने लगी तो अचानक से मेरा सिर ज़ोर से घुमा और में लड़खड़ा कर वही गिरने लगी. इश्स से पहले की में ज़मीन पर गिर पड़ती फ़रदीन भाईजान लपक कर आए और मूज़े अपनी बाहो मे समा लिया था.

यूयेसेस समय मूज़े मेरा जिस्म का बिल्कुल ख़याल नही रहा था. कह सकते है में लगभग नंगी हे हो गयी थी. फ़रदीन भाईजान ने अपनी बाहो मे फूल की तरह उठाया और बातरूम तक ले गये थे. मेने भी गिरने से बचने के लिए अपनी बाहो का हर उनकी गर्दन मे पहना दिया था.

यह कहानी अभी यहा आधी रोक रही हू पर यह भौत लंबी कहानी है तो आशा करती हू आप सब इश्स के सभी पार्ट्स पढ़ेंगे.